प्राकृतिक प्रसव बच्चे को जन्म देने का सबसे आम तरीका है। हालांकि, अगर कुछ जटिलता हो, तो डॉक्टर माँ और बच्चे की सुरक्षा के लिए सिजेरियन का सुझाव दे सकते हैं। निम्नलिखित मामलों में सिजेरियन की आवश्यकता हो सकती है:

  • अगर बच्चे का सिर नीचे की ओर हो।
  • अगर बच्चा श्रोणि से गुजरने के लिए बहुत बड़ा है।
  • यदि बच्चा संकट में है।
  • यदि माँ के लिए स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ हैं और वह बेहद तीव्र दवाएँ ले रही है।
  • यदि माँ प्रसव पीड़ा सहने में असमर्थ है।
  • जब माँ के पेट में एक से अधिक बच्चे हों।
  • इनके अलावा, ऐसी कई अन्य स्थितियाँ होती हैं जिनमें सिजेरियन करना पड़ सकता है, और यह आवश्यक है या नहीं इसे बताने में डॉक्टर की राय बेहद महत्वपूर्ण है।

सिजेरियन कैसे किया जाता है?

सिजेरियन सर्जरी में, माँ के पेट और गर्भाशय में एक चीरा लगाया जाता है, और बच्चे को इसके माध्यम से बाहर निकाला जाता है। माँ को निश्चेतना की दवा दी जाती है और, ज्यादातर मामलों में, वह ऑपरेशन के दौरान जाग रही होती है।

सिजेरियन के बाद कैसा लगता है?

प्राकृतिकप्रसव की तरह सीसेक्शन बच्चे को जन्म देने की ही एक प्रक्रिया है, और बच्चे को पकड़ते समय माँ को जो आनंद और खुशी मिलती है, उसमें कोई अंतर नहीं होता ।

हालांकि कुछ माताएँ सामान्य रूप से प्रसव नहीं कर पाने के कारण निराश महसूस करती हैं, विशेषकर ऐसी माएँ जिनका सीसेक्शन अनियोजित था। विभिन्न कारणों से, एक सीजेरियन प्रक्रिया आपकी शारीरिक स्थिति को भी प्रभावित करती है। कुछ माताओं को शस्त्रक्रिया के ठीक बाद वमन जैसा महसूस हो सकता है, और यह स्थिति 48 घंटे तक बनी रह सकती है। एपिड्यूरल के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के परिणामस्वरूप कई माताओं को खुजली महसूस हो सकती है।

दर्द से राहत पाने के लिए मुझे क्या मिलेगा?

शस्त्रक्रिया के बाद दर्द का अनुभव होना सामान्य है। यदि दर्द असहनीय है, तो एनेस्थेसियोलॉजिस्ट मॉर्फिन का सुझाव दे सकते हैं, खासकर अगर सर्जरी के दौरान एपिड्यूरल या स्पाइनल का उपयोग किया गया हो। मॉर्फिन प्रसवोत्तर राहत प्रदान करता है जिसका असर 24 घंटे तक रहता है। उसके बाद, आइबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवाएं राहत प्रदान करने के लिए दी जाती हैं।

यदि सामान्य अनेस्थेसिया दिया गया है, तो माँ को तत्काल राहत के लिए प्रणालीगत सर्वांगी बेहोशी की दवा दी जाती है। माँ को हर तीन या चार घंटे में दर्द की दवा भी दी जाती है।

यह जरुरी है कि मां को यदि लंबे समय तक कोई असुविधा महसूस हो तो नर्स को बताए । लंबे समय तक प्रतीक्षा करने से दर्द के लिए भारी खुराक लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।

मैं कितनी जल्दी अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हूँ?

यह समझने के लिए कि सीसेक्शन के बाद आप अपने बच्चे को कितनी जल्दी स्तनपान करा सकती हैं, आपको यह समझने की ज़रूरत है कि आपका शरीर स्तनपान के लिए कैसे तैयार होता है। प्लेसेंटा के गर्भाशय से अलग होने पर एक हार्मोनल बदलाव होता है। यह अलगाव इस बात का संकेत है कि दूध का उत्पादन हुआ है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह संकेत एक सामान्य के साथसाथ सिजेरियन प्रसव के मामले में भी होता है।

दूसरे शब्दों में, तकनीकी रूप से कहें तो, आप सिजेरियन के तुरंत बाद अपने बच्चे को दूध पिला सकती हैं। यद्यपि, आपको कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, और जब आप बच्चे को दूध पिलायेंगी तो चीरे का घाव दर्द कर सकता है। दूध पिलाने की स्थितियों के बारे में मार्गदर्शन के लिए नर्स की मदद लेना सबसे अच्छा है। नर्स एक तरफ लेटने या फुटबॉल स्थिति की सलाह दे सकती है जिससे चीरे पर पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं पड़ेगा ।

कुछ मामलों में, माँओं के निपल्स सूजे भी होते हैं। यदि आप इस दिक्कत का सामना करती हैं, तो आपको तुरंत एक लैक्टेशन सलाहकार से परामर्श करने की आवश्यकता है।

माँ को उसके घाव को तेजी से भरने में मदद करने के लिए कई दर्द निवारक दवाएँ दी जाती हैं। इन दवाओं को यह ध्यान रख कर दिया जाता है कि यह स्तन के दूध की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करेंगी। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि आप केवल डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा लें और निर्धारित मात्रा का पालन करें।

आमतौर पर प्रसव के बाद 2 से 6 दिनों के भीतर दूध आना शुरू हो जाता है। यदि इससे अधिक समय लगता है, तो विशेषज्ञों का सुझाव है कि माँ स्तनपान करने के अपने प्रयासों में लगी रहे। ऐसा इसलिए है क्योंकि, शुरुआती दिनों में, बच्चे को दूध पिलाने के लिए माँ के स्तन पर्याप्त कोलोस्ट्रम (गर्भावस्था में उत्पादित पहला दूध) उत्पादित करते हैं।

सिजेरियन के बाद मेरे पहले कुछ दिन कैसे होंगे?

निश्चिंत रहें, सिजेरियन सेक्शन के बाद आपकी बहुत अधिक देखभाल की जाएगी । आपका डॉक्टर आपकी असुविधाओं या समस्याओं के किसी भी लक्षण को देखने और यह जाँचने के लिए कि क्या घाव ठीक हो रहा है, 24 घंटे तक आपकी निगरानी करेगा। आपको कुछ दर्द निवारक दवाएं दी जाएंगी और पेट में बनने वाली गैस से राहत देने के लिए सर्जरी के 24 घंटे के भीतर आपको चलना शुरू करने के लिए कहा जाएगा। शुरू में चलना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ दिनों में दर्द धीरेधीरे कम हो जाता है। आप सर्जरी के छह से आठ घंटे के भीतर तरल पदार्थ पीना और हल्का आहार लेना शुरू कर सकते हैं।

डॉक्टर तीसरे या चौथे दिन स्टेपल को हटा देता है। ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया दर्दनाक नहीं होती है और यह सिर्फ एक छोटी सी चुटकी की तरह लगती है। ज्यादातर मामलों में, माँ के अस्पताल से छुट्टी होने से पहले यह कर दिया जाता है।

योनि से रक्तस्राव और डिस्चार्ज धीरेधीरे कम हो सकता है, लेकिन यह छह सप्ताह तक रह सकता है। डिस्चार्ज चमकीले लाल से गुलाबी और फिर पीलेसफेद रंग में बदल जाता है।

सीसेक्शन के बाद शारीरिक देखभाल

सिजेरियन प्रसव के बाद एक माँ के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है वह अपना अधिक ध्यान रखे। एक नई माँ को शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से बहुत कुछ सहना पड़ता है। अतः, उसे तेजी से ठीक होने के लिए देखभाल और सहारे की आवश्यकता होती है।

