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माँ बनने की खुशी अद्भुत है – और इस समय आप इतनी उत्साहित हो सकती हैं कि अपने बच्चे की देखभाल खुद ही करना चाहती हैं। लेकिन यदि आपकी सिजेरियन डिलीवरी हुई है तो आपके लिए अपना खयाल रखना भी जरूरी है। सिजेरियन डिलीवरी की पूरी प्रक्रिया में ऑपरेशन किया जाता है जिसके बाद इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है। ऑपरेशन का घाव ठीक होने के लिए अपना पूरा समय लेता है और ठीक होने पर इसके टांके अपने आप सही समय पर ठीक हो जाते हैं। लेकिन यदि आपके घाव में इन्फेक्शन हो जाता है तो इसके लिए आपको अधिक सावधानी बरतने की जरुरत है।
चूंकि सिजेरियन डिलीवरी में शरीर पर एक चीरा लगाया जाता है जो ऑपरेशन के बाद किसी अन्य घाव से अलग नहीं है। किसी भी तरह के घाव में माइक्रोब्स और बैक्टीरिया के पहुँचने की संभावना होती है। यदि ऐसा होता है तो आपके घाव में इन्फेक्शन हो सकता है जिससे आपको अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
हाल ही में किए गए अध्ययनों के अनुसार डिलीवरी के बाद जिन महिलाओं को नायलॉन या स्टेपल के टांके लगते हैं उनमें इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक होती है। इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प पॉलीग्लाइकोलाइड (पीजीए) टांके हैं क्योंकि इनमें अब्सॉर्ब करने की क्षमता बेहतर होती है और यह बायोडिग्रेडेबल भी होते हैं।
यद्यपि मेडिकल में प्रगति के कारण इन्फेक्शन होने की संभावना आज बहुत कम है, लेकिन फिर भी कुछ कारणों से सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं;
घाव कितना संक्रमित हो सकता है इस बात का अंदाजा केवल चीरे को देखकर ही लगाया जा सकता है। यदि आप अपना घाव खुद नहीं देख सकती हैं तो इसकी जांच किसी और व्यक्ति द्वारा की जानी चाहिए। आमतौर पर इन्फेक्शन होने के कुछ निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं, आइए जानते हैं;
सिजेरियन के बाद निम्नलिखित इन्फेक्शन हो सकते हैं, आइए जानते हैं;
सिजेरियन के बाद जब चीरे के आस-पास के टिशू सूज जाते हैं और उस जगह पर लाल होने लगता है – इससे वह क्षेत्र अत्यधिक सूजा हुआ दिखता है – यह सेलुलाइटिस होने का एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह मुख्य रूप से स्टैफिलोकोकल या स्ट्रेप्टोकोकल स्ट्रेन से संबंधित विशेष प्रकार के बैक्टीरिया के कारण इन्फेक्शन का एक परिणाम है। इस समस्या में पस बहुत कम होता है ।
सिजेरियन के बाद चीरे में यदि सूजन आ जाती है और वह अधिक संवेदनशील हो जाता है तो घाव के आस-पास भी सूजन आने लगती है। इससे बैक्टीरिया टिश्यू की कैविटी को संक्रमित करते हैं और यहाँ पस बनने लगता है। यह पस चीरे से बाहर भी निकल सकता है।
कई बार इन्फेक्शन गर्भाशय तक पहुँच जाता है और इससे गर्भाशय की परत में जलन हो सकती है। यह भी ऊपर बताए हुए बैक्टीरिया के कारण होता है और इसके परिणामस्वरूप एंडोमेट्राइटिस नामक बीमारी हो जाती है। इस समस्या में तेज बुखार होने के साथ-साथ पेट में दर्द और योनि से डिस्चार्ज होता है।
यह शरीर में मौजूद फंगस के कारण होता है, जिसे कैंडिडा कहते हैं और आमतौर पर यह स्टेरॉयड लेने वाली उन महिलाओं को प्रभावित करता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इससे फंगल इन्फेक्शन हो सकता है या यहाँ तक कि मुंह को स्वस्थ रखने वाले बैक्टीरिया न होने के कारण मुंह में छाले भी हो सकते हैं।
कुछ महिलाओं को पेशाब के लिए कैथेटर की आवश्यकता हो सकती है। ई.कोली नामक बैक्टीरिया के कारण यह मूत्रपथ में इन्फेक्शन की संभावना को बढ़ाते हैं।
यदि सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन हो जाता है तो आपके लिए बच्चे को दूध पिलाने में समस्या हो सकती है। इस दौरान निम्नलिखित पोजीशन की मदद से आप यह प्रक्रिया आसान बना सकती हैं, आइए जानें;
इस समस्या में आप करवट से लेटकर बच्चे को दूध पिला सकती हैं। इस पोजीशन के लिए पहले आप अपनी करवट से लेट जाएं और फिर अपने बगल में बच्चे को लिटा दें। अब स्तनों को बच्चे की तरफ करें और उसे निप्पल पकड़ने दें। जब बच्चा दूध पीना शुरू कर देता है तो आप उसके सिर को सहारा दे सकती हैं।
घाव में तकलीफ होने के कारण आप बच्चे को फुटबॉल पोजीशन में भी दूध पिला सकती हैं। इसमें बच्चे को एक तरफ से पकड़ने के लिए अपनी कोहनी मोड़ें। फिर बच्चे को अपने एक हाथ पर लिटाते हुए उसके सिर को सहारा दें और उसके मुंह को निप्पल के करीब लाएं। ऐसा करते समय आप अपने हाथ को सहारा देने के लिए एक तकिए का उपयोग भी कर सकती हैं।
सी-सेक्शन से उबरते समय महिला में मौजूद एक आंतरिक इन्फेक्शन उसे कमजोर बना सकता है। इस दौरान खुद का खयाल रखने के साथ-साथ बच्चे का खयाल रखना काफी थका देने वाला होता है। ऐसे में आवश्यक है कि आप अपने साथी की सहायता लें और जल्द से जल्द ठीक हो जाएं ताकि आप मातृत्व की यात्रा को निर्धारित तरीके से शुरू कर सकें। सुनिश्चित करें कि आप सिजेरियन के घाव से जल्दी ठीक होने के लिए सभी सावधानियां बरतें।
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