शिशु

छोटे बच्चे की मेमोरी कब से डेवलप होना शुरू होती हैं?

क्या आपके बच्चे को वह सॉन्ग याद होगा जिसे सुनकर वो कल हंसा था या उसने अपने पैर थिरकाए थे? या क्या उसे अपनी दादी के हाथों का वो स्पर्श याद होगा? यह सवाल आपके मन में भी उठ सकते हैं कि आखिर कब आपके बच्चे की मेमोरी डेवलप होना शुरू होती है?

पैरेंट होने के नाते ऐसे सवाल हमारे मन में आना जायज है कि आखिर बच्चों को चीजें याद रहना कब से शुरू हो हैं? क्या यह जन्म के बाद से ही शुरू हो जाता है, कुछ समय बाद से होता है या फिर एक साल बाद? क्योंकि बच्चे लगभग एक साल की उम्र में बोलना सीखते हैं, इसलिए यह बताना मुश्किल है कि उससे पहले बच्चा क्या सोचता है और उनकी कितनी मेमोरी कितनी अच्छी होगी, क्योंकि वे आपसे बोलकर कम्युनिकेशन नहीं कर सकते हैं। लेकिन बच्चे की मेमोरी डेवलपमेंट को लेकर की गई रिसर्च काफी इंट्रेस्टिंग पाई गई है!

आपके बच्चे की याददाश्त पर की गई न्यू ऐज रिसर्च

न्यू ऐज के कुछ रिसर्च ने इस कांसेप्ट को चैलेंज किया है कि बहुत छोटे बच्चों कि कोई मेमोरी होती ही नहीं है। लेकिन दूसरी ओर यह पता चला है कि बच्चा जन्म के समय और यहाँ तक ​​कि माँ के गर्भ में भी मेमोरी डेवलप करता है। साइकोलॉजिस्ट का कहना है कि ये मेमोरी बच्चे के सीधा सबकॉन्शियस माइंड में जाकर स्टोर हो जाती है। जब कोई बच्चा पैदा होता है, तो उसके कॉन्शियस और सबकॉन्शियस माइंड के बीच कोई अंतर नहीं होता है। उसके सारे एक्सपीरियंस आसानी से कॉन्शियस माइंड से सबकॉन्शियस माइंड में ट्रांसफर हो जाते हैं। हमें लगता है कि बच्चों की कोई मेमोरी होती ही नहीं हैं, हालांकि सच्चाई यह है कि मेमोरीज उनके सबकॉन्शियस माइंड में कहीं जाकर स्टोर हो जाती है।

जन्म में पहले (माँ के गर्भ में) बच्चे का मेमोरी डेवलपमेंट

2000 की शुरुआत में की गई एक स्टडी में पाया गया कि बच्चे माँ के गर्भ में होने पर ही शॉर्ट टर्म मेमोरी डेवलप करते हैं। इसका एक बहुत ही कॉमन उदाहरण उन माओं से संबंधित है जो गर्भावस्था के दौरान किसी विशेष गीत को बार-बार सुनती हैं और उसे एन्जॉय करती हैं या अच्छा महसूस करती रही हो। बच्चे के जन्म के बाद, उसी गाने को चलाए जाने पर आपका बच्चा सेम रिएक्शन दे सकता है!

न्यूबॉर्न बेबीज को क्या याद रहता है?

नवजात शिशु कुछ ऐसी चीजों को याद रखते हैं या पहचानते हैं जो उन्होंने माँ के गर्भ में रहने के दौरान सुनी होती है। पहले दो महीनों में, आपका बच्चा फैमिलियर चेहरों और आवाजों को पहचान सकता है, खासकर जिन्हें वह हर दिन सुनता है। एक नवजात शिशु जन्म के समय अपनी माँ की आवाज को पहचान सकता है। यह कुछ लेवल तक एक शॉर्ट टर्म मेमोरी डेवलपमेंट के रूप में काम करता है।

जन्म के पहले साल में आपके बच्चे की रिकग्निशन मेमोरी एक ड्रमैटिक अंदाज से बढ़ती है। इस विषय पर किए गए कुछ एक्सपेरिमेंट बताते हैं कि तीन महीने में, बच्चे कुछ दिन पहले दिखाए गए नए पिक्चर या खिलौने उन्हें याद रह सकते हैं।

6 – 12 महीनों के बीच मेमोरी डेवलपमेंट होना

इस पीरियड के दौरान बच्चे की मेमोरी डेवलपमेंट बहुत तेजी से होता है, जिसमें वो जाने-माने लोगों के चेहरे और जगह को पहचान सकते हैं। इससे बच्चे में इमोशनल रिएक्शन भी होता है जिसका मतलब है कि बच्चा किसी व्यक्ति या स्थान के प्रति पॉजिटिव या नेगेटिव रिएक्शन डेवलप कर सकता है। यह रिएक्शन निर्भर करता है बच्चे के एक्सपीरियंस और रिकग्निशन पर जो बच्चे ने अपनी मेमोरी में रखा होता है।

बच्चे की मेमोरी डेवलपमेंट में आपकी क्या भूमिका होती है

इसे याद रखें – कि बच्चे के पैदा होने के दौरान जो भी भी मेमोरी होती है वह शॉर्ट टर्म के लिए होती है। इसलिए एक बच्चा तीन साल या उसके बाद तक चीजों को याद रख सकता है।किसी भी बच्चे को लॉन्ग टर्म मेमोरी डेवलप करने में उसके दिमाग को कुछ समय लगता है।

बच्चे की याददाश्त के विकास में आपकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि ऐसी बहुत सारी मेमोरीज बूस्टिंग एक्सरसाइज और गेम्स हैं जिसके जरिए, पैरेंट अपने बच्चे के मेमोरी डेवलपमेंट को और ज्यादा बेहतर बना सकते हैं। बेबी साइन लैंग्वेज भी पैरेंट के लिए एक और अच्छा तरीका है जिससे वह बड़े बच्चों को उनकी वर्किंग मेमोरी को डेवलप करने में मदद कर सकते हैं।

तो हाँ, बच्चों को चीजें याद रहती हैं। कौन सी चीजें उन्हें याद रह जाती यह तो निश्चित रूप से बता पाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन जैसे-जैसे हमारा बच्चा थोड़ा बड़ा होने लगता है, उसके साथ साथ हमे भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है!

यह भी पढ़ें:

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समर नक़वी

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