बच्चों को बोतल से दूध पिलाना – फायदे और साइड इफेक्ट्स

बच्चों के लिए बॉटल फीडिंग के 15 फायदे और नुकसान

बॉटल फीडिंग यानी बच्चे को बोतल से दूध पिलाना दरअसल स्तनपान का एक विकल्प है। कई नई माएं जो अपने बच्चे को स्तनपान कराने में असमर्थ होती हैं या स्तनपान के साथ उसे फॉर्मूला दूध भी देना चाहती हैं, वे बच्चे को बोतल से दूध पिलाती हैं। कुछ मॉम्स तो बोतल के माध्यम से भी बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं। यदि आप पहली बार माँ बनी हैं, तो अपने बेबी को बॉटल फीडिंग कराने से पहले, बोतल से दूध पिलाने के फायदे और नुकसान जानें और फिर तय करके निर्णय लें।

बॉटल फीडिंग के क्या फायदे हैं?

बच्चे को बोतल से दूध पिलाने के कई फायदे होते हैं। जानिए कि वे क्या हैं!

1. बच्चे को कोई भी फीडिंग करा सकता है 

FATHER FEEDING BABY

बोतल से दूध पिलाने का एक फायदा यह है कि माँ के अलावा बच्चे के पापा भी बच्चे को दूध पिला सकते हैं। फीडिंग, बॉन्डिंग बनाने का एक महत्वपूर्ण क्षण होता है, स्तनपान से बच्चे के पिता को बच्चे के साथ संबंध बनाने का अवसर नहीं मिलता है। बॉटल फीडिंग से बच्चे के भाई-बहन, पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को घर में आए नए सदस्य के साथ कुछ समय बिताने का चांस मिलता है।

2. यह सार्वजानिक स्थानों पर की जा सकती है 

PUBLIC USE

कुछ माएं पब्लिक प्लेसेज पर अपने बच्चों को ब्रेस्टफीड कराने में सहज नहीं होती हैं। यदि आप फीडिंग के लिए प्राइवेसी पसंद करती हैं, तो घर से बाहर होने पर बोतल से दूध पिलाने का तरीका अच्छा है!

3. बच्चे द्वारा पीए गए दूध की मात्रा को ट्रैक करना आसान होता है

स्तनपान कराते समय यह जानना आसान नहीं है कि आपका बेबी कितना दूध पी रहा है। बोतल से दूध पिलाने से आप यह जान सकती हैं कि बच्चे ने कितना दूध पिया है।

4. आपका दूध कम होने पर भी चिंता की कोई बात नहीं 

कई मांओं को इस बात की चिंता रहती है कि उनका दूध अपर्याप्त है, तो उनका बच्चा कमजोर रहेगा। ऐसे में कई पेरेंट्स बच्चे को बोतल से दूध पिलाने का ऑप्शन चुनते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे को बढ़ने और विकसित होने के लिए जरूरी और पर्याप्त दूध मिले। हालांकि, बॉटल फीडिंग के कारण चूंकि बच्चा स्तनों को नहीं चूसता तो इनमें दूध की आपूर्ति कम हो जाती है।

5. आपको अपने आहार में बदलाव करने की जरूरत नहीं होती

एक माँ जो अपने बच्चे को फॉर्मूला दूध पिलाती है, उसे अपने आहार में किन्हीं विशेष फलों और सब्जियों को शामिल करने की चिंता नहीं करनी चाहिए। वह अपनी पसंद की कोई भी चीज खा-पी सकती है।

6. लैक्टोज इन्टॉलरेंट बच्चों को बॉटल फीडिंग से फायदा होता है 

कुछ दुर्लभ मामलों में, बच्चे माँ के दूध या गाय के दूध को प्रोसेस (संसाधित) नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति को लैक्टोज इन्टॉलरेंस के रूप में जाना जाता है। फिर, उपयुक्त फॉर्मूला दूध, जैसे सोया प्रोटीन बोतल में डालकर पिलाया जा सकता है।

7. माँ की सेहत का बच्चे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता

यदि डिलीवरी के बाद माँ बीमार पड़ती है या उसे सेहत से जुड़ी कोई परेशानी होती है जिसकी वजह से वह बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती, तो ऐसे में बॉटल फीडिंग बेहद उपयोगी हो सकती है।

बॉटल फीडिंग के क्या नुकसान हैं?

बच्चे को बोतल से दूध पिलाने के कुछ साइड इफेक्ट्स या नुकसान भी होते हैं, जानिए वे क्या हैं। 

1. फॉर्मूला दूध माँ के दूध जितना पौष्टिक नहीं होता

माँ के दूध में वे सभी पोषक तत्व होते हैं जो आपके बच्चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए आवश्यक होते हैं। यह फॉर्मूला दूध की तुलना में पेट पर भी हल्का होता है। बोतल से दूध पिलाने से बचपन में मोटापे का खतरा बढ़ सकता है।

2. बोतल से दूध पिलाने की तैयारी में समय और मेहनत लगती है

STERILIZE BOTTLES

बेबी को जब भूख लगे तब आप उसे स्तनपान करा सकती हैं। लेकिन अगर बच्चे को बॉटल फीडिंग की आदत है, तो आपको बोतल को धोना और उसे स्टरलाइज करना पड़ता है, फिर बोतल में दूध डालकर उसका गुनगुनापन भी देखना पड़ता है। इसमें काफी समय और काम लगता है। सही तरीके से स्टरलाइजेशन न करना भी आपके बच्चे की हेल्थ को खतरे में डाल सकता है।

3. बॉटल फीडिंग उपकरण एक एक्स्ट्रा खर्च होता है

बच्चे को बॉटल फीडिंग कराना महंगा पड़ सकता है। यदि आप बोतल से दूध पिलाने का ऑप्शन चुनती हैं, तो आपको फीडिंग बॉटल, सफाई के लिए ब्रश और एक स्टरिलाइजर खरीदने की जरूरत होगी। आपको अच्छी क्वालिटी वाला ब्रेस्ट पंप या फॉर्मूला मिल्क पाउडर भी खरीदना होगा। यह सब आपके मंथली बजट में अतिरिक्त खर्च हो सकता है।

4. बॉटल फीडिंग आपके बच्चे की इम्युनिटी को नुकसान पहुँचा सकती है

स्टडीज से पता चला है कि माँ का दूध बच्चे के विकास को मजबूत करता है और उसके इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। दूसरी ओर, फॉर्मूला दूध में महत्वपूर्ण और नेचुरल न्यूट्रिएंट्स नहीं होते हैं। फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चों में चेस्ट इन्फेक्शन, कान में इन्फेक्शन, यूरिन इन्फेक्शन या डायरिया जैसी कुछ बीमारियां होने का खतरा होता है।

5. यह माँ-बच्चे के संबंध को प्रभावित करता है

दूध पिलाना माँ और उसके बच्चे के लिए बॉन्डिंग बढ़ाने का एक अच्छा समय होता है। जब बच्चा माँ के शरीर के संपर्क में आता है, तो स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट होता है। बोतल से दूध पिलाने से यह बॉन्डिंग बनाने में बाधा आ सकती है।

6. बॉटल फीडिंग असुविधाजनक हो सकती है

ट्रैवलिंग के दौरान आपको साफ बोतलें, फॉर्मूला दूध पाउडर, बेबी निप्पल, और अन्य जरूरी चीजें साथ लेकर चलना होगा। बच्चे के साथ-साथ इतनी चीजों को मैनेज करना परेशानी भरा हो सकता है। यदि बच्चा रात में बार-बार उठता है तो हर बार उठना और बॉटल फीडिंग के लिए दूध तैयार करना भी असुविधाजनक होगा।

7. स्तनपान से माँ स्वस्थ रहती है

कुछ स्टडीज में ये साबित हुआ है कि बॉटल-फीड के बजाय स्तनपान कराने वाली माताओं को ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होने का कम जोखिम होता है।

8. बच्चा फॉर्मूला दूध नापसंद कर सकता है

कुछ बच्चों के लिए, बोतल से पिलाया जाने वाला फॉर्मूला दूध उपयुक्त नहीं होता। उन्हें डायरिया और शरीर से तरल पदार्थ के नुकसान की तकलीफ हो सकती है।

बॉटल फीडिंग के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। अपने बच्चे को किस तरह से दूध पिलाना है, इस बात को तय करने से पहले आपको दोनों पक्षों के बारे में ध्यान से विचार करना चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपका बेबी न तो कमजोर रहे और न ही उसे आवश्यकता से ज्यादा फीडिंग कराई जाए, और इसके साथ बढ़ने और बेहतर तरीके से विकास करने के लिए उसे आवश्यक विटामिन और न्यूट्रिएंट्स मिलते रहें।

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