In this Article
आपने सुना होगा कि माँ का दूध बच्चे के लिए सबसे ज्यादा हेल्दी और फायदेमंद माना जाता है। आमतौर दूध का रंग सफेत होता है जो हमे गाय से प्राप्त होता है, इसलिए हम समझते हैं की ब्रेस्टमिल्क भी सफेद होता है। हालांकि, ब्रेस्ट मिल्क के कलर में भी कई वेरिएशन होता है। कभी-कभी, ऐसा हो सकता है कि नर्सिंग के दौरान आपको ब्रेस्ट मिल्क के कलर में और इसके टेक्सचर में कुछ चेंजेस देखने को मिल सकते हैं। अगर आप को भी ऐसा कुछ अनुभव होता है, तो घबराएं नहीं। बल्कि इस विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करें, कि क्या नॉर्मल है क्या नहीं और आपको कब अपने डॉक्टर के पास जाना चहिए? वो आपको इस कंडीशन से बाहर निकालने के लिए कोई बेहतर रस्ता बताएंगे।
ब्रेस्ट मिल्क कितने प्रकार और रंग के होते हैं?
ब्रेस्ट मिल्क चार प्रकार के होते हैं और सब का कलर अलग होता है। ब्रेस्ट मिल्क के चार प्रकार इस प्रकार होते हैं:
कोलोस्ट्रम
कोलोस्ट्रम वो पहला ब्रेस्ट मिल्क है जो बच्चे के जन्म के बाद माँ का शरीर प्रोड्यूस करता है। कोलोस्ट्रम मिल्क कम मात्रा में प्रोड्यूस होता है और यह बच्चे के जन्म के बाद शुरुआती कुछ दिनों तक जारी रहता है। यह बहुत ज्यादा गाढ़ा होता है। दूध का रंग क्रीमी, पीला या ऑरेंज हो सकता है। कोलोस्ट्रम नूट्रीयंट से भरपूर होता है और इसमें एंटीबॉडी मौजूद होते हैं। यह बच्चों के लिए किस तरह फायदेमंद होता है आपको नीचे बताया गया है:
- यह बच्चे के इम्यून सिस्टम का निर्माण करता है
- उनके पाचन तंत्र को स्ट्रोंग करता है
- इसके लैक्सटिव गुण होने के कारण बच्चे पहला मल त्याग कर पाते हैं
बीटा-कैरोटीन के लेवल हाई होने से कोलोस्ट्रम को गहरे पीले या ऑरेंज कलर का हो जाता है।
ट्रांजीशन मिल्क
बच्चे के जन्म के कुछ दिनों के बाद, ब्रेस्ट मिल्क का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। शुरुआती कुछ दिनों के लिए कोलोस्ट्रम प्रोड्यूस करने के बाद आपका शरीर ट्रांजीशन मिल्क प्रोड्यूस करने लगता है। इस मिल्क को ट्रांजीशन पीरियड के अंतर्गत रखा जाता है जिसमें दूध कोलोस्ट्रम मिल्क से मैच्योर मिल्क में बदल जाता है। यह दो सप्ताह तक ऐसा हो सकता है फिर ब्रेस्ट मिल्क का रंग सफेद या क्रीमी हो जाता है। ट्रांजीशन मिल्क कोलोस्ट्रम और मैच्योर मिल्क का एक कॉम्बिनेशन होता है। पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं में दूसरी बार जन्म देने वाली महिलाओं की तुलना में ट्रांजीशन मिल्क देर से आना शुरू होता है।
ट्रांजीशन मिल्क में कोलोस्ट्रम और मैच्योर मिल्क दोनों के पोषक गुण मौजूद होते हैं। ट्रांजीशन मिल्क से जुड़ी कुछ जरूरी बातें आपको नीचे दी गई हैं:
- प्रोटीन और एंटीबॉडी की मात्रा कम हो जाती है
- फैट, शुगर और कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है
- फैट, शुगर और कैलोरी के बढ़ने से बच्चे का वजन भी बढ़ता है
मैच्योर मिल्क
