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गर्भावस्था के दौरान अप्रत्याशित परिस्थितियों व समस्याओं के कारण ही बहुत से सिजेरियन या सी-सेक्शन प्रसव होते हैं। सी-सेक्शन के द्वारा प्रसव की यह प्रक्रिया अत्यधिक कठिन व दर्दनाक हो सकती है क्योंकि यह एक माँ को मानसिक व शारीरिक रूप से थका देती है। सर्जरी से उबरने के लिए महिला को भरपूर आराम और संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। सी-सेक्शन प्रसव के बाद शुरूआती कुछ सप्ताह तक महिला की जांच व देखभाल बहुत सावधानी से होनी चाहिए और प्रसव के मानसिक व शारीरिक तनाव से उबरने के लिए महिला की पूरी तरह से मदद की जानी चाहिए।
प्रसव के बाद एक माँ के लिए आहार न केवल आवश्यक होता है बल्कि अत्यधिक महत्वपूर्ण भी हो जाता है क्योंकि यह उसे जल्द ही स्वस्थ होने में मदद करता और साथ ही शिशु को स्तनपान करवाने में भी सहायक है। पहले कुछ महीनों में शिशु के लिए माँ का दूध पोषण का एकमात्र स्रोत होता है इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि एक माँ को भी स्वस्थ आहार मिलना चाहिए। सी–सेक्शन के दौरान गर्भाशय में लगे चीरे व पेट का उपचार करने के लिए अच्छा पोषण एवं पर्याप्त आराम करना अनिवार्य है। उचित पोषण एक गर्भवती महिला को वजन बढ़ाने में मदद करता है।
शिशु के लिए एक अच्छे पोषण के साथ–साथ आपके शारीरिक उपचार और अच्छे पाचन के लिए उचित आहार अत्यधिक आवश्यक है क्योंकि यह पेट पर जोर नहीं डालता है। सिजेरियन डिलीवरी के बाद के आहार में प्रोटीन, मिनरल, कैल्शियम, फाइबर और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होने चाहिए।
प्रसव के बाद ज्यादातर महिलाओं को कब्ज की शिकायत होती है। इसके कई कारण हैं, जैसे प्रसव से पहले उच्च मात्रा में आयरन का सेवन, सिजेरियन के दौरान दवाओं का सेवन, डिहाइड्रेशन और प्रसव के बाद पेल्विक की कमजोर मांसपेशियां। हालांकि प्रसव के बाद महिलाओं में कब्ज होने का एक कारण मनोवैज्ञानिक भी है – उनमें यह डर रहता है कि उनके चीरे पर प्रभाव पड़ेगा या उसमें दर्द भी हो सकता है।
प्रसव के बाद के शारीरिक परिवर्तनों के कारण कब्ज नहीं होता है, यह सुनिश्चित करने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकती हैं;
सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या खाएं और क्या न खाएं, इसके लिए अपनी एक आहार योजना तैयार करें। आप अपने आहार में उन खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकती हैं जिनमें एक माँ के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मौजूद हों। नीचे कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए हुए हैं जिनके सेवन से सिजेरियन के बाद महिला तेजी से ठीक हो सकती है, आइए जानते हैं;
प्रोटीन महिलाओं में उपचार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए नए ऊतकों की वृद्धि में मदद करता है। प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ ऊतकों को ठीक करते हैं और सर्जरी के बाद मांसपेशियों की शक्ति को बनाए रखते हैं। दूसरी ओर, कैल्शियम हड्डियों और दाँतों को मजबूत करता है, मांसपेशियों को आराम देता है, रक्त जमाव को रोकता है और ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचाव करता है। नवजात शिशु में 250 से 350 मिलीग्राम कैल्शियम स्तनपान के माध्यम से पहुँच सकता है।
साबुत अनाज से बने खाद्य पदार्थ, जैसे पास्ता, ब्राउन ब्रेड और ब्राउन राइस को अपने आहार में शामिल करें क्योंकि यह कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं जो ऊर्जा के स्तर और माँ के दूध के उत्पादन को बनाए रखने में मदद करते हैं। अनाज में आयरन, फाइबर और फोलिक एसिड मौजूद होते हैं और ये पोषक तत्व शिशु के विकास के प्रारंभिक चरण में आवश्यक होते हैं। जिन माँओं की रात में नींद नहीं होती है और सुबह तकलीफ होती है उन्हें अपने दिन की शुरुआत साबुत अनाज के नाश्ते से करनी चाहिए।
विटामिन – एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और ऊतकों को ठीक करने में मदद करते हैं। यह शरीर में कोलेजन के उत्पादन में सहायता करते हैं जो नए स्कार टिशू, स्नायुबंधन और त्वचा के निर्माण में मदद करता है।
कब्ज के कारण चीरे व घाव में दबाव से उपचार प्रक्रिया में देरी हो सकती है, इस समस्या को ठीक करने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करें। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ मल–त्याग को सरल बनाने में मदद करते हैं और पेट साफ रखते हैं।
प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर में गैस जमा होती है। प्रसव के बाद महिलाओं को उन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जो गैस व कब्ज का कारण बन सकते हैं। सी–सेक्शन के बाद आपको जंक फूड और कार्बोनेटेड पेय से बचना चाहिए और सूप, चीज, दही और अन्य वस्तुओं का सेवन करना चाहिए क्योंकि ये सरलता से पच जाते हैं।
आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखता है और प्रसव प्रक्रिया के दौरान खोए हुए रक्त को वापस पाने में मदद करता है। आयरन इम्युनिटी बूस्टर भी है। अंडे की जर्दी, रेड मीट, सीप, और ड्राई फ्रूट्स जैसे खाद्य पदार्थ आयरन के समृद्ध स्रोत हैं। 19 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए आयरन की आवश्यक मात्रा प्रति दिन 9 मिलीग्राम है। आयरन के अत्यधिक सेवन से कब्ज हो सकता है और इससे बचना चाहिए।
बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से डिहाइड्रेशन और कब्ज को दूर रखने में मदद मिलती है। सर्जरी के बाद ठीक होने में तरल पदार्थ का सेवन मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है। नारियल पानी, कम वसा वाले दूध, साइट्रस–मुक्त रस, हर्बल टी, छाछ और सूप जैसे तरल पदार्थ आवश्यक पोषक तत्वों के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा 8 से 10 गिलास पानी पीने से भी आपको अधिक मदद मिल सकती है।
कैल्शियम फोर्टीफाइड पेय, कम वसा–युक्त दही और दूध जैसे तरल पदार्थ महिलाओं में दूध की आपूर्ति को पूर्ण करते हैं जो शिशु का दैनिक आहार है । इस अवधि में कॉफी, चाय जैसे कैफीन–युक्त पेय पदार्थों से बचें क्योंकि यह आपके दूध में प्रवेश कर सकते हैं और शिशु की नींद को भी प्रभावित कर सकते हैं।
कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, जैसे कम वसा–युक्त दूध, कम वसा–युक्त दही और चीज में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन ‘बी’ और ‘डी’ की भरपूर मात्रा होती है। मिनरल–युक्त आहार स्तनपान करवाने वाली मांओं के लिए आवश्यक होते हैं और महिलाओं द्वारा रोजाना इनका कम से कम 500 मि.ली. सेवन किया जाना चाहिए।
सिजेरियन के बाद महिलाओं के लिए फल व सब्जियां अत्यधिक फायदेमंद होती हैं क्योंकि इनमें विटामिन, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। बीन्स, पालक और ब्रोकोली के अलावा, अपने आहार में कमल ककड़ी और मेथी को शामिल करना एक बेहतर उपाय है। शाकाहारी लोगों के लिए मशरूम और गाजर प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। स्तनपान कराने वाली मांओं को ब्लूबेरी के एंटीऑक्सीडेंट गुणों और विटामिन ‘सी’ से भरपूर खट्टे फलों का अधिक फायदा मिल सकता है।
ऊपर दिए हुए खाद्य पदार्थ व मसाले प्रसव के बाद एक महिला को अपनी शारीरिक समस्याओं से उबरने में मदद करते हैं। जीरा, मेथी, हल्दी, अदरक और लहसुन और अजवाइन जैसे मसालों में औषधीय गुण होते हैं और कुछ मसाले जैसे हल्दी और इत्यादि में एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीफंगल गुण होते हैं जो शारीरिक सूजन को खत्म करने में मदद करते हैं।
भारतीय खाद्य पदार्थ प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और भारतीय खाद्य पदार्थों से युक्त एक अच्छी आहार योजना सिजेरियन के बाद महिलाओं की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करती है। भारत में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे मेथी के बीज, सौंफ, जीरा, लौकी, पालक, मसूर की दाल, ओट्स और दलिया प्रसव के बाद माँ में दुग्ध की आपूर्ति को पूर्ण करते हैं।
सी–सेक्शन के बाद जल्दी उबरने में मदद के लिए निम्नलिखित भारतीय मसाले आहार में शामिल करने चाहिए:
सी–सेक्शन के बाद आपकी सामान्य गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि इस दौरान आपको अधिक से अधिक आराम करने की सलाह दी जाती है। चूंकि आप अपने शरीर द्वारा अधिक गतिविधियां नहीं कर पाएंगी इसलिए संतुलित मात्रा में भोजन करना महत्वपूर्ण है और ऐसी चीजें बिलकुल भी न खाएं जो पचने में अत्यधिक समय लगाते हैं। इसके अलावा, प्रसव के प्रभावों को ठीक करने के लिए शरीर को मिनरल व पोषण–युक्त भोजन की आवश्यकता होती है जो किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचने में मदद करते हैं। सिजेरियन के बाद निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें;
सिजेरियन प्रसव के बाद आहार से संबंधित निम्नलिखित टिप्स की मदद से आप अनेक लाभ पा सकती हैं:
सी–सेक्शन डिलीवरी के बाद का समय मुश्किल और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खुद को तेजी से स्वस्थ करने के लिए अपने आहार को संतुलित रखना महत्वपूर्ण है। एक अच्छे व पौष्टिक आहार से आपको जल्द ही स्वस्थ होने में और अपने शिशु को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
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