बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

शिशुओं और बच्चों के लिए नेबुलाइजेशन

In this Article

आपने क्लीनिक में चेकअप के दौरान या हॉस्पिटल विजिट के दौरान, कई बच्चों और शिशुओं को अपने चेहरे पर प्लास्टिक मास्क लगाए हुए देखा होगा। ये नेबुलाइजर कहलाते हैं, जो कि बच्चों को ठीक तरह से सांस लेने में मदद करते हैं और यह ट्रीटमेंट नेबुलाइजेशन कहलाता है। 

नेबुलाइजेशन क्या होता है?

साधारण शब्दों में कहा जाए, तो नेबुलाइजेशन एक तरह का ट्रीटमेंट है, जो कि सांस लेने में मदद करता है। इसमें बच्चे को जिस दवा की जरूरत होती है, उसे नेबुलाइजर के द्वारा दी जाती है और बच्चा सांस के द्वारा उसे अंदर ले लेता है। इस प्रकार यह सीधे शरीर में पहुँच जाती है और शरीर इसे आसानी से अब्सॉर्ब कर लेता है, जिससे तुरंत असर होता है। 

क्या यह बच्चों के लिए सुरक्षित है?

नेबुलाइजेशन अधिकतर बच्चों के लिए बिल्कुल सुरक्षित होता है। बच्चे का चेकअप करने के बाद, अगर डॉक्टर को नेबुलाइजेशन सही लगता है, केवल तब ही इसकी सलाह दी जाती है। 

नेबुलाइजर क्या है?

नेबुलाइजर एक मशीन होती है, जिसके द्वारा नेबुलाइजेशन किया जाता है। बच्चे को जिस दवा की जरूरत होती है, वह दवा इस मशीन से आमतौर पर नेबुलाइजेशन मास्क के द्वारा बच्चे को दी जाती है। 

नेबुलाइजर कैसे काम करता है?

नेबुलाइजर का इस्तेमाल जब बच्चों के लिए किया जाता है, तो दवा इस मशीन में डाल दी जाती है। फिर नेबुलाइजर दवा का इस्तेमाल करता है और उसे एक एरोसोल या एक ऐसे रूप में कन्वर्ट कर देता है, जिसमें मशीन के एरियल ड्रॉपलेट्स मौजूद होते हैं। गैस और लिक्विड का यह कॉन्बिनेशन ऑक्सीजन, अल्ट्रासोनिक या मशीन के द्वारा कंप्रेस की गई हवा के इस्तेमाल से प्राप्त होता है। जब एरोसोल तैयार हो जाता है, तो इसे नेबुलाइजेशन मास्क के द्वारा बाहर निकाला जाता है, जिसे बच्चे के चेहरे पर लगाया जाता है। 

नेबुलाइजेशन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न प्रकार की दवाएं

आमतौर पर नेबुलाइजेशन के लिए दो प्रकार की दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं, जो कि इस प्रकार हैं: 

1. नॉन-मेडिकेटेड लिक्विड

जब बच्चे की नाक सूखी होती है और उसके म्यूकस मेंब्रेन को नमी की जरूरत होती है, तो दवा के बजाय एक सिंपल सेलाइन लिक्विड के इस्तेमाल से नेबुलाइजेशन किया जाता है। यह मेंब्रेन को गीला कर देती है और सूखापन कम करती है।

2. मेडिकेटेड लिक्विड

राइनाइटिस, अस्थमा या ऐसी ही किसी बीमारी से ग्रस्त बच्चों को बीमारी के इलाज के लिए जरूरी केमिकल युक्त मेडिकेटेड लिक्विड के इस्तेमाल से नेबुलाइजेशन लेने की सलाह दी जाती है। गंभीर अस्थमा के मामलों में, मेडिकेटेड लिक्विड में कॉर्टिकोस्टेरॉइड या ब्रोंकोडाईलेटर्स के एक कॉम्बिनेशन के इस्तेमाल से नेबुलाइजेशन किया जाता है। 

बच्चे को कितनी बार नेबुलाइज किया जा सकता है?

बच्चे को कितनी बार नेबुलाइज किया जा सकता है, इसका कोई सटीक जवाब नहीं है। कभी-कभी दो खुराक ही काफी होती है, वहीं कभी-कभी इसे कई बार करवाना पड़ सकता है। यह समस्या और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। डॉक्टर नेबुलाइजर को अपने पास रखने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऐसे मामलों में तुरंत दवा देना जरूरी हो जाता है। दवा की खुराक के बारे में बच्चे के डॉक्टर से संपर्क बनाए रखना बेहतर है। 

बच्चे को खांसी-जुकाम होने पर नेबुलाइजेशन से मदद कैसे मिल सकती है?