जब बच्चा तीन से चार सप्ताह के आसपास का होता है और आपने ट्रांजीशन मिल्क के चरण को पार कर चुकी होती हैं, तो आपका शरीर मैच्योर मिल्क प्रोड्यूस करना शुरू कर देता है। दूध में मौजूद फैट कंटेंट के हिसाब से इसका कलर चेंज होता है। आमतौर पर, जब मैच्योर मिल्क आपके ब्रेस्ट से बाहर निकलने लगता है, तो इसमें फैट बहुत कम होता है और यह काफी पतला होता है। यह फोरमिल्क होता है और साफ दिखता है या हल्के नीले रंग का नजर आता है।
जैसे-जैसे यह दूध निकलता रहता है, इसमें फैट बढ़ता जाता है और दूध क्रीमी हो जाता है। यह हिंडमिल्क होता है, जो गाढ़ा और सफेद या पीले रंग का होता है। जैसे ही आपका बच्चा बड़ा होने लगता है, मैच्योर मिल्क चेंज होने लगता है, पहले महीने में प्रोड्यूस होने वाला मैच्योर मिल्क पाँचवें महीने तक चेंज हो जाता है। यहाँ तक दिनभर में बदलता रहता है। प्रोटीन, फैट और लैक्टोज की मात्रा एक दिन के अलग-अलग हो सकती है।
आपके बच्चे को क्या चाहिए, इसके आधार पर भी दूध का रंग चेंज होता रहता है। यदि बच्चे को कोल्ड है, तो बात की संभावना हो सकती है कि दूध का रंग पीला हो।
वीनिंग मिल्क
बच्चे के ठोस आहार शुरू होने के बाद आपका शरीर वीनिंग मिल्क प्रोड्यूस करता है। जब तक आप बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती रहेंगी तब तक मिल्क प्रोडक्शन होता रहेगा। जैसे ही आप बच्चे को फीड कराना छोड़ देंगी मिल्क प्रोडक्शन अपने आप ही रुक जाएगा। यह दूध आपको कोलोस्ट्रम की तरह ही दिखाई दे सकता है।
किन कारणों से ब्रेस्ट मिल्क का कलर चेंज होता है?
हालांकि आपको ऊपर अलग-अलग प्रकार के ब्रेस्ट मिल्क के बारे में बताया गया है, इसके बावजूद भी फेजेज के आधार पर आप ब्रेस्ट मिल्क कलर में कुछ चेंजेस देख सकती हैं, आपके ब्रेस्ट मिल्क का कलर नीचे बताए गए फैक्टर पर भी आधारित हो सकता है:
- जो भोजन आप लेती हैं
- न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट
- दवाएं
- हर्ब्स या नेचुरल फूड कलर
- आर्टिफिशियल फूड कलर
ब्रेस्ट मिल्क में होने वाले इन चेंजेस के अलावा आप अपनी डाइट में क्या ले रही है, यह फैक्टर आप और आपके बच्चे के यूरिन कलर को प्रभवित कर सकता है। हालांकि ब्रेस्ट मिल्क में इससे होने वाले चेंजेस नॉर्मल हैं और इससे बच्चे पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन फिर भी आपको यह सलाह दी जाती है ऐसे मामलों में आपका अपने डॉक्टर से मिलना बेहतर रहेगा।
नॉर्मल/सामान्य ब्रेस्ट मिल्क
ज्यादा ब्रेस्ट मिल्क में कलर चेंजेस आपकी डाइट की वजह से होता है। हालांकि यह एक हेल्दी ब्रेस्ट मिल्क कलर होता है, इसमें चिंता वाली कोई बात नहीं है। यहाँ आपको नॉर्मल ब्रेस्ट मिल्क के बारे में बताया गया है:
ब्लू या क्लियर ब्रेस्ट मिल्क
जब आप पहली बार फीड कराना या पंप करना शुरू करती हैं, तो दूध में फैट और गाढ़ापन कम होता है। आप इस दूध में हल्का सा नीलापन देख सकती हैं। जब आप लगातार फीड कराती हैं तो फैट बढ़ने लगता और इसका कलर भी चेंज हो जाता है और यह चेंज हो कर क्रीमी शेड में दिखाई देने लगता है।
पीला ब्रेस्ट मिल्क
कोलोस्ट्रम या पहले फीडिंग पीले या कभी-कभीऑरेंज कलर में होती है। इस दूध को “लिक्विड गोल्ड ब्रेस्ट मिल्क’’ भी कहा जाता है। बीटा-कैरोटीन, जिसमें सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते है, यह कोलोस्ट्रम मिल्क में हल्के पीले या ऑरेंज कलर का नजर आता है। यदि आप कोलोस्ट्रम फेज के बाद भी ब्रेस्ट मिल्क में पीले या ऑरेंज कलर को नोटिस करती हैं, तो यह आपके द्वारा ली जाने वाली डाइट के कारण है। यदि आप गाजर, यम, या स्क्वैश का सेवन करती हैं, तो आपके ब्रेस्ट मिकल का कलर बदल सकता है। वो ब्रेस्ट मिल्क जिसे स्टोरेज में रखा जाता है उसका कलर भी पीला होता है।
असामान्य ब्रेस्ट मिल्क
पीले, नीले, और क्रीम शेड्स के अलावा, आप कुछ ब्रेस्ट मिल्क के कुछ असामान्य कलर को भीं नोटिस कर सकती हैं, जिसे देख कर आप चिंतित हो सकती हैं। हालांकि इनमें से कुछ कलर समस्या का कारण नहीं होते हैं, लेकिन अगर आपको कोई डाउट हो तो आपको तुरंत ओने डॉक्टर के पास जाना चाहिए। कुछ असामान्य कलर इस प्रकार हो सकते हैं:
ग्रीन ब्रेस्ट मिल्क
यदि आप एक हेल्दी डाइट ले रही हैं, जिसमें हरी सब्जियां, साग का जूस या आर्टिफिशियल कलर शामिल हैं, तोन आपके ब्रेस्ट मिल्क का कलर हरा होने की संभावना होती है। हरा कलर आयरन सप्लीमेंट लेने के कारण भी हो सकता है। भोजन में पाए जाने वाले पोषक तत्व ब्लड के जरिए अब्सॉर्ब हो जाते हैं। आपका शरीर ब्लड की मदद से सभी पोषक तत्वों को लेता है और दूध तैयार करता है। इसलिए, यदि आप हरी पत्तेदार सब्जियां खा रही हैं, तो आपके ब्रेस्ट मिल्क का कलर हरा हो सकता।
रेड या पिंक ब्रेस्ट मिल्क
यदि आप अपनी डाइट में चुकंदर और रेड या ऑरेंज कलर के जूस शामिल करती हैं तो आपके ब्रेस्ट मिल्क का कलर पिंक हो सकता है।
ब्राउन, रस्ट ब्रेस्ट मिल्क
कभी-कभी, ब्रेट्स मिल्क का कलर डार्क ब्राउन, रस्ट या ब्लड कलर का नजर आता है। इसका मतलब है कि दूध के साथ खून आ रहा है। इसके सबसे बड़ा कारण होता है क्रैक निप्पल, इसकी वजह से दूध का कलर बदल जाता है। कभी-कभी, जब आपके ब्लड आपके ब्रेस्ट के अंदर मिल्क डक्ट के मिलता है तो दूध के साथ खून आने लगता है। यह ब्लड कैपलेरी के फटने या सेराटिया मार्सेकेन्स के कारण भी हो सकता है, जो एक बैक्टीरिया है।
हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि दूध के साथ ब्लड आना बच्चे के लिए हानिकारक नहीं होता है, लेकिन ऐसा लबे समय तक जारी रहता है तो आपको यह सलाह दी जाती है कि आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
ब्लैक ब्रेस्ट मिल्क
हो सकता है कि आप ब्रेस्ट मिल्क कलर में होने वाले चेंजेस को देख कर परेशान हो जाएं, लेकिन ब्लैक ब्रेस्ट देख कर आप बहुत ज्यादा घबरा सकती हैं। यह ब्लैक कलर दवाओं के कारण हो सकता है। आमतौर पर, ब्लैक कलर एंटीबायोटिक से संबंधित होता है जैसे, मिनोसिन या मिनोसाइक्लिन आदि। यह एंटीबायोटिक त्वचा को काला कर देते हैं। इसे बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान लेने की सलाह नहीं दी जाती है, इसलिए अगर आप बच्चे को फीड करा रही हैं तो डॉक्टर को यह बात बताएं। यह जानकारी डॉक्टरों को आपके के लिए आगे दवा लिखने में मदद करेगी जो बच्चे को प्रभावित न करे।
यदि आप ब्रेस्ट मिल्क को ब्लैक कलर में चेंज होते हुए नोटिस करती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।
क्या यह नॉर्मल है कि एक ब्रेस्ट दूसरे ब्रेस्ट से अलग मिल्क प्रोड्यूस करता है?
