In this Article
- क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान चॉकलेट खाई जा सकती है?
- ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान चॉकलेट की क्रेविंग होना
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैफीन युक्त चॉकलेट का सेवन करना
- ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे पर चॉकलेट में मौजूद कैफीन के प्रभाव
- ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे पर चॉकलेट में मौजूद थियोब्रोमाइन के प्रभाव
- ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँ को चॉकलेट का सेवन कब बंद करना चाहिए?
- क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वाइट चॉकलेट डार्क चॉकलेट से बेहतर विकल्प है?
- क्या आपको चॉकलेट-मिक्स्ड खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आमतौर पर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान खाने की चीजों क्रेविंग होती है, लेकिन अक्सर गर्भावस्था के दौरान और कई बार डिलीवरी के तुरंत बाद भी चॉकलेट की क्रेविंग बहुत ज्यादा होने लगती है। हालांकि थोड़ी बहुत चॉकलेट की क्रेविंग होना या उसका सेवन करना आपके लिए अच्छा है, लेकिन क्या यह आपके बच्चे के लिए भी अच्छा है? ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माएं हमेशा अपने आहार को लेकर चिंतित रहती है कि कहीं उनके कुछ भी खाने से इसका बुरा असर बच्चे पर न पड़े। तो, सवाल यह है कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान चॉकलेट खाना आपके लिए अच्छा है या नहीं? क्या आपको इसे लेकर चिंतित होना चाहिए? तो आइए जानते हैं!
क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान चॉकलेट खाई जा सकती है?
ब्रेस्टफीडिंग करते समय चॉकलेट खाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन आपको सीमित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे के मल की कंसिस्टेंसी चेंज हो गई है या आपको उसके पेट में गैस की समस्या के बारे में पता चलता है, तो आपको अपने चॉकलेट के सेवन पर तब तक अंकुश लगाने की जरूरत है, जब तक आप बेबी को ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद नहीं कर देती हैं।
चॉकलेट में पाए जाने वाले इंग्रीडिएंट
चॉकलेट जो आसानी से उपलब्ध हो जाती है, उसमें निम्नलिखित इंग्रीडिएंट पाए जाते हैं:
- चॉकलेट पीसी हुई थियोब्रोमा कोको के बीज से बनाया गई होती है।
- चॉकलेट के अन्य इंग्रीडिएंट में चॉकलेट लिकर, कोको बटर और चीनी मौजूद होती है।
- चॉकलेट की न्यूट्रिशनल वैल्यू भी होती है और इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, पानी, मिनरल, विटामिन, कैफीन और कोलेस्ट्रॉल होता है।
ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान चॉकलेट की क्रेविंग होना
चूंकि आपको दिन भर में कई बार अपने नवजात शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने की जरूरत होती है और यहाँ तक कि रात में भी आपको थोड़े-थोड़े ब्रेक के बाद बच्चे को फीड कराना होता है, इस दौरान आपकी नींद ठीक से पूरी नहीं हो पाती है, जो कि बहुत कॉमन है। आपके शरीर को आपके बच्चे की जरूरत पर उपस्थित रहने के लिए एक हल्की नींद की जरूरत होती है। जब आपकी शरीर में नींद की कमी होने लगती है, तो दिमाग और डिसिजन मेकिंग एबिलिटी पर प्रभाव डालता है। जिसके कारण आपकी क्रेविंग और भूख कंट्रोल के बाहर हो जाती है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैफीन युक्त चॉकलेट का सेवन करना
कैफीन युक्त चॉकलेट का सेवन करने से बच्चे की हेल्थ पर खराब असर पड़ सकता है, जब आप उसे ब्रेस्टफीडिंग करा रही हों।
- यदि आप एक दिन में 500 मिलीग्राम से अधिक कैफीन या थियोब्रोमाइन का सेवन कर रही हैं, तो आपका बच्चा इससे इर्रिटेट हो सकता है। वह बहुत चिड़चिड़ा हो सकता है और गहरी नींद में नहीं सो सकता।
- जो माएं डार्क चॉकलेट की शौकीन हैं, उनके लिए बेहतर यह है कि वे इसके बजाय वाइट चॉकलेट का सेवन करें जिसमें कैफीन की मात्रा कम होती है।
ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे पर चॉकलेट में मौजूद कैफीन के प्रभाव
कैफीन बच्चों के लिए बहुत हाई होता है और इसे उनके सिस्टम में एडजस्ट होने के लिए काफी समय लगता है। ब्रेस्टफीडिंग करते समय अगर माँ बहुत ज्यादा चॉकलेट का सेवन करती है, तो इससे बच्चे के पेट में जलन और अनिद्रा समस्या हो सकती है। इससे हाइपरएक्टिविटी भी हो सकती है। चॉकलेट के माध्यम से कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन करने से ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन कम होने लगता है।
ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे पर चॉकलेट में मौजूद थियोब्रोमाइन के प्रभाव
यदि ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँ एक सीमित मात्रा में चॉकलेट का सेवन कर रही है, तो थियोब्रोमाइन चिंता का कारण नहीं है। हालांकि, यदि आप अपने आहार में भी बहुत ज्यादा कैफीन शामिल कर रही हैं और अन्य कोको प्रोडक्ट का भी सेवन कर रही हैं, तो बच्चे में बहुत ज्यादा गैस बनने के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। थियोब्रोमाइन कोको सॉलिड का एक प्रमुख इंग्रीडिएंट है, इसलिए डार्क चॉकलेट में मिल्क चॉकलेट की तुलना में थियोब्रोमाइन ज्यादा लेवल में मौजूद होता है।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँ को चॉकलेट का सेवन कब बंद करना चाहिए?
