बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों में वायरल संक्रमण

बच्चे अक्सर वायरल संक्रमण के शिकार हो जाते हैं। अध्ययन से पता चलता है कि एक बच्चा, अपने विकास के शुरुआती सालों में, एक वर्ष में लगभग 12 वायरल बीमारियों का शिकार हो सकता है। बच्चे अक्सर एक वायरस से उबरने के तुरंत बाद दूसरे वायरस का शिकार बन जाते हैं। हालांकि, आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ बच्चों में वायरल संक्रमण होने का ख़तरा भी कम हो जाता है।

वायरस संक्रामक होते हैं इसलिए एक पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से आसानी से फैल सकते हैं। अधिकतर वायरस खतरनाक नहीं होते और उचित आराम करना ही इलाज का सबसे अच्छा तरीका है। कभी-कभी एंटीबायोटिक्स भी वायरल संक्रमण को ठीक करने में कोई मदद नहीं कर पाते हैं। यदि वायरल संक्रमण से पीड़ित बच्चे में 48 घंटों के बाद भी कोई सुधार नज़र नहीं आता, तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

वायरल संक्रमण क्या है?

शरीर में मौज़ूद छोटे कीटाणुओं या वायरस से होने वाले संक्रमण को वायरल संक्रमण कहा जाता है। ऐसे बहुत सारे वायरस हैं जो शरीर के लगभग किसी भी हिस्से को संक्रमित कर सकते हैं। ये बिल्कुल अपहरणकर्ताओं की तरह काम करते हैं, पहले सामान्य कोशिकाओं पर हमला करते हैं और बढ़ने व प्रजनन के लिए उन्हीं कोशिकाओं का इस्तेमाल करते हैं।

फ्लू, सामान्य जुकाम के साथ-साथ गले में खराश, दस्त,उल्टी और मस्सों जैसे साधारण संक्रमणों के लिए भी वायरस ही ज़िम्मेदार होते है। इनसे चेचक, इबोला और एच.आई.वी. / एड्स जैसे गंभीर संक्रमण भी हो सकते हैं।

बच्चों में वायरल संक्रमण के कारण

बच्चों में स्कूल या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर किसी संक्रमित बच्चे के संपर्क में आने से वायरल संक्रमण आसानी से फैलता है क्योंकि वायरस जुकाम या वायरस संक्रमित हाथों, यहाँ तक कि खांसी या छींक से भी फैल सकता है। मल, उल्टी और किसी कीड़े के काटने के माध्यम से भी वायरस किसी व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँच सकता हैं। बच्चों में दूषित भोजन और पानी के माध्यम से भी वायरल संक्रमण हो सकता है। वायरल संक्रमण आमतौर पर मौसम परिवर्तन के दौरान होता है।वायरस का क्षैतिज संचरण संक्रमित एक व्यक्ति के संपर्क में रहने से दूसरे को हो सकता है या फिर ऊर्ध्वाधर संचरण जैसे कि माँ से उसकी संतान में हो सकता है ।

वायरस से होने वाले साधारण रोग?

वायरस से होने वाली कुछ सामान्य बीमारियों की सूची नीचे दी गई हैं

  • इन्फ्लूएंजा या फ्लू
  • साधारण जुकाम
  • श्वास नलियों में सूजन या जलन (ब्रोंकिओलिटिस)
  • कान का संक्रमण
  • टॉन्सिलाइटस
  • खसरा
  • छोटी माता
  • हेपेटाइटिस
  • पोलियो
  • डेंगू
  • चेचक
  • मस्से
  • एपस्टीन-बार वायरस
  • सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एस.ए.आर.एस)
  • हाथ-पैर-मुंह का रोग

एक बच्चे में वायरल संक्रमण के लक्षण

वायरल संक्रमण के प्रकार के आधार पर अलग अलग लक्षण हो सकते हैं। एक बच्चे में आमतौर पर होने वाले वायरल संक्रमण के लक्षण :

  • बहती या बंद नाक
  • गले में खराश
  • पानी बहती हुई लाल आँखें
  • छींकें आना या खांसी होना
  • बुखार और ठंड लगना
  • उल्टी और दस्त
  • ऐसे फोड़े जिन्हें दबाने पर पस निकलता है
  • भूख न लगना
  • सुस्ती
  • बदन दर्द

रोग की पहचान

यदि वायरल संक्रमण के लक्षण कुछ दिनों के बाद भी कम होते प्रतीत नहीं होते, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना ही उचित होगा। उस अवस्था में, डॉक्टर यह पता लगाने के लिए कि संक्रमण किस वायरस की वजह से हुआ है, कुछ रक्त परीक्षण करवाने के लिए कह सकते हैं उसके बाद ही डॉक्टर सही उपचार शुरू कर सकते हैं।

