In this Article
कान में दर्द होना आमतौर पर एक प्रकार के संक्रमण का संकेत है जिससे आपका बच्चा ग्रसित हो सकता है। यह दर्द अक्सर कान के मध्य भाग या बाहरी भाग को प्रभावित करता है और साथ इसके कई कारण भी हो सकते हैं। यद्यपि यह सुझाव दिया जाता है कि आप अपने बच्चे से संबंधित किसी भी शारीरिक समस्या के उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें, कुछ घरेलू उपाय हैं जिनके उपयोग से दर्द से राहत पाने में मदद हो सकती है।
बच्चों के कान में दर्द होने के कारण
बच्चों के कान में दर्द होने के अनेक कारण हो सकते हैं:
1. बाहरी वस्तुएं
छोटे बच्चे अक्सर अपने मुँह, कान या कभी-कभी आँख में तक छोटी वस्तुएं, जैसे पेंसिल, पेन या इयर फोन इत्यादि डाल लेते हैं। इसलिए जब कोई चीज कान में गलती से या जानबूझकर डाली जाती है तो कान में दर्द हो सकता है।
2. कान के मैल का जमाव
कभी-कभी कान में अत्यधिक मैल जमा हो जाता है या मौजूद मैल कान के अंदर तक पहुँच जाता है जिसकी वजह से आपके बच्चे को कान में दर्द हो सकता है। कान में मैल जमने के कारण आपके बच्चे को सीटी की आवाज सुनाई दे सकती है या उसे अपने कान में कुछ भरा हुआ महसूस हो सकता है। ऐसे में आपके बच्चे के कान में गंभीर दर्द होने की संभावना होती है।
3. साइनस का संक्रमण
साइनस पॉइंट या नाक में सूजन होने के कारण संक्रमण होने की संभावना हो सकती है। साइनुसाइटिस के कारण बलगम जमता है और यह बलगम बैक्टीरियल व वायरल संक्रमण का कारण होता है। इस संक्रमण से भी कान में गंभीर दर्द हो सकता है।
4. कान के मध्य भाग में संक्रमण
वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण बच्चे के कान का मध्य भाग संक्रमित होने से भी कान में अत्यधिक दर्द हो सकता है, यह समस्या बच्चों में बहुत आम है।
5. सर्दी और खांसी
सर्दी-जुकाम के कारण भी बच्चों के कान में गंभीर दर्द हो सकता है। यदि आपके बच्चे को लंबे समय से सर्दी व खांसी हो रही है तो ऐसे में बच्चे के कान में दर्द हो सकता है।
6. कान के दाब में बदलाव
आपके बच्चे को कान के दबाव में बदलाव के कारण भी यह समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति अक्सर ऊंचाई में रहने से होती है, जैसे विमानयात्रा के दौरान। इसे आमतौर पर ‘एरोप्लेन इअर’ भी कहा जाता है।
7. कान में संक्रमण
बच्चे के कान में कोई पुराना संक्रमण होने से भी उसे गंभीर दर्द हो सकता है।
बच्चों के कान में दर्द के संकेत व लक्षण
कान में दर्द के दौरान आपके बच्चे में निम्नलिखित लक्षण व संकेत दिखाई दे सकते हैं:
- बच्चे को सुनने में कठिनाई हो सकती है।
- बच्चे को लेटते समय, कुछ चूसते समय या चबाते समय कान में दर्द हो सकता है।
- बच्चा अपने कान को सामान्य से अधिक खींच या रगड़ सकता है।
- कान में दर्द के समय बच्चे को बुखार, बेचैनी या सिर में दर्द हो सकता है।
- बच्चे के कान से एक प्रकार का द्रव भी बह सकता है।
- दर्द के दौरान बच्चे का स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है।
यदि उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण देखा जाता है, तो आप दर्द को कम करने के लिए विभिन्न घरेलू उपचार उपयोग कर सकती हैं।
बच्चों के कान में दर्द के लिए घरेलू उपचार
बच्चे के कान में दर्द को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं, आइए जानते हैं।
1. गर्म सिंकाई करें
आप अपने बच्चे के कान में दर्द को खत्म या कम करने के लिए गर्म सिंकाई कर सकती हैं, यह उसके लिए सुरक्षित होता है। दर्द को दूर करने के लिए लगभग 10 मिनट तक आप अपने बच्चे के कान को गर्म कपड़े या हीटिंग पैड से सिंकाई कर सकती हैं।
2. दर्दनाशक दवा का उपयोग करें
कान में दर्द के लिए बाजार में अनेक दवाएं उपलब्ध हैं, जैसे आइबुप्रोफेन। ऐसी दवाइयों के सेवन से आपके बच्चे को काफी आराम मिल सकता है किंतु डॉक्टर से परामर्श के बाद ही बच्चे को इस दवा की खुराक दें। साथ ही डॉक्टर द्वारा दवा की बताई गई मात्रा का ध्यान रखें।
3. टी-ट्री ऑयल का उपयोग करें
टी-ट्री ऑयल बच्चो में कान के दर्द को कम करने के लिए एक प्रभावी विकल्प है। इस तेल में एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो बच्चे से संक्रमण को दूर रखने में मदद करते हैं। आप इस तेल में ऑलिव ऑइल (जैतून के तेल) की कुछ बूंदें भी मिला सकती हैं।
4. काइरोप्रैक्टिक चिकित्सा करवाएं
यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन कान के दर्द में राहत प्रदान करने के लिए काइरोप्रैक्टिक चिकित्सा भी बहुत प्रभावी है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों को काइरोप्रैक्टिक चिकित्सा से कान के दर्द में तुरंत राहत मिली है।
5. हर्बल ड्रॉप डालें
कान के लिए हर्बल या प्राकृतिक दवा आप आसानी से मेडिकल स्टोर या ऑनलाइन भी खरीद सकती हैं, यह दवाएं भी बच्चों में कान के दर्द के लिए अत्यधिक उपयोगी हैं।
6. ऑलिव ऑइल का उपयोग करें
कान के दर्द में राहत के लिए ऑलिव ऑइल का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। इस तेल को हल्का गर्म करके अपने बच्चे के दर्द से प्रभावित कान में गुनगुने तेल की कुछ बूंदें डालें। यह सुनिश्चित करें कि तेल ज्यादा गर्म न हो। इस तेल से अपने बच्चे के कान का उपचार करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
7. सोने की मुद्रा बदलें
कान के दर्द को कम करने के लिए सोने की मुद्रा बहुत प्रभावी है। दर्द के दौरान हम प्रयास करते हैं कि प्रभावित कान पर दबाव न पड़ें इसलिए आप अपने बच्चे को दूसरी तरफ करवट लेकर सुलाएं। सोते समय बच्चे का सिर ऊंचा करके सुलाएं, इससे उसके कान से द्रव के रूप में मैल के स्राव में मदद मिलेगी।
8. अदरक का उपयोग करें
अदरक में उपस्थित एंटीइंफ्लेमेटरी गुण आपके बच्चे के कान में दर्द के लिए उपयोगी हैं। कान का दर्द कम करने के लिए आप अदरक के रस का उपयोग कर सकती हैं या तेल में अदरक के टुकड़ों को डालकर गर्म कर सकती हैं। इसके उपचार के लिए बच्चे के कान के बाहरी भाग में अदरक का रस या तेल लगाएं, खयाल रहे यह तेल कान के अंदर न जा पाए।
9. गर्दन के लिए व्यायाम
यदि कान में दर्द कान के दाब के कारण होता है तो गर्दन का व्यायाम करने से कान के दाब और इसके दर्द में बहुत आराम मिल सकता है। आप अपने बच्चे की गर्दन धीरे-धीरे घुमाकर उसे व्यायाम करने में मदद कर सकती हैं। व्यायाम के लिए डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
10. हाइड्रोजन परॉक्साइड का उपयोग करें
कान के दर्द का इलाज करने के लिए हाइड्रोजन परॉक्साइड का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है। आप अपने बच्चे के प्रभावित कान में हाइड्रोजन परॉक्साइड की कुछ बूंदें डालकर, थोड़ी देर बाद कान को डिस्टिल या शुद्ध पानी से साफ करें।
11. लहसुन का उपयोग करें
लहसुन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण और एंटीफंगल गुण कान के दर्द को जल्द ठीक करने में मदद करते हैं। आप लहसुन की कुछ कलियां छीलकर उन्हें ऑलिव ऑइल या तिल के तेल में डालें और तेल को गुनगुना कर लें। फिर इस तेल को छानकर इसकी कुछ बूंदें अपने बच्चे के प्रभावित कान में डालें, इससे उसे जल्द फायदा मिलेगा।
12. बच्चे का ध्यान भटकाने का प्रयास करें
यदि आपके बच्चे के कान में दर्द होता है तो इस दौरान दर्द से उसका ध्यान भटकाना एक बेहतरीन विकल्प है। ऐसे में आप अपने बच्चे को उसकी पसंदीदा फिल्म दिखा सकती हैं, उसे एक नया खिलौना दे सकती हैं या उसका कोई पसंदीदा व्यंजन बनाकर उसे खिला सकती हैं। ऐसा करने से दर्द से आपके बच्चे का ध्यान हटने में मदद मिल सकती है।
घरेलू उपचारों का उपयोग कब करें
कान के दर्द को कम करने के लिए घरेलू उपचार एक प्रभावी विकल्प है किंतु यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि आपको उनका उपयोग कब करना चाहिए और कब नहीं। यदि दाँतों में कैविटी के कारण कान में दर्द होता है तो इस समस्या के लिए घरेलू उपचार उपयोगी नहीं हैं।वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण हुआ कान में दर्द घरेलू उपचार की मदद से खत्म किया जा सकता है। कान में दर्द की समस्या ज्यादातर एक या दो हफ्तों में ठीक हो जाती है। लेकिन अगर आपका बच्चा दो साल से कम उम्र का है, तो आपको डॉक्टर से मदद लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, यदि आपके बच्चे को एक दिन से अधिक बुखार रहता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
बच्चों में कान दर्द न होने के लिए सावधानियां
बच्चों के कान में दर्द होना एक आम समस्या जरूर है किंतु इससे आपका बच्चा अत्यधिक बीमार और परेशान भी हो सकता है। इसलिए अपने बच्चे को कान का दर्द न हो इसके लिए निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें।
- बच्चे का कान नुकीली वस्तु या सूती फाहे से साफ न करें।
- बच्चे को लिटाकर दूध न दें या अन्य खाद्य पदार्थ न खिलाएं।
- अन्य बच्चों के साथ खेलने या बाहर खेलने के बाद बच्चे के हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।
- यदि आपका बच्चा नियमित रूप से स्विमिंग करता है, तो इयरप्लग का उपयोग करें।
- यदि आपके बच्चे को बार-बार सर्दी-जुकाम होता है तो गंभीरता से इसका इलाज करवाएं ।
- अपने बच्चे को फ्लू और पी.वी.सी. का टीका जरूर लगवाएं, इससे कान के मध्य में संक्रमण होने की संभावना कम हो जाती है।
डॉक्टर से कब मिलें
बच्चे के कान में थोड़े बहुत दर्द को तो आप घरेलू उपचारों की मदद से ठीक कर सकती हैं, किंतु यदि उसके कान में अत्यधिक गंभीर दर्द होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चे के कान में गंभीर दर्द के संकेत कुछ इस प्रकार हैं:
- यदि कान का पिछला हिस्सा सूजा हुआ और लाल है।
- आपके बच्चे को तेज बुखार (104 डिग्री या अधिक) हो।
- अगर कोई नुकीली चीज कान में डाली गई हो।
- आपका बच्चा बीमार महसूस कर रहा हो।
- आपके बच्चे की इम्युनिटी कमजोर हो।
- रात के समय में बच्चे के कान में गंभीर दर्द हो जो दवा से भी ठीक न हो रहा हो।
बच्चों के कान में दर्द की समस्या बेहद आम है और घरेलू उपचार इस तरह के दर्द में प्रभावी होते हैं। हालांकि, यदि घरेलू उपचारों से भी आपके बच्चे के कान का दर्द ठीक नहीं होता है और उसकी आयु 2 वर्ष से कम है तो तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें।