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जब नई माएं स्तनपान कराना शुरू करती हैं तो इस दौरान उनको कई सारी समस्याओं से गुजरना पड़ता है । निप्पल में खुजली की समस्या उत्पन्न होना उन समस्याओं में से एक है। अधिकांश महिलाएं जिन्हें अपने स्तनों में खुजली की परेशानी है, उनकी यह समस्या समय के साथ अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन, अगर खुजली की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और इस कारण आप बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती हैं, तब यह आपके लिए समस्या हो सकती है । स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्तनों में खुजली की क्यों होती है यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
निप्पल या स्तनों में खुजली, स्तनपान की प्रारंभिक अवधि के दौरान सबसे अधिक होती है, परंतु यह किसी भी समय में विकसित हो सकती है। शुरुआती हफ्तों में इससे असुविधा होना लाजमी है, लेकिन इसे समय के साथ खत्म हो जाना चाहिए। हालांकि, अगर दर्द के साथ लंबे समय तक खुजली बनी रहती है और आपको स्तनपान कराने में दिक्कत हो रही हो, तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
आपको खुजली महसूस क्यों होती है, इसके कई कारण हो सकते हैं। इसके सबसे संभावित कारण इस प्रकार हैं:
छाला एक यीस्ट संक्रमण है जो स्तनपान के दौरान निप्पल की खुजली का कारण बनता है। यह कैंडिडा नामक कवक के कारण होता है जो हमारे शरीर पर मौजूद होता है। ये सामान्य रूप से हानिरहित है, लेकिन जब शरीर का कोई भी हिस्सा लंबे समय तक नम या गीला रह जाता है, तो यह संक्रमण का कारण बन सकता है और नियंत्रण से बाहर भी जा सकता है। चूंकि स्तनपान कराने वाली मांओं के निप्पल अक्सर नम होते हैं, इसलिए कैंडिडा संक्रमण और जलन इसका एक सामान्य कारण होता है।
छालों के लक्षण
मैस्टाइटिस बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है, जिससे स्तन में सूजन के साथ स्तन के ऊतकों में गहराई तक दर्द होता है। जब दूध की ग्रंथियों में बहुत ज्यादा मात्रा में दूध इकट्ठा हो जाता है, तो रुके हुए दूध के कारण स्तन में सूजन की समस्या हो जाती है। अगर निप्पल में दरारें पड़ गई हों या उनमें छेद हों, तो इनसे बैक्टीरिया के अंदर जाने की संभावना होती है जिससे यह दूध की ग्रंथियों के साथ उसके आस-पास के ऊतकों को भी संक्रमित कर देते हैं।
मैस्टाइटिस के लक्षण
एक्जिमा त्वचा संबंधी एक बीमारी है, जो त्वचा में खुजली, सूजन और लालिमा का कारण होती है और यह स्तन और निपल्स, दोनें की त्वचा को प्रभावित कर सकती है। एक्जिमा का एक सबसे आम प्रकार है जिसे कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहते हैं। यह मुख्य रूप से बार-बार स्तनपान कराने के परिणामस्वरूप त्वचा पर लगातार घर्षण के कारण होता है।
एक्जिमा के लक्षण
चूंकि स्तन बार-बार भरते और खाली होते हैं, इसलिए स्तन के ऊतकों में हमेशा बदलाव होता रहता है। यह इनके फैलने और सिकुड़ने का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा खिंच जाती है और उसमें खुजली होने लगती है । यह और भी बढ़ सकती है यदि शुष्क मौसम में स्तन की त्वचा को मॉइस्चराइज नहीं किया जाए।
खिंचाव वाली त्वचा के लक्षण
त्वचा में विभिन्न प्रकार के संक्रमण होते हैं, जिससे त्वचा अतिसंवेदनशील हो सकती है। इसमें दाद और खाज जैसे फंगल संक्रमण सबसे आम हैं।
त्वचा संक्रमण के लक्षण
स्तनों में खुजली का इलाज मूल रूप से उसकी स्थिति पर निर्भर करता है। बहुत बार यह खुजली खुद ही समाप्त हो जाती है, बल्कि इसके लिए दवा इत्यादि की भी आवश्यकता गंभीर स्थितियों में ही दी जाती है। आप ऐसी समस्या होने पर बताए गए उपचार का पालन कर सकती हैं।
