In this Article
कंजंक्टिवाइटिस, जिसे पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है, आँखों का एक इंफेक्शन होता है, जो बच्चों और वयस्कों में एक आम बात है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह इंफेक्शन आँखों के सफेद हिस्से को गुलाबी या लाल रंग में बदल देता है। बैक्टीरिया या वायरस के माध्यम से होने पर यह बहुत ही संक्रामक होता है और यह बच्चों में आसानी से फैल सकता है।
यह आँखों के सफेद हिस्से कंजेक्टिवा और आईलिड की अंदरूनी सतह में सूजन है और यह किसी इंफेक्शन या किसी एलर्जिक रिएक्शन के कारण होता है। यह इंफेक्शन बैक्टीरिया या वायरस के कारण हो सकता है और यह देखने में बुरा तो लगता है, पर असल में अधिकतर बच्चों में यह कोई गंभीर बीमारी नहीं होती है। जब बच्चों को कंजंक्टिवाइटिस होता है, तो आँखों के सफेद हिस्से में मौजूद ब्लड वेसल्स में सूजन आ जाती है, जिससे यह देखने में लाल या गुलाबी हो जाती है। इसके साथ ही जलन के साथ खुजली और आँखों में किरकिरी होती है और साथ ही डिस्चार्ज भी हो सकता है।
कंजंक्टिवाइटिस मुख्य रूप से 4 तरह के होते हैं:
एक आम गलतफहमी है, कि पिंक आई से ग्रसित व्यक्ति को केवल देखने पर यह फैल सकता है, यह सच नहीं है। पिंक आई केवल तब ही फैलता है, जब बच्चे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं।
कंजंक्टिवाइटिस केवल तब ही संक्रामक होता है, जब यह एक माइक्रोऑर्गेनिज्म से हुआ हो। दवाओं का कोर्स खत्म होने पर, इसके संक्रमण का समय खत्म हो जाता है और इसके सारे लक्षण भी खत्म हो जाते हैं।
वायरल कंजंक्टिवाइटिस बहुत अधिक संक्रामक होता है और यह उसी तरह के वायरस के कारण होता है, जिससे आम सर्दी-जुकाम होते हैं। यह हवा, पानी और सीधे संपर्क से आसानी से फैल सकता है। एडिनोवायरस से होने वाला एक तरह का वायरल कंजंक्टिवाइटिस, पहले लक्षण दिखने के बाद हफ्तों तक संक्रामक रह सकता है। इसके कारण, यह अक्सर स्कूलों और डे केयर आदि में फैल सकता है और लक्षणों के उपस्थित रहने तक इंफेक्शन कर सकता है।
बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस भी काफी संक्रामक होता है और यह छूने और संक्रमित बच्चे के साथ खिलौने जैसी चीजें शेयर करने पर आसानी से फैल सकता है।
एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस हर बच्चे में किसी विशेष कारण से होता है और यह उन तत्वों से हो सकता है, जिनसे उन्हें एलर्जी होती है। यह बैक्टीरियल और वायरल कंजंक्टिवाइटिस की तरह नहीं फैलता है।
कंजंक्टिवाइटिस पैदा करने वाले माइक्रोऑर्गेनिज्म, एलर्जिक पदार्थ या केमिकल इरिटेंट जब आँखों के संपर्क में आते हैं, तब कंजंक्टिवाइटिस होता है। जब बच्चे अपनी आँख या नाक को ऐसे ही किसी पदार्थ युक्त गंदे हाथों से छूते हैं, तब तुरंत इंफेक्शन हो सकता है। वहीं, बैक्टीरियल और वायरल इनफेक्शन मुख्य रूप से नीचे दिए गए कारणों से फैलते हैं:
कंजंक्टिवाइटिस के बहुत ही साफ लक्षण होते हैं, जिन्हें आसानी से देखा जा सकता है, जैसे:
कंजंक्टिवाइटिस को इसके लक्षणों से पहचाना जा सकता है और पेडिअट्रिशन सही कारण को पहचान सकते हैं। चूंकि, हे फीवर जैसी अन्य स्थितियों में भी ऐसे ही लक्षण दिख सकते हैं, इसलिए जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।
कंजंक्टिवाइटिस का इलाज इसके प्रकार और इंफेक्शन की गंभीरता पर निर्भर करता है। कभी-कभी पिंक आई कुछ दिनों के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है।
अगर बच्चा एक महीने से कम उम्र का हो, तो कंजंक्टिवाइटिस से उसमें कॉम्प्लीकेशंस पैदा हो सकते हैं। न्यूबॉर्न बेबीज में कंजंक्टिवाइटिस आमतौर पर अविकसित टियर डक्ट के कारण होता है, पर अगर यह माँ के द्वारा एसटीडी के कारण हुआ हो, तो यह गंभीर हो सकता है। ऐसे मामले में, आपको तुरंत अपने डॉक्टर को बुलाना चाहिए।
बच्चों में नीचे दिए गए लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए:
बेहतर यही है, कि अगर बच्चे को पिंक आई है, तो उसे डे केयर में न भेजा जाए, क्योंकि वहाँ इसके फैलने का बहुत ज्यादा खतरा होता है। कंजंक्टिवाइटिस अगर एलर्जिक हो, तो भी इसके लक्षण दिखने की स्थिति में, हो सकता है कि आपका डे-केयर बच्चे को अटेंड करने की इजाजत न दे। अगर आपके बच्चे को वायरल या बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस है, तो निश्चित तौर पर उसे डे केयर में नहीं भेजना चाहिए।
हालांकि, यह बहुत ही चिंताजनक दिख सकता है, लेकिन बच्चों में पिंक आई कोई बहुत गंभीर समस्या नहीं है। साफ-सफाई का अच्छा ध्यान रखकर और बचाव करके इंफेक्शन के खतरे को कम किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें:
बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज – कारण, लक्षण और उपचार
बच्चों में टीबी (क्षय रोग) – कारण, निदान और उपचार
शिशुओं में कृमि संक्रमण – कारण, लक्षण और उपचार
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…