शिशु

शिशुओं के लिए 11 हाई कैलोरी फूड आइटम्स

वैसे तो ज्यादातर शिशुओं का वजन अपने आप ही बढ़ता है पर यदि आपके बच्चे का वजन उम्र के अनुसार नहीं बढ़ रहा है तो पेडिअट्रिशन आपको बच्चे की डायट में कुछ हेल्दी व कैलोरी-युक्त फूड आइटम्स शामिल करने की सलाह दे सकते हैं। पर इसका मतलब यह नहीं है कि आप बच्चे की डायट में ऐसा खाद्य पदार्थ शामिल करें जिसमें बहुत ज्यादा कैलोरी होती है। एक बच्चे को संतुलित आहार की जरूरत है ताकि उसका शारीरिक व मानसिक विकास होता रहे। इसका यह अर्थ है कि यदि आप बेबी की डायट में कैलोरी-युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करती हैं तो इस बात की पुष्टि जरूर कर लें कि इनमें अच्छी कैलोरी होनी चाहिए। अब यदि आप यह सोच रही हैं कि बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उसकी डायट में कौन सा खाद्य पदार्थ शामिल करें, तो इसके लिए आप यह आर्टिकल पूरा पढ़ें। 

बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए 11 कैलोरी-युक्त खाद्य पदार्थ

नई माँ होने के नाते आप अपने बच्चे को पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिएंट्स और कैलोरी युक्त आहार खिलाना चाहती होंगी ताकि उसकी एनर्जी का स्तर बना रहे और उसके शरीर की रोजाना की आवश्यकता के अनुसार ही मिनरल्स लें। बच्चों में लगातार विकास होता है इसलिए उसे समय से अच्छा भोजन खिलाना बहुत जरूरी है। बच्चों को उनकी आयु, साइज और जेंडर के अनुसार लगभग 430 और 844 कैलोरीज रोजाना खिलानी चाहिए। 

जन्म के बाद शुरूआती 6 महीनों तक बच्चों को न्यूट्रिशन के लिए सिर्फ ब्रेस्टमिल्क और फॉर्मूला मिल्क ही पिलाया जाता है। उसके बाद ही किसी बच्चे को प्यूरी या मैश किए हुए मिश्रण के रूप में सॉलिड फूड देना शुरू किया जाता है। 

बच्चों के लिए हेल्दी और न्युट्रिश्यस फूड आइटम्स निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

1. दही

6 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चे को माँ के दूध के साथ दही खिलाना भी सही है। 100 ग्राम दही में फल और मल्टीग्रेन सीरियल मिलाने से लगभग 100 कैलोरीज मिलती हैं। आप फैट फ्री दही का उपयोग न करें क्योंकि इससे कम कैलोरीज मिलेंगी। 

2. दालें

उबली हुई दाल में बहुत ज्यादा प्रोटीन और कैलोरीज है। आप इसे चावल व घी में मिलाकर बच्चे को खिलाएं। न्युट्रिश्यस दाल जल्दी पचती है और इससे पेट भी भर जाता है। 

3. अंडे की जर्दी

अंडा भी कैलोरी व प्रोटीन से भरपूर होता है जिसे सब्जी की प्यूरी या चावल के साथ पकाया जा सकता है। अंडे की जर्दी से बच्चे को सिर्फ पोषण ही नहीं मिलता है बल्कि इसमें आवश्यक मिनरल्स भी हैं जो बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। हालांकि शुरूआती 8 महीनों तक बेबी को अंडा नहीं खिलाना चाहिए। 8 महीने का होने के बाद आप उसे सप्ताह में 3 से 4 बार अंडा खिला सकती हैं। 

4. एवोकाडो

एवोकाडो में अच्छा फैट और मिनरल्स भरपूर होते हैं, जैसे पोटैशियम, फॉलेट और विटामिन ‘इ’, ‘बी’, ‘सी’ और ‘के’। ये सभी चीजें बच्चे की हेल्थ के लिए अच्छी हैं और इन्हें आप मैश्ड या प्यूरी के रूप में या फॉर्मूला मिल्क में मिलाकर खिलाएं। एवोकाडो को अन्य फल, जैसे केले के साथ बच्चे को खिलाया जा सकता है। लगभग ⅛ कप एवोकाडो में 46 कैलोरीज होती हैं। 

5. केले

कई कारणों से केला एक भारी फल माना जाता है। इसका स्वाद अच्छा होने के साथ इसमें कैल्शियम व कार्ब्स भी होते हैं जिससे एनर्जी मिलती है। यह विशेषकर बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। पॉरिज या सीरियल में केला मैश करके बच्चे को खिलाएं। आप फार्मूला मिल्क  में केला मिक्स करके मिल्क शेक भी बना सकती हैं। 