स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर वही फंगस प्रतिरोधक दवाएं लिख कर देंगे, जो स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए उचित हों और दाद तथा छालों जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए सबसे सही हों । यदि माँ को स्केबीज है, तो स्केबीज के सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने के लिए डॉक्टर आपको इसके लिए दवा से उपचार करने को कह सकते हैं। ऐसे मामलों में, शिशु में भी इसके लक्षणों की जांच की जाती है, क्योंकि यह त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने के कारण आसानी से स्थानांतरित हो जाता है।
स्तन में बैक्टीरिया संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग किया जाता है। ऐसे मामलों में दी जाने वाली दवाएं स्तनपान के अनुकूल होती हैं और इससे बच्चे के स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता है।
एक्जिमा जैसी स्थितियों का इलाज लोशन या क्रीम के साथ किया जाता है, जो खुजली की परेशानी को कम करने में मदद करती है। चूंकि एक्जिमा का इलाज दवाओं के बिना भी संभव है, इसलिए डॉक्टर इसके लिए उपचारात्मक सुझाव दे सकते हैं। इससे शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है। इसलिए, उनकी जांच करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
कई स्थितियां जिनसे स्तनों में खुजली पैदा होती है, उन्हें घर पर भी ठीक किया जा सकता है। जिन महिलाओं को स्तनपान कराते समय स्तनों में खुजली के साथ दर्द होता है, वे इसे ठीक करने के लिए इन घरेलू उपचारों को आजमा सकती हैं।
ब्रा के अंदर पैड रखें, पैड निप्पल पर या रिसाव से किसी भी तरह से निकलने वाले अतिरिक्त दूध को सोख लेंगे। आप इस भाग को सूखा रखने और फंगस को फैलने से रोकने के लिए स्तनों के नीचे समय-समय पर फंगस प्रतिरोधक पाउडर भी लगा सकती हैं। स्तनपान के बाद निप्पल को सूखने देने से उनके दरार पड़ने और संक्रमण को होने से रोका जा सकता है।
हर बार स्तनपान के बाद गर्म पानी से भीगे एक मुलायम कपड़े का उपयोग करके अपने स्तनों को साफ करें। यह बच्चे की लार को साफ करता है, जो लंबे समय तक साफ न किए जाने पर आपकी त्वचा को संवेदनशील कर सकता है। अपने स्तनों और निप्पल को साफ रखने का यह सबसे अच्छा तरीका है।
जैसे हर समय निप्पल का नम रहना समस्या पैदा करता है, वैसे ही इसका शुष्क हो जाना परेशानी का कारण बन सकता है। यदि आपके निप्पल शुष्क होते हैं और फटने लगते हैं, तो उस पर थोड़ा सा मॉइस्चराइजर लगा लें। खासतौर पर दिन के अंतिम स्तनपान के बाद अपने निपल्स को धो लें और मॉइस्चराइजर लगाएं।
चुस्त फिटिंग के कपड़े पहनने से पूरे दिन नमी बनी रहती है जैसे कि ब्रा। यदि आपको खुजली है, तो यह आपकी स्थिति को और खराब कर सकती है। इसलिए ऐसे कपड़े चुनें जो आरामदायक हों। ऐसे कपड़े पहनें जो सूती हों, क्योंकि वे नमी को अवशोषित करते हैं और साथ ही हवादार होते हैं।
नियमित स्तनपान की समय सारणी बनाना उचित तरीका है। इससे आपके स्तन नियमित समय पर रिक्त होते हैं और इनमें होने वाले अतिरिक्त दूध संचय से बचा जा सकता है। बच्चे को ठीक से दूध पिलाते रहने से दूध का अचानक से उत्पादन नही होता है ।
किसी भी नई माँ के लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है कि स्तनपान को लेकर क्या सामान्य है और क्या नहीं। जबकि घरेलू उपचार इस समस्या को हल करने की ओर पहला कदम है, अगर ये लक्षण लंबे समय तक ऐसे ही बने रहते हैं या स्थिति और खराब होने लगती है, तो डॉक्टर से परामर्श अनिवार्य है। यदि आप स्तनपान करा रही हैं और बताए गए किसी भी लक्षण का अनुभव करती हैं, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं ।
स्तनों में होने वाली खुजली से बचने के लिए आपको हर दिन थोड़ी अतिरिक्त देखभाल की जरूरत है। इस लेख को पढ़ कर आप इसके कारण समझ गई होंगी और इसकी रोकथाम के लिए तुरंत कदम उठा सकेंगी ।
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