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ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी विलेनयूवे ने लिखी थी। कहानी ब्यूटी नाम की एक युवा लड़की के बारे में है जो भयानक दिखने वाले एक जानवर यानी बीस्ट के अच्छे स्वभाव की वजह से उससे प्यार करने लगती है। बीस्ट वास्तव में एक राजकुमार होता है जो एक चुड़ैल के श्राप से बदसूरत दिखने लगता है। बीस्ट के महल से गुलाब चुराने के कारण एक व्यापारी उसके क्रोध का शिकार होता है। व्यापारी की बेटी ब्यूटी बीस्ट अपने पिता की जगह खुद बीस्ट के महल में जाकर रहने लगती है। कुछ समय बाद बीस्ट को ब्यूटी से प्यार हो जाता है और वह ब्यूटी के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है लेकिन ब्यूटी उसे ठुकरा देती है। फिर एक बार बीस्ट बीमार पड़ जाता है और उसकी हालत देखकर ब्यूटी को एहसास होता है कि वह उससे प्यार करने लगी है। ब्यूटी का बीस्ट के प्रति प्यार उसे चुड़ैल के श्राप से मुक्त करके वापस एक इंसान में बदल देता है। ब्यूटी और बीस्ट शादी कर लेते हैं और खुशी-खुशी साथ रहने लगते हैं।
कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं –
एक बार की बात है एक दूर देश में एक बहुत अमीर व्यापारी अपनी बेटी ब्यूटी के साथ रहता था। ब्यूटी बहुत सुंदर और गुणी लड़की थी और सभी उसे बहुत पसंद करते थे। एक दिन, काम के सिलसिले में व्यापारी यात्रा पर गया हुआ था और रास्ता भटक कर वह एक जंगल में खो गया। कई घंटों तक इधर-उधर घूमने के बाद उसे जंगल में एक महल दिखाई दिया। वह जब महल के दरवाजे के पास पहुंचा तो वह अपने आप खुल गया। व्यापारी महल के अंदर गया लेकिन उसे वहां कोई नहीं दिखा। महल अंदर से बहुत सुंदर था। वहां एक बड़ी सी मेज पर बहुत सारा खाना रखा हुआ था। व्यापारी को भूख लगी थी इसलिए उसने वह खाना खा लिया। फिर उसने सोचा कि अब वह कम से कम वहां रात बिता सकता है। उसने एक कमरा ढूंढा जहां आरामदायक बिस्तर था। व्यापारी को बिस्तर पर लेटते ही नींद आ गई।
अगले दिन व्यापारी उठा और घर वापस जाने के लिए निकला। वह नीचे आया और महल के बगीचे में गया। वहां बहुत सारे फूल खिले हुए थे। उसने एक सुंदर गुलाब देखा और उसे अपनी बेटी ब्यूटी का चेहरा याद आ गया। व्यापारी ने सोचा कि वह अपनी बेटी के लिए यह फूल ले जाएगा तो वह बहुत खुश होगी। ऐसा सोचकर उसने महल के बगीचे से फूल तोड़ा और उसे अपनी जेब में डाल ही रहा था कि अचानक बीस्ट यानी एक बहुत बड़े आकार के जानवर जैसा मनुष्य महल की खिड़की से बाहर निकला और बगीचे से फूल चोरी करने के लिए उस पर गुस्से से चिल्लाया। वह दहाड़कर व्यापारी से बोला –
“मैंने तुम्हें खाना और सोने के लिए एक बिस्तर दिया और अब तुम मेरे फूल चुराना चाहते हो। तुम्हें इसकी सजा मिलेगी और अब तुम्हें हमेशा के लिए यहीं रहना होगा।”
व्यापारी ने घबराकर कहा –
“माफ कीजिए मैं अपनी बेटी ब्यूटी के लिए यह उपहार के तौर पर ले जाना चाहता था।”
तब बीस्ट ने कहा –
“अगर तुम यहाँ नहीं रह सकते तो तुम्हें किसी न किसी को यहां भेजना होगा तभी मैं तुम्हे माफ करूंगा।”
व्यापारी ने घर जाकर अपनी बेटी को सारी बात बताई। ब्यूटी बहुत समझदार लड़की थी। उसने अपने पिता से कहा –
“आपकी जगह मैं उसके पास जाऊँगी, पिताजी। पता नहीं वह बीस्ट क्या चाहता है, लेकिन वादा तो वादा होता है।”
ब्यूटी बीस्ट के महल में जाकर रहने लगी। शुरू में वह उससे बहुत डरती थी लेकिन धीरे-धीरे, उसे एहसास हुआ कि बीस्ट का व्यवहार उसके प्रति दयालु और सौम्य था। एक बार बीस्ट ने उसे एक जादुई दर्पण उपहार में दिया जो उस व्यक्ति को दिखाता था जिसे वह देखना चाहती थी। धीरे-धीरे बीस्ट को ब्यूटी पसंद आने लगी और वो उससे शादी करने के सपने देखने लगा। एक दिन बीस्ट ने ब्यूटी से पूछा कि क्या वो उससे शादी करेगी लेकिन ब्यूटी ने बीस्ट को शादी के लिए मना कर दिया।
एक दिन ब्यूटी को अपने पिता की याद आ रही थी इसलिए उसने जादुई दर्पण में उन्हें देखना चाहा। ब्यूटी ने दर्पण में देखा कि उसके पिता बहुत बीमार हैं। उसकी उदासी देखकर बीस्ट ने उसे अपने घर जाने की अनुमति दे दी। ब्यूटी अपने पिता के पास पहुंची और उनकी देखभाल करने लगी। कुछ ही समय में व्यापारी की तबियत ठीक हो गई।
फिर एक दिन, ब्यूटी को बीस्ट की याद आई और उसने जादुई दर्पण में उसे देखा। ब्यूटी ने देखा कि जानवर बीमार था। बीस्ट को बीमार देखकर ब्यूटी को बहुत दुःख हुआ और उसे एहसास हुआ कि वह उससे प्यार करने लगी है। वह तुरंत महल की ओर भागी। जब वह महल पहुंची तो बीस्ट की हालत देखकर वह रोने लगी। उसने बीस्ट से कहा –
“मुझे छोड़कर मत जाओ, मैं तुमसे प्यार करती हूँ। मैं हमेशा यहीं तुम्हारे साथ रहूंगी।”
ब्यूटी के ऐसा कहते ही बदसूरत दिखने वाले उस जानवर में अचानक एक बदलाव हुआ और वह एक सुंदर राजकुमार में बदल गया।
तब बीस्ट ने ब्यूटी कहा –
“मुझे एक चुड़ैल ने बदसूरत राक्षस की तरह दिखने का श्राप दिया था और मैं फिर से अपना रूप तभी पा सकता था जब किसी को मुझसे सच्चा प्यार हो जाए।”
इसके बाद ब्यूटी और बीस्ट ने शादी कर ली और दोनों खुशी-खुशी रहने लगे।
ब्यूटी और बीस्ट की कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें बाहरी सुंदरता से ज्यादा व्यक्ति के चरित्र और दयालुता जैसे आंतरिक गुणों को महत्व देना चाहिए। जब ब्यूटी को बीस्ट की आंतरिक सुंदरता का एहसास होता है, तो उसका बाहरी रूप उसके लिए कोई मायने नहीं रखता।
ब्यूटी और बीस्ट की कहानी परियों की कहानियों के अंतर्गत आती है।
ब्यूटी एंड द बीस्ट की कहानी 1740 में फ्रांसीसी लेखक गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी विलेनयूवे ने लिखी थी।
बीस्ट वास्तव में एक सुंदर राजकुमार था।
ब्यूटी और बीस्ट की कहानी का नैतिक यह है कि किसी भी इंसान के बाहरी रूप-रंग से ज्यादा उसकी अच्छाई और व्यवहार महत्वपूर्ण होता है।
ब्यूटी और बीस्ट सबसे लोकप्रिय परियों की कहानियों में से एक है। यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि हमें दूसरों की बाहरी सुंदरता के बजाय उनके आतंरिक गुणों को महत्व देना चाहिए। बच्चों को अच्छी सीख देने वाली कहानियां सुनाने से उनमें दूसरों के साथ व्यवहार करने की समझ विकसित होती है। अपने बच्चों को बीएड टाइम स्टोरीज की आदत जरूर डालें इससे वे आगे जाकर मोबाइल और आईपैड के बाजय किताबों पर अपना ज्यादा समय बिताएंगे।
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