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शिशुओं को फिंगर फूड देना: क्या खाने को दें और किससे बचें

बच्चे हर उस चीज की नकल करने की कोशिश करते हैं, जो वे दूसरों को करते हुए देखते हैं। जब वे परिवार को लोगों को खुद से खाते हुए देखते हैं तो खुद भी यही प्रयास करते हैं। आप अपने बच्चे की इस ईटिंग जर्नी को शुरू करने के लिए उसे फिंगर फूड दे सकती हैं। खाने-पीने की चीजों को छोटी-छोटी बाईट में बच्चे को दें और आपका नन्हा सा बच्चा इसे खाने के लिए पहली बार अपने छोटे-छोटे हाथों का प्रयोग करेगा। फिंगर फूड बच्चे के फाइन मोटर स्किल डेवलप करने में मदद करते हैं। इसलिए, बच्चे को सही समय पर फिंगर फूड देना शुरू करना चाहिए। फिंगर फूड के बारे में आगे और भी जानने के लिए लेख पढ़ें कि कब, क्या और कैसे आप उसे ये देने की शुरूआत करें।

फिंगर फूड्स क्या हैं?

जो भी खाने की चीज जिसे बच्चा आसानी से उठाकर और खुद से खा सके उसे फिंगर फूड कहा जाता है। एक्टिव बच्चे जो कभी भी एक जगह पर नहीं टिकते हैं, वे अक्सर खुद से खाना खाने का प्रयास करते हैं। फिंगर फूड उनके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है, जिससे कि उनका पेट भी भरता है और एनर्जी भी मिलती है। इस तरह के फूड आइटम देकर माँ अपने बच्चे को खुश कर देती है।

आपको कब इसे अपने बेबी को देना शुरू करना चाहिए

कुछ माएं बच्चा 6 महीने का हो जाने के बाद उसे फिंगर फूड देना शुरू कर देती हैं। हालांकि, आपको ऑब्जर्व करते रहना चाहिए कि कब आपका बेबी इसके लिए तैयार है। आमतौर पर, 8 से 9 महीनों के बीच, बच्चा यह संकेत देना शुरू कर देता है कि वह खुद से खाना खाने के लिए अब तैयार है। शुरूआत में, यह थोड़ा चैलेंजिंग हो सकता है, क्योंकि बच्चे को अभी अपने हाथ और आँखों के बीच कोआर्डिनेशन को समझने में समय लगेगा, जिसका मतलब है वह खाना खाने से ज्यादा गिराएगा पर धीरे-धीरे अपने हाथों का प्रयोग करके वह सही से भोजन को पकड़ना और खाना सीख जाएगा। इससे बच्चे की फाइन मोटर स्किल डेवलप होती है और उसकी ग्रिप मजबूत होती है।

बेबी को फिंगर फूड्स कैसे इंट्रोड्यूस करें?

बच्चे को फिंगर फूड्स देने की शुरूआत करने के लिए आप उसे एक हाई चेयर पर बिठा कर उसके सामने एक प्लेट या बाउल में फिंगर फूड के कुछ टुकड़ें दें। लेकिन ध्यान रखें कि टुकड़ें इतने ही छोटे हों जितना वह अच्छे से खा सकें, वरना इससे चोकिंग होने का खतरा रहता है। जब बच्चा अपनी प्लेट पर मौजूद सारा खाना खत्म कर ले तो उसकी प्लेट को फिर से भर दें, अगर वो और खाने के लिए मांगता है।

छोटे बच्चों के लिए सबसे अच्छे फिंगर फूड्स कौन से होते हैं?

एक माँ का यही मकसद होता है कि वो अपने बच्चे को हेल्दी फिंगर फूड दें। लेकिन आपको एक बात का खयाल रखना होगा की यह छोटे-छोटे टुकड़ों में बच्चे को खाने के लिए दें, जो या तो अच्छी तरह से पका हुआ होना चाहिए या फिर इतना सॉफ्ट होना चाहिए कि बच्चा इसे आसानी से खा सके और डाइजेस्ट कर सके। यदि आप बच्चे में होने वाली फूड एलर्जी को लेकर चिंतित हैं, तो उसे फिंगर फूड देने से पहले डॉक्टर से बात करें। आइए हम बच्चों को दिए जाने वाले बेस्ट फिंगर फूड्स पर एक नजर डालते हैं:

  • फल बहुत ही बेहतरीन और हेल्दी फिंगर फूड में शामिल होते हैं। आप केला, आम, पपीता, कीवी व सेब की स्लाइस करके और यहां तक कि अंगूर की स्लाइस करके भी बच्चे को खाने के लिए दे सकती हैं। आप कम क्वांटिटी में इन सभी फलों को मिक्स करके भी बच्चे को दे सकती हैं ।
  • एक चुटकी नमक के साथ हरी मटर, फूलगोभी, बीन्स, गाजर और कद्दू जैसी सब्जियों को स्टीम या बॉइल करके बच्चे को दें ।
  • आप आलू और शकरकंद जैसी सब्जियों को बेक कर के भी दे सकती हैं और स्वाद बढ़ाने के लिए इन्हें देसी घी में फ्राई कर सकती हैं।
  • टमाटर और खीरे के पतले टुकड़े उसे कच्ची सब्जियों का स्वाद देंगे।
  • बॉइल्ड कॉर्न के साथ छोटे छोटे टुकड़ों में बेबी कॉर्न भी दिए जा सकते हैं।
  • बच्चों को सॉफ्ट वेजिटेबल से बने पराठे को खाना पसंद होता है, आप इसे टुकड़ों में काट कर उन्हें खाने के लिए दें।
  • बच्चे लाइट टोस्टेड ब्रेड खाना पसंद करते हैं।
  • टोफू के छोटे क्यूब्स बच्चे के चबाने के लिए बहुत सॉफ्ट होते हैं।
  • अच्छी तरह से पके हुए स्पाइरल पास्ता को छोटे टुकड़ों में काटे, ताकि बच्चे को इसे पकड़ने में आसानी हो।
  • आप टुकड़ों में काट कर हार्ड बॉयल्ड एग या अंडा भुर्जी दे सकती हैं। अगर बच्चे को इससे एलर्जी है, तो डॉक्टर से बात करना बहुत जरूरी है। अंडे की जर्दी आठ महीने का हो जाने के बाद बच्चे को दी जाती है वही अंडे की सफेदी एक साल का हो जाने के बाद बच्चे को दी जानी चाहिए ।
  • पका हुआ चिकन, टर्की या अन्य सॉफ्ट मीट देना बच्चे को नॉन वेज फूड का एक अच्छा स्वाद देता है।
  • मैश और पानी में पकाए हुए प्रून (सूखा आलूबुखारा) भी फिंगर फूड में शामिल किए जाने के लिए अच्छा ऑप्शन हैं।
  • स्टीम और बॉयल्ड फिश भी दूसरा ऑप्शन है। ध्यान रहे कि आपको बेबी को कोई भी ऐसी मछली नहीं देना है, जिसमें पारे की मात्रा ज्यादा हो।
  • आप बॉयल्ड और कुक की गई बीन्स का भी प्रयोग कर सकती हैं, जिनमें प्रोटीन और न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं।
  • इसके अलावा, आप सब्जियों के साथ घर पर हेल्दी नगेट्स और फ्राइज भी बनाकर बच्चे को दे सकती हैं।

छोटे बच्चों को कौन से फिंगर फूड्स देने से बचें

हालांकि आप अपने बच्चे के लिए तरह-तरह के भोजन ट्राई करती हैं, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों से बचना उसके लिए अच्छा होता है, जिससे चोकिंग का खतरा रहता है या वह पदार्थ हेल्दी नहीं होते हैं। नीचे बताए गए फूड आइटम से परहेज करें।

  • कच्ची सब्जियों को देने से बचना चाहिए।
  • ज्यादा मात्रा में फल और सब्जियां देने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे चोकिंग हो सकती है।
  • बच्चे को आलूबुखारा, आड़ू और तरबूज देने से पहले बीज निकाल दें। कद्दू के बीजों और सूरजमुखी के बीजों को खिलाने से बचें क्योंकि वे विंड पाइप में फंस सकते हैं और गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं।
  • बच्चों को नट्स खिलाने से बचें।
  • पॉपकॉर्न और प्रेट्जेल देने से बचें।
  • च्यूइंग गम और जेली आइटम जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।
  • मार्शमैलो और कैंडी देने से परहेज करें।
  • पीनट बटर स्टिकी होने के कारण बच्चे के लिए खाना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा मूंगफली से बच्चे को एलर्जी होने का खतरा होता है, इसलिए जब वह थोड़ा बड़ा हो जाए तब आप उसे यह दें।
  • किशमिश से परहेज करें।
  • बिना रोस्ट की हुई ब्रेड भी चोकिंग का कारण बन सकती है।
  • मीठी चीजें देने से बचें, क्योंकि एक बार जब बच्चे को इसकी आदत हो जाती है, तो वह हेल्दी चीजों को खाना पसंद नहीं करता है।
  • आलू के चिप्स और अन्य  फैटी आइटम देने से बचें।

फिंगर फूड्स खिलाते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

ध्यान दें कि बच्चा ठीक तरह से हाई चेयर पर बैठा हो। जब बच्चा खाना खा रहा हो तो आप बैठ जाएं और उसके सामने रहे। ये भी अच्छे रहेगा अगर आप बेबी के साथ बैठकर खुद भी खाना खाएं। यहां आपको कुछ पॉइंट दिए गए हैं, जिन पर ध्यान दें:

  • शुरुआत में, खुद से भोजन करना बच्चे के लिए चैलेंजिंग हो सकता और वह खाना खाने से ज्यादा उसे गिराएगा। हालांकि, बेबी धीरे-धीरे खाना अपने मुँह में डालना सीख जाएगा। इसलिए, धैर्य रखें और खाने को ज्यादा बर्बाद होने से रोकने के लिए उसे कम मात्रा में। वह कितना भूखा है, उसके आधार पर खाने का अमाउंट बढ़ाएं।
  • ध्यान दें कि बच्चे को फल देने से पहले इसमें से सभी बीज निकाल दें।
  • हार्ड फूड देने से बचें जो चोकिंग का कारण बन सकता है।
  • ऐसे खाद्य पदार्थ तैयार करें जिनमें नमक या चीनी बहुत कम हो।

बच्चे को इंट्रेस्टिंग फिंगर फूड देना थोड़ा चैलेंजिंग हो सकता है। हालांकि, आप क्रिएटिव एक्सपेरिमेंट करके उसे ये फिंगर फूड दे सकती हैं। इस प्रकार आपके बेबी को तरह-तरह के खानों का टेस्ट मिलेगा। बस आप ऊपर बताई गई टिप्स को फॉलो करें और इस बात का खयाल रखें कि बच्चे को जो भी फिंगर फूड दें वो अच्छी तरह पका हुआ और नरम होना चाहिए, ताकि बच्चा इसे आसानी से चबा सके और डाइजेस्ट कर सके।

यह भी पढ़ें:

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घर पर बना बेबी फूड – फायदे, नुकसान और रेसिपीज
बेबी फूड के चरण – बच्चे का पहला, दूसरा और तीसरा आहार

समर नक़वी

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