6. क्रीमी पीनट बटर

पीनट बटर में भी बहुत सारा प्रोटीन होता है जो बच्चों को एनर्जी देता है और उनका वजन बढ़ाने में मदद करता है। आप इसे टोस्ट पर स्प्रेड और क्रैकर में स्प्रेड करके या स्नैक्स में डिप करके बेबी को खिलाएं। यह बोरिंग खाने को भी बेहतर बना देता है। आप बच्चे के लिए चंकी पीनट बटर कर उपयोग न करें क्योंकि यह उसके गले में अटक सकता है और इससे इरिटेशन होती है। 

नोट: बच्चों को पीनट बटर से एलर्जी होना आम है इसलिए यदि आपको अपने बेबी में इसके कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत उसे यह खिलाना बंद कर दें और पेडिअट्रिशन से संपर्क करें। 

7. नट्स

नट्स, जैसे काजू और बादाम में विटामिन ‘ई’, फैट्स, प्रोटीन और कार्ब्स होते हैं। बादाम और अखरोट याददाश्त को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। इसे आप अपने बच्चे की डायट में शामिल करना न भूलें। आप नट्स को शेक या स्मूदी में मिलाकर बच्चे को दें या इसे मैश कर लें व यदि बच्चे के दाँत आ गए हैं तो आप ऐसे ही उसे खाने के लिए दे सकती हैं। डायट में नट्स शामिल करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को इससे एलर्जी नहीं होनी चाहिए। बच्चे को बहुत ज्यादा नट्स देने से उसे यह निगलने व पचाने में कठिनाई हो सकती है।

8. मीट और मछली

मछली में एसेंशियल ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो बच्चे की वृद्धि के लिए बहुत जरूरी है। मीट में न्यूट्रिशन, प्रोटीन और फैट उचित मात्रा में होता है। आप मछली और मीट को अच्छी तरह से पका कर बच्चे को खिलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि इन चीजों को हाइजीनिक जगहों से व विश्वसनीय ब्रांड का व सील्ड पैकेट ही खरीदें। 

9. शकरकंद

शकरकंद भी एक अच्छा खाद्य पदार्थ है जिससे शिशु का वजन बढ़ाने में मदद मिलती है। शकरकंद में बीटा-कैरोटीन और शुगर होते हैं जो बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। इसे आप उबाल कर मैश करें और बच्चे को ऐसे ही या किसी अन्य फल और सब्जी के साथ खिलाएं। इसे सूप या दूध के साथ भी खाया जा सकता है जो एक टेस्टी व हेल्दी कॉम्बिनेशन बनाता है। 

10. गेहूँ के अंकुर

व्हीट जर्म यानी गेहूँ के अंकुर में बहुत ज्यादा न्यूट्रिशन व कैलोरीज मौजूद होते हैं। आप बच्चे के नियमित खाने में व्हीट जर्म भी शामिल करें। आप इसे नियमित खाने, प्यूरी या सीरियल में भी शामिल कर सकती हैं। 

11. फल और सब्जियां

बच्चों के लिए सबसे प्रभावी और बेसिक खाद्य पदार्थ फल और सब्जियां ही हैं। सब्जियां और फल बहुत जरूरी फूड हैं और बच्चों की डायट में शामिल होने चाहिए। इसमें न्यूट्रिएंट्स और मिनरल्स भरपूर होते हैं जो बच्चे के लिए बहुत जरूरी हैं। सब्जियां जैसे लौकी, पालक, गाजर और शलजम को मैश करके या प्यूरी बनाकर बच्चे को खिलाएं। एक बार जब बच्चा खाना, फल और सब्जियां चबाने लगे तो आप उसे ये खाने में टॉपिंग के रूप में या लंबे आकार में काटकर खाने के लिए दे सकती हैं। 

बच्चों की डायट को बहुत सावधानी के साथ डॉक्टर व न्यूट्रिशनिस्ट की मदद से प्लान करना चाहिए। बच्चों के बढ़ते जाने के साथ उनके लिए फूड की मात्रा बदलने की जरूरत होती है जो उनकी न्यूट्रिशनल आवश्यकताएं पूरी कर सके। बच्चे को कोई भी नया खाद्य पदार्थ खिलाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अपने बच्चे में सभी खाद्य पदार्थों के प्रभावों को ऑब्जर्व करने से आपको यह पता चलेगा कि उसके लिए क्या सही है और क्या सही नहीं है। बच्चों की डायट में कैलोरीज होना बहुत जरूरी है जो उनकी आयु, वजन और साइज के अनुसार ही होनी चाहिए। बच्चों को बहुत ज्यादा कैलोरीज देने की जरूरत नहीं होती है।  

यह भी पढ़ें:

बच्चों के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ
शिशु का आहार – क्या और कितना खिलाएं
बच्चों के लिए आयरन युक्त 15 खाद्य पदार्थ

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

23 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

23 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

23 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago