बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

सीबीएसई बोर्ड बनाम स्टेट बोर्ड – बच्चों के लिए क्या सही है?

यद्यपि पेरेंट्स बहुत सारी दुविधाओं को समाप्त कर ही देते हैं पर कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं जो एक बच्चे के भविष्य को बहुत ज्यादा प्रभावित करती हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए पढ़ाई करना बहुत जरूरी है क्योंकि इसी से पता लगता है कि बच्चा जीवन में कितना आगे तक जा सकता है या कितना सफल हो सकता है। ज्ञान का महत्व कितना है इसका अनुमान लगा पाना बहुत कठिन है। 

भारतीय पेरेंट्स में एक सबसे कॉमन समस्या यह होती है कि वे अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए कौन सा बोर्ड चुनें। देश में बहुत सारे स्कूल और अन्य विकल्प होने की वजह से यह निर्णय लेना बहुत कठिन है। शिक्षा क्षेत्र में आज जो बोर्ड्स सबसे लोकप्रिय हैं उनमें सीबीएसई, आईसीएसई और स्टेट बोर्ड भी शामिल हैं जो ज्यादातर पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए चुनते हैं। यद्यपि इन तीनों के अपने-अपने फायदे हैं पर इस आर्टिकल में हमने सीबीएसई और स्टेट बोर्ड के बारे चर्चा की है, जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें। 

क्या सबसे बेहतरीन है, सीबीएसई बोर्ड या स्टेट बोर्ड, आइए जानते हैं;

सीबीएसई बोर्ड बनाम स्टेट बोर्ड

बच्चों के लिए कौन सा सिलेबस सबसे सही होगा यह बता पाना बहुत कठिन है क्योंकि दोनों के अपने फायदे व नुकसान हैं। वैसे तो स्टेट बोर्ड भी हर राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है पर यहाँ पर हमने दोनों बोर्ड्स के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास किया है, आइए जानें; 

  1. सीबीएसई बोर्ड का सिलेबस पढ़ाई को आसान बनाता है और छात्र इसे सरलता से समझ सकते हैं। दूसरी तरफ स्टेट बोर्ड का सिलेबस थोड़ा कठिन होता है और इसके किताबों को पढ़ने में भी कठिनाई होती है जिसमें जटिल फैक्ट्स और जानकारियां बताई जाती हैं। सीबीएसई की किताबों को इस प्रकार से बनाया गया है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसमें दिए हुए टॉपिक्स को सरलता से पढ़ और समझ सकें। इन किताबों में हर चैप्टर से संबंधित सवाल और एक्टिविटीज दी जाती हैं जिससे बच्चे को पूरा चैप्टर समझने में आसानी होती है। इससे शिक्षा को वैचारिक व स्थायी बनाया जा सकता है।
  2. स्टेट बोर्ड के सिलेबस में जानकारी इस प्रकार से दी जाती है कि बच्चे को किताब में दी हुई हर एक चीज के बारे में पता होना चाहिए। इसमें बच्चों को हर एक चीज याद करनी पड़ती है और इनके एग्जाम में भी यही जांचा जाता है कि बच्चा चीजों को याद रखने में कितना सक्षम है। वहीं दूसरी ओर सीबीएसई बोर्ड के बच्चों को हर एक चीज का कांसेप्ट बताया जाता है या यह कह सकते हैं कि इसमें कॉन्सेप्चुअल लर्निंग होती है। इसमें यदि बच्चे ने सवालों के जवाब को सिर्फ याद किया है या रटा है तो उसे सीबीएसई एग्जाम में पूछे गए सवालों के जवाब देने में कठिनाई हो सकती है। एग्जाम में पूछे गए सवालों के सही जवाब देने के लिए बच्चे को पहले इसका कांसेप्ट समझना होगा।
  3. उच्च शिक्षा के लिए भी सीबीएसई बोर्ड छात्रों की बहुत मदद करता है। इंजीनियरिंग और मेडिकल के एंटरेंस टेस्ट भी सीबीएसीई के सिलेबस के अनुसार ही होते हैं और इसके सवाल एनसीईआरटी किताबों से ही पूछे जाते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अपनी उच्च शिक्षा किसी अच्छे कॉलेज जैसे, एम्स या आईआईटी/एनआईटी से करे तो आपको उसे सीबीएसई बोर्ड में ही पढ़ाना चाहिए। सीबीएसई बोर्ड बच्चे को प्राइमरी एजुकेशन से लेकर एक एंटरेंस एग्जाम के लिए तैयार करता है, फिर बच्चा डॉक्टर बनना चाहता हो या इंजीनियर।
  4. यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे के मार्क्स बोर्ड एग्जाम में सबसे अच्छे आएं तो आपके लिए सीबीएसई की तुलना में स्टेट बोर्ड ज्यादा बेहतर है। स्टेट बोर्ड की तुलना में सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम ज्यादा कठिन होते हैं पर बाद में यही पढ़ाई आसान लगती है। सीबीएसई बोर्ड में बच्चों की एग्जाम कॉपियों की बहुत स्ट्रिक्ट चेकिंग होती है – और इसमें ज्यादा से ज्यादा मार्क्स ला पाना बहुत कठिन है क्योंकि इसका महत्व बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा स्टेट बोर्ड की एग्जाम कॉपियां अक्सर राज्य सरकार के अंतर्गत ही रहती हैं इसलिए इसमें ज्यादातर बच्चों के मार्क्स अच्छे ही आते हैं।
  5. सीबीएसई के सिलेबस में जल्दी-जल्दी बदलाव होते हैं और इसमें बच्चों को नई से नई जानकारी व शिक्षा दी जाती है। वहीं दूसरी ओर स्टेट बोर्ड का महत्व हर राज्य में अलग-अलग होता है, जैसे तमिलनाडु में बोर्ड एग्जाम में आए मार्क्स के आधार पर ही बच्चों को एडमिशन मिल जाता है पर अन्य राज्यों में एडमिशन के लिए एंटरेंस एग्जाम देना बहुत जरूरी है। इसलिए बच्चे के लक्ष्य या बच्चे के लिए आपके लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए पहले इस बात का निर्णय लें कि आप उसे कौन से बोर्ड में पढ़ाना चाहते हैं।

बच्चे की आगे तक पढ़ाई के लिए एक सही बोर्ड चुनना बहुत जरूरी है। हालांकि बच्चे के विकास के लिए सिर्फ बोर्ड चुनना ही बहुत जरूरी नहीं है क्योंकि व्यक्ति की सफलता  स्कूल के किसी भी बोर्ड पर निर्भर नहीं करती है। यह बोर्ड से ज्यादा आपके बच्चे के ऐटिट्यूड और सक्षमता पर निर्भर करता है। आप चाहें तो बच्चे में अच्छे विकास के लिए स्टेट बोर्ड के बजाय सीबीएसई बोर्ड भी चुन सकती हैं। 

यह भी पढ़ें:

स्कूल एडमिशन इंटरव्यू में माता-पिता से पूछे जाने वाले 15 सवाल और जवाब

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

1 week ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

1 week ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

1 week ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

1 week ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

1 week ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

2 weeks ago