गर्भावस्था

स्तनपान के दौरान दर्द – कारण और उपाय

मातृत्व की अपनी यात्रा के साथ ही माँ अपने बच्चे को स्तनपान कराना सीखती है। जब स्तनपान प्यार, धैर्य और सही मेथड से जुड़ा हो तो यह सुखद होता है। हालांकि इस दौरान कभी-कभी माएं ऐसी चुनौतियों से जूझती हैं जिनमें दर्द और असुविधा शामिल होती है, वहीं बच्चों को भी असुविधा होती है क्योंकि वे भी यह सीख ही रहे होते हैं कि अच्छी तरह लाचिंग कैसे की जाए।

स्तनपान के दौरान स्तन दर्द के आम कारण और उसके उपाय

नर्सिंग चरण के दौरान आपके स्तनों में दर्द के विभिन्न कारण होते हैं। जानिए स्तनपान के दौरान स्तन दर्द के कुछ सामान्य कारणों के बारे में और इसके लिए क्या उपाय करें।

1. ब्रेस्ट एनगोर्जमेंट

स्तनों का भरा होना एक कॉमन स्थिति है और आपके शरीर का यह सुनिश्चित करने का तरीका है कि आपके बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध मिले। हालांकि, दूध और बढ़े हुए ब्लड फ्लो के कारण यह भरापन टिश्यूज को फुला देता है। आपके स्तन कड़क, भारी, टाइट, लम्पी और दर्दनाक हो जाते हैं। यह ब्रेस्ट एनगोर्जमेंट के रूप में जाना जाता है। बच्चों को फूले हुए स्तनों को लैच करना मुश्किल होता है क्योंकि निपल्स सपाट हो सकते हैं।

आप क्या कर सकती हैं 

  1. हाथ से थोड़ा दूध निकालना; हाथ का उपयोग एरोला को नरम करता है और बच्चे को आसानी से लैचिंग में मदद करता है।
  2. बच्चे को उचित अंतराल पर दूध पिलाना, शायद 24 घंटों में लगभग 8 से 12 बार ऐसा करने से दर्द से राहत मिल सकती है।
  3. फीडिंग के बीच स्तनों की ठंडी सिकाई करने से सूजन को कम करने में मदद मिलती है और आपको अच्छा महसूस होता है। फ्रोजेन मटर या ठंडे गोभी के पत्तों के बैग से भी ऐसा किया जा सकता है।
  4. स्तनपान से पहले गर्म सिकाई करना, वार्म शॉवर लेना या गर्म पानी पर अपने स्तनों को झुकाना बहुत मददगार हो सकता है।
  5. स्तनों की मालिश करने से दूध के प्रवाह में मदद मिलती है।
  6. सही फिटिंग वाली ब्रा पहनने और अंडरवायर ब्रा न पहनने से कम तकलीफ होती है।

हालांकि पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन सुरक्षित हैं और दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन इन्हें लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

2. ब्लॉक्ड ब्रेस्टमिल्क डक्ट्स

स्तनों में कई पतली नलिकाएं (डक्ट्स) होती हैं जो मिल्क ग्लैंड्स से दूध को आपके निप्पल तक पहुँचाती हैं। यदि इनमें से कोई नलिका पूरी तरह से सूखी न हो, तो यह एक ब्लॉक्ड डक्ट (अवरुद्ध नलिका) बना सकती है। ये ब्लॉक्ड डक्ट्स आपके स्तन में गांठ पैदा कर सकती हैं। उस हिस्से में त्वचा लाल हो सकती है। कभी-कभी, निप्पल ब्लॉक हो सकता है और सफेद डॉट की तरह दिखाई दे सकता है।

आप क्या कर सकती हैं 

  1. स्तन से बार-बार फीडिंग जिसमें ब्लॉक्ड डक्ट हो।
  2. गर्म सिकाई, गर्म शॉवर, या गर्म फ्लेनल्स का उपयोग डक्ट से दूध के फ्री फ्लो में मदद करता है।
  3. बच्चे को दूध पिलाने के दौरान निप्पल की ओर मालिश करने से डक्ट को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।
  4. बच्चे की ठोड़ी को एक स्थिति में रखते हुए गांठ की ओर इशारा करने से यह स्तन के उस हिस्से से फीडिंग में मदद कर सकता है।

3. मास्टाइटिस

जब ब्लॉक्ड डक्ट का ठीक से इलाज नहीं किया जाता, तो यह मास्टाइटिस यानी स्तनों की सूजन का कारण बनता है और इसे दर्दनाक बनाता है। आपको इससे बुखार और फ्लू से संबंधित लक्षण हो सकते हैं।

आप क्या कर सकती हैं 

  1. स्तनपान जारी रखें और प्रभावित स्तन पर बच्चे को फीडिंग कराएं। इन्फेक्टेड स्तन पर लगातार फीडिंग दर्दनाक और चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन यह इन्फेक्शन को दूर करने में मदद कर सकता है।
  2. यदि बच्चा दूध नहीं पी सकता है, तो अपना दूध निकालें।
  3. फीडिंग के दौरान बच्चे की पोजीशन जांचें। उचित स्थिति और लैचिंग महत्वपूर्ण और सहायक होती है।
  4. पर्याप्त आराम करें।

4. सोर या क्रैक्ड निप्पल

कुछ माएं दर्द भरे और फटे निपल्स के कारण स्तनपान कराते समय गंभीर दर्द का अनुभव कर सकती हैं। यह तब हो सकता है जब बच्चा अच्छी तरह से लैचिंग नहीं करता, या बच्चे को फीडिंग के दौरान सही तरीके से पकड़ा नहीं जाता।

