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डिलीवरी के दौरान और बाद में खून का बहना टाला नहीं जा सकता, और सी-सेक्शन के दौरान तो बिल्कुल भी नहीं। यद्यपि ब्लीडिंग होना नार्मल है लेकिन यह जानना जरूरी है कि यह ब्लीडिंग कितनी होनी चाहिए, कितने दिनों तक होनी चाहिए और कब इसके लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए।
नार्मल डिलीवरी की तरह ही सिजेरियन डिलीवरी के बाद भी थोड़ी ब्लीडिंग होना सामान्य बात है। सी-सेक्शन के बाद होने वाले रक्तस्राव के बारे में आपको नीचे दी गई बातें जानने की आवश्यकता है:
यदि पहले कुछ हफ्तों के बाद ब्लीडिंग कम नहीं होती है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
सी-सेक्शन के दौरान, लैकरेशन किए जाते हैं, जो रक्तस्राव का कारण बनते हैं। कुछ मामलों में, शिशु को बाहर निकलने के लिए शुरूआती चीरा पर्याप्त नहीं होता है और इसके कारण बच्चे को बाहर निकाले जाने के दौरान आस-पास के टिश्यूज और रक्त वाहिकाएं यानि ब्लड वेसेल्स टूट जाती हैं। कभी-कभी, रक्तस्राव इसलिए होता है क्योंकि प्रक्रिया के दौरान गर्भाशय के आसपास कुछ आर्टरीज (धमनियां) और वेन्स (नसें) को गलती से काट दिया जाता है।
गर्भाशय का न सिकुड़ना सी-सेक्शन के बाद ब्लीडिंग का एक और कारण है। यह तब होता है जब बच्चे के जन्म के बाद प्लेसेंटा बाहर निकल जाने के बाद महिला का गर्भाशय सिकुड़ता नहीं है। दरअसल जब योनि मार्ग से प्लेसेंटा को बाहर निकाल दिया जाता है तो गर्भाशय के संकुचन द्वारा ब्लड वेसेल्स बंद हो जाती हैं, जिससे प्लेसेंटा के आसपास के हिस्से में रक्तस्राव रुकता है। जब प्रसव के बाद गर्भाशय सिकुड़ता नहीं है, तो यह खुला रहता है, जिसके परिणामस्वरूप भारी ब्लीडिंग होती है।
जब प्लेसेंटा के अंश गर्भाशय के अंदर रह जाते हैं तो कुछ महिलाओं को भारी ब्लीडिंग का अनुभव होता है। यह उन महिलाओं में आम है जिनके एक से अधिक सी-सेक्शन हुए हों।
यह रक्तस्राव का एक सामान्य कारण है। इस मामले में, ब्लीडिंग इसलिए होती है क्योंकि प्लेसेंटा गर्भाशय से गहराई से जुड़ा होने के कारण स्वाभाविक रूप से अलग नहीं होता । जिन महिलाओं को प्लेसेंटा एक्सरेटा होता है, उन्हें भारी रक्तस्त्राव का खतरा होता है क्योंकि डॉक्टर को प्लेसेंटा को हाथ से निकालना पड़ता है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद, रक्तस्राव लगभग 6 सप्ताह तक जारी रहता है। सी-सेक्शन के बाद ब्लीडिंग होने के कई कारण हो सकते हैं। यहाँ तक कि अगर इसके साथ क्लॉटिंग भी होती है, तो भी ब्लीडिंग चिंता का कारण नहीं है। हालांकि, यह याद रखना चाहिए कि सी-सेक्शन के दौरान महिला को बहुत ज्यादा खून खोना पड़ सकता है, और प्रक्रिया के बाद भारी रक्तस्राव जीवन के लिए घातक हो सकता है। इसलिए, इंटर्नल ब्लीडिंग यानि अंदरूनी रक्तस्राव के संकेतों पर निगरानी रखना महत्वपूर्ण है।
दिल की धड़कन का तेज होना और सांसें फूलना आंतरिक रक्तस्राव का संकेत हैं।
सी-सेक्शन के बाद, यदि गर्भाशय अपना आकर खो देता है और ढीला या पिलपिला हो जाता है, तो आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है।
अंदरूनी ब्लीडिंग का अनुभव करने वाली बहुत सी महिलाएं कमजोरी और गंभीर एंग्जायटी की शिकायत कर सकती हैं।
आंतरिक रक्तस्राव से महिला का चेहरा पीला पड़ सकता है और उसके हाथ और पैर ठंडे हो सकते हैं।
यदि शुरुआती कुछ हफ्तों के बाद भी आपकी ब्लीडिंग जारी रहती है, तो यह अंदरूनी रक्तस्राव के कारण हो सकती है।
यदि किडनी तक खून कम पहुँचता है, तो यह पेशाब के बनने को प्रभावित करता है। इस प्रकार, कम पेशाब होना आंतरिक रक्तस्राव का संकेत हो सकता है
यदि आपको रक्तस्राव बंद होने के बाद फिर से भारी तरीके से शुरू हो जाता है और इसका रंग भी लाल हो जाता है, तो यह ज्यादा श्रम करने के कारण हो सकता है। हालांकि, अगर कुछ दिनों तक आराम करने के बाद भी यह जारी रहता है, तो यह किसी कॉम्प्लीकेशन के कारण हो सकता है।
आपको अपने डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए, यदि:
सी-सेक्शन को भारी ब्लीडिंग को मैनेज करने के सरल तरीके हैं:
इस समय के दौरान, आपको ऐसी पुरानी पैंटी और कपड़ों का उपयोग करना चाहिए जिन्हें बाद में फेंका जा सके। भारी ब्लीडिंग के कारण कपड़ों पर दाग लग सकते हैं, जिन्हें निकालना मुश्किल होता है।
शुरुआती हफ्तों भारी ब्लीडिंग के कारण आपको बेड रेस्ट यानि पूरी तरह आराम करने की सलाह दी जाती है।
घर पर सहयोग के लिए आप अपने परिवार के सदस्यों से मदद मांग सकती हैं या नौकर रख सकती हैं।
यदि सी-सेक्शन के बाद काफी समय बाद भी भारी रक्तस्राव होता है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। इसका उपचार, ब्लीडिंग के कारण पर, यह जिस स्तर पर यह शुरू हुआ था, और इसकी गंभीरता पर निर्भर करेगा। इसलिए, अपने डॉक्टर को पूरी मेडिकल हिस्ट्री बताना महत्वपूर्ण है।
यदि आपका गर्भाशय प्रसव के बाद संकुचित शुरू नहीं हुआ है, तो आपके डॉक्टर आपको संकुचन को प्रोत्साहित करने के लिए दवा दे सकते हैं। यदि ब्लीडिंग बंद नहीं होती है, तो आपको कुछ अतिरिक्त सर्जरी करवानी पड़ सकती है। कुछ मामलों में, रक्त की हानि को रोकने के लिए हिस्टेरेक्टोमी की जाती है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग के बारे में कुछ बातें आपको ध्यान में रखनी चाहिए। हमने ब्लीडिंग को कैसे मैनेज किया जाए और इसके अलावा क्या हो सकता है, इसके लिए कुछ टिप्स दिए हैं।
स्तनपान सी-सेक्शन के बाद ब्लीडिंग को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि स्तनपान कराने पर गर्भाशय की मांसपेशियां और ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं। इसलिए, हार्मोन ऑक्सीटोसिन निकलने के कारण खून कम हो जाता है।
शारीरिक श्रम और तेज गतिविधि सी-सेक्शन के बाद ब्लीडिंग को बढ़ा सकती है। इसलिए, किसी भी तरह का शारीरिक काम न करें, जैसे कठिन एक्सरसाइज, भारी वस्तुओं को उठाना आदि और जल्दी ठीक होने के लिए भरपूर आराम करें।
आप इस समय के दौरान दर्दनाक संकुचन का अनुभव कर सकती हैं। फिर भी अपने डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा लेने से बचें। दर्द से राहत के लिए अपने पेट पर गर्म सिकाई करें। यदि दर्द फिर भी बना रहे तो डॉक्टर से परामर्श करें जो आपको संकुचन के कारण होने वाले दर्द को मैनेज करने के तरीके के बारे में बता सकता है।
डिलीवरी के बाद पर्याप्त देखभाल महत्वपूर्ण है, न केवल यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप जल्द से जल्द सामान्य जीवन में वापस आ जाएं, बल्कि इसलिए भी कि आपके शिशु को आपके जीवन के पहले कुछ महीनों में आपकी देखभाल और पूर्ण ध्यान की आवश्यकता होती है। इसके अनुसार अपनी दिनचर्या रखें तो बेवजह काम करने से बचें और यदि आपको सेहत से जुड़े कोई भी अलग लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से मिलें।
संसाधन और संदर्भ:
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