कभी-कभी, आप यह नोटिस कर सकती हैं दोनों ब्रेस्ट से अलग-अलग कलर का मिल्क प्रोड्यूस हो रहा है। लेकिन यह पूरी तरह से नॉर्मल है। इसका मुख्य कारण फोरमिल्क हो सकता है।
यदि आप लंबे समय तक एक ही ब्रेस्ट से बच्चे को फीड कराती हैं और दूसरे ब्रेस्ट का उपयोग नहीं करती हैं, तो जिस ब्रेस्ट का इस्तेमाल फीडिंग के लिए कम किया जाता है उसका कलर बदल सकता है।
इन सभी ब्रेस्ट मिल्क कलर के वेरिएशन जाने के बाद आप सोच में पड़ सकती हैं कि पहली बार में ब्रेस्ट मिल्क का कैसा कलर होता है? जैसे कि आपको पहले भी बताया गया है कि पहला दूध, कोलोस्ट्रम, पीले या ऑरेंज कलर का हो सकता है। हालांकि, बाद के स्टेज में जब मैच्योर मिल्क आना शुरू होता है, तो यह स्पष्ट होता है या नीले रंग का होता है।
डॉक्टर से कब परामर्श करें
ब्रेस्ट मिल्क के कलर का बदलना नॉर्मल है, लेकिन कुछ कारण हैं जिसकी वजह से आपको अपने डॉक्टर को दिखाने की जरूरत पड़ सकती है। यह बहुत जरूरी है कि आप सभी खाद्य पदार्थ, दवा और सप्लीमेंट को नोट करें जो आप नर्सिंग के दौरान ले रही हैं। ब्रेस्ट मिल्क बच्चे के लिए कभी भी असुरक्षित नहीं होता है, इसलिए बच्चे को दूध पिलाना बंद न करें।
नीचे आपको कुछ ऐसी कंडीशन के बारे में बताया गया है जिसमें आपको एक डॉक्टर की सलाह की जरूरत पड़ सकती है:
- अगर आप नोटिस करती हैं कि एक्सप्रेस्ड मिल्क का कलर ब्लैक या ब्लड मिक्स्ड दिखाई दे रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
- यदि ब्रेस्ट मिल्क का कलर अजीब दिख रहा है और न ही आप ऐसा कोई आहार ले रही हैं जिसकी वजह से ऐसा हो रहा हो, तो आपके डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- यदि आप कोई दवा या सप्लीमेंट ले रही हैं, तो इस बात को ध्यान में रखें कि यह जानकारी आप अपने डॉक्टर को दें।
इसके अलावा डॉक्टर से अपनी मेडिसिन के नाम और इसकी डोज के बारे में भी जानकारी देना न भूलें। आपको हमेशा यह सलाह दी जाती है कि खुद से कोई भी मेडिसिन या सप्लीमेंट लेने से पहले आप आप अपने डॉक्टर से एक बार जरूर पूछ लें।
ब्रेस्ट मिल्क बच्चे के लिए सबसे बेहतरीन भोजन होता है, जो बच्चे की सभी जरूरतों को पूरा करता है। इसलिए ब्रेस्ट मिल्क के कलर चेंज होने से उसकी फीडिंग में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए, अगर कोई डाउट होता है तो डॉक्टर के पास जाएं और ब्रेस्ट मिल्क के सभी शेड्स के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
यह भी पढ़ें:
थायराइड का स्तनपान पर प्रभाव
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन घटाने के तरीके