सामान्य खांसी-जुकाम होने पर, नाक अंदर से सूखने लगती है और बहुत अधिक भर जाती है। इसके कारण नाक बंद हो जाती है और बच्चा मुँह से सांस लेने लगता है। 

एक सिंपल सेलाइन सॉल्यूशन के साथ, नेबुलाइजर का इस्तेमाल करने से नाक की अंदरूनी मेंब्रेन को नमी देने में मदद मिलती है। यह अंदर फंसे हुए बलगम को ढीला करता है और नाक के पैसेज को फैलाता है। बंद नाक से राहत पाने का यह सबसे आसान तरीका है और बहुत जल्द बच्चा सामान्य रूप से सांस लेने लगता है। 

क्या मुझे नेबुलाइजर खरीदना चाहिए?

आपके बच्चे की समस्या की गंभीरता, नेबुलाइजेशन की उसकी जरूरत की फ्रीक्वेंसी, खर्च, आराम आदि के आधार पर यह तय किया जाता है, कि आपको घर पर नेबुलाइजर की जरूरत है या नहीं। क्लीनिक और हॉस्पिटल में नेबुलाइजेशन का चुनाव करना हमेशा मददगार होता है, क्योंकि ऐसे में आपको हॉस्पिटल के स्टाफ से जरूरी सुरक्षा और निर्देश मिल जाते हैं। जब किसी बीमारी में केवल कुछ बार ही नेबुलाइजेशन की जरूरत होती है, तो ऐसे में यह विकल्प फायदेमंद और किफायती होता है। 

अगर आपके पास अपना नेबुलाइजर हो, तो यह घर के सुरक्षित और पहचाने हुए वातावरण में संभव हो जाता है। साथ ही अगर बार-बार दवा देने की जरूरत हो, तो ऐसे में होम नेबुलाइजर सबसे बेहतर होता है और यह कम खर्चीला भी होता है। 

नेबुलाइजर कितने प्रकार के होते हैं?

बाजार में कई तरह के नेबुलाइजर उपलब्ध होते हैं। आपके बच्चे की स्थिति के अनुसार, डॉक्टर आपको बच्चों के लिए सबसे बेहतरीन नेबुलाइजर की सलाह दे सकते हैं। 

1. स्टेशनरी नेबुलाइजर

  • आमतौर पर यह मजबूत, टिकाऊ और लंबा चलने वाला होता है।
  • यह सस्ता होता है और इसकी वारंटी भी लंबी होती है।
  • आमतौर पर यह केवल घर के अंदर इस्तेमाल के लिए होता है।

2. मोबाइल नेबुलाइजर

  • इसे हाथ में पकड़ कर इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसके लिए बैटरी या अन्य सोर्स का इस्तेमाल होता है।
  • इसे कैरी किया जा सकता है और यह घर के बाहर भी इस्तेमाल हो सकता है।
  • इसका आकार छोटा होता है और इसका वजन भी कम होता है।

3. अल्ट्रासोनिक नेबुलाइजर

  • इसमें लिक्विड दवा को एरोसोल में कन्वर्ट करने के लिए हाई फ्रीक्वेंसी पर वाइब्रेशन का इस्तेमाल होता है।
  • इसकी कोई आवाज नहीं आती है।
  • इसका आकार छोटा होता है।
  • यह बैटरी से चलता है, फिर भी इसकी फंक्शनिंग तेज होती है।

4. जेट नेबुलाइजर

  • इसमें प्लास्टिक मास्क के द्वारा हवा जाती है, जो कि लिक्विड मेडिसिन को हवा में बदल देती है।
  • यह बिजली से चलती है, इसलिए सफर के दौरान इसे साथ नहीं रखा जा सकता है।
  • इससे बहुत तेज आवाज आती है, पर यह काफी सस्ता होता है।

5. मेश नेबुलाइजर

  • इसमें लिक्विड को एरोसोल दवा में बदलने के लिए, एक फ्रीक्वेंसी पर वाइब्रेट करने वाली मेंब्रेन का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसका आकार छोटा होता है और यह सबसे तेज मेडिसिन डिस्पेंसर होता है।
  • यह बैटरी से चलता है और इसकी कोई आवाज नहीं होती है।
  • दूसरों से काफी महंगा होता है।
  • इसका इस्तेमाल सावधानी से किया जाना चाहिए और बार-बार साफ करना चाहिए।

बच्चे के ब्रीदिंग ट्रीटमेंट के लिए नेबुलाइजर को तैयार करना

नेबुलाइजर के किसी भी हिस्से को छूने से पहले, अपने हाथों को अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें। इससे किसी भी बाहरी ऑर्गेनिज्म के नेबुलाइजर में प्रवेश करने से बचाव होता है। 

