शिशु

ब्रेस्टमिल्क का प्रोडक्शन बंद करने के 12 बेस्ट तरीके

ब्रेस्टमिल्क के उत्पादन को बंद करने के लिए प्राकृतिक रूप से बच्चे का दूध छुड़ाना ही सबसे बेहतर है क्योंकि यह धीरे-धीरे होता है। इससे माँ और बच्चे को भावनात्मक रूप से पर्याप्त समय मिलता है और साथ ही शारीरिक रूप से बदलाव में एडजस्ट होने का समय भी मिलता है। 

पर कभी-कभी लैक्टेटिंग मांएं कई कारणों से अचानक ही वीनिंग का निर्णय लेती हैं, जैसे मेडिकल समस्याओं के कारण या बच्चे की मृत्यु की वजह से। अचानक ही वीनिंग से लैक्टेटिंग मांओं पर शारीरिक व मानसिक प्रभाव पड़ता है, जैसे मैस्टाइटिस होने का खतरा, ब्लॉक्ड डक्ट्स, कुछ छूटने का एहसास और दुःख। इसलिए यह जरूरी है कि आप ब्रेस्टमिल्क को प्रभावी रूप से जल्दी बंद करने के लिए एक योजना बनाएं। 

लैक्टेशन बंद करने के कारण

कई माँएं ब्रेस्टमिल्क बंद करने का विचार कर सकती हैं। ऐसा क्यों है, आइए जानें;

1. यदि आप बच्चे को दूध नहीं पिलाना चाहती हैं

यदि आप अपने बच्चे को कुछ पर्सनल कारणों से दूध नहीं पिलाना चाहती हैं पर फिर भी ब्रेस्टमिल्क बढ़ रहा है जिससे ब्रेस्ट भारी हो रहे हैं। इससे दर्द व असुविधा होती है। 

2. यदि आप बच्चे से ब्रेस्टमिल्क छुड़ाना चाहती हैं

बच्चे के बढ़ने के साथ आप उसे फार्मूला दूध या सॉलिड फूड खिलाना शुरू करना चाहती हैं। इस वजह से बच्चा ब्रेस्टमिल्क कम पिएगा। जिसके परिणामस्वारूप दूध  ब्रेस्ट में इकट्ठा होता है और इससे समस्याएं होती हैं। 

3. यदि आप बच्चे को दूध नहीं पिला पा रही हैं

कभी-कभी आपको मेडिकल समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे मैस्टाइटिस (ब्रेस्ट इन्फेक्शन) या ब्लॉक्ड डक्ट्स जिसकी वजह से ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दर्द होता है। कुछ ट्रीटमेंट, जैसे कीमोथेरेपी कराने से भी मांओं के पास ब्रेस्टफीडिंग रोकने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं रह जाता है। 

4. बच्चे के दूध न पीने पर भी यदि ब्रेस्ट से दूध डिस्चार्ज होता है

बच्चे को फॉर्मूला मिल्क पिलाना या सॉलिड फूड देना शुरू करने पर भी कभी-कभी ब्रेस्ट से लगातार दूध निकलता रहता है। ऐसी स्थिति में असुविधाओं को कम करने के लिए लैक्टेशन सप्रेस करने की जरूरत पड़ती है। 

5. यदि बच्चे की अचानक मृत्यु हो जाती है

गंभीर मामलों में बच्चे की मृत्यु होने के बाद या माँ ने बच्चे को अडॉप्शन के लिए दिया हुआ है तो वह ब्रेस्टमिल्क बंद करना चाहेगी। 

ब्रेस्टमिल्क का प्रोडक्शन कैसे बंद करें

बच्चे का दूध हमेशा धीरे-धीरे ही छुड़ाना चाहिए। यदि आप बच्चे को अचानक से दूध पिलाना छोड़ देती हैं तो इससे ब्रेस्ट में दर्द व सूजन की समस्या होती है जिसके परिणामस्वरूप आपको मैस्टाइटिस हो सकता है। आप ब्रेस्टमिल्क का उत्पादन कैसे बंद कर सकती हैं, आइए जानें; 

