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क्या बच्चे को दूध पिलाते समय आपको दर्द और असुविधा का अनुभव होता है? क्या आपके निप्पल्स पर सफेद/पीले रंग का पस या ब्लिस्टर निकला है? यदि हाँ, तो हो सकता है कि आपको स्तनपान के दौरान होने वाली सबसे आम समस्या हो जिसे ‘मिल्क ब्लिस्टर’ कहा जाता है। यहाँ मिल्क ब्लिस्टर से संबंधित सभी जानकारियां दी गई हैं, जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
यदि आपके लिए यह समस्या नई है तो आइए इसके बारे में शुरूआत से जानकारी लेते हैं। मिल्क या निप्पल ब्लिस्टर तब होता है जब महिलाओं के निप्पल या एरोला में अतिरिक्त त्वचा बढ़ जाती है। निप्पल में त्वचा के बढ़ने से यह छिद्रों को ब्लॉक कर देता है जिसके कारण स्तनपान के दौरान दूध के बहाव में बाधा आ सकती है। यदि आप सोच रही हैं कि मिल्क ब्लिस्टर कैसा दिखता है तो यह निप्पल्स के एरोला में एक डॉट, छाले या ब्लिस्टर की तरह ही दिखता है। यदि आप अपने ब्रेस्ट को दबाती हैं तो यह पस के रूप में बाहर भी आ सकता है। बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं को मिल्क ब्लिस्टर होने के कारण बहुत अधिक दर्द होता है। यह समस्या कुछ दिनों या कुछ सप्ताह तक भी रह सकती है। कई मामलों में यह ब्लिस्टर फूटने (इसकी ऊपरी त्वचा निकलने) के बाद ठीक हो जाते हैं।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दर्दनाक मिल्क ब्लिस्टर होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;
यदि आप जानना चाहती हैं कि मिल्क ब्लिस्टर्स होने के क्या संकेत या लक्षण हो सकते हैं तो यह शरीर में छोटे छाले या ब्लिस्टर जैसे दिखाई देते हैं। ज्यादातर ब्लिस्टर्स में पस या द्रव भरा होता है जिसकी वजह से इसका आकार अस्थायी भी हो सकता है और यदि इसमें दबाव पड़ता है तो ब्लिस्टर का पस त्वचा के बाहर भी आ सकता है। बच्चे को दूध पिलाते समय कई महिलाओं को मिल्क ब्लिस्टर्स के कारण अधिक दर्द भी होता है। आमतौर पर मिल्क ब्लिस्टर सफेद या पीले रंग का होता है।
मिल्क ब्लिस्टर्स का उपचार करने के लिए आप चाहें तो मेडिकल ट्रीटमेंट की मदद ले सकती हैं या फिर आप घरलू उपचारों से भी इसे ठीक कर सकती हैं। मिल्क ब्लिस्टर्स ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपचारों की सलाह दी जाती है, आइए जानते हैं;
यदि एक बार आपको यह समस्या हो जाए तो आप भविष्य में इसे होने से रोकने के तरीके जरूर जानना चाहेंगी। यहाँ कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं, आइए जानते हैं;
कभी-कभी मिल्क ब्लिस्टर्स होने के कारण आपको अपने बच्चे को दूध पिलाने में बहुत ज्यादा कठिनाई हो सकती है या घरेलू उपचार करने के बाद यह समस्या ठीक नहीं भी होती है। इसके अलावा मिल्क ब्लिस्टर होने से आपको बुखार, इन्फ्लेशन हो सकता है, ठंड लग सकती है या पस भी निकल सकता है। मिल्क ब्लिस्टर्स होने के कारण यदि आप इन में से किसी भी समस्या का अनुभव करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लिस्टर को निकालने के लिए डॉक्टर एक छोटी सी सर्जरी भी कर सकते हैं या आपको कुछ एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह भी दे सकते हैं। कभी-कभी डॉक्टर लानौलिन ऑइंटमेंट लेने की सलाह भी देते हैं। यह ऑइंटमेंट आपके स्तनों को मुलायम रखता है और मिल्क ब्लिस्टर होने से रोकता है। यदि डॉक्टर इसके गंभीर कारण बताते हैं तो लक्षणों के अनुसार आपको अन्य स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
बच्चे के जन्म के बाद कई महिलाओं को विशेषकर अपने बच्चे से संबंधित अनेक चिंताएं होती हैं। ऊपर दी हुई जानकारी के अलावा भी कई महिलाएं मिल्क ब्लिस्टर के बारे में अक्सर कुछ सवाल करती हैं जिनके उत्तर निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
आमतौर पर मिल्क ब्लिस्टर्स एक साथ कई सारे नहीं निकलते हैं और आप स्तनों में सिर्फ एक ब्लिस्टर देख सकती हैं। वहीं अगर सामान्य छालों की बात की जाए तो यह स्तनों में कई सारे भी दिखाई दे सकते हैं। थ्रश या सामान्य छाले एक यीस्ट इन्फेक्शन होता है जिसमें दर्द के साथ-साथ जलन भी हो सकती है। यदि आपको लगता है कि आपको छाले या थ्रश की समस्या हो रही है तो आप बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।
मिल्क ब्लिस्टर्स होने से दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं पर इसका यह मतलब नहीं है कि मिल्क ब्लिस्टर के कारण मैस्टाइटिस हो सकता है। हालांकि कुछ मामलों में यह प्रमाणित हुआ है कि यदि मिल्क ब्लिस्टर्स का उपचार न किया जाए तो इसके परिणामस्वरूप मैस्टाइटिस होने के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
ज्यादातर मामलों में मिल्क ब्लिस्टर अपने आप ही ठीक हो जाता है। यद्यपि अगर आपको कोई असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं तो यह चिंता का विषय भी हो सकता है और ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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