शिशु

शिशु का फर्श पर सोना – फायदे और सावधानियां

बच्चे को सुलाना एक मां के लिए सबसे संतोषजनक और राहत भरे एहसासों में से एक है। हालांकि, बच्चे को लेकर आपके मन में बहुत से सवाल होंगे, जिनके जवाब आप जानना चाहती होंगी। ऐसा ही एक सवाल, जो कि आपके मन में जरूर आया होगा, वह यह है, कि क्या आपका बेबी फर्श पर सो सकता है? चूंकि कई अन्य पेरेंट्स ने भी हमसे यह सवाल पूछा है, इसलिए आज हम यहां बताएंगे, कि छोटे बच्चों को फर्श पर सुलाना चाहिए या नहीं। 

क्या बेबी फर्श पर सो सकता है?

अपने बच्चे को फर्श पर सोने देना बिल्कुल सामान्य है। शिशु के सोने की पोजीशन सुरक्षित और बेबी फ्रेंडली हो, तो यदि आपका बच्चा फर्श पर सोता है, तो इसके खुद के ही बहुत सारे फायदे होते हैं। 

फर्श पर सोने से बेबी को क्या फायदे मिलते हैं?

बिस्तर के बजाय फर्श पर मैट्रेस पर सोने से आपके बेबी को बहुत सारे फायदे मिल सकते हैं: 

  • फर्श पर सुलाने से उसे स्वतंत्रता मिलती है और फर्नीचर उसके लेवल पर आ जाता है, इससे कमरा बेबी फ्रेंडली हो जाता है।
  • बड़े-बड़े क्रिब अगर कमरे में न हों, तो बहुत सारी जगह बच जाती है।
  • इसका सबसे बड़ा फायदा यह है, कि अगर वह रात को उठ जाता है, तो वह खुद ही आसपास घूम सकता है और रोता नहीं है। इससे आपको रात को अच्छी नींद मिलती है और आप तरोताजा महसूस करती हैं।
  • इससे बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना भी काफी सुविधाजनक हो जाता है, क्योंकि आपको उससे बार-बार क्रिब से उठाना नहीं पड़ता है। जब कभी भी बच्चे को भूख लगी हो, तो माँ केवल उसके पास लेट सकती है और दूध पिला सकती है।

बेबी के फर्श पर सोने के दौरान कुछ सावधानियां

बच्चे को फर्श पर सुलाने से पहले, आपको कुछ बेहद जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जो कि नीचे दी गई हैं: 

  • जिस कमरे में बच्चा सो रहा हो, उस कमरे में तकिए, बीन बैग और कारपेट न रखें, ताकि इनसे बच्चे का दम घुटने का खतरा न हो।
  • बच्चे को फर्श पर सुलाने के लिए एक मैट्रेस या एक रोल आउट बेडिंग का इस्तेमाल करें। इस बात का ध्यान रखें, कि इस्तेमाल की जाने वाली बेडिंग न तो अधिक सख्त हो और न ही अधिक नरम हो, ताकि बच्चे को उस पर सोने में आराम महसूस हो।
  • इस बात का ध्यान रखें, कि उस कमरे में लैंपशेड, स्टूल, कुर्सियां या स्पीकर्स नहीं होने चाहिए। क्योंकि बच्चा इन्हें गिरा सकता है और खुद को चोट पहुंचा सकता है।
  • बच्चे को कमरे में पर्दे इत्यादि से एक बहुत ही सुरक्षित दूरी पर रखें। इसी प्रकार आपको उसे इलेक्ट्रिक प्लग और वायर से भी दूर रखना चाहिए, ताकि उनमें उलझने और चलते-फिरते हुए गिरने से बचाव हो सके।
  • एक बात का आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए, कि कमरे में इस्तेमाल किया जाने वाला कोई भी बग रेपेलेंट या इनसेक्ट रेपेलेंट नेचुरल ऑर्गेनिक सॉल्यूशन होना चाहिए। बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उसका कमरा केमिकल फ्री होना जरूरी है।
  • कमरे में पर्याप्त वेंटीलेशन होना चाहिए और तापमान भी स्थिर होना चाहिए। कमरे में हर समय 27 और 28 डिग्री के बीच का तापमान होना चाहिए, जो कि बच्चे के लिए सबसे उचित होता है। इसके लिए आप एक एयर कंडीशनर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
  • कमरे की नियमित साफ-सफाई बहुत जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की धूल और गंदगी वहां पर जमा ना हो, क्योंकि यह बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। आप एक पावरफुल वैक्यूम क्लीनर के इस्तेमाल से हर दिन कमरे की सफाई के बारे में विचार कर सकती हैं।
  • बच्चे को मच्छरों और दूसरे कीड़े मकोड़ों से सुरक्षित रखने के लिए मॉस्किटो नेट का इस्तेमाल करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें, कि बच्चे के करवट लेने और इधर-उधर पलटने के लिए पर्याप्त जगह मौजूद हो। हमेशा खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें, ताकि कीड़े-मकोड़े या विशेषकर मच्छर अंदर न आ सकें।
  • फर्श पर सोने के दौरान बच्चे के कपड़े अधिक गर्म न हों। आप नहीं चाहेंगे, कि सोने के दौरान बच्चे का शरीर जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाए। बच्चे को आरामदायक कपड़े पहना कर इस स्थिति से बचा जा सकता है।
  • बच्चा हमेशा पीठ के बल पर ही सोना चाहिए। इससे सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम या एसआईडीएस का खतरा कम हो जाता है।
  • बेबी का एक रूटीन बनाएं, ताकि वह अपने सोने, कपड़े बदलने, मालिश, मॉइश्चराइजर लगाने आदि के समय को पहचान सके।
  • फर्श का सूखा और साफ रहना बहुत जरूरी है। फर्श गीला होने पर यह गीलापन बच्चे तक पहुंच सकता है, जिससे अनचाही बीमारियां हो सकती हैं।

क्या बेबी के फर्श पर सोने से किसी तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

यदि ऊपर दी गई सावधानियों का ध्यान रखा जाए, तो बच्चे के फर्श पर सोने से किसी तरह के साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। 

ऊपर दिए गए फायदों के अलावा, बच्चे के फर्श पर सोने से उसके ऊंचाई से गिरने का कोई डर नहीं होता है। वहीं किसी ऊंचे बिस्तर पर सोने से नीचे गिरने का डर हमेशा बना रहता है। बच्चे को कहां सुलाना है, यह निर्णय माता-पिता का ही होता है, लेकिन अगर आप बेबी को फर्श पर सुलाना आजमाना चाहती हैं, तो निश्चित रूप से ऐसा कर सकती हैं और आपको उसके लिए दोबारा सोचने की जरूरत भी नहीं है। 

यह भी पढ़ें: 

शिशुओं में स्लीप रिग्रेशन से कैसे निपटें
आपका बच्चा पूरी रात सोने की शुरुआत कब करेगा?
सोते समय बच्चे की आँखें खुली रहना – क्या यह चिंताजनक है?

पूजा ठाकुर

Recent Posts

अलीजा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Aliza Name Meaning in Hindi

हर माँ-बाप की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे का नाम कुछ खास और मतलब…

19 hours ago

समीक्षा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sameeksha Name Meaning in Hindi

अगर आप अपनी बेटी के लिए ऐसा नाम ढूंढ रहे हैं जो उसमें एक आदर्श…

19 hours ago

विनीता नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Vinita Name Meaning in Hindi

हम सब जानते हैं कि जब किसी घर में बेटी जन्म लेती है, तो वो…

19 hours ago

डॉली नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Dolly Name Meaning in Hindi

आजकल माता-पिता अपने बच्चे का नाम रखने का फैसला बहुत सोच-समझकर करते हैं। वे चाहते…

20 hours ago

रेशमा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Reshma Name Meaning In Hindi

जब माता-पिता अपने बच्चों के लिए नाम चुनते हैं तो वे बहुत सारी बातों को…

20 hours ago

अक्ष नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Aksh Name Meaning in Hindi

बच्चे का नाम रखना हर माता-पिता के लिए बहुत खास होता है। जब बात बेटे…

1 day ago