  • बच्चे को दिन में एक दो बार सब्स्टीट्यूट खाद्य पदार्थ दें और धीमे-धीमे दूध पिलाना बंद करें। इससे शरीर को बदलाव स्वीकार करने के लिए समय मिल जाता है और ब्रेस्टमिल्क का उत्पादन भी कम होता है।
  • निप्पल्स को उत्तेजित न करें क्योंकि इससे दूध का उत्पादन होने लगता है।
  • बार-बार दूध को पंप न करें क्योंकि इससे शरीर को ज्यादा दूध उत्पन्न करने के संकेत मिलते हैं। यदि आपको बहुत भारी महसूस होता है तो हाथ से ही दूध पंप कर लें ताकि आपको अजीब महसूस न हो।
  • ब्रेस्टमिल्क को सप्रेस करने के लिए डॉक्टर की सलाह से दवाई ली जा सकती है।
  • डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर में दूध उत्पन्न होता है। आप दूध की आपूर्ति को कम करने के लिए हाइड्रेटेड रहें। इस बात का भी ध्यान रखें कि कुछ स्टडीज के अनुसार ज्यादा पानी पीने से दूध की आपूर्ति नहीं बढ़ती है।
  • आप ब्रेस्टमिल्क के उत्पादन को कम करने के लिए होम रेमेडीज का उपयोग भी कर सकती हैं, जैसे सेज टी। अपनी पसंदीदा टी में सेज का एसेंस भी डालें।
  • विटामिन बी6 का सेवन करने से दूध आना कम हो जाता है क्योंकि विटामिन बी6 से शरीर में प्रोलैक्टिन प्लाज्मा रिलीज नहीं होता है जो मुख्य रूप से दूध का उत्पादन करता है।
  • दूध की आपूर्ति इस पर निर्भर करती है कि आप ब्रेस्टमिल्क को रोजाना किस प्रकार से निकालती हैं। आप धीमे-धीमे कम मात्रा में दूध निकालने का प्रयास करें।
  • आप एक बार में एक फीड बंद करें। पहले दिन के दौरान बच्चे का दूध छुड़ाएं और फिर रात का।
  • आप बच्चे को ‘न दूध पिलाने’ और इसे ‘न मना करने’ वाला तरीका अपनाएं। इसमें बच्चे को खुद से ब्रेस्टफीड कराने के लिए न जाएं लेकिन साथ ही उसके मांगने पर मना भी न करें।
  • दूध पिलाना टालना भी एक बेहतर तरीका है। यदि बच्चा ब्रेस्टमिल्क पीना चाहता है तो आप उसे अभी के लिए मना करें। इससे बच्चा इन्तजार करना सीखेगा और बाद में यदि वह कहीं व्यस्त हो जाता है तो उसे याद न दिलाएं।
  • फीडिंग सेशन का समय कम करती जाएं, जब तक यह बिलकुल बंद न हो जाए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन भी हर माँ को कम कम कम से कम 6 महीने के लिए केवल ब्रेस्टफीड कराने की सलाह देता है। 6 महीने के बाद उसके 2 साल का होने तक बच्चे को ब्रेस्टमिल्क के साथ सॉलिड फूड देना शुरू करें। 

ब्रेस्टमिल्क बंद होने में कितना समय लगता है?

ब्रेस्टमिल्क को सूखने में महीनों से लेकर एक साल तक का समय लगता है। जब तक माँ को कोई भी समस्या या तकलीफ नहीं होती है तब तक यह नॉर्मल है। 