आपको अक्सर पेशाब करने के लिए कहा जा सकता है क्योंकि एक भरा हुआ मूत्राशय गर्भाशय को संकुचित होनेके लिए कठिनाई पैदा करता है, जिससे घाव पर दबाव बढ़ जाता है।

चीरे को ठीक होने में सामान्य रूप से 4 सप्ताह लगते हैं। हालांकि, पहले वर्ष के दौरान उस भाग में कभी कभी दर्द हो सकता है। निशान सुन्न और तकलीफदेह हो सकता है और थोड़ा उभरा हुआ हो सकता है। यह आसपास की त्वचा के रंग से अधिक गहरा हो सकता है। खांसने और छींकने पर भी हल्का दर्द हो सकता है।

सिजेरियन प्रसव के बाद माँ को तेजी से ठीक करने के लिए उसके सेहत की देखभाल आवश्यक है। सीसेक्शन एक जटिल सर्जरी होती है, और इस तरह, एक माँ को सामान्य रूप से काम शुरू करने से पहले बहुत आराम और देखरेख की आवश्यकता होती है।

अस्पताल छोड़ने से पहले की देखभाल

  • आपको प्रसव के बाद पहले 24 घंटों के भीतर उठने और बाथरूम जाने के लिए कहा जाएगा। यह घाव भरने में मदद करता है। सुनिश्चित करें कि आप धीरेधीरे चलें क्योंकि तेज चलने से चक्कर आ सकता है।
  • जब कैथेटर हटा दिया जाता है, तो पेशाब करना दर्दनाक हो सकता है। वॉशरूम का उपयोग करने के लिए आपको मदद की आवश्यकता हो सकती है।
  • प्रसव के बाद, गर्भाशय अपने गर्भावस्था से पूर्व के आकार में आने के लिए सिकुड़ने लगता है। इससे भारी रक्तस्राव होता है जिसे लोचिया कहा जाता है और यह 6 सप्ताह तक जारी रह सकता है। अस्पताल उसके लिए अतिरिक्त स्राव सोखने वाले वाले पैड प्रदान करता है।
  • आपको अस्पताल परिसर में धीरेधीरे घूमने के लिए भी कहा जा सकता है। ये चहलकदमी ठीक होने में और शस्त्रक्रिया के बाद पेट में बनने वाली गैस से राहत देने में मदद करती है ।

घर जाने के बाद

घर जाने के बाद भी अस्पताल में मिलने वाली देखभाल जारी रखें:

  • कोई भी घर का काम ना करें और भारी वस्तुओं को उठाने से बचें।
  • स्थिति और गतिविधि में परिवर्तन होने से योनि से रक्तस्राव बढ़ सकता है। सामान्यत: इसे हल्के गुलाबी रंग और फिर पीले या हल्के रंग में बदलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह इसलिए हो सकता है कि आप बहुत ज्यादा थक रही हैं।
  • अपनी ऊर्जा को वापस पाने के लिए आपको बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और स्वस्थ आहार लेना चाहिए।
  • आपके लिए आराम करना ज़रूरी है।
  • किसी भी तरह का बुखार या दर्द होना संक्रमण का संकेत हो सकता है और तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। किसी भी तरह का बुखार या दर्द होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें।

भावनात्मक देखभाल

नई माताएँ जिनका सीसेक्शन हुआ है, वे भावनात्मक तनाव से गुजर सकती हैं। वे कई कारणों से निराश महसूस कर सकती हैं। सामान्य प्रसव ना होना या डिलीवरी में अन्य कुछ जटिलताओं के होने के कारण यह हो सकता है। उनका मिश्रित भावनाओं और बदलते मिजाज़ से गुजरना सामान्य बात है।

यह जानना महत्वपूर्ण है कि प्रसवोत्तर की दिक्क़तें ज्यादातर नई माताओं को प्रभावित करती हैं, भले ही प्रसव शस्त्रक्रिया से हो या सामान्य हो। मिज़ाज का यह बदलना आमतौर पर प्रसव के कुछ दिनों के बाद शुरू होता है और कुछ दिनों तक रहता है।

जबकि प्रसवोत्तर की दिक्क़तें होना सामान्य हैं, लेकिन प्रसवोत्तर अवसाद को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यदि कुछ हफ्तों के बाद भी मिज़ाज उतना ही खराब रहता हो और बल्कि ज्यादा खराब होने लगे, तो आप शायद प्रसवोत्तर अवसाद का सामना कर रहीं हैं। ऐसे मामले में एक पेशेवर चिकित्सक परामर्श सबसे अच्छा होता है।

मैं बिस्तर से बाहर कब निकलूँगी?

आपको डिलीवरी के 24 घंटे बाद चलना शुरू करने के लिए कहा जाएगा, आमतौर पर 3 दिनों के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। हालांकि, कई सीसेक्शन वाली माताएँ कुछ दिनों में बिस्तर से उठ जाती हैं, लेकिन आपके शरीर को सीसेक्शन के बाद पूरी तरह से ठीक होने में छह सप्ताह तक का समय लग सकता है।

सीसेक्शन के बाद डॉक्टर आपको शरीर की बहुत देखभाल करने की सलाह देते हैं, और नर्स भी तेजी से ठीक होने के लिए टिप्स बताती हैं । सिजेरियन के बाद घर पर देखभाल आवश्यक है क्योंकि यह माँ को अपनी ऊर्जा को अपने नवजात शिशु की देखभाल में लगाने में मदद करता है।

मैं अपने सिजेरियन के निशानों के बारे में क्या करूँ?

सिजेरियन के निशान हमेशा के लिए माँ के साथ रहते हैं। यह धीरेधीरे थोड़े हल्के हो जाते हैं, लेकिन पूरी तरह से नहीं जाते हैं।

निशान शुरू में त्वचा के बाकी हिस्सों की तुलना में मोटे, उभरे और गहरे होते हैं। हालांकि, बाद में ये सिकुड़ना शुरू कर देते हैं और त्वचा के रंग से निकटता से मेल खाते है। जब यह ठीक हो जाते है तो आमतौर पर खुजली होती है। चीरा पेट के निचले भाग में होता है अंडरवियर के बेल्ट से भी नीचे होता है और यह जघन के बालों से छिप जाता है।

चीरा लगभग चार से छह इंच लंबा और 1/8 इंच चौड़ा होता है। जैसे ही वह ठीक होना शुरू होता है, निशान 1/16 इंच तक सिकुड़ जाता है।

सीसेक्शन का चीरा आमतौर पर आड़ा होता है, लेकिन कुछएक मामलों में यह खड़ा भी होता है। चीरे को बैक्टीरिया के कारण संक्रमण होने का भी खतरा होता है। संक्रमण के सामान्य लक्षण हैं:

  • चीरे में दर्द या लाली
  • चीरेजगह पर सूजन और पैरों पर सूजन
  • तेज़ बुखार
  • घाव से स्राव होना
  • बेचैनी और असहनीय पेट दर्द
  • अप्रिय योनि स्राव और मूत्र संबंधी समस्याएं
  • योनि से गाढ़ा स्राव

इनमें से किसी भी लक्षण की स्थिति में, यह सलाह दी जाती है कि तुरंत चिकित्सा सहायता लेने के लिए अस्पताल जाना चाहिए।

सीसेक्शन के बाद मेरी सक्रियता का स्तर क्या होगा?