आप क्या कर सकती हैं 

कभी-कभी, कुछ दिनों के बाद सोर निपल्स अपनेआप गायब हो सकते हैं। निप्पल में दर्द होने पर कुछ उपाय निम्नलिखित हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं:

  1. ध्यान रखें कि बच्चे को फीडिंग के दौरान ठीक से पकड़ा जाए। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि बच्चा सही तरीके से लैच करता है। कई पोजीशंस के साथ प्रयोग करें ताकि बच्चा अच्छी तरह से लैच कर सके।
  2. दूध निकालकर निप्पल को लुब्रिकेट करें।
  3. फीडिंग के बाद, निपल्स को पोंछकर सुखा लें।
  4. यदि आपके निप्पल से खून बह रहा है, तो जरूरत हो तो निप्पल शील्ड्स का उपयोग कर सकती हैं।

हालांकि, अगर दर्द और घाववाले निपल्स ठीक न हो रहे हों, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

5. ब्रेस्ट एब्सेस

कुछ दुर्लभ मामलों में यदि मास्टाइटिस के कारण होने वाले संक्रमण का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह ब्रेस्ट एब्सेस यानी फोड़े के रूप में जानी जाने वाली स्थिति को जन्म दे सकता है। इस स्थिति में, आपके स्तन में पस के साथ फोड़ा हो सकता है। यह दर्दनाक होता है और असुविधा पैदा कर सकता है। फोड़े से बचने के लिए एक एहतियाती उपाय बिना देरी के मास्टाइटिस का इलाज है।

आप क्या कर सकती हैं 

ऐसी स्थितियों में, आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। कभी-कभी, फोड़ा अपने आप फूटकर पस निकल जाता है। हालांकि, कुछ गंभीर स्थितियों में, सर्जिकल ड्रेनेज की जरूरत पड़ती है। फोड़ा निकलने के बाद आप डॉक्टर की अनुमति से स्तनपान जारी रख सकती हैं।

6. छाले

स्तनपान के दौरान स्तन में थ्रश या कैंडिडा इन्फेक्शन के कारण असहनीय दर्द हो सकता है। बच्चे अपने मुँह में भी इस इन्फेक्शन को विकसित कर सकते हैं। यह इन्फेक्शन तब हो सकता है जब आपके एक निप्पल में घाव हो, और कैंडिडा फंगस आपके निप्पल या स्तन में घुस जाए। इसके प्रमुख लक्षणों में से एक दर्द है जो फीडिंग के बाद लंबे समय तक रहता है। आपको बच्चे में थ्रश इन्फेक्शन के लिए भी जांच करनी चाहिए। बच्चों में थ्रश का संकेत देने वाले लक्षण नीचे दिए गए हैं:

  • जीभ, होंठ, और मसूड़ों पर सफेद धब्बे या पैच
  • नैपी रैश जो आसानी से न जाते हों

आप क्या कर सकती हैं 

निम्नलिखित कुछ संकेत हैं जो थ्रश का इलाज करते समय सहायक होते हैं:

  1. स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं, विशेष रूप से नैपी बदलने के बाद और इन्फेक्शन को फैलने से रोकने के लिए अलग टॉवेल का इस्तेमाल करें।
  2. ब्रेस्टफीडिंग ब्रा को गर्म पानी से धोएं।
  3. यदि आप दूध निकाल रही हैं, तो इसे फ्रीज न करें।
  4. बच्चे को फीडिंग के बाद आपके निपल्स के आसपास लगाने के लिए डॉक्टर एक क्रीम दे सकते हैं।

7. लेट डाउन रिफ्लेक्स

स्तनपान कराते समय आप दूध निकलने पर झुनझुनी, पिन चुभने जैसा अहसास या स्तन में दर्द का अनुभव कर सकती हैं। लेट डाउन का मतलब है दूध का निकलना। लेट डाउन रिफ्लेक्स तब होता है जब बच्चा आपके स्तन को चूसता है, रोता है, या आप अपने बच्चे के बारे में सोचती हैं। ये एक्शन्स हार्मोन, ऑक्सीटोसिन को सक्रिय करते हैं, जो आपके स्तनों को उत्तेजित करता है। इस उत्तेजना के कारण दूध का रिसाव होता है।

आप क्या कर सकती हैं 

यदि आप गंभीर दर्द का अनुभव करती हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना और यह जांचना उचित है कि कहीं कोई इन्फेक्शन तो नहीं है। हालांकि, यदि इन्फेक्शन नहीं है, तो यह अतिरिक्त दूध के कारण हो सकता है। इसलिए, बच्चे को स्तनपान के समय एक ब्रेस्ट पर लंबे समय तक फीडिंग कराकर तब दूसरे ब्रेस्ट पर जाने की सलाह दी जाती है।

यद्यपि स्तनपान एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन स्तनपान करते समय दर्द के विभिन्न कारणों और इसके उपयुक्त उपायों को समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना हमेशा उचित होता है। जबकि आपका शरीर जानता है कि अलग-अलग समस्याओं का सामना कैसे करें, लेकिन ध्यान रहे कि आप सतर्क हों और अपनी उचित देखभाल करें ताकि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अपने बच्चे के साथ उस अनोखे बंधन में बंधने की खुशी को महसूस कर सकें।

यह भी पढ़ें: 

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श्रेयसी चाफेकर

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