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बहुत लोग ‘टंग टाई’ यानी ‘चिपकी हुई जीभ’ की समस्या के बारे में नहीं जानते होंगे। बजाय इसके वे सोच सकते हैं कि इसमें व्यक्ति बोल नहीं पाता है या बोलते समय हकलाता है। हालांकि टंग टाई एक ऐसी समस्या है जो जन्म के दौरान ज्यादातर बच्चों में होती है। इस आर्टिकल में हम टंग टाई के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और साथ ही यह भी बताएंगे कि यह समस्या बच्चे को कैसे प्रभावित कर सकती है। जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
टंग टाई या एन्कायलोग्लोसिया एक जन्मजात समस्या है। यह दिक्क्त जीभ की रेंज और फंक्शन को प्रभावित करती है। जिन बच्चों को यह समस्या होती है उनकी लिंगुअल फ्रेनुलम टाइट या थिक और छोटा होता है जो मुंह के ऊपरी हिस्से में जीभ को अंदर से जोड़ने वाला एक टिश्यू है। टंग टाई की समस्या के साथ लिंगुअल फ्रेनुलम की लंबाई/थिकनेस जीभ के मूवमेंट को रोकती है। यदि इस समस्या को ठीक नहीं किया गया तो इससे ब्रेस्टफीडिंग में प्रभाव पड़ता है और आगे आने वाले समय में बच्चे को खाने, बोलने और निगलने में समस्याएं हो सकती हैं।
टंग टाई को लीगल फ्रेनुलम की लंबाई और पोजीशन के आधार पर अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। वे क्या हैं, आइए जानें।
जीभ मुंह के ऊपरी हिस्से में कहाँ पर जुड़ी हुई है इसके आधार पर टंग टाई को क्लासिफाइड किया गया है, आइए जानें;
कई बार यह जानना कठिन है कि बच्चे को कोई समस्या है। इन लक्षणों से आप समस्या को समझ सकेंगी और यदि जरूरत पड़ी तो इसके लिए आवश्यक उपचार भी कर सकती हैं।
बच्चे में टंग टाई के कुछ निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं, आइए जानें;
बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराते समय भी आप निम्नलिखित लक्षणों को नोटिस कर सकती हैं, जैसे;
यह लक्षण इसलिए दिखाई देते हैं क्योंकि बच्चा ठीक से लैचिंग के दौरान निप्पल पकड़ने के लिए पूरा मुंह नहीं खोल पाता है। हालांकि आप इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा अन्य समस्याओं की वजह से लैचिंग नहीं कर पाएगा, जैसे उचित रूप से सपोर्ट न मिल पाना, बच्चे की पोजीशन ठीक न होना आदि। इसलिए मेडिकल मदद के लिए आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
अब आप टंग टाई और इसके लक्षणों के बारे में जानती हैं पर यह समस्या किस वजह से होती है, आइए जानें।
टंग टाई एक जन्मजात समस्या है जिसका अर्थ है कि जन्म से ही बच्चे को यह समस्या हो जाती है। यह समस्या बच्चे के जन्म लेने के बाद विकसित नहीं होती है। ज्यादातर मामलों में जन्म से पहले ही लिंगुअल फ्रेनुलम जीभ से अलग हो जाती है और मुक्त होकर मूव करती है। यदि बच्चे को टंग टाई हुआ है तो जन्म के बाद भी फ्रेनुलम जीभ से जुड़ी हुई होगी। यह कोई भी नहीं जानता कि ऐसा क्यों होता है। कुछ थ्योरी के अनुसार टंग टाई जेनेटिक फैक्टर्स की वजह से होता है। कुछ लोग मानते हैं कि टंग टाई सिर्फ डिस्मॉर्फिक बच्चों में ही होता है और यह नॉर्मल बच्चों में बहुत कम होता है। कई ऐसे बच्चे हैं जिन्हें यह समस्या होती है और बाद में उन्हें इसकी वजह से स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं जिनके बारे में निम्नलिखित है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
टंग टाई बच्चे के जीवन में मुंह से संबंधित एक्टिविटी में गंभीर रूप से प्रभावित करता है टंग टाई के कारण ओरल डेवलपमेंट नहीं हो पाता है और इसकी वजह से बच्चे के बोलने, खाने और निगलने के तरीकों का विकास भी नहीं होता है।
टंग होने की वजह से निम्नलिखित कुछ कॉम्प्लिकेशंस हो सकती हैं, जैसे;
बच्चे अक्सर दूध पीते समय लिंगुअल फ्रेनुलम के साथ जीभ का उपयोग करके मसूड़ों को कवर करते हैं। पर यदि बच्चे को यह समस्या है तो बच्चा निप्पल चूसने के बजाय इसे चबाएगा। इससे ब्रेस्ट में दर्द तो होता ही है पर बच्चा अच्छी तरह से दूध भी नहीं पी पाता है। जिसकी वजह से वह कुपोषित या मालन्यूट्रीशन हो जाता है।
टंग टाई की वजह से बोलने में दिक्क्त होती है और बच्चा ‘ट’, ‘ड’, ‘ज़’, ‘आई’ और ‘थ’ जैसे शब्दों को नहीं बोल पाता है। बच्चे को विशेष रूप से ‘र’ शब्द का उच्चारण करने में भी दिक्क्त होती है।
टंग टाई की वजह से बच्चे को ब्रश करके मुंह में फंसे हुए खाने के पार्टिकल निकालने में कठिनाई होगी। इससे बच्चे के दांतों में कीड़े लग सकते हैं या मसूड़ों में सूजन आ सकती है। टंग टाई होने की वजह से बच्चे के आगे के दांतों में गैप आ सकता है।
टंग टाई से मुंह की कई सारी एक्टिविटीज पर प्रभाव पड़ता है। यदि बच्चे को यह समस्या है तो वह विंड इंस्ट्रूमेंट नहीं बजा पाएगा, उसे आइसक्रीम या होंठों को चाटने में भी दिक्क्त होगी।
डॉक्टर शारीरिक जांच करके इसका डायग्नोसिस करते हैं। वे बच्चे की जीभ में इसकी गतिशीलता और उपस्थिति के आधार पर इसके कई टेस्ट करने के बाद इस समस्या की पुष्टि करेंगे या इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
किसी भी स्थिति में आप इसका डायग्नोसिस खुद न करें या किसी नॉन प्रोफेशनल से भी इसकी जांच न कराएं। आप इसके बारे में अपनी चिंताएं डॉक्टर से कहें और इससे संबंधित सभी शंकाओं या डर को खत्म करें।
टंग टाई के ट्रीटमेंट के लिए अक्सर वाद विवाद होते रहते हैं क्योंकि कुछ एक्सपर्ट्स इसके प्रोसीजर को ठीक नहीं मानते हैं और कुछ समस्या को जल्दी से जल्दी ठीक करने के लिए इसे करने की सलाह देते हैं। टंग टाई को ठीक करने के लिए कोई भी सर्जरी करा सकता है और यह कितना प्रभावी है इसके अनुसार किसी भी चरण में ठीक हो सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि कभी-कभी इस समस्या से कोई भी कॉम्प्लिकेशंस नहीं होती हैं या यह जन्म के बाद कुछ ही दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है।
सर्जरी कराने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बेहतर होगा। अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
टंग टाई बच्चे की कई एक्टिविटी को प्रभावित कर सकता है, जैसे बोलना, खाना, निगलना आदि। इस समस्या में दो प्रकार की सर्जरी मदद कर सकती हैं – फ्रेनुलोप्लास्टी और फ्रेनोटॉमी।
इसे टंग टाई डिवीजन भी कहते हैं और इसमें दो आसान प्रोसीजर होते हैं जिन्हें डॉक्टर बिना एनेस्थीसिया लगाए ही करते हैं। फ्रेनुलम की जांच करने के बाद डॉक्टर इसे स्टेरेलाइज्ड कैंची से काटते हैं। चूंकि उस जगह पर नसों के अंतिम भाग और ब्लड वेसल बहुत कम होते हैं इसलिए वहाँ पर थोड़ा बहुत या बिलकुल दर्द व ब्लीडिंग नहीं होती है।
प्रोसीजर होने के बाद बच्चा तुरंत ब्रेस्टफीडिंग कर सकता है। इस प्रोसीजर में बहुत कम कॉम्प्लिकेशंस होती हैं और यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
फ्रेनुप्लास्टी एक बड़ा प्रोसीजर है जो एनेस्थीसिया के बाद किया जाता है। इसका उपयोग उन मामलों में किया जाता है जिनमें फ्रेनुलम बहुत थिक रहता है या ज्यादा ठीक करने की जरूरत होती है। फ्रेनुलम को काटने के बाद घाव को बंद करने के लिए टांके लगाए जाते हैं। जैसे-जैसे जीभ ठीक होती है यह टांके अपने आप ही अब्सॉर्ब हो जाते हैं।
2-4% न्यूबॉर्न बेबी में टंग टाई की समस्या पाई गई है। वैसे तो ज्यादातर मामलों में इस दिक्कत से हमेशा के लिए कोई भी प्रभाव नहीं होता है पर अन्य मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। यद्यपि इस समस्या से जीवन को कोई भी खतरा नहीं है पर यह ओरल हेल्थ खराब होने और आम जिंदगी एन्जॉय न कर पाने का एक कारण हो सकता है। बच्चे की बाधित जीभ को ठीक करने के लिए आप डॉक्टर से बात करें। आपके लिए सिर्फ बच्चे के जीवन की क्वालिटी ही जरूरी होनी चाहिए।
स्रोत 1: WebMD
स्रोत 2: Mayo Clinic
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