किसी भी तरह की जटिलताओं से बचने के लिए धीमी गति से जाना और देखभाल करना सबसे अच्छा है। सीसेक्शन प्रसव के बाद आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इस बारे में डॉक्टर आपको सलाह देते ही हैं। यहां कुछ सावधानियां बताई गई हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए:

  • आराम करें और जल्दी ठीक होने के लिए पर्याप्त नींद लें।
  • हर दिन पैदल चलें, धीरेधीरे चलने का प्रमाण बढ़ाएं। पैदल चलने के कई फायदे हैं, और जितनी जल्दी हो सके चलना शुरू करना बेहतर है। हालांकि, शरीर को ज्यादा थकाने वाली गतिविधियाँ नहीं करना चाहिए।
  • जॉगिंग, साइकिलिंग और व्यायाम जैसी गतिविधियों को करने से कम से कम 6-8 सप्ताह तक बचना चाहिए। माँ को उठकबैठक या अन्य ऐसे व्यायाम नहीं करने चाहिए जो पेट पर तनाव डालें ।
  • यह महत्वपूर्ण है कि माँ को भारी वजन नहीं उठाना हैए।
  • खांसी और छींक आने पर चीरे वाले हिस्से के ऊपर तकिया रखना चाहिए जिससे दर्द कम होता है।
  • सैनिटरी पैड आदर्श रूप से सीसेक्शन के बाद उपयोग करना अनुशंसित किया जाता है, और टैम्पोन के प्रयोग से बचना चाहिए।
  • आप ऐसा भोजन कर सकते हैं जो यह सुनिश्चित करता है कि आप ताज़ी सब्जी और फल खाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि कब्ज से बचने के लिए दिन भर में बहुत सारे प्रकार के पदार्थों का सेवन करें।
  • रेशेदार खाद्य पदार्थ खाएंक्योंकि ये पेट साफ़ करने में मदद करते हैं।

छह से आठ सप्ताह के बाद आप व्यायाम शुरू कर सकती है, अगर ठीक होने में कोई जटिलता न हो तो। अगर माँ सहज महसूस करती हो और डॉक्टर से जांच करवा ली हो तो छह सप्ताह के बाद शारीरिक संबंध स्थापितकिया जा सकता है। हालांकि, गर्भनिरोधक उपायों के लिए आपको डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। इसका कारण यह है कि जो उपाय प्रसव से पहले लिए गए थे, हो सकता है कि वे अब बहुत प्रभावी नहीं हों और अवांछित गर्भधारण को नियंत्रित करने के लिए कुछ बदलावों की आवश्यकता हो सकती है।

सिजेरियन प्रसव के बाद तेज़ी से ठीक होने के उपाय

आप तेज़ी से ठीक होने के लिए इन उपायों का पालन कर सकती हैं:

  • पूरा आराम करें: सिजेरियन प्रसव एक बड़ी शस्त्रक्रिया होती है, और तेज़ी से ठीक होने के लिए शरीर को बहुत अधिक आराम की आवश्यकता होती है। सीसेक्शन के बाद पूरी तरह से ठीक होने के लिए शरीर को कम से कम छह सप्ताह की जरुरत होती है। जब बच्चा सोता है तब आराम करना और डायपर बदलने में व घर के कामों में किसी की मदद लेना, माँ को आराम करने और जल्दी ठीक करने के लिए सहायक हो सकता है।

  • अपने शरीर का ख्याल रखें: शरीर को अब अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है और इसे थकाना नहीं चाहिए। जितना संभव हो सीढ़ियों का इस्तेमाल करने से बचें और कोई भी भारी वस्तु न उठाएं। डॉक्टर द्वारा अनुमति देने के बाद ही आप व्यायाम शुरू कर सकती हैं।फिर भी, हल्के आसनों से शुरुआत करें और बहुत ज्यादा तनाव न लें।

  • दर्द निवारक दवाएं: दर्द को कम करने के लिए कुछ दर्द निवारक दवाएँ लेना ठीक है। लेकिन कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। आपको यह भी देखना होगा कि क्या स्तनपान के दौरान दवा का सेवन किया जा सकता है।

  • स्वास्थ्यवर्धक खाना: आहार में पौष्टिक भोजन करना और बहुत सारे ताज़े फल और सब्जियां शामिल करना महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपके लिए पौष्टिक है बल्कि ये पोषक तत्व आप के दूध के माध्यम से बच्चे को भी मिलेंगे।

  • रेशेदार भोजन लेना: सीसेक्शन के बाद कब्ज़ एक बड़ी समस्या है। यह असुविधाजनक है और वापस सामान्य होने में बहुत समय लगता है। बहुत सारे रेशेदार खाद्य पदार्थ जैसे कि सब्जियाँ, ओट्स, रागी इत्यादि का सेवन करना और बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से मल को नरम होने में मदद मिल सकती है।

  • चीरे की देखभाल: चीरे पर हर दिन ध्यान देना चाहिए। इसे साबुन और पानी से धोया जा सकता है, लेकिन घिसना नहीं चाहिए। चीरा आम तौर पर एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है, और यदि कोई मवाद है, या अगर चीरे के आसपास की त्वचा लाल हो जाती है, तो यह संक्रमण हो सकता है, जिसे डॉक्टर को दिखाना होगा।

  • भावनात्मक मदद: कई माताओं के लिए सीसेक्शन प्रसव के बाद उदास और निराश होना आम है। प्रसवोत्तर अवसाद आम बात है लेकिन इसे चुपचाप नहीं सहना चाहिए। अवसाद से लड़ने के लिए सहायता और भरोसा लेने की सलाह दी जाती है।

  • मदद लेना: नई माँ को शर्म महसूस किए बिना मदद मांगनी चाहिए क्योंकि अगर वह थक जाती है, तो उसके शरीर को ठीक होने में अधिक समय लगेगा।

  • संभोग: सीसेक्शन करवा चुकी माताओं के लिए संभोग बहुत दर्दनाक हो सकता है, और डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही शारीरिक संबंध बनाना चाहिए।

  • सार्वजनिक आरामग्रह: सिजेरियन शस्त्रक्रिया के बाद सार्वजनिक बाथरूम और शौचालयों का उपयोग करने से जितना संभव हो बचना चाहिए। यह संक्रमण का कारण बन सकता है जो घाव के ठीक होने में मुश्किल कड़ी करता है।

डॉक्टर से परामर्श कब करें

सीसेक्शन से जन्म देने वाली सभी नई माताओं के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि वे सी सेक्शन से जल्दी कैसे उबरें। उन संकेतों के बारे में जानना भी महत्वपूर्ण है जिनके लिए तत्काल डॉक्टर को मिलने की आवश्यकता होती है। कुछ संभावित संकेत हैं:

  • बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या खांसी में खून आना और पेट में असहनीय दर्द होना
  • चटख़ लाल रक्तस्राव और भारी प्रवाह जिससे हर घंटेदो घंटे में एक या दो से अधिक पैड इस्तेमाल करने पड़ें
  • चार दिनों के बाद भी योनि से भारी रक्तस्राव या चटख़ लाल रक्तस्राव
  • एक गोल्फ की गेंद के आकार जितने रक्त के थक्के
  • दुर्गंधयुक्त स्राव
  • चीरा खुलने के साथ टाँकों का ढीला पड़ना
  • संक्रमण के लक्षण जैसे लालिमा, चीरे से मवाद बहना, लिम्फ नोड्स में सूजन, बुखार या सूजन
  • पेशाब करने में परेशानी

निष्कर्ष

सीसेक्शन प्रसव एक शल्यक्रिया है जिसमें माँ के पेट और गर्भाशय में चीरे लगाए जाते हैं। एक सामान्य सीसेक्शन ऑपरेशन तीन से चार घंटे तक चलता है। इसलिए, योनि द्वारा प्रसव की तुलना में इसके बाद ठीक होना कठिन और साथ ही धीमा भी होता है।

सीसेक्शन के बाद, माँ को पूरी तरह से ठीक होने से पहले बहुत सी सावधानियों का पालन करने की आवश्यकता होती है।यह महत्वपूर्ण है कि माँ को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से आराम दिया जाए, ताकि वह जल्द ही शस्त्रक्रिया से उबर सके।

श्रेयसी चाफेकर

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