  • किसी आरामदायक जगह को चुनें, जहाँ पर एक टेबल या एक सख्त सतह हो।
  • इस्तेमाल से पहले नेबुलाइजर के एयर फिल्टर को साफ करना न भूलें। अगर यह गंदा हो, तो इसे ठंडे पानी से धो दें और सूखने दें।
  • मशीन के प्लग को सप्लाई सॉकेट में लगाएं। मेडिकेशन एमप्यूल लें और इसे नेबुलाइजर के मेडिसिन कंटेनर में रखें। अगर डॉक्टर ने आपको कुछ दवाओं को एक साथ मिलाकर इस्तेमाल करने की सलाह दी है, तो हर दवा की सही मात्रा को मापने के लिए एक ड्रॉपर या सिरिंज का इस्तेमाल करें और फिर उन्हें एक साथ मिलाएं।
  • कुछ मामलों में एक अच्छे एरोसोल को बनाने के लिए, दवा में सेलाइन वॉटर को मिलाने की जरूरत पड़ सकती है। सेलाइन वॉटर को घर पर न बनाएं। हमेशा एक फार्मेसी से स्टेराइल सेलाइन खरीदें और दवा के लिए उसका इस्तेमाल करें।
  • कंटेनर को रखें और इसे ट्यूब के द्वारा मशीन से जोड़ें।
  • इस बात का ध्यान रखें, कि फेशियल मास्क साफ हो और उसे नेबुलाइजर के ऊपरी हिस्से से जोड़ें।

नेबुलाइजर के इस्तेमाल के लिए बच्चे की मदद करने के टिप्स:

  • नेबुलाइजर के इस्तेमाल के लिए एक फिक्स्ड रूटीन अपनाएं, ताकि बच्चे को इसकी आदत हो जाए।
  • नेबुलाइजेशन को एक गेम में बदल कर या इस प्रक्रिया के दौरान बच्चे को एक कहानी सुना कर, इसे एक मजेदार एक्टिविटी बना दें।
  • बच्चे को मशीन के साथ अधिक कंफर्टेबल बनाने के लिए, आप इस पर उसके पसंदीदा कार्टून की कुछ तस्वीरें चिपका सकते हैं।
  • जब शिशु पर नेबुलाइजर का इस्तेमाल करना हो, तब अगर वह लगातार घूमता रहता है, तो उसे सोने दें। फिर जब शिशु गहरी नींद में सो रहा हो, तब नेबुलाइजर का इस्तेमाल करें।
  • अधिकतर बच्चे मास्क से डरते हैं और उन्हें लगता है कि वे सांस नहीं ले पाएंगे। उन्हें कुछ उदाहरण दिखाएं। इसे खुद पहन कर बच्चे को यह दिखाने की कोशिश करें, कि आप इससे आसानी से सांस ले सकते हैं।
  • हर बार जब बच्चा सफलतापूर्वक नेबुलाइजेशन का इस्तेमाल कर लेता है, तो उसे एक हाई-फाई दें या उसे गले लगाएं। इसे एक मिशन की तरह बना दें। जहाँ हर बार नेबुलाइज करने पर शरीर के अंदर मौजूद दुश्मन जर्म्स को हराने में मदद मिलती है।

नेबुलाइजर की सफाई

नेबुलाइजर और फेशियल मास्क को हर इस्तेमाल के बाद साफ करना जरूरी है। फिर चाहे इसे कितनी बार ही क्यों न करना पड़े। 

  • गुनगुने पानी और डिश सोप की कुछ बूंदों के इस्तेमाल से कंटेनर और फेशियल मास्क को धोएं।
  • पानी को झाड़ दें और उसे सूखने दें।
  • नेबुलाइजर को पूरी तरह से डिसइन्फेक्ट करें। मास्क के अलावा नेबुलाइजर के हर पार्ट को विनेगर युक्त गर्म पानी में डुबोना चाहिए। लगभग 60 मिनट के लिए सभी हिस्सों को पानी में भीगने दें।
  • अच्छी तरह से धो लें और पूरी तरह से सूखने दें।
  • नेबुलाइजर को रखने से पहले, इस बात का ध्यान रखें, कि उसमें कहीं भी पानी की बूंदे ना बची हों।

बच्चों पर नेबुलाइजेशन के साइड इफेक्ट

कुछ आम और सामान्य साइड इफेक्ट इस प्रकार हैं:

  • कंठ का सूखापन या मुँह में अजीब सा स्वाद।
  • दवा के स्वाद से मतली या सीने में जलन का एहसास हो सकता है।
  • स्ट्रांग दवाओं के इस्तेमाल में, कुछ विशेष मामलों में, बच्चे की नाक से ब्लीडिंग, पेट में दर्द या चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?