ब्लॉक्ड डक्ट्स और मैस्टाइटिस कैसे ठीक करें

मैस्टाइटिस ब्रेस्ट इन्फेक्शन का ही एक रूप है जिसमें ब्रेस्ट के टिश्यू में सूजन आती है और दर्द भी होता है। जब ब्रेस्ट भरे हुए होते हैं तो इससे डक्ट ब्लॉक हो जाता है और दूध साफ नहीं हो पाता है। इसकी वजह से आसपास के टिश्यू में सूजन आने लगती है। इस समस्या में ब्रेस्ट में बहुत दर्द होता है और त्वचा लाल पड़ जाती है। प्रभावित मांओं में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे दर्द और कंपकंपी। ब्लॉक्ड डक्ट्स और मैस्टाइटिस को ठीक करने के कुछ तरीके निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • पूरा ब्रेस्टमिल्क निकाल लें ताकि ब्रेस्ट पूरा न भरे और इससे आगे की समस्याएं न बढ़ें।
  • दूध एक्सप्रेस करने के लिए अपने ब्रेस्ट और डक्ट लाइन पर आराम से मालिश करते हुए निप्पल तक जाएं।
  • आप प्रभावित ब्रेस्ट में वॉर्म कंप्रेस का उपयोग करके दूध एक्सप्रेस करने का प्रयास करें।
  • ब्रेस्ट पर मालिश करते समय दूसरे हाथ से इसे सहारा दें। इससे आपकी तकलीफ कम होगी। मालिश के लिए ऑयल का उपयोग करने से आराम मिलता है।
  • गुनगुने पानी से स्नान करते समय या गुनगुने पानी से भरे बाथटब में बैठने के बाद अपने हाथ से ब्रेस्टमिल्क निकालने की कोशिश करें।
  • यदि आप प्रभावित ब्रेस्ट में कोल्ड पैक्स या कोल्ड पत्तागोभी की पट्टियां रखती हैं तो इससे दर्द व सूजन कम करने में मदद मिलेगी।
  • यदि आपको बुखार होता है और ब्लॉकेज साफ नहीं हुआ है तो डॉक्टर को दिखाएं क्योंकि इसका इलाज न करने से ब्रेस्ट में मैस्टाइटिस का इन्फेक्शन हो सकता है।
  • हल्की-फुलकी पेन किलर, जैसे एसिटामिनोफेन या आइबूप्रोफेन लेने से दर्द व सूजन कम होने में मदद मिलती है। कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

ध्यान देने योग्य अन्य बातें

इस समय आपको फर्म और अच्छी फिटिंग वाली ब्रा पहननी चाहिए। ब्रेस्ट पैड्स दूध के डिस्चार्ज को सोख सकते हैं। यदि कुछ भी काम नहीं करता है और आपके ब्रेस्ट में दर्द व तकलीफ होती है तो आप इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप की मदद से पूरा ब्रेस्टमिल्क निकाल लें। आप इस बारे में डॉक्टर से पूरी जानकारी जरूर लें। 

कभी-कभी महिलाओं को मेडिकल ट्रीटमेंट, जैसे कीमोथेरेपी के लिए ब्रेस्टफीडिंग बंद करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में यदि माँ चाहे तो वह अपने बच्चे को ब्रेस्टमिल्क दे सकती है। कुछ मामलों में यदि किसी कारण से बच्चे की मृत्यु हो जाती है तो उसकी माँ चाहे तो वह अन्य बच्चों को ब्रेस्टमिल्क प्रदान कर सकती है। कुछ मिल्क बैंक और नॉन प्रॉफिटेबल ऑर्गेनाइजेशन भी है जहाँ पर मांएं अन्य बच्चों की मदद के लिए ब्रेस्टमिल्क डोनेट करती हैं। यह नर्सिंग मांओं के लिए एक हीलिंग अनुभव होता है क्योंकि इससे वे अपने बच्चे को खोने के दुःख और पीड़ा से निजात पाने का प्रयास करती हैं। 

कई कारणों के बावजूद भी आपको लैक्टेशन सप्रेशन के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना जरूरी है। इस दौरान दूध का उत्पादन कम होगा इसलिए हॉर्मोन्स में भी काफी उतार-चढ़ाव होगा और मूड स्विंग्स होंगे। इसलिए इस समय शारीरिक व मानसिक रूप से सपोर्ट सिस्टम को बनाए रखना जरूरी है। 

यह भी पढ़ें:

फ्लैट या उल्टे निप्पल के साथ ब्रेस्टफीडिंग
शिशु और माँ के लिए स्तनपान के फायदे
सोर निप्पल – निप्पल में घाव और दर्द

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Favourite Teacher In Hindi)

शिक्षक हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह केवल किताबों से ज्ञान नहीं…

2 weeks ago

मेरा देश पर निबंध (Essay On My Country For Classes 1, 2 And 3 In Hindi)

मेरा देश भारत बहुत सुंदर और प्यारा है। मेरे देश का इतिहास बहुत पुराना है…

2 weeks ago

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay On The Importance Of Education In Hindi)

शिक्षा यानी ज्ञान अर्जित करने और दिमाग को सोचने व तर्क लगाकर समस्याओं को हल…

2 weeks ago

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

3 weeks ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

3 weeks ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

3 weeks ago