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शिशु को उल्टी होना – कारण, उपचार और कब चिंता करें

अगर बच्चा अधिक उल्टियां करके तकलीफ में बेचैन हो और डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहा हो, तो माता-पिता के लिए यह अनुभव असहनीय हो जाता है। शिशु में उल्टियों के क्या कारण होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें। 

क्या छोटे बच्चों में उल्टियां होना कॉमन है?

शिशुओं में थोड़ा बहुत खाना उगलना सामान्य होता है, लेकिन उल्टियां होना हमेशा सामान्य हो ऐसा जरूरी नहीं है। बच्चे का ऐसोफेगस और पेट की मांसपेशियां पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं। यही कारण है कि रिफ्लेक्स के तौर पर बच्चे थोड़ा बहुत खाना उगल देते हैं। यह सामान्य है और कभी-कभी आप बच्चे के मुंह से दूध निकलता हुआ भी देख सकते हैं। जब बच्चा उल्टी करता है, तब बहुत सारा खाना उसके पेट से धकेल कर बाहर निकाला जाता है, जिससे उसे बहुत तकलीफ होती है। उल्टियों के साथ म्यूकस और अन्य लिक्विड भी बाहर निकलते हैं और इनके साथ बुखार, डिहाइड्रेशन और फजीनेस जैसे लक्षण भी दिखते हैं।

छोटे बच्चे उल्टियां क्यों करते हैं?

बच्चे ज्यादातर बैक्टीरियल बीमारियों के कारण उल्टियां करते हैं। लेकिन कई बार नवजात शिशुओं के उल्टियां करने के अन्य कई कारण हो सकते हैं, जो कि नीचे दिए गए हैं: 

1. अधिक खाने के कारण गैग रिफ्लेक्स

जब आप अपने बच्चे को जरूरत से ज्यादा खिला देते हैं, तो उन्हें खाने के बाद डिस्कंफर्ट महसूस हो सकता है और उन्हें गैग रिफ्लेक्स हो सकता है, जिसके कारण उल्टियां हो सकती हैं। आजकल खाने के बाद बच्चे का उल्टियां करना बहुत आम है। 

2. वायरल इंफेक्शन या रेस्पिरेट्री इंफेक्शन

इसके कारण जुकाम से म्यूकस बनता है और वह कंठ के पीछे चला जाता है और पेट की परत को नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण गैग रिफ्लक्स होता है, जिससे शरीर म्यूकस को बाहर निकालना चाहता है। इसके अलावा अन्य संभव बैक्टीरियल इंफेक्शन भी बच्चों में उल्टियों का कारण हो सकते हैं, जैसे कि स्टमक फ्लू, गैस्ट्रोएन्टराइटिस, मेनिनजाइटिस, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और निमोनिया। 

3. मोशन सिकनेस

जब हम कार, एरोप्लेन और ट्रेन जैसे किसी चलते हुए वाहन में होते हैं और उल्टियां होती हैं, तब उसे मोशन सिकनेस कहते हैं। एक साल के बच्चों को खाने के बाद मोशन सिकनेस हो सकता है। 

4. अत्यधिक रोना

अत्यधिक रोने के कारण भी, बच्चे को उल्टी हो जाती है। इसमें कुछ भी चिंताजनक नहीं होता है। एक साल की उम्र का कोई बच्चा यदि रोते-रोते उल्टी कर देता है, तो उसे सामान्य माना जाता है। 

5. टॉक्सिक पदार्थ

अगर आपके बच्चे ने अपने डाइजेस्टिव सिस्टम में कोई टॉक्सिक पदार्थ ले लिया है, तो उसे उल्टी हो सकती है, जैसे कोई खास दवा, कोई सप्लीमेंट या कोई ऐसा खाना जो उसे सूट ना करे। 

6. आंतों में रुकावट

आंतों में किसी तरह की रुकावट के कारण भी उल्टियां हो सकती हैं। 

7. पायलोरिक स्टेनोसिस

यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें आंतों और पेट को जोड़ने वाली मांसपेशियां बहुत जल्दी मोटी हो जाती हैं और सामग्री को बाहर धकेलती हैं। इससे मालनूट्रिशन, गंभीर डिहाईड्रेशन और कई तरह की मेडिकल जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए ऐसे में तुरंत इलाज की जरूरत होती है। बहुत ताकत लगाकर उल्टियां होना पायलोरिक स्टेनोसिस का एक सबसे बड़ा संकेत है और यह खाने के बाद 30 मिनट के अंदर हो जाता है। इस स्थिति में सर्जरी ही एकमात्र इलाज होता है, क्योंकि इसमें खाना पेट से आंतों में जाने में सक्षम नहीं होता है। 

स्थिति चिंताजनक कब होती है?

अगर आपके बच्चे में उल्टी करने के दौरान या बाद में नीचे दिए गए संकेतों में से किसी तरह के लक्षण दिखते हैं, तो आपको उसे जीपी या पीडियाट्रिशियन के पास लेकर जाना चाहिए: 

  • आपका बच्चा परेशान दिखता है – इसमें चिड़चिड़ापन और भूख की कमी भी शामिल है।
  • वह अधिक घूमता फिरता नहीं है।
  • उसे बुखार और डायरिया भी होता है।
  • बार-बार होने वाली उल्टियाँ
  • सुस्ती, सूखा हुआ मुंह, पेशाब और आंसुओं में कमी।
  • पर्याप्त फ्लुईड लेने में असमर्थ होना।
  • पेट में सूजन या आकार में वृद्धि।
  • उल्टी पारदर्शी या चमकीला पीला, नारंगी या हरे बाइल की तरह दिखना।
  • आपका बच्चे का एक दिन में 6 से भी कम डायपर गीले करना।

अगर बच्चे की उल्टी में बाइल या खून दिखे तो क्या यह चिंताजनक है?

नहीं, बल्कि यह बिल्कुल सामान्य है! क्योंकि आपका बच्चा जब आपके गर्भ में होता है या जब आपकी सिजेरियन डिलीवरी होती है, तो एमनियोटिक फ्लूइड में से म्यूकस के साथ-साथ थोड़ा खून भी उसके मुंह में चला जाता है। बच्चे की उल्टी में खून दिखने का एक अन्य कारण यह भी हो सकता है, कि आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान उसे गलत तरीके से पकड़ते होंगे और आपके निप्पल के आसपास की त्वचा छिली या कटी हो सकती है। 

क्या एक बच्चे का फीडिंग के बाद उल्टियां करना सामान्य है?

हां, ब्रेस्टफीडिंग या खाने के बाद बच्चे का उल्टियां करना सामान्य है। फीडिंग के बाद बच्चों में उल्टियां होना एक प्राकृतिक रिफ्लेक्स है और यह इस बात का संकेत देता है, कि आपके बच्चे का पेट भर चुका है और उसमें अब कोई भी जगह खाली नहीं है। कभी-कभी अगर दूध आंशिक रूप से डाइजेस्ट हो चुका हो, तो उसके मुंह से थोड़ा सा फटा हुआ दूध भी बाहर आ सकता है या हवा निगलने के बाद डकार भी आ सकती है। अगर आपके बच्चे का वजन सामान्य रूप से बढ़ रहा है, तो आपको किसी भी चीज के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। 

आपका बच्चा उल्टियां कर रहा है या केवल दूध उलट रहा है?

ऐसे कुछ तरीके हैं, जिनके माध्यम से यह पता चल सकता है, कि आपका बच्चा फीडिंग के बाद बार-बार उल्टियां कर रहा है या थूक रहा है। अगर वह केवल खाना थूक रहा है, तो आप देखेंगे कि उसके पेट में स्थित पदार्थ बिना किसी प्रयास के आसानी से बाहर आ जाते हैं। शिशु का पेट और ऐसोफागस मांसपेशियां अभी भी विकसित हो रही हैं, जिसके कारण गाग रिफ्लेक्स ट्रिगर हो सकता है। आपके बच्चे को घबराहट नहीं होती है और ऐसा होने पर वह बिल्कुल सामान्य रहता है। वह हवा भी निगल सकता है और डकार के द्वारा बाहर निकाल सकता है। 

बच्चे को उल्टियां हो रही हों, तो उसे कैसे मदद करें?

अगर आपके बच्चे को उल्टियां हो रही हैं, तो उसकी मदद करने के कुछ तरीके यहां पर दिए गए हैं: 

  • फीडिंग के पहले, दौरान और बाद में कुछ एक्स्ट्रा नैपी और हैंड टॉवल अलग रखें। उसे स्पेशल कपड़े पहनाने के बजाय, बिब पहना कर रखें, क्योंकि वह सारे कपड़े गंदे करने वाला है।
  • उसे खिलाने के बाद उसे ज्यादा हिलाएँ – डुलाएं नहीं या झुलाए नहीं। फीडिंग के बाद उल्टियों से बचने के लिए उसे सौम्यता से गोद में उठाएं।
  • अगर बच्चा उल्टियां कर रहा है, तो इसके कारण उसकी फीडिंग की टाइमिंग में कोई बदलाव ना लाएं और उसे बरकरार रखें। इससे स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
  • बच्चे को उल्टी की दवाइयां केवल डॉक्टर या जीपी की सलाह पर ही दें।
  • बच्चे के मिल्क फार्मूला में राइस सीरियल जैसे थिकनिंग एजेंट्स ना डालें। इससे वजन बढ़ना, कब्ज और अन्य कई तरह की परेशानियां बच्चे को हो सकती हैं।
  • अगर बच्चा उल्टियां करता है, तो परेशान ना हों और उसकी फीडिंग जारी रखें।

क्या आप बच्चे को उल्टियां करने से रोक सकते हैं?

हालांकि आप अपने बच्चे की उल्टियां को पूरी तरह से रोक नहीं सकते हैं, क्योंकि यह शरीर की एक नेचुरल प्रतिक्रिया होती है। लेकिन, ऐसी कुछ चीजें हैं, जिनकी मदद से आप उसकी तकलीफ को कम कर सकते हैं। फीडिंग के बाद बच्चे की उल्टियां रोकने के लिए यहां पर कुछ टिप्स दिए गए हैं: 

1. बच्चे को सीधा बिठाएं

अगर बच्चा सो नहीं रहा है, तो उसे सीधा बिठाकर या उसे करवट से लिटा कर, उसकी तकलीफ को कम करना एक अच्छा तरीका है। उसे आराम दिलाने के लिए, मीठी और मधुर आवाज में बात करें या उसे शांत करने के लिए उसका पसंदीदा गाना गा कर सुनाएं। वह सीधा बैठा होना चाहिए और फीडिंग के बाद कम से कम 30 मिनट के लिए ऐसी स्थिति में रहना चाहिए। 

2. ठोस आहार ना देना

अगर बच्चा बहुत अधिक उल्टियां कर रहा है, तो आपके पीडियाट्रिशन अगले 24 घंटों के लिए उसे भी कोई भी ठोस आहार देने से मना कर सकते हैं। कभी-कभी यह अवधि इससे भी लंबी हो सकती है, जिसे सुनिश्चित करने के लिए आपको डॉक्टर से बात करने की जरूरत भी पड़ सकती है। 

3. पानी पिलाएं

पानी न केवल शरीर के इंटरनल सिस्टम को साफ करता है, साथ ही शरीर के टॉक्सिन और म्यूकस को बाहर निकालता है, बल्कि यह डिहाइड्रेशन से भी बचाता है और उल्टी के झटकों को कम करता है। अगर बच्चे को पारदर्शी उल्टियां हो रही हों, तो यह बच्चे के अधिक पानी पीने के कारण भी हो सकता है। 

4. एक बार में कम खिलाना

बिना किसी कॉम्प्रोमाइज के बच्चे की न्यूट्रीशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए, आपको केवल उसे दिए गए खाने की मात्रा को कम कर देना चाहिए। उसे एक बार में कम खिलाएं और बार-बार खिलाएं, पर इस बात का ध्यान रखें, कि बच्चे को जरूरत से ज्यादा खिलाने से बचें। 

5. बच्चों को डकार कराएं

बच्चे को सौम्यता से उठाएं, उसे खुद पर लिटाएँ और उसे डकार लेने दें। उसे जितना चाहे डकार लेने दें और उसकी पीठ पर हल्के हाथों से थपथपा कर उसकी मदद करें। इससे बच्चे की तकलीफ कम होगी और गैस उसके पेट से बाहर निकल पाएगी। 

6. ब्रेस्टफीडिंग को जारी रखें

अगर आपका बच्चा उल्टियां कर रहा है, तो भी ब्रेस्टफीडिंग बंद ना करें। बल्कि उसे हर 2 घंटे के बाद 5 से 10 मिनट के लिए अपना दूध पिलाएं। खुराक को कम करने के लिए आप चाहें, तो एक चम्मच या बोतल का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर आप उससे रेगुलर बेबी फार्मूला भी दे सकते हैं (अगर अब तक आप उसे स्पेशल फार्मूला देते आए हैं तो)। 

7. BRAT (ब्रैट) डाइट

अगर उल्टियों के बाद आपके बच्चे को कुछ सप्ताह से डायरिया की समस्या है, तो आप उसे ब्रेट डायट नामक एक प्राकृतिक बेबी वोमिटिंग रेमेडी दे सकते हैं। अगर आपका डॉक्टर कहता है, कि आपके बच्चे को परमानेंट लेक्टोज इनटोलरेंस है, तभी आपको यह देना चाहिए। ब्रेट डाइट में मुख्य रूप से केले, एप्पल सॉस, टोस्ट, चावल और सोया मिल्क जैसे लेक्टोज़ फ्री दूध होते हैं। हम डेरी बेस्ड दूध के बजाय सोया मिल्क इसलिए रिकमेंड करते हैं, क्योंकि बच्चे का डाइजेस्टिव सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता है और डेरी बेस्ड दूध को डाइजेस्ट करने के लिए लेक्टेज एंजाइम पर्याप्त मात्रा में नहीं होते हैं। 

डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए?

अगर आपके बच्चे को उल्टी और डायरिया की परेशानी है, तो उसे हाइड्रेटेड रखने के लिए आपको सबसे बेहतर प्रयास करने चाहिए। अगर उल्टी का रंग कॉफी जैसा है और उसे डायरिया नहीं है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। साथ ही उल्टियां आमतौर पर 24 घंटे से अधिक समय के लिए नहीं रहती हैं और अगर ऐसा होता है, तो हो सकता है, कि इसके पीछे स्टमक बग के अलावा कोई अन्य कारण हो। इसके पीछे कोई बैक्टीरियल इंफेक्शन या कोई गंभीर समस्या भी हो सकती है और अगर आपका बच्चा उल्टी करने के बाद लगातार खाँसते हुए खून निकाल रहा है, तो तुरंत उसे पीडियाट्रिशियन या डॉक्टर के पास लेकर जाएं। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यहां पर शिशुओं में फीडिंग और उल्टी के बाद डिहाइड्रेशन को रोकने के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवाल दिए गए हैं: 

1. क्या उल्टी करने के बाद बच्चे को फीड कराना चाहिए?

हां, आपको कराना चाहिए। हालांकि उल्टी करने के बाद, आप बच्चे को फीड नहीं कराना चाहते होंगे, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपके बच्चे को मालनूट्रिशन या डिहाइड्रेशन हो सकता है। 

2. मैं अपने बच्चे में उल्टियों के बाद डिहाइड्रेशन से बचाव कैसे कर सकती हूं?

अगर आपका बच्चा हर 5 से 10 मिनट में उल्टियां कर रहा है, तो उसे पानी ना दें। उसके पेट को शांत होने दें और देखें कि वह 30 मिनट के लिए उल्टी किए बिना शांत रह पाता है या नहीं। जब ऐसा होता है, तो आप अपने बच्चे को एक ओवर द काउंटर ओरल इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन दे सकते हैं। इससे उल्टियों के कारण उसके शरीर से खोए हुए मिनरल, न्यूट्रिएंट्स और विटामिन की पूर्ति हो जाएगी। हर 5 से 10 मिनट में अपने बच्चे को इसका एक छोटा चम्मच पिलाएं और जब उसे कंफर्टेबल महसूस होने लगे, तब इसकी मात्रा बढ़ा कर दो चम्मच कर दें। अपने बच्चे को चिकन ब्रोथ और कार्बोनेटेड पेय पदार्थ ना दें, क्योंकि इससे उसे कोई भी न्यूट्रिशन नहीं मिलता है। बल्कि अगर आपका बच्चा एक साल से कम उम्र का है, तो उसे किसी तरह के फलों का रस भी ना दें, क्योंकि अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एएपी) के अनुसार इनसे रिहाइड्रेशन (खोए हुए फ्लुइड की पूर्ति) नहीं होता है। 

अगर मोशन सिकनेस के कारण, आपके बच्चे को लगातार उल्टियां हो रही हैं, तो आप ट्रिप के दौरान बीच-बीच में थोड़े समय के लिए रुक सकते हैं, ताकि बच्चे को थोड़ी ताजी हवा मिल सके। उसे बार-बार डकार कराते रहें, ताकि उसकी खुद की उल्टी से उसे चोक ना हो और उसे कम मात्रा में फीडिंग कराएं। जब उल्टियों की बात आती है, तो हर बच्चे की स्थिति अलग होती है, इसलिए संकेतों पर गौर करें। ऊपर दिए गए टिप्स और संकेतों को फॉलो करें और इनका लाभ उठाएं। 

यह भी पढ़ें: 

बच्चे का दूध उलटना (स्पिट अप करना)
शिशुओं की उल्टी में म्यूकस आना – कारण और बचाव
शिशुओं में दांत निकलने के दौरान उल्टियां – क्या यह सामान्य है?

पूजा ठाकुर

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