गर्भावस्था के दौरान आपके ब्रेस्ट में मिल्क प्रोडक्शन शुरू हो जाता है और बहुत ही जल्द आप ब्रेस्ट लीकेज का अनुभव भी करेंगी। नई मांओं को इसका सामना करने के लिए इसके बारे में जानना जरूरी है। अगर इसे ठीक से मैनेज किया जाए तो यह आपके शरीर को नुकसान पहुँचाए बिना टैकल किया जा सकता है।

आपको ब्रेस्ट लीकेज क्यों होता है?

गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को ब्रेस्ट लीकेज होना कॉमन है। यह अच्छा संकेत है, जिसमें नेचुरल मैकेनिज्म के जरिए ब्रेस्ट में महसूस होने वाले भारीपन से राहत मिलती है, जो बच्चे को फीडिंग कराने वाली माँ इस समय पर काफी ज्यादा महसूस करती हैं। इसे मिल्क लेट डाउन के नाम से भी जाना जाता है।

इसके लिए हार्मोन ऑक्सीटोसिन जिम्मेदार होते हैं और इसके कारण मिल्क इजेक्शन रिफ्लेक्स (एमईएफ) यानि ब्रेस्ट से दूध लीक होने लगता है। यही हार्मोन ऑर्गैज्म के दौरान भी प्रोडूस होते है जिससे ब्रेस्ट से दूध का रिसाव होने लगता है।

कितने लंबे समय तक ब्रेस्ट लीकेज जारी रहता है?

यह कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों तक जारी रह सकता है, जिससे यह आपके लिए अप्रत्याशित और काफी असहज हो सकता है। कुछ मामलों में, ब्रेस्ट लीकेज गर्भावस्था के दौरान ही शुरू हो सकता है, तो वहीं कुछ मामलों में यह ब्रेस्टफीडिंग के पहले कुछ हफ्तों के दौरान जारी रहता और फिर ठीक हो जाता है। कुछ मामले में यह पूरे नर्सिंग पीरियड तक जारी रहता है, यहाँ तक कि जब आप बच्चे ठोस आहार देना शुरू कर देती हैं यह उसके बाद भी जारी रहता है।

बच्चे को एक ब्रेस्ट से दूध पिलाते समय अक्सर, दूसरे ब्रेस्ट से रिसाव शुरू हो सकता है। अपने साथी के साथ नजदीकियां बढ़ाने से भी ऑर्गैज्म के कारण ब्रेस्ट लीकेज हो सकता है।

इमोशनल ट्रिगर भी रिसाव का कारण हो सकता है। यह उस स्थिति में हो सकता है जहाँ आपको सोचने या अपने बच्चे के बारे में बात करने से ब्रेस्ट लीकेज शुरू हो सकता है। यहाँ तक ​​कि दूसरे बच्चे के रोने की आवाज सुनने या बच्चे की तस्वीरें देखने से भी लीकेज हो सकता है।

आप ब्रेस्ट लीकेज को कैसे रोक सकती हैं?

यह सवाल बार बार स्तनपान कराने वाली मांओं द्वारा पूछा जाता है कि ब्रेस्ट लीकेज को कैसे रोका जाए। चूंकि यह शरीर की एक नेचुरल प्रक्रिया है, इसलिए आपके शरीर को थोड़ा समय लग सकता है जब तक कि बच्चे का फीडिंग शेड्यूल ठीक तरह से एडजस्ट नहीं हो जाता है। ब्रेस्टफीडिंग शेड्यूल को समझने के लिए आपके बच्चे को भी समय लग सकता है।

ब्रेस्ट लीकेज से आपके ब्रेस्ट में मौजूद एक्स्ट्रा दूध बाहर निकल जाता है और आपको भारीपन से राहत मिलती है। आपको यह सलाह दी जाती है कि फीडिंग मिस न करें और लंबे समय तक बच्चे को फीडिंग कराएं। यह निप्पल की मांसपेशियों के चारों ओर स्फिंक्टर आकार देने में मदद करता है और भविष्य में इस तरह के रिसाव को भी रोकता है।

उस सिचुएशन में जहाँ आप अपने बच्चे से दूर हैं, अपने ब्रेस्ट पर हल्का सा प्रेशर डालें, इससे लीकेज रुक जाता है। ऐसा करने के लिए आप अपनी बाहों को क्रॉस पोजीशन में मोडें इससे आपके ब्रेस्ट पर प्रेशर पड़ेगा और लीकेज रुक जाएगा। समय के साथ इस रिसाव में कमी आने लगती है। हालांकि, इससे मिल्क फ्लो की क्वान्टिटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, बल्कि यह इस बात का संकेत होता है कि शरीर मिल्क प्रोडक्शन को सही तरह से रेगुलेट कर रहा है।