  • जब नेबुलाइजेशन के बाद सांस लेने में परेशानी होने लगे।
  • जब छाती में कसाव या शरीर पर हाइव्स या रैशेज होने लगें।
  • अगर बच्चे को तेज सिर दर्द हो या वह कांपने लगे।
  • जब ट्रीटमेंट का कोई असर ना दिखे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या नेबुलाइजेशन केवल अस्थमा से ग्रस्त बच्चों के लिए होता है?

नहीं, नेबुलाइजेशन के द्वारा कई अन्य बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। बच्चे को खांसी होने पर एक सिंपल सेलाइन सॉल्यूशन के इस्तेमाल से भी नेबुलाइजेशन किया जा सकता है। 

2. क्या नेबुलाइजर का इस्तेमाल घर पर हो सकता है?

नेबुलाइजर का इस्तेमाल घर पर आसानी से किया जा सकता है। हालांकि, डॉक्टर के रिकमेंडेशन के बिना स्टेराइल सेलाइन सॉल्यूशन के अलावा कोई भी दवा नहीं दी जानी चाहिए। 

3. क्या इनहेलर और नेबुलाइजर एक ही होते हैं?

इनहेलर के इस्तेमाल में बिजली की आवश्यकता नहीं होती है और आमतौर पर अस्थमा से संबंधित दवाओं के लिए हाथ में पकड़ कर इसका इस्तेमाल किया जाता है। नेबुलाइजर का इस्तेमाल कई बीमारियों में होता है, जिनमें अस्थमा भी शामिल है। 

4. क्या नेबुलाइजर का इस्तेमाल रेस्पिरेटरी बीमारियों के लिए भी हो सकता है?

हाँ, अगर दवा, खुराक और इसके इस्तेमाल की फ्रीक्वेंसी को लेकर आपके डॉक्टर ने सलाह दी हो, तो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। 

5. क्या नेबुलाइजेशन के दौरान मेरे बच्चे को लंबी सांसे लेने की जरूरत होगी?

बिल्कुल नहीं, इसके लिए सामान्य रूप से सांस लेना ही काफी है। 

6. क्या नेबुलाइजेशन की लत लग जाती है?

इसकी कोई लत नहीं लगती है, क्योंकि यह दवा देने का केवल एक अलग माध्यम है। 

7. क्या नेबुलाइजर मशीन में दवा की अधिक खुराक की जरूरत होती है?

इसके विपरीत, इसमें टेबलेट या सिरप में मौजूद दवा से भी कम खुराक का इस्तेमाल होता है। 

8. होम नेबुलाइजर का चुनाव कैसे करें?

एक ऐसे नेबुलाइजर का चुनाव करें, जो कि किफायती हो, जिसे साफ करना और हैंडल करना आसान हो, जो एक जाने-माने ब्रांड से हो और जिसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सके। 

अगर आपके बच्चे को रेस्पिरेटरी दिक्कतें हैं, तो एक सही जांच और इलाज के लिए, अपने पेडिअट्रिशन से परामर्श लें। शुरुआत में शिशु के लिए नेबुलाइजेशन की प्रक्रिया डरावनी लग सकती है और वह घबरा भी सकता है। लेकिन, सही वातावरण और सही सहयोग से बच्चे को नेबुलाइजर की प्रक्रिया की आदत हो जाएगी और उसे बीमारी से जल्दी और आसानी से राहत भी मिलेगी। 

स्रोत:

  1. स्रोत 1
  2. स्रोत 2

यह भी पढ़ें: 

शिशुओं और बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी
बच्चों में टीबी (क्षय रोग) – कारण, निदान और उपचार
शिशु जन्म दोष – प्रकार, कारण, पहचान और इलाज

पूजा ठाकुर

Recent Posts

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

1 week ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

1 week ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago

रामायण की कहानी: क्या सीता मंदोदरी की बेटी थी? Ramayan Story: Was Sita Mandodari’s Daughter In Hindi

रामायण की अनेक कथाओं में से एक सीता जी के जन्म से जुड़ी हुई भी…

2 weeks ago

बदसूरत बत्तख की कहानी | Ugly Duckling Story In Hindi

यह कहानी एक ऐसे बत्तख के बारे में हैं, जिसकी बदसूरती की वजह से कोई…

2 weeks ago

रामायण की कहानी: रावण के दस सिर का रहस्य | Story of Ramayana: The Mystery of Ravana’s Ten Heads

यह प्रसिद्द कहानी लंका के राजा रावण की है, जो राक्षस वंश का था लेकिन…

2 weeks ago