शिशु

शिशुओं के चेहरे पर एक्ने – कारण, लक्षण और उपचार

जब बच्चे की उम्र दो से तीन सप्ताह की होती है तब हो सकता है कि उसे बेबी एक्ने हो जाए। यह करीब 40% न्यूबॉर्न बच्चों को प्रभावित करने वाली एक आम समस्या है और इसमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती। बच्चों में एक्ने होने के लक्षण और इससे संबंधित सारी जानकारी के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़ें। 

बेबी एक्ने क्या है?

इसे मिल्क रैश या न्यूबॉर्न एक्ने भी कहते हैं जिसमें बच्चे के चेहरे पर लाल या पीली रंग की फुंसियां होती हैं। बच्चे के चेहरे पर ये पिंपल्स किशोर उम्र में होने वाले टीन एक्ने की तरह ही दिखते हैं। यह समस्या अक्सर चेहरे पर और विशेषकर गालों व माथे पर होती है। ये छोटे बच्चों की ठोढ़ी या पीठ पर भी हो सकते हैं। यदि बच्चा को गर्मी बहुत होती है या उसके मुंह से अक्सर दूध या लार निकलती है तो एक्ने मुख्य रूप से बढ़ते हैं। 

नोट: छोटे बच्चों में एक्ने व मिलिया में कन्फ्यूज नहीं होना चाहिए जो नाक व गालों पर सफेद व छोटे छालों के रूप में उत्पन्न होते हैं। ये सिस्ट आमतौर पर तब होते हैं जब केराटिन (प्रोटीन) त्वचा की सतह के नीचे फंस जाता है।

बेबी एक्ने के लक्षण

छोटे बच्चों में एक्ने होने का अर्थ है बच्चे को पिंपल्स होना जो उसके शरीर में कहीं भी हो सकते हैं। हालांकि ये चेहरे और कभी-कभी पीठ में बहुत गंभीर रूप से हो जाते हैं। तो बच्चों में एक्ने की समस्या कैसे दिखाई देती है? यहाँ पर कुछ लक्षण दिए गए हैं, आइए जानें; 

  • ये टीन एक्ने जैसे ही दिखते हैं।
  • ये बंपी या उभरे हुए होते हैं।
  • ये बच्चे की त्वचा के रंग जैसे या कभी-कभी गुलाबी, लाल और पीले रंग के भी होते हैं।
  • ये अक्सर पपड़ीदार होते हैं।
  • बंप्स के आसपास सफेद रंग की फुंसी या वाइटहेड्स की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

बेबी एक्ने होने के कारण

छोटे बच्चों में एक्ने होने का कोई भी विशेष कारण नहीं है। यह माना जाता है कि ये टीन एक्ने की तरह ही होते हैं जिनमें निम्नलिखित फैक्टर्स भूमिका निभाते हैं;

  • ऑयल, बैक्टीरिया और हॉर्मोन्स का कॉम्बिनेशन।
  • माँ के हॉर्मोन्स के अवशेष बच्चे से कंबाइन होना।
  • बच्चों में एंड्रोजन हॉर्मोन्स बढ़ने के कारण।
  • बच्चे की त्वचा के छिद्र पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं जिससे यह समस्या अधिक गंभीर हो जाती है।
  • बच्चे व ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँ को दी गई कुछ विशेष दवाएं।

बेबी एक्ने कितने दिनों तक रहते हैं?

छोटे बच्चों में एक्ने अक्सर एक महीने में चले जाते हैं पर कभी यह तीन महीने तक भी रहते हैं। यदि यह समस्या ज्यादा दिनों तक रहती है तो डॉक्टर से सलाह लें। 6 महीने की उम्र तक छोटे बच्चों की त्वचा सॉफ्ट और स्मूद हो जाती है। 

छोटे बच्चों में एक्ने का ट्रीटमेंट

चूंकि छोटे बच्चों में एक्ने अपने आप ही ठीक हो जाते हैं इसलिए नवजात शिशुओं में एक्ने के लिए रेमेडीज का उपयोग करने की जरूरत नहीं है। इनसे बेबी को अक्सर कोई भी असुविधा नहीं होती है, जैसे खुजली इसलिए इसे ऐसे ही छोड़ देना सही है। एक्ने पर खुजली न करें या इसे स्क्रब न करें क्योंकि इससे बच्चे की त्वचा पर हमेशा के लिए दाग पड़ सकते हैं। इसके लिए आप सिर्फ शिशु का चेहरा गुनगुने पानी व सौम्य साबुन से धोएं। इसके अलावा बच्चे की त्वचा में तब तक कोई भी ऑयली क्रीम या लोशन न लगाएं जब तक एक्ने पूरी तरह से ठीक न हो जाए क्योंकि ऑयल से एक्ने बढ़ सकते हैं। 

न्यूबॉर्न बेबी में एक्ने के लिए होम रेमेडीज

यदि छोटे बच्चों में एक्ने हो जाता है तो इसके लिए कुछ न करना ही बेहतर है। यह समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है और यदि इसके लिए कुछ किया जाए तो कभी-कभी अच्छा होने के बजाय इससे हानि हो सकती है। हालांकि यदि आपको कुछ करने की इच्छा है तो यहाँ पर कुछ रेमेडीज दी गई हैं;

  • बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती रहें क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क से कोई भी हॉर्मोनल समस्या ठीक हो जाती है।
  • कुछ लोगों का यह मानना है कि एक्ने पर ब्रेस्ट मिल्क लगाने से ये ठीक हो जाते हैं।
  • प्रभावित जगह को पानी से साफ करें और इसे थपथपा कर सुखाएं। इसे रोजाना दो से तीन बार करें।

बेबी के कॉम्प्लेक्शन के लिए क्या करें?