आप ब्रेस्ट लीकेज को रोकने क लिए ब्रेस्ट पैड का भी उपयोग भी कर सकती हैं, क्योंकि वे रिसाव को अब्सॉर्ब करने का काम करते हैं, इस प्रकार आपका ब्रेस्ट क्लीन और ड्राई रहता है। हालांकि, आप निप्पल को उसके आस-पास होने वाले दर्द और नमी से बचने के लिए पैड को समय समय पर बदलती रहें।

आप ब्रेस्ट लीकेज रोकने के लिए और क्या कर सकती हैं

  • बच्चे को ब्रेस्फीडिंग कराने से स्तनों के भारीपन से पड़ने वाले दबाव से राहत मिलती है। हालांकि, अगर बच्चे का पेट भरने के बाद भी आपको भारीपन महसूस होता है, तो आप खुद अपने हाथ की मदद से दूध निकाल सकती हैं। यह प्लग ब्रेस्ट या मास्टाइटिस नामक ब्रेस्ट इन्फेक्शन को होने से रोकता है, जो काफी दर्दनाक होता है और इससे आपको 24 घंटे तक बिस्तर पर रहना पड़ सकता है।

  • जब आपको लीकेज की सेंसेशन हो रही हो, तो आप अपनी हथेलियों की मदद से निप्पल पर प्रेशर डालें, ताकि रिसाव को रोका जा सके। यदि आप एक मेज के करीब बैठी हैं, तो उसका सहारा लेते हुए अपनी ठुड्डी को अपने हाथ पर रखते हुए निपल्स पर प्रेशर डालें, इससे रिसाव को रोका जा सकता है। यह मिल्क प्रोडक्शन पूरी तरह से होने बाद ही किया जाना चाहिए। ब्रेस्टफीडिंग के शुरुआती हफ्तों के दौरान किसी भी तरह का मैन्युअल प्रेशर अप्लाई करने से मिल्क डक्ट क्लॉग हो सकता है, जो आप नहीं चाहेंगी कि ऐसा हो।
  • पैटर्न वाले कपड़े पहनने से रिसाव के निशान नहीं दिखाई देते हैं और आपको शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़ता है। सिल्क के कपड़े पहनने से बचें और डार्क कलर के कपड़े चुनें। जैकेट और स्वेटर पहनने से दिखाई देने वाले गीले स्पॉट छिप सकते हैं।
  • बिस्तर पर जाने से पहले अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने से रिसाव कम होगा। हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ब्रेस्ट पूरी तरह खाली न करें। इसके अलावा अपने स्लीपिंग पैटर्न को भी ध्यान में रखें।
  • सोने से पहले बिस्तर पर तौलिया बिछा दें इससे बेड के गद्दे पर स्टेन नहीं पड़ेगा और आपकी चादर भी सूखी रहेगी।
  • आप डिस्क्रीट मिल्क कलेक्टर का भी इस्तेमाल अपनी ब्रा के अंदर कर सकती हैं। यह दूध को स्टोर करने में मदद करता है, जिससे जरूरत पड़ने पर बच्चे को दूध प्रदान किया जा सकता है।

आपको किस प्रकार के ब्रेस्ट पैड का उपयोग करना चाहिए?

  • डिस्पोजेबल ब्रेस्ट पैड बाजार में उपलब्ध होते हैं, लेकिन आपको सावधानी बरतनी चाहिए। गलत पैड का इस्तेमाल करने से आपको ब्रेस्टफीडिंग संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसमें प्लास्टिक या वाटरप्रूफ लाइनिंग का उपयोग करते हैं। इसका इस्तेमाल नहीं करना चहिए, ये नमी को रोकता है और इससे निप्पल में जलन हो सकती है। डिस्क्रीट पैड भी उपलब्ध होते हैं जो ब्रा के नीचे फिट हो जाते हैं।

  • आप रियूज कॉटन पैड का भी ऑप्शन चुन सकती हैं। एक ब्रेस्ट पैड आमतौर पर 2 घंटे से 8 घंटे के बीच चलता है, लेकिन इसकी समय सीमा अलग-अलग प्रोडक्ट के अनुसार विभिन्न हो सकती है।
  • धोए जाने वाले और रियूज कॉटन पैड को आप घर पर भी बना सकती हैं। ये आपके लिए सुरक्षित भी होता है। हालांकि पहली बार इसका इस्तेमाल करने वाली महिलाएं थोड़ा अनिश्चित हो सकती हैं, लेकिन जो महिलाएं इसे पहले इस्तेमाल कर चुकी हैं वो आसानी से इसे इस्तेमाल कर सकती हैं।

ब्रेस्टफीडिंग का अनुभव हर महिला के लिए अलग होता है। इससे जुड़ी प्रॉब्लम के बारे डिस्कस करने से आपको बेहतर लगेगा। हर माँ अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा चाहती है और ब्रेस्ट लीकेज से खराब न महसूस करें, यह माँ होने का बेहद खूबसूरत एहसास दिलाता है।

यह भी पढ़ें:

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गर्भावस्था के बाद ब्रेस्ट सैगिंग को कैसे रोकें
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समर नक़वी

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