यदि आप चॉकलेट का सेवन करने के बाद बच्चे में नीचे बताए गए साइड इफेक्ट देखती हैं, तो आपको इसका सेवन बंद कर देना चाहिए या फिर इसके सेवन में कमी कर देनी चाहिए।
- उल्टी
- गैस बनना
- चिड़चिड़ापन
- अनिद्रा
- डायरिया
- मतली
- हाइपरएक्टिविटी
- दूध पीने में अरुचि होना
क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वाइट चॉकलेट डार्क चॉकलेट से बेहतर विकल्प है?
बिल्कुल हाँ! डार्क चॉकलेट में कोको सॉलिड होते हैं, इसलिए कैफीन और थियोब्रोमाइन का लेवल भी हाई होता है। वाइट चॉकलेट में कैफीन की मात्रा कम होती है और इसमें कोको सॉलिड या थियोब्रोमाइन नहीं होता है। इसलिए वाइट चॉकलेट बेहतर विकल्प माना जाता है।
क्या आपको चॉकलेट-मिक्स्ड खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?
खाने के साथ चॉकलेट एक इंग्रीडिएंट के रूप में होना पूरी तरह से आपके लिए मना नहीं है, लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चा इसके प्रति कैसे रिएक्ट करता है। यदि बच्चे को इससे कोई परेशानी नहीं होती है, तो आप चॉकलेट कुकीज, दूध और केक आदि अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। हालांकि, आप चॉकलेट में मौजूद गाय के दूध, अंडा या अन्य इंग्रीडिएंट के प्रति होने वाली इन्टॉलरेंस के संकेत को चेक करें, क्योंकि कुछ बच्चों को इससे एलर्जी हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या मैं ब्रेस्टफीडिंग के दौरान चॉकलेट लैक्सेटिव का सेवन कर सकती हूँ ?
आप कुछ मेडिकेशन जैसे चॉकलेट लैक्सेटिव का विकल्प चुन सकती हैं, जो ब्रेस्ट मिल्क के माध्यम से बच्चे में प्रवेश कर सकते हैं और बच्चे को इससे कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। हालांकि, इसे लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
2. क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान हॉट चॉकलेट पीना सुरक्षित है?
आप कभी-कभार हॉट चॉकलेट पी सकती हैं। हालांकि, आपको बच्चे में होने वाली गैस प्रॉब्लम पर नजर रखनी चाहिए। यदि आप इसे नोटिस करती हैं, तो आपको कुछ समय के लिए इसका सेवन बंद करने की जरूरत है, जब तक कि आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद नहीं कर देती हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि चॉकलेट ज्यादातर लोगों को पसंद होती है। हालांकि, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसे मॉडरेशन में खाने से आपको कोई परेशानी नहीं होती है। फिर भी अगर आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान चॉकलेट का सेवन करने को लेकर चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। अगर आप बच्चे में कोई भी साइड इफेक्ट को नोटिस करती हैं, तो अच्छा होगा कि आप इसका सेवन तब तक के लिए बंद कर दें, जब तक के लिए आप बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना जारी रखती हैं।
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