छोटे बच्चों में एक्ने ठीक हो जाने के बाद उनका कॉम्प्लेक्शन पहले जैसा हो जाता है। तब तक इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे की स्किन हर समय ड्राई और साफ रहनी चाहिए। आप दानों को स्क्रब न करें या इस हटाने का प्रयास न करें क्योंकि इससे बेबी के कॉम्प्लेक्शन पर हमेशा के लिए प्रभाव पड़ सकता है। 

छोटे बच्चों में रैशेज होते हैं या एक्ने?

बच्चों को कुछ प्रकार के रैशेज बहुत जल्दी हो जाते हैं जिससे बेबी एक्ने से कंफ्यूजन भी हो सकता है। हालांकि रैशेज में खुजली हो सकती है जिससे बच्चे को परेशानी होती है, जो एक्ने में नहीं होती। बच्चों में रैशेज के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • एक्जिमा: यह समस्या न्यूबॉर्न बेबीज में सामान्य है पर इसमें त्वचा ड्राई, पपड़ीदार और लाल हो सकती है। इसमें बच्चे के गाल और सिर के आसपास कुछ प्रकार के पैचेज भी हो सकते हैं।
  • हीट रैश: एक्ने की तरह दिखने वाले ये मॉइस्ट व लाल बंप्स अक्सर बच्चे के हाथ, पैरों, ऊपरी छाती और डायपर की जगह पर होते हैं।
  • क्रैडल कैप: क्रैडल कैप में बंप्स एक्ने से भी छोटे व लाल होते हैं। इसमें सिर की त्वचा पीली और पपड़ीदार भी हो सकती है जो बच्चे की भौंह और शरीर के ऊपरी भाग तक फैल जाती है।

क्या इसका कोई बचाव है?

चूंकि बच्चों में एक्ने होने का कोई भी विशेष कारण नहीं है पर आप बेबी की त्वचा को सॉफ्ट और हेल्दी बनाए रखने के लिए साफ-सफाई के बेसिक नियम फॉलो कर सकती हैं। बच्चे को रोजाना नहलाएं और इस बात का ध्यान रखें कि उसे साफ व कंफर्टेबल कपड़े पहनाएं जाएं। गर्मियों में बच्चे की त्वचा को ड्राई व सर्दियों में उसकी स्किन को मॉइस्ट रखें और साथ स्किन पर रैशेज, बंप्स होने पर उसे स्क्रब न करें और न ही इसे बार-बार छुएं। 

डॉक्टर से कब मिलें

यदि आपको बेबी एक्ने को लेकर चिंता है तो डॉक्टर से सलाह लें। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चों में एलर्जी या अन्य रैशेज और एक्ने में कंफ्यूजन भी हो सकता है। यदि यह समस्या है तो डॉक्टर उचित दवा प्रिस्क्राइब करेंगे और बच्चे को रिकवर करने में मदद करेंगे। 

अब आप बेबी एक्ने के बारे में जानती हैं। यदि उसे एक्ने या रैशेज होते हैं तो आपको पता होगा कि उसके तुरंत इलाज के लिए आपको क्या करना चाहिए। ध्यान देने और हेल्दी आदतें बनाने से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। 

निष्कर्ष: यह जानकारी सिर्फ एक गाइड है और क्वालिफाइड प्रोफेशनल द्वारा दी हुई मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है। 

यह भी पढ़ें:

शिशुओं में एक्जिमा – कारण, लक्षण और उपचार
बच्चों में सनबर्न होना- लक्षण, उपचार और बचाव
बच्चे के चेहरे से मुँहासे दूर करने के लिए 10 घरेलू उपचार

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

नववर्ष पर निबंध (Essay On New Year In Hindi)

नव वर्ष का समय पूरी दुनिया भर में खुशियों और मौज-मस्ती से भरा एक रोमांचक…

8 hours ago

मेरा घर पर निबंध (My House Essay in Hindi)

घर एक ऐसी जगह है जहां हम अपने परिवार वालों के साथ रहते हैं। सभी…

2 days ago

पृथ्वी बचाओ पर निबंध (Essay On Save Earth In Hindi)

पृथ्वी हमारा घर है, लेकिन आज यह गंभीर संकटों का सामना कर रही है। प्रदूषण,…

2 days ago

पुलिसकर्मी पर निबंध (Essay On Policeman in Hindi)

पुलिस हमारे समाज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। पुलिस हमें सुरक्षित रखती है…

2 days ago

प्रकृति पर निबंध (Essay On Nature In Hindi)

प्रकृति हम मनुष्यों को दिया हुआ वो कीमती उपहार है जिसके अनेक फायदे हैं। जिस…

2 days ago

मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay On My School In Hindi)

विद्यालय वह स्थान होता है जहां बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं और अपने भविष्य की…

2 days ago