बच्चों में वायरल संक्रमण का उपचार

वायरल संक्रमण से पीड़ित बच्चों में वायरल संक्रमण के लक्षणों के आधार पर, उपचार की नीति बनाई जाती है। डॉक्टर, दर्द और तेज़ बुखार से राहत के लिए इबुप्रोफेन और दस्त में ओ.आर.एस. और ज़िंक की गोलियां दे सकते हैं। यदि बच्चे को खांसी और जुकाम है, तो डॉक्टर कफ सिरप के साथ नेसल ड्रॉप्स इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।

हालांकि, पहले ही उचित टीकाकरण द्वारा वायरस से बचाव किया जा सकता है। उनका इलाज वायरसरोधि दवाइयों द्वारा भी किया जा सकता है। लेकिन आमतौर पर, वायरल संक्रमण का सबसे अच्छा इलाज उचित आराम, पर्याप्त तरल पदार्थों का सेवन और संक्रमण को उसकी प्राकृतिक अवधि में समाप्त करने देना ही है।

बच्चों में वायरल संक्रमण के इलाज के लिए घरेलू उपचार

बच्चों में वायरल संक्रमण के इलाज के लिए उपयोगी कुछ घरेलू नुस्खे:

  • सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अधिक मात्रा में तरल पदार्थ ले रहा हो। नियमित अंतराल पर पानी पीने से न केवल गले की खराश शांत होगी, बल्कि शरीर में दस्त, उल्टी या बुखार से होने वाली पानी की कमी भी नहीं होगी।
  • पर्याप्त रूप से आराम करना बच्चे के लिए अति महत्वपूर्ण है। इस तरह उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस से लड़ने में सक्षम होगी।
  • यदि बच्चे को ठोस आहार खाने में कठिनाई हो रही है, तो उसे तरल पदार्थ जैसे सूप, शोरबा, प्राकृतिक फलों का रस देने की कोशिश करें।
  • बंद नाक को खोलने के लिए, नाक में नमक के घोल (सलाइन) की बूंदें डालना भी उपयोगी साबित हो सकता है।नाक खुली होने से बच्चे को खाना खाने में भी आसानी होती है।
  • शहद और अदरक के रस के मिश्रण से काफी राहत मिल सकती है।
  • काली मिर्च पाउडर को शहद में मिलाकर लेने से खांसी से राहत मिलती है।
  • भाप लेने या गरारे करने से, गले में खराश और बंद नाक में आराम मिलता है।
  • कमरे में ह्यूमिडीफायर (हवा को नम रखने वाला उपकरण)लगाना भी उपयोगी साबित हो सकता है।

बच्चों में वायरल संक्रमण को ठीक होने में कितना समय लग सकता है?

भले ही बच्चा कुछ दिनों में ठीक हो जाए मगर फिर भी वायरल संक्रमण को पूरी तरह से खत्म होने में कुछ हफ्तों तक का समय लग सकता है। आमतौर पर वायरस से संक्रमित होने के बाद उसके लक्षण सामने आने में कुछ दिनों का समय लगता है। खाँसी कुछ समय तक बनी रह सकती है। कभी-कभी बच्चों में संक्रमण के कारण शरीर पर चकत्ते निकल आते हैं जो आमतौर पर कुछ दिनों में अपने आप ही चले भी जाते हैं।

बच्चे को वायरल संक्रमण होने पर क्या-क्या हो सकता है?

बच्चे को वायरल संक्रमण होने पर निम्नलिखित चीज़े हो सकती हैं:

  • यदि आपके बच्चे को खाँसी हो गई है, तो यह कुछ हफ़्ते तक चल सकती है।
  • यदि आपके बच्चे को पहले से अस्थमा है तो वायरल संक्रमण के कारण उसे इसकी वजह से र फिर अस्थमा का दौरा पड़ सकता है।
  • कुछ मामलों में, बच्चों को साँस लेने में तकलीफ़ के साथ घरघराहट की समस्या हो सकती है।
  • कभी-कभी, बच्चों के शरीर पर चकत्ते पड़ने लगते हैं जिसके कारण उन्हें खुजली हो सकती है।
  • वायरल संक्रमण से पीड़ित बच्चे को भूख न लगने की समस्या भी हो सकती है।

ध्यान देने योग्य खतरे के संकेत

आमतौर पर, एक वायरल संक्रमण चिंता का विषय नहीं है, फिर भी इसके कारण गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए, यदि आपको बच्चे में नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क कीजिए ।

  • जब कई हफ्तों बाद भी आपकी खाँसी ठीक नहीं होती
  • गंभीर दस्त
  • बुखार जो कुछ दिनों से है और ठीक नहीं हो रहा है
  • ऐंठन
  • लगातार कम भूख लगना
  • मल में खून आना
  • अत्यधिक उल्टी होना
  • अंगों में सूजन
  • साँस लेने में तकलीफ
  • अत्यधिक सुस्ती

आपके बच्चे का शरीर वायरस से कैसे लड़ता है?

अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता रखने वाला बच्चा सफलतापूर्वक वायरस से लड़ सकता है। एक अच्छी प्रतिरोधक प्रणाली, एक ढाल की तरह वायरस को शरीर में जाने से रोकती है।सफेद रक्त कोशिकाएं या ल्यूकोसाइट्स उन वायरस को मार गिराता हैं जो उन्हें नष्ट करने के लिए बच्चे के शरीर में प्रवेश करते हैं। बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली भी संक्रमण से बचाव के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करती है जो शरीर में वायरस की पहचान करके, उन्हें बेअसर करती हैं।

बच्चे को वायरल संक्रमण होने से कैसे बचाएं?

आपके बच्चे को वायरल संक्रमण से बचाने के लिए किए जाने वाले कार्यों की सूची:

  • सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को सही समय पर सभी टीके लगवाए जाएं ।
  • यदि परिवार के किसी सदस्य को वायरल संक्रमण हुआ है, तो सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा उस व्यक्ति के साथ किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क में न आए ।
  • छींकते या खांसते समय रुमाल का इस्तेमाल करें, साबुन से हाथों को बार-बार धोना जैसी घर में स्वच्छता संबंधी आदतें बनाए रखने से भी मदद मिलती है जिससे कीटाणु फैल नहीं पाते हैं ।
  • बदलते मौसम में वायरल संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए, आपको इस अवधि के दौरान अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है।
  • अपने बच्चे को उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए, स्वास्थ्यकर और संतुलित भोजन खाने के लिए प्रोत्साहित करें।

वायरल संक्रमण होने पर बच्चे को राहत देने के उपाय

जब वायरल संक्रमण आपके बच्चे को हो जाए, तो निम्नलिखित सुझाव आपके बच्चे के लिए मददगार साबित हो सकते हैं:

  • अपने बच्चे को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ देकर उसमें पानी की कमी न होने दें। यदि बहुत ज़्यादा दस्त हो रहे हैं, तो डॉक्टर ओ.आर.एस. (ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट) देने की सलाह दे सकते हैं।
  • यदि आपके बच्चे को बहुत तेज़ बुखार है, तो आप बुखार उतारने के लिए उसके सारे शरीर को गीले कपड़े से पोंछ सकती हैं।
  • आपके बच्चे को दाल, सूप जैसे गीला और हल्का भोजन जैसे खिचड़ी, दलिया या मसली हुई सब्जियाँ खाने में आसानी होगी।
  • इस बात का ख्याल रखें कि आपका बच्चा ज़्यादा से ज़्यादा आराम करें। वह जितना ज़्यादा आराम करेगा, उतनी ही जल्दी ठीक होगा।
  • परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए बच्चे को अलग कमरे में रखना बेहतर होगा। उसके खाने के बर्तन और तौलिये को भी अलग रखें।
  • अपने बच्चे की देखभाल करते समय अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोने से आप काफी हद तक संक्रमण को फैलने से रोक सकती हैं।
  • घर की खिड़कियां/दरवाज़े खोलकर ताज़ी हवा आने दें, आप देखेंगे ऐसा करने से कीटाणु भी नष्ट होंगे और संक्रमण भी आगे कम फैलेगा।

वायरल संक्रमण और जीवाणु संक्रमण के बीच अंतर

बच्चों में, वायरल बीमारियाँ वायरस द्वारा उत्पन्न होती हैं जबकि जीवाणु संक्रमण जीवाणुओं के कारण होता है। एक जीवाणु संक्रमण को एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है जो संक्रमण पैदा करने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर देते हैं। लेकिन एंटीबायोटिक्स, बच्चों में वायरल संक्रमण को ठीक करने में कारगर साबित नहीं होते हैं । एक जीवाणु संक्रमण सूजन, दर्द या लाली के रूप में शरीर के एक खास संक्रमित हिस्से में दिखाई दे सकते है। इसलिए, यदि किसी बच्चे को जीवाणुओं के कारण गले में खराश है, तो उसे गले में दर्द भी हो सकता है। दूसरी ओर, शिशुओं में वायरल संक्रमण से एक समय में शरीर के कई हिस्से प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए यदि किसी बच्चे को वायरल संक्रमण है, तो उसे खाँसी, ज़ुकाम, बदन दर्द हो सकता है और आंखों से पानी निकल सकता है। बच्चों में बार-बार वायरल संक्रमण होना, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की ओर संकेत करता है। वायरस संक्रमित बच्चे को अगर तेज़ बुखार है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए क्योंकि इससे निमोनिया जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

अपने बच्चे को वायरल संक्रमण से प्रभावित होने से बचाना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, आप हमेशा अपने बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने की और मजबूत बनाने की कोशिश कर सकती हैं जिससे आपका बच्चा कम से कम बार वायरल संक्रमण की चपेट में आए। वायरल संक्रमण से बचाने में, बच्चे को संतुलित आहार खिलाना काफी कारगर साबित हो सकता है।

समर नक़वी

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