शिशु

बच्चों के लिए बादाम – फायदे और व्यंजन

बादाम अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, जैसे कि मस्तिष्क के विकास के लिए यह बहुत अच्छा होता है। इसमें मौजूद फाइबर के कारण यह कब्ज को दूर करता है, इसके अलावा इसमें खनिज और आवश्यक फैटी एसिड आदि गुण पाए जाते हैं। इसके स्वाद के कारण इसे बच्चे और बड़े दोनों ही खाना पसंद करते हैं, लेकिन जब इसे शिशुओं को देने की बात आती है, तो आपको इसे लेकर बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चे बादाम चबाकर नहीं खा सकते, क्योंकि अभी किसी भी चीज को चबाने लायक उनके दाँत नहीं निकले होते हैं । तथापि चिंता न करें। ऐसे कई सारे तरीके हैं जिनसे आप अपने बच्चे को बादाम दे सकती हैं और उसे बादाम से मिलने वाले पोषक तत्व प्रदान कर सकती हैं ।

शिशुओं के लिए बादाम के स्वास्थ्य लाभ

बादाम दो किस्म के होते हैं – मीठा और कड़वा। मीठे बादाम अधिक लोकप्रिय हैं, खासकर जब इसका सेवन कच्चा ही किया जाता हो। दूसरी किस्म में बादाम का स्वाद उतना कड़वा नहीं होता लेकिन, स्नैक के तौर पर खाने के बजाय इसे खाना पकाने में इस्तेमाल के लिए ज्यादा पसंद किया जाता है। बादाम की दोनों ही किस्में कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं जैसे:

1. मस्तिष्क के विकास में मदद करता है

बादाम में मौजूद पोषक तत्व आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक हैं। बादाम में पाए जाने वाले राइबोफ्लेविन और एल-कार्निटाइन मस्तिष्क की गतिविधि को प्रोत्साहित करने में मदद करते हैं। बादाम बौद्धिक क्षमता में सुधार करता है और बुढ़ापे में अल्जाइमर रोग (मनोभ्रंश) को दूर रखने में मदद करता है।

2. कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज को नियंत्रित करता है

हालांकि, बच्चों में कोलेस्ट्रॉल और शुगर के स्तर को लेकर इतनी चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन कम उम्र में बादाम का सेवन करना बुढ़ापे में फायदेमंद साबित हो सकता है। विटामिन ‘ई’ की भरपूर मात्रा और कम ग्लाइसेमिक सूचकांक के कारण बादाम कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल को कम रखने में उपयोगी होता है। लेकिन सुनिश्चित करें कि बादाम नमक या चीनी नहीं लगी होनी चाहिए ।

3. पाचन को मजबूत करता है

बादाम में फाइबर की उच्च मात्रा मौजूद होने के कारण यह बच्चों में कब्ज होने से रोकता है और इसके चलते बच्चे आसानी से मल त्याग करते है। यह बच्चों का पाचन तंत्र मजबूत करने में भी मदद करता है।

4. हड्डियों और दाँतों को मजबूत करता है

बादाम में फॉस्फोरस काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो आपके बच्चे की हड्डियों और दाँतों के लिए फायदेमंद होता है। इसके औषधीय गुण के कारण यह बाद में हड्डियों को कमजोर होने या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या को रोकने में मदद करते हैं।

5. इम्युनिटी बढ़ाता है

बादाम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और इसकी क्षारीय प्रकृति, शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करते हैं जिससे आपके बच्चे की इम्युनिटी में महत्वपूर्ण रुप से वृद्धि होती है।

6. एंटी इंफ्लेमेटरी

बादाम में मौजूद कुछ आवश्यक फैटी एसिड की उपस्थिति इसे एक उत्कृष्ट एंटी इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ बनाती है, जो बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य को उसके बड़े होने पर भी बनाए रखती है।

बादाम का पोषण मूल्य

प्रत्येक कच्चे बादाम में लगभग सात कैलोरी होती है और यह प्रोटीन और फायबर से भरपूर होता है। बादाम को त्वचा, बाल और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।

100 ग्राम बादाम में पाए जाने वाले पोषण मूल्य

पोषक मूल्य
नियासिन 3.385 मि.ग्रा
राइबोफ्लेविन 1.014 मि.ग्रा.
विटामिन ई 26 मि.ग्रा.
कैल्शियम 264 मि.ग्रा.
लौह तत्व 3.72 मि.ग्रा.
मैग्नीशियम 268 मि.ग्रा.
फास्फोरस 484 मि.ग्रा.
जिंक 3.08 मि.ग्रा.
विटामिन ए 1 आई.यू.
पोटैशियम 705 मि.ग्रा.
कॉपर 0.996 मि.ग्रा.
मैंगनीज़ 2.285 मि.ग्रा.

बादाम के दुष्प्रभाव और जोखिम

अपने बच्चे को हर दिन थोड़ी मात्रा में बादाम देने से कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि कहीं आपके बच्चे को बादाम से कोई एलर्जी तो नहीं हो रही है।

  • हो सकता नट्स से होने वाली एलर्जी का पारिवारिक इतिहास रहा हो जिसके कारण संभव है कि यह आपके बच्चे को भी प्रभावित करे, यहाँ तक यह उनके जीवन के लिए खतरा भी बन सकता है।
  • बादाम चबाना बच्चों के लिए मुश्किल होता है और इसके गले में फंसने से दम घुटने का खतरा होता है।
  • बहुत ज्यादा बादाम खाने से जठरांत्रीय समस्याएं और पेट फूलने जैसी परेशानी हो सकती है, क्योंकि शरीर को आहार द्वारा सीमित मात्रा में फाइबर की आवश्यकता होती है।

बादाम के अतिरिक्त कई अन्य नट्स हैं जिनसे शिशुओं को एलर्जी हो सकती हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • अखरोट
  • पिस्ता
  • पेकान
  • हेज़लनट
  • ब्राजील नट
  • मूंगफली
  • काजू

अपने बच्चे के भोजन में बादाम कैसे शामिल करें

कच्चे बादाम का सेवन छोटे बच्चों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है, लेकिन इसके अलावा भी कुछ तरीके हैं जिनसे आप अपने बच्चे को दैनिक आधार पर बादाम दे सकती हैं। बादाम को रात भर पानी में भिगोकर रखें और फिर उसे छील कर एक महीन पाउडर या पेस्ट बना लें । आप इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों में कर सकती हैं।

शिशुओं के लिए बादाम से बने व्यंजनों की विधि

कम से कम एक साल तक शिशुओं को विशेष रूप से स्तनपान कराना चाहिए या डिब्बे का दूध (फार्मूला दूध) पिलाना चाहिए। जब आप का बच्चा एक साल का हो जाए केवल तभी उसे अन्य प्रकार का दूध दिया जाना चाहिए। गाय का दूध और बादाम का दूध कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिन्हें आप अपने बच्चे को दे सकती हैं।

1. घर का बना बादाम दूध

गाय के दूध की तुलना में बादाम के दूध में प्रोटीन और कैल्शियम की मात्रा कम होती है। 1 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए बादाम दूध देने की सलाह दी जाती है, खासकर यदि बच्चा लैक्टोज इंटॉलरेंट है या उसे दूध से एलर्जी है। अगर आप बना बनाया बादाम का दूध खरीदती हैं, तो सुनिश्चित करें कि इसमें कैल्शियम मौजूद होना चाहिए और उच्च मात्रा में चीनी नहीं होनी चाहिए । आप बादाम का दूध घर पर भी बना सकती हैं या जब आपके बच्चे के आहार में बादाम शामिल करना हो तो नीचे बताई गई विधि को अजमा सकती हैं।

सामग्री:

  • 5-6 बादाम
  • 1 कप पानी
  • गुड़ / चीनी / मिठास के लिए खजूर (वैकल्पिक)
  • केसर (वैकल्पिक)
  • इलायची (वैकल्पिक)

तरीका:

बादाम को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह, इसके छिलके को उतार लें और थोड़ा पानी डालकर पीस लें और एक चिकना पेस्ट तैयार कर लें । फिर इसमें खजूर, केसर और इलायची डालकर मिलाएं, अब दूध को एक छलनी से छान लें ताकि उसमें बचे हुए दाने हटाए जा सकें । छने हुए दूध को बच्चे की बोतल में डालकर उसे जब चाहे दे सकती हैं। 

2.सेब और बादाम की प्यूरी

सामग्री:

  • एक कटा हुआ सेब
  • दो चम्मच बादाम का चूरा (पाउडर)
  • आवश्यकतानुसार पानी

तरीका:

सेब को नरम होने तक पानी में पकाएं। फिर इसमें बादाम पाउडर मिलाएं और पका लें। आप इसे तब तक मिला सकती हैं, जब तक कि यह मुलायम न हो जाए । इसे ठंडा कर लें और तब तक चलाएं जब तक यह एक चिकने मिश्रण के रूप में तैयार न हो जाए। अब आप इसे अपने बच्चे को दे सकती हैं ।

3. गेहूँ बादाम पैनकेक

सामग्री:

  • आधा कप गेहूँ का आटा
  • दो चम्मच बादाम पाउडर
  • आवश्यकतानुसार पानी
  • मिठास के लिए गुड़ / चीनी / खजूर (वैकल्पिक)
  • घी

तरीका:

गेहूँ का आटा और बादाम पाउडर को पानी डालकर एक साथ मिलाएं। सुनिश्चित करें कि इसमें कोई गांठ न पड़े और आप इसे आसानी से तवे पर पका सकें। अब एक तवे को गरम करें उस पर थोड़ा घी डालें। अब पैनकेक बनाने के लिए मिश्रण डालें। इसे अच्छी तरह से दोनों तरफ से पकाएं और बच्चे को खिलाएं। 

जिस तरह किसी भी नट्स को देने से पहले यह जांच की जाती है कि बच्चे को कहीं उससे कोई एलर्जी तो नहीं हो रही है, ठीक इसी प्रकार बादाम देते समय भी बच्चे में एलर्जी के लक्षण देखना आवश्यक है। एक बार जब आप यह सुनिश्चित कर लें कि बच्चे को इससे कोई नुकसान नहीं हो रहा है तो पोषक तत्व से भरपूर इस सूखे मेवे बादाम को आप अपने बच्चे के आहार में कई तरह से शामिल कर सकती हैं।

समर नक़वी

Recent Posts

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

5 days ago

डॉ. भीमराव अंबेडकर पर निबंध (Essay On Bhimrao Ambedkar In Hindi)

भारत में कई समाज सुधारकों ने जन्म लिया है, लेकिन उन सभी में डॉ. भीमराव…

1 week ago

राम नवमी पर निबंध (Essay On Ram Navami In Hindi)

राम नवमी हिंदू धर्म का एक अहम त्योहार है, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मदिन के…

1 week ago

रियान नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल – Riyan Name Meaning in Hindi

आज के समय में माता-पिता अपने बच्चों के लिए कुछ अलग और दूसरों से बेहतर…

2 weeks ago

राजीव नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल – Rajeev Name Meaning In Hindi

लगभग हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे का नाम सबसे अलग और…

2 weeks ago

35+ पति के जन्मदिन पर विशेस, कोट्स और मैसेज | Birthday Wishes, Quotes And Messages For Husband in Hindi

एक अच्छा और सच्चा साथी जिसे मिल जाए उसका जीवन आसान हो जाता है। कहते…

2 weeks ago