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नाक बंद होने जैसी प्रॉब्लम जो लगती बहुत छोटी है, लेकिन इससे काफी समस्या और इर्रिटेशन होती है। इससे साँस लेना मुश्किल हो जाता है और बहती नाक भी आपको बहुत फ्रस्ट्रेट करती है। इसी तरह, नाक बंद होने के कारण बच्चों को भी बहुत परेशानी होती है, जिससे कई रातों तक उनकी नींद हराम हो जाती है। क्योंकि बच्चे जो महसूस कर रहे होते हैं उसे व्यक्त नहीं कर पाते हैं, इसलिए आपको को ही उनकी परेशानी को समझना होगा कैसे? वो हम आपको इस लेख में बताएंगे कि आप बच्चे की नाक बंद होने के लक्षणों को कैसे पहचानें और उसके अनुसार बच्चे का ट्रीटमेंट करें।
बच्चों के नाक में होने वाला जमाव आमतौर पर नाक के टिश्यू में होने वाली सूजन के कारण होता है, जिससे बलगम का स्राव एक्स्ट्रा होने लगता है। माँ के गर्भ में एमनियोटिक फ्लूइड के कारण शुरुआती कुछ दिनों तक नवजात शिशुओं की नाक बंद हो सकती है। वे छींक के जरिए इसे साफ करने की कोशिश करते हैं। बच्चे की नाक भरी हुई होने की वजह से साँस लेने में परेशानी हो सकती है, खासकर जब बच्चे ज्यादातर बच्चे अपने मुँह से अच्छी तरह से साँस नहीं ले पाते हैं।
बच्चों की नाक में जमाव विभिन्न कारणों से हो सकते हैं। जिसके कुछ कॉमन कारण इस प्रकार हैं
छोटे बच्चों में यह एक आम समस्या है। यह कई वायरस के कारण होता है, जिसमे सबसे आम वायरस राइनोवायरस है। ये वायरस आपके बच्चे की नाक की अंदरूनी परत में सूजन पैदा करते हैं और गाढ़ा बलगम पैदा कर वायुमार्ग को बंद कर देता है और इसके कारण नाक बंद हो जाती है।
सर्दी-जुकाम के जैसे ही इसके भी लक्षण होते हैं, लेकिन इन्फ्लूएंजा में नाक के अंदर सूजन होने के बजाय बहती नाक की समस्या पैदा होती है। इन्फ्लूएंजा होने की स्थिति में आपके बच्चे को तेज बुखार भी हो सकता है। इन्फ्लूएंजा वायरस फेफड़ों, गले और नाक को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है।
यदि रोगजनक (पैथोजन्स) नाक के अंदर और किनारों पर मौजूद साइनस (वायु से भरे सैक) पर अटैक करते हैं, इसकी वजह से एक्स्ट्रा बलगम बनने लगता है, जो गाढ़ा होता है। जर्म नाक की लाइनिंग को भी इर्रिटेट करते हैं, जिसकी वजह से सूजन हो जाती है।
पॉलेन या राइनाइटिस (हे फीवर) जैसी एलर्जी के कारण भी नाक बंद होने की समस्या होती है। पॉलेन या अन्य पदार्थों में पाए जाने वाले एलर्जेन नाक के मार्ग में जलन पैदा कर सकते हैं जिससे सूजन और नाक बहने लगती है। यह पेट दर्द या दस्त जैसे लक्षणों के साथ दिखाई दे सकते हैं।
इस इन्फेक्शन के दौरान, लिम्फेटिक सिस्टम में टॉन्सिल और एडेनोइड नामक टिश्यू इम्यून प्रतिक्रिया के कारण सबसे पहले प्रभावित होते हैं। ऐसे मामलों में, टॉन्सिल और एडेनोइड बढ़ जाते हैं और नाक के मार्ग पर दबाव डालते हैं जिससे साँस लेना मुश्किल हो जाता है।
नेसल पोलिप्स विकास संबंधी विसंगतियों के कारण होते हैं और खुद को यह एक्स्ट्रा ग्रोथ के रूप में प्रस्तुत करते हैं। ये घातक तो नहीं होते हैं पर आमतौर पर इसके कारण म्यूकस बनने लगता है। हालांकि, नाक के मार्ग में उनकी पोजीशन नेसल कैविटी को ब्लॉक कर देती है, जिससे नाक बंद हो जाती है। यह नाक बहने का भी कारण बन सकता है।
अस्थमा के कारण वायुमार्ग संकुचित हो जाता है जिससे साँस लेना मुश्किल हो जाता है। यदि आपके बच्चे की रेस्पिरेटरी कैनाल में टिश्यू की सूजन के कारण अस्थमा हो जाता है, तो इससे बच्चे की नाक बंद हो सकती है। इससे उन्हें साँस लेने ने में तकलीफ हो सकती है, खांसी और साँस लेते समय आवाज होने जैसे लक्षण दिखाई देने लगेंगे।
बच्चों को कुछ नाक संबंधी डिसऑर्डर से पीड़ित होने की वजह से भी नाक बंद होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। पॉलीएंगाइटिस के साथ ग्रैनुलोमैटोसिस नामक एक ऐसी कंडीशन है, जो फेफड़े, नाक और साइनस की ब्लड वेसल्स में सूजन आ जाती है जिससे नाक बहने की समस्या शुरू हो जाती है। चुर्ग-स्ट्रॉस सिंड्रोम नाम की एक और कंडीशन है जो नाक में सूजन का कारण बनती है और इससे नाक में जमाव होता है। डेविएटेड सेप्टम एक ऐसी कंडीशन है, जहाँ टिश्यू दो नथुने के बीच एक लाइन मार्क करते हैं, जिससे यह एक तरफ ज्यादा झुक जाती है। इससे साँस लेने में मुश्किल आती है और नाक में जमाव होने लगता है।
हवा में कोई भी कण जो नेसल कैविटी में टिश्यू को इर्रिटेट करता है, जिससे नाक में जमाव होने लगता है। इससे अधिक मात्रा में बलगम का स्राव होता है। यदि आपका बच्चा ड्राई एयर के संपर्क में आता है, तो यह म्यूकस को सख्त कर देता है, जिससे साँस लेना मुश्किल हो जाता है।
बच्चों के लिए यह काफी कॉमन है कि वे जिन छोटी-छोटी चीजों उन्हें नाक के अंदर चिपका लेते हैं। कभी-कभी, जब ये नेसल कैविटी में जमा हो जाते हैं, जिससे इन्फेक्शन हो जाता है और नाक में जमाव होने का कारण बनता है।
हो सकता है कि आपका बच्चा आपको यह न बता पाए कि वह क्या महसूस कर रहा है, लेकिन कुछ ऐसे लक्षण है जिससे आप जान सकती हैं कि आखिर बच्चे को क्या परेशानी हो रही है। जिसमें कुछ कॉमन लक्षणों में शामिल हैं,
यदि आपके बच्चे की चौबीसों घंटे नाक बह रही है, तो इस बात की काफी संभावना है कि उसकी नाक बंद होने वाली है।
आपने देखा होगा कि आपका बच्चा साँस लेने और छोड़ने पर आवाज करता है। जब वह सो रहा हो तो यह और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
नाक बंद होने के कारण आपका बच्चा सोते समय खर्राटे भी ले सकता है।
यदि बच्चे की अंगुलियां पर्याप्त रूप डेवलप हो गई हैं, तो आप यह नोटस कर सकती हैं कि वह अपनी नाक साफ करता रहता है, इससे उसे जमाव से कुछ हद तक राहत मिल जाती है।
यदि आपके बच्चे की नाक भरी हुई है, तो नाक की परत में मौजूद लीनिंग उत्तेजित होती, जिससे स्नीजिंग रिफ्लेक्स हो सकता है। जबकि ज्यादातर मामलों में छींकने से नाक साफ होती है, लेकिन इससे नाक में जमाव होता है।
बंद नाक का कारण जानने के बाद, डॉक्टर उसके आधार पर छोटे बच्चों को दवा लिखते हैं। वायरस और इन्फेक्शन के कारण होने वाली बंद नाक की समस्या का इलाज एंटीबायोटिक और एंटीवायरल मेडिसिन से किया जाता है। टॉन्सिल और एडेनोइड या पॉलीप्स के मामले में, लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। यदि दवाएं नाक के जमाव को साफ नहीं करती हैं, तो इसे सर्जरी की मदद से साफ किया जाता है।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जब आपके बच्चे की नाक बंद हो जाती है, तो आपको सबसे पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि वह ठीक से साँस ले सके। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जो तुरंत राहत प्रदान कर सकते हैं।
सेलाइन ड्रॉप आप घर पर भी बना सकते हैं, इसके लिए 240 मिलीलीटर पानी में ¼ छोटा चम्मच नमक घोल लें। आप इसे मेडिकल स्टोर से भी खरीद सकती हैं। अपने बच्चे को उसकी पीठ के बल लिटा कर उसकी नाक में सेलाइन की दो या तीन बूंदें डालें। 30 से 60 सेकंड के बाद आप उसे घुमाकर पेट के बल लिटा दें। इससे बलगम के साथ-साथ सेलाइन भी निकल जाएगा। इसे टिशू पेपर से साफ करें और बचे हुए बलगम को बाहर निकालने के लिए अपने बच्चे की नाक को धीरे से स्क्वीज करें। यह विधि तब भी उपयोगी होती है जब आपके बच्चे को ड्राई म्यूकस की समस्या होती है, सेलाइन वाटर इसे सॉफ्ट करने और इसे बाहर निकालने में करते हैं।
नेजल सक्शन बल्ब को एस्पिरेटर भी कहा जाता है और यह बच्चे की नाक से बलगम को प्रभावी ढंग से निकाल लेता है। इसका उपयोग करने के लिए, हवा को छोड़ने के लिए इसे प्रेस करके रखना होगा और इसे अपने बच्चे के नथुने के किनारे पर रखना होगा। इसे और डीप न ले जाएं, क्योंकि इससे आपके बच्चे की नाक की लीनिंग खराब हो सकती है। एक बार जब यह अपनी जगह पर ठीक से सेट हो जाए, तो धीरे से इसे पकड़े और छोड़ दें ताकि म्यूकस बल्ब में प्रेशर से खिच कर बाहर बल्ब में आ जाए।
आप बल्ब को साफ कर सकती हैं और दोबारा उपयोग करने से पहले इसे गर्म पानी से धो सकती हैं। अपने बच्चे के नेसल सक्शन बल्ब का इस्तेमाल किसी और पर न करें।
यदि आप अपने बच्चे में नाक बंद होने का माइल्ड केस देखती हैं, तो आप अपने बच्चे को होने वाली परेशानी को कम करने के लिए आप कुछ घरेलू उपचारों को आजमा सकती हैं। याद रखें, यदि आपका बच्चा बहती नाक से पीड़ित है, तो उसके शरीर पर दवा या वेपर रब न लगाएं क्योंकि यह उसके लिए हानिकारक हो सकता है। यहाँ आपको कुछ उपाय दिए गए हैं जो आपके बच्चे की नाक के जमाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
बहती नाक को लगातार पोंछने से आपके बच्चे की त्वचा में जलन हो सकती है। इसे रोकने के लिए, आप अपने बच्चे के ऊपरी होंठ को लगातार घर्षण से बचाने के लिए थोड़ी सी वैसलीन लगा सकती हैं। एक्स्ट्रा सावधानी बरतने के लिए और अपने बच्चे की नाक पोंछने के लिए सॉफ्ट वाइप्स या कपड़े का इस्तेमाल करें।
अपने बच्चे के सिर के नीचे एक तकिया रखें ताकि उसका सिर ऊँचा रहे। इससे बलगम को निकाल सकता है और नाक बंद होने से रोकने में मदद मिलती है।
ड्राई एयर से बचने के लिए अपने बच्चे के कमरे में वेपोराइजर या ह्यूमिडिफायर रखें। यह आपके बच्चे की भरी हुई नाक को साफ करने में मदद करता है। किसी भी मोल्ड को बढ़ने से रोकने के लिए ह्यूमिडिफायर को बार-बार साफ करें।
अपनी हथेली को मोड़ें और धीरे से अपने बच्चे को उसकी पीठ पर थपथपाएं और वह आपके घुटनों के बीच होना चाहिए। आप उसे अपनी गोद में लेकर उसे लगभग 30 डिग्री तक आगे की ओर झुका सकती हैं और उसकी पीठ थपथपाएं। यह उसकी छाती में मौजूद जमाव को दूर करता है, बलगम को ढीला करता है और साँस लेने की प्रक्रिया को आसान करता है।
जब आपके बच्चे को कंजेशन होता है, तो ऐसी संभावना हो सकती है कि उसे अच्छा खाना नहीं मिल रहा हो। इससे बच्चे को डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए, अपने बच्चे को पानी या माँ के दूध से हाइड्रेट रखें।
अपने बच्चे को बेबी स्लिंग में रखने से उसे शांत करने में मदद मिल सकती है और सीधे या एंगल पोजीशन के कारण म्यूकस आसानी से निकलने में मदद मिलती है।
प्रोबायोटिक्स आपके बच्चे की इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और उसे इन्फेक्शन और वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। अपने बच्चे को कोई प्रोबायोटिक्स देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
कंजेशन से राहत पाने के लिए अपने बच्चे को नाक की हल्की सी मालिश करें। अपनी फिंगरटिप्स का उपयोग करते हुए, जेंटली नाक के साइनस पॉइंट पर धीरे से दबाव डालें और अपनी फिंगरटिप्स को बच्चे के नथुने की ओर नीचे लाएं। धीरे-धीरे यह प्रक्रिया फिर से दोहराएं।
आप कुछ सरल एहतियाती उपायों का उपयोग करके नाक के जमाव को रोकने की कोशिश कर सकती हैं।
यदि आपके बच्चे की नाक में जमाव अपने आप ठीक होने के कोई संकेत नहीं दिखाई देते हैं या यदि आपको नीचे बताए गए लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत अपने बच्चे के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यह बैक्टीरियल इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है और इसमें आपको तुरंत मेडिकल हेल्प लेने की जरूरत होती है।
नेसल कैविटी या साइनस इन्फेक्शन में म्यूकस में ब्लड देखा जा सकता है, जो बाहरी किसी चीज के चले जाने की वजह से होता है। एक डॉक्टर इसे साफ करते हैं और इन्फेक्शन का इलाज करते हैं।
यह एक सीरियस वायरल इंफेक्शन या एलर्जी रिएक्शन का संकेत हो सकता है। दोनों ही मामलों में, आपके बच्चे को तुंरत मेडिकल हेल्प लेने की आवश्यकता होती है।
यदि आपके बच्चे की बहती नाक के रोकने के कोई आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत होगी।
जो बच्चे बहुत छोटे होते हैं वो म्यूकस निकालने मुँह से ठीक तरह साँस नहीं ले पाते हैं। इसलिए, नाक बंद होने के कारण उनका सोना और खाना प्रभावित होता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।
नाक बंद होने से आपके बच्चे को परेशानी हो सकती है और इसकी वजह से वह ठीक सो नहीं पाता है और न ही फीड कर पाता है । यदि आप बताए गए नाक बंद के लक्षणों को बच्चे में देखती हैं, तो उसकी परेशानी को दूर करने के लिए बताए गए कुछ घरेलू उपचारों को आजमा सकती हैं। यदि उसे आपको गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो हमेशा सबसे से पहले डॉक्टर से परामर्श करें क्योंकि उनसे बेहतर आपको कोई और गाइड नहीं कर सकता है।
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