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शिशुओं के लिए हेपेटाइटिस ए वैक्सीन

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मेडिकल जगत में प्रगति के साथ, आज हमारे पास कई जानलेवा बीमारियों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं, जो हमें उनके प्रति इम्यून बनाती हैं। इनमें से अधिकतर वैक्सीन कम उम्र में लगाई जाती हैं। हेपेटाइटिस ए लिवर की एक गंभीर बीमारी है और इसकी एक वैक्सीन है, जो आपके बच्चे को लगाई जा सकती है। 

हेपेटाइटिस ए बीमारी क्या होती है?

हेपेटाइटिस ए लिवर की एक बीमारी है, जिससे जौंडिस, उल्टियां और लिवर में इन्फ्लेमेशन की समस्या हो जाती है। यह एक गंभीर बीमारी है। इससे कई गंभीर कॉम्प्लीकेशंस होते हैं, जैसे लिवर सिरोसिस, कैंसर या मृत्यु। हेपेटाइटिस ए एक संक्रामक बीमारी है और यह दूषित खाने और पानी से बहुत तेजी से फैलती है। 

बच्चों के लिए हेपेटाइटिस ए वैक्सीन के फायदे

  • यह वैक्सीन आपके बच्चे को हेपेटाइटिस ए से सुरक्षित रखती है, जो कि लिवर की एक गंभीर बीमारी है।
  • यह वैक्सीन बीमारी के कारण आपके बच्चे की पढ़ाई या दूसरी एक्टिविटीज में आने वाली बाधाओं को दूर रखती है।
  • यह वैक्सीन इस बीमारी को फैलने से रोकती है, खासकर ऐसी जगहों पर जहाँ दूसरे बच्चे भी होते हैं जैसे डे केयर सेंटर।
  • यह बीमारी संक्रमित भोजन और पानी से फैलती है और ऐसे में एक वैक्सीन यह सुनिश्चित करती है, कि आपके बच्चे को बाहर खाना खाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत न हो।
  • हेपेटाइटिस ए का कोई इलाज नहीं है और अधिकतर बच्चे इससे अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन यह बीमारी गंभीर हो सकती है और वैक्सीन शरीर को इस तकलीफ से बचाती है।
  • बच्चों में हेपेटाइटिस ए के अधिकतर मामलों में लक्षणों को पहचानना लगभग नामुमकिन होता है। इससे इस बीमारी की पहचान करना और फैलने से रोकना कठिन हो जाता है।
  • एक पेडिअट्रिक हेपेटाइटिस ए वैक्सीन न केवल एक बच्चे को इस बीमारी से बचाती है, बल्कि इस महामारी के प्रकोप पर नियंत्रण में मदद भी करती है।

हेपेटाइटिस ए वैक्सीन किन बच्चों को देनी चाहिए?

एक साल से अठारह साल की आयु के जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, उन्हें हेपेटाइटिस ए पेडिअट्रिक वैक्सीन दी जानी चाहिए। इस वैक्सीनेशन में इनेक्टिव पैथोजेन की थोड़ी मात्रा शामिल होती है, जिससे बच्चे के शरीर में इस बीमारी से लड़ने के लिए आजीवन चलने वाली इम्युनिटी का विकास होता है। 

बच्चों के लिए हेपेटाइटिस ए वैक्सीन की खुराक

आपके बच्चे के पेडिअट्रिशन वैक्सीन की प्रकृति के बारे में बताएंगे और वैक्सीन को दो डोज में लेने की सलाह देंगे। दो खुराकों के बीच का अंतराल 6 से 18 महीने के बीच होना चाहिए। 

बच्चों के लिए हेपेटाइटिस ए वैक्सीन का रेकमेंडेड शेड्यूल

हेपेटाइटिस ए वैक्सीन की पहली खुराक को बच्चे के पहले और दूसरे जन्मदिन के बीच देने की सलाह दी जाती है। दूसरी खुराक उसे 6 से 18 महीने के बाद दी जानी चाहिए। 

हेपेटाइटिस शॉट्स के प्रकार

हेपेटाइटिस वैक्सीन 5 तरह की होती है और इसे ए, बी, सी, डी और ई कहा जाता है। ये सभी लिवर को प्रभावित करते हैं, पर कुछ महत्वपूर्ण तरीकों में एक दूसरे से अलग होते हैं, जैसे कि हर बीमारी के लिए अलग इलाज की जरूरत होती है। 

हेपेटाइटिस संक्रमित खाने और पहले से संक्रमित व्यक्ति के मल के द्वारा फैलता है। इस तरह के हेपेटाइटिस की एक सुरक्षित वैक्सीन होती है। हेपेटाइटिस बी सुइयों और ब्लड ट्रांसफ्यूजन के द्वारा फैलता है। इसकी भी एक वैक्सीन होती है। हेपेटाइटिस सी अधिक खतरनाक है, क्योंकि इसकी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हेपेटाइटिस डी तब होता है, जब एक व्यक्ति पहले से ही हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होता है। हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हेपेटाइटिस डी से भी सुरक्षा देती है। हेपेटाइटिस ई वैक्सीन भी उपलब्ध है, पर चूंकि यह बीमारी दूसरों की तुलना में नई है और यह केवल विकासशील देशों में देखी जाती है, इसलिए यह वैक्सीन दूसरी वैक्सीन की तरह बड़े पैमाने पर उपलब्ध नहीं है। अधिकतर मामलों में यह वैक्सीन एक इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है, वहीं चीन में हेपेटाइटिस के कुछ प्रकारों के लिए ओरल वैक्सीन भी उपलब्ध है। 

हेपेटाइटिस ए वैक्सीन किन बच्चों नहीं देनी चाहिए

  • कमजोर इम्यून सिस्टम वाले बच्चों को
  • जो बच्चे फिलहाल बीमार हों, फिर चाहे वह साधारण सर्दी-जुकाम ही क्यों न हो
  • जिन बच्चों को वैक्सीन की पहली खुराक से एलर्जिक रिएक्शन हुए हों
  • जिन बच्चों को लेटेक्स, एलुमिनियम हाइड्रोक्साइड या 2-फेनोक्सीएथेनॉल से गंभीर एलर्जी हो

यह वैक्सीन कैसे दी जाती है?

हेपेटाइटिस ए की वैक्सीन को त्वचा की निचली सतह या मांसपेशियों में इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है। सबसे अच्छा है, कि आप यह वैक्सीन और इसका बूस्टर शॉट अपने बच्चे के पेडिअट्रिशन से ही लगवाएं, ताकि वह आपके बच्चे के सभी वैक्सीनेशन को ट्रैक कर सके। 

अगर बच्चे को इस वैक्सीन की ओवरडोज हो जाए तो क्या करें?

सभी वैक्सीन लेबोरेटरी सेटिंग में बनी होती हैं और इसकी हर शीशी खुराक की सही मात्रा के साथ पहले से पैक की हुई होती है। चूंकि आप अपने बच्चे के पेडिअट्रिशन से वैक्सीन ले रहे हैं, तो उसे पता होगा कि इसकी कितनी खुराक दी जा चुकी है। इन कारणों से वैक्सीन का ओवरडोज लगना लगभग नामुमकिन है। 

अगर आपके बच्चे की एक खुराक छूट जाए तो क्या करें?

यह बहुत जरूरी है, कि बच्चे को बूस्टर डोज सही समय पर दिया जाए। इससे उसे बीमारी से लड़ने के लिए सही इम्यूनिटी मिलेगी। बूस्टर डोज पहली खुराक के बाद 6 से 18 महीने के बीच दी जा सकती है। इससे आपको डॉक्टर से मिलने की योजना बनाने के लिए काफी समय मिल जाता है। फिर भी अगर आपके बच्चे की दूसरी खुराक छूट जाती है, तो तुरंत अपने बच्चे के डॉक्टर को बताएं। चूंकि पूरे कोर्स को फिर से शुरू करने की जरूरत नहीं होती है, ऐसे में बूस्टर डोज जितनी जल्दी संभव हो सके दे दिया जाएगा। 

हेपेटाइटिस ए वैक्सीन लेने के पहले ली जाने वाली सावधानियां

यह वैक्सीन बच्चे के पेडिअट्रिशन से ही लगवाएं, क्योंकि उन्हें आपके बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता होता है। अगर आपके बच्चे को अच्छा महसूस नहीं हो रहा है, तो बेहतर है, कि वैक्सीन को टाल दिया जाए, क्योंकि कमजोर इम्यून सिस्टम के दौरान वैक्सीन लगाने से उसे थकान और कमजोरी हो सकती है। 

कौन सी दूसरी दवाएं इस वैक्सीन को प्रभावित करती हैं?

कुल मिलाकर 187 दवाएं हेपेटाइटिस ए वैक्सीन से इंटरैक्ट करने के लिए जानी जाती हैं। हालांकि इन सभी इंटरेक्शन के रिएक्शन प्रतिकूल नहीं होते हैं। कौन सी दवा वैक्सीन के साथ प्रतिकूल प्रतिक्रिया देगी, इसका निर्णय आपके डॉक्टर ही लें तो बेहतर होगा। अगर आपका बच्चा कोई अन्य दवा या वैक्सीन ले रहा है, तो इसके बारे में अपने बच्चे के डॉक्टर को बताएं। जब डॉक्टर बच्चे को वैक्सीन लगा दें, तो खानपान के मामले में उनके निर्देशों का पालन करें। 

बच्चे में हेपेटाइटिस ए वैक्सीन के संभव साइड इफेक्ट्स

हेपेटाइटिस ए वैक्सीन लगाने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट्स का खतरा बहुत कम होता है। बल्कि इस बीमारी से संक्रमित होना, इसकी वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है। जो आम साइड इफेक्ट आपके बच्चे में दिख सकते हैं, वे इस प्रकार हैं: 

  • इंजेक्शन वाली जगह पर रेडनेस और सूजन के साथ दर्द
  • हल्का बुखार
  • सिर दर्द
  • भूख की कमी और मतली

अगर आपके बच्चे में निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स दिखते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए: 

  • अत्यधिक थकान या उनींदापन
  • लंबे समय तक चिड़चिड़ापन
  • बेहोशी या दौरा
  • तेज बुखार

वैक्सीन लगाने के बाद ध्यान रखने वाली बातें

वैक्सीन लगाने के बाद आपका बच्चा थकान महसूस कर सकता है या उसे हल्का बुखार भी हो सकता है। इस बात का ध्यान रखिए, कि बच्चा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ठीक तरह से खाना खाए। बच्चे को हाइड्रेटेड रखें और उसकी ताकत वापस आने तक उसे आराम करने दें। अगर बुखार लगातार बना रहे, तो डॉक्टर के परामर्श के अनुसार कुछ हल्की दवा दें। 

हेपेटाइटिस ए वैक्सीनेशन की कीमत क्या होती है?

इस वैक्सीनेशन की कीमत वैक्सीन के ब्रांड के ऊपर निर्भर करती है। भारत में अलग-अलग ब्रांड इस वैