शिशु

दत्तक ग्रहण: भारत में संतान गोद लेने के 6 विकल्प

माता-पिता बनना दुनिया की सबसे बड़ी खुशियों में से एक है, लेकिन सभी दंपति बच्चे को जन्म देने में सक्षम नहीं होते हैं और प्राकृतिक रूप से माता-पिता बनना तथा अपने बच्चे का पालन-पोषण करना हर किसी के लिए संभव नहीं होता है। फिर भी, अगर आप इसके बावजूद माता-पिता बनना चाहते हैं, तो आप संतान गोद लेने का विकल्प चुन सकते हैं। गोद लेने के कई विकल्‍प हैं जिनके बारे में विचार किया जा सकता है। इस लेख में, हम भारत में संतान गोद लेने के विभिन्न विकल्‍पों और उनके लाभ व हानियों की जानकारी दे रहे हैं ।

भारत में संतान गोद लेने के उपलब्‍ध विभिन्न विकल्प क्या हैं

किसी दत्तक ग्रहण एजेंसी से कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्‍चा गोद लेना और उस बच्‍चे की सभी जिम्मेदारियां उठाते हुए अपने बच्‍चे की तरह उसका पालन-पोषण करना संतान गोद लेना कहलाता है। तथापि बच्चा गोद लेने से पहले आपको उपलब्ध विभिन्न विकल्‍पों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। भारत में गोद लेने वाले माता-पिता और जन्म देने वाले माता-पिता पर पड़ने वाले इसके प्रभाव के आधार पर गोद लेने के विभिन्न विकल्‍प उपलब्ध हैं। संतान गोद लेना संबंधित दोनों पक्षों के स्थान पर भी निर्भर हो सकता है। भारत में संतान गोद लेने के उपलब्ध विभिन्‍न वि‍कल्‍प निम्नलिखित हैं:

1. दत्तक ग्रहण की खुली प्रक्रिया

जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि इस तरह की गोद लेने की प्रक्रिया खुले रूप में है, अर्थात गोद लेने वाले माता-पिता और जन्म देने वाले माता-पिता परस्‍पर एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं।

यह क्या है

आपको आश्चर्य हो सकता है कि संतान गोद लेने का खुला विकल्‍प कैसे प्रभावी कार्य करता है; इसमें दोनों पक्ष आपस में संपर्क में रहते हैं। जन्म देने वाली माँ या माता-पिता पत्र, ई-मेल, फोन कॉल के माध्यम से संपर्क में रह सकते हैं और एक-दूसरे से मुलाकात भी कर सकते हैं और बच्चे को जन्म देने वाली माँ बच्चे से मिल सकती है। इस तरह से गोद लेने की प्रक्रिया में एक ऐसी योजना बनाना शामिल है जो सभी की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं के अनुरूप हो। प्राय: बच्‍चे से मिलना-जुलना तब तक स्‍वीकार्य रहता है जब तक कि वह 18 वर्ष का न हो जाए (अधिकांश देशों में)। इसके अलावा, जन्म देने वाली माँ भावी माता-पिता से मिल सकती है और यह तय कर सकती है कि उसके बच्चे को किस दंपति को दिया जाना चाहिए।

लाभ

खुले तौर पर गोद लेने के कुछ लाभ निम्‍न प्रकार हैं:

  • गोद लिए गए बच्चे की पर्याप्त स्वास्थ्य जानकारी उपलब्ध होती है, जो कुछ आनुवांशिक विकारों और अन्य चिकित्सा उद्देश्यों का आकलन करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  • गोद लेने वाले के पास उसके जन्म के माता-पिता से मिलने का विकल्‍प होता है, अगर वह जानना चाहता है कि उन्होंने यह फैसला क्यों लिया।
  • गोद लेने वाले के पास एक विस्तारित परिवार और ज्‍यादा लोग हैं जो उसे प्यार करते हैं और उसका समर्थन करते हैं।
  • गोद लेने वाले के पास उसके वंश की जानकारी और उस तक पहुँच उपलब्‍ध होती है।

नुकसान

खुले तौर पर गोद लेने की प्रक्रिया के कुछ नुकसान निम्‍नलिखित हैं:

  • गोद लेने वाले या जन्म देने वाले माता-पिता की अपेक्षाओं में अंतर हो सकता है।
  • कुछ प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं, जिन पर दोनों ही पक्ष अपनी बात रखने के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
  • दोनों परिवारों के आचार-विचार और मूल्य मेल नहीं खा सकते हैं, इससे भ्रम पैदा हो सकता है।

2. दत्तक ग्रहण की अर्द्ध खुली प्रक्रिया

गोद लेने के इस विकल्‍प में जन्म देने वाले माता-पिता और गोद लेने वाले माता-पिता के बीच सीधा संपर्क नहीं होता है।

यह क्या है

अर्ध-खुला गोद लेने या मध्यस्थ विकल्‍प में जन्म देने वाले माता-पिता और गोद लेने वाले माता-पिता को एक-दूसरे के संपर्क में रहने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, माँ गोद लेने वाले माता-पिता से पत्र या तस्वीरें प्राप्त कर सकती है या गोद लेने वाली एजेन्‍सी के माध्यम से जहाँ वह पंजीकृत है। यह तब तक जारी रह सकता है जब तक कि बच्चा कानूनी उम्र का नहीं हो जाता। किसी भी समय, गोद लेने की अर्ध खुली प्रक्रिया को गोद लेने की खुली या गोद लेने की बंद प्रक्रिया में परिवर्तित किया जा सकता है।

फायदे

यहाँ गोद लेने की अर्ध खुली प्रक्रिया के कुछ फायदे दिए गए हैं:

  • गोद लेने वाले माता-पिता के पास मेडिकल रिकॉर्ड और जन्म देने वाले माता-पिता की अन्य जानकारी तक पहुँच संभव होती है।
  • इस तरह से गोद लेना आपको अपनी निजता बनाए रखने में मदद करता है।
  • जन्‍म देने वाले माता-पिता को इस बात की जानकारी होती है कि उनके बच्चे की देखभाल कैसे की जाती रही है।
  • गोद लेने वाले भविष्य में जन्‍म देने वाले माता-पिता से संपर्क कर सकते हैं।

नुकसान

गोद लेने की अर्द्ध खुली प्रक्रिया के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं:

  • दोनों पक्षों को मध्यस्थ एजेंसी पर भरोसा करना होगा।
  • गोद लेने वाली एजेंसी के कारोबार या कामकाज बन्‍द होने की स्थिति में एक यह दत्तक ग्रहण गोद लेने की बंद प्रक्रिया में परिवर्तित हो सकता है।
  • यदि कोई भी पक्ष एजेंसी से सम्‍पर्क खो देता है, तो संवाद रुक सकता है।

3. दत्तक ग्रहण की बंद प्रक्रिया

जैसा कि नाम से पता चलता है, इस तरह के दत्तक ग्रहण में गोद लेने वाले माता-पिता और जन्म देने वाले माता-पिता के बीच कोई संपर्क नहीं होता है।

यह क्या है

गोद लेने की बंद प्रक्रिया में, दोनों माता-पिता में किसी भी प्रकार का संवाद या एक-दूसरे के बारे में जानकारी नहीं होती है। कभी-कभी, गोद लेने वाले माता-पिता के साथ जन्‍म देने वाले माता-पिता की स्वास्थ्य जानकारी साझा की जा सकती है। हालांकि, कभी-कभी नियम सख्त हो सकते हैं और कोई भी जानकारी गोद लेने वाले माता-पिता के साथ साझा नहीं की जाती है। यह ऐसे मामलों में हो सकता है जब किसी बच्चे को अपमानजनक वातावरण से बचाया या हटाया जाता है।

फायदे

गोद लेने की बंद प्रक्रिया के कुछ फायदे इस प्रकार हैं:

  • बच्‍चे को दो परिवारों के बीच में फंसा हुआ महसूस नहीं होगा।
  • इस प्रकार का दत्तक ग्रहण, जन्म देने वाले माता-पिता और गोद लेने वाले माता-पिता, दोनों को मामला समाप्त होने की तसल्ली दिलाता है।
  • गोद लिए जाने वाले बच्चे का एक छोटा सा, संगठित परिवार होगा।
  • जन्म देने वाले माता-पिता से कोई हस्‍तक्षेप नहीं होगा।

नुकसान

गोद लेने की बंद प्रक्रिया के कुछ नुकसान इस प्रकार हैं:

  • बच्‍चे को यह पता लगने पर कि उसे गोद लिया गया है वह अपने जन्मदाता माता-पिता को खोजने के प्रति जुनूनी हो सकता है।
  • सीमित स्वास्थ्य जानकारी उपलब्ध हो सकती है।
  • गोद लिये गए बच्‍चे को अपनी पहचान का संकट हो सकता है।

4. परिवार या रिश्‍तेदारी में दत्तक ग्रहण

यह एक ऐसी गोद लेने की प्रकिया है जो परिवार में होती है।

यह क्या है

यदि किसी बच्चे के जन्मदाता माता-पिता की मृत्य हो जाए, या वे किसी और से शादी कर लें, या अपने बच्चे की देखभाल करने में अक्षम हो तो परिवार का कोई सदस्य या सौतेले माता-पिता कानूनी रूप से उस बच्चे को अपना सकते हैं।

फायदे

परिवार के अन्‍दर ही बच्चा गोद लेने के कई लाभों में से कुछ इस प्रकार हैं:

  • बच्चा उसी परिवार में पलता है।
  • गोद लेने वाले माता-पिता बच्चे के विषय में विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
  • ज्यादातर मामलों में गोद लिए गए बच्चे को अपना मूल नाम रखना पड़ता है।

नुकसान

रिश्तेदारी में गोद लेने के कुछ नुकसानों में शामिल हैं:

  • गोद लेने वाले माता-पिता से संबंध में परिवर्तन बच्चे को भ्रमित कर सकता है (यदि बच्चा बड़ा है)।
  • संपर्क और मुलाकात का समय आमतौर पर गोद लेने वाले माता-पिता द्वारा तय किया जाता है।

5. स्‍वदेशी दत्तक ग्रहण

स्‍वदेशी दत्तक ग्रहण का तात्पर्य अपने ही देश के भीतर होने वाले दत्तक ग्रहण से है।

यह क्या है

जब गोद लेने वाले माता-पिता और जन्म देने वाले माता-पिता एक ही देश के होते हैं और गोद लेने की प्रक्रिया देश के भीतर होती है, तो इसे घरेलू दत्तक ग्रहण कहा जाता है। जो दंपति बच्चा गोद लेना चाहते हैं, वे किसी भी पंजीकृत सरकारी एजेंसी के साथ पंजीकरण कर सकती है। एक जांच अधिकारी उनके विवरणों को सत्यापित करेगा और यह भी आकलन करेगा कि दंपति बच्चा गोद लेने के योग्य है या नहीं। एक बार औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद, दंपति एक बच्चा गोद ले सकती है।

फायदे

यहाँ बच्चे को स्वदेश में गोद लेने के कुछ फायदे दिए गए हैं:

  • अन्‍तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण की तुलना में इस प्रकार का गोद लेना कम खर्चीला है।
  • इसमें अन्‍तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण के विपरीत कम कागजी कार्रवाई भी शामिल है।
  • नवजात शिशु को गोद लेने का इरादा रखने वाले जोड़े उसे आसानी से गोद ले सकते हैं।
  • जन्म के माता-पिता की जानकारी गोद लेने वाले माता-पिता के लिए उपलब्‍ध हो सकती है।
  • आप जन्म के माता-पिता के संपर्क में रह सकते हैं, या दोनों पक्षों की वरीयताओं के अनुसार संपर्क हो सकता है।
  • इसके लिए किसी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की आवश्यकता नहीं है।

नुकसान

यहाँ स्वदेशी दत्तक ग्रहण के कुछ नुकसान दिए गए हैं:

  • जन्म देने वाले माता-पिता के चिकित्सा विवरण पर पर्याप्त जानकारी नहीं हो सकती है।
  • नियम बहुत सख्त हैं, और गोद लेने वाले माता-पिता के पात्रता मानदंड बहुत सख्त हैं।
  • गोद लेने वाले माता-पिता को सीमित बच्चों की संख्‍या में से चुनाव करना पड़ सकता है।
  • माँ गोद देने से मना कर सकती है, जिससे गोद लेने की प्रक्रिया खत्‍म हो सकती है।

6. अन्‍तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण

अन्‍तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण में देश के बाहर के बच्चे को गोद लेना या दूसरे शब्दों में गोद लेने वाली दंपति को एक बच्चा देना होता है जो उस देश की मूल निवासी नहीं है।

यह क्या है

जब एक राष्ट्र के नागरिक दूसरे राष्ट्र के बच्चे को गोद लेने की इच्छा रखते हैं, तो इसे अन्‍तर्राष्ट्रीय गोद लेना कहा जाता है। सभी देशों में अन्‍तर्राष्ट्रीय गोद लेने के कानून अलग-अलग हैं, और कुछ देश अन्‍तर्राष्ट्रीय गोद लेने की अनुमति भी नहीं देते हैं। भारत में, स्थानीय बच्चों को गोद लेने को प्राथमिकता दी जाती है। इसके बाद क्रमानुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआई), फिर भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ), और फिर अन्‍तर्राष्ट्रीय नागरिकों को बच्चा गोद लेने के लिए प्राथमिकता दी जाती है।

फायदे

अन्‍तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण के कुछ लाभ यह हैं:

  • आमतौर पर अन्‍तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण अनाथ बच्चों के साथ हो सकता है और और ऐसा हो सकता है की इस प्रक्रिया में जन्मदाता माता-पिता शामिल न हो।
  • सेक्स, नस्ल, स्वास्थ्य और आयु की दृष्टि से शिशुओं की विशाल संख्‍या उपलब्ध है।
  • जन्म देने वाले माता-पिता का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।
  • एक बार मंजूरी मिल जाने के बाद, गोद लेने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

नुकसान

अन्‍तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण के कुछ नुकसान यह हैं:

  • इस प्रकार का गोद लेना महंगा है क्योंकि गोद लेने वाले माता-पिता को विदेश यात्रा करना आवश्यक है।
  • अन्‍तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण में धोखाधड़ी और घोटाले की संभावना होती है।
  • चूंकि गोद लेने की प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है, इसलिए नवजात शिशु को गोद लेना संभव नहीं है।
  • यदि बच्चा थोड़ा बड़ा है, तो उसे एक नई जगह, नए देश और जीवन के नए तरीकों को समायोजित करने में काफी समय लग सकता है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप गोद लेने के लिए किस प्रकार का उपयोग करते हैं। अधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप बच्चे को उत्साह और प्यार के साथ लाएं, और उसे अपनापन दें।

यह भी पढ़ें:

150 अनोखे भारतीय नाम और उनके अर्थ – लड़कों के लिए
150 अनोखे व आकर्षक भारतीय नाम और उनके अर्थ – लड़कियों के लिए

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

अभय नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhay Name Meaning in Hindi

नाम हर व्यक्ति की पहली पहचान होता है, और इसलिए बच्चे के जन्म लेने से…

1 week ago

दृश्या नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Drishya Name Meaning in Hindi

क्या आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है या आपके घर में छोटा मेहमान…

1 week ago

अरहम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Arham Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं और हर धर्म के अपने रीति-रिवाज…

1 week ago

ज्योत्सना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jyotsna Name Meaning in Hindi

हर किसी के लिए नाम बहुत मायने रखता है। जब आप अपनी बेटी का नाम…

1 week ago

सारा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sara Name Meaning in Hindi

इन दिनों लड़कियों के कई ऐसे नाम हैं, जो काफी ट्रेंड कर रहे हैं। अगर…

1 week ago

उर्मिला नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Urmila Name Meaning in Hindi

बच्चों के प्रति माता-पिता का प्यार और भावनाएं उनकी हर छोटी-छोटी बात से जुड़ी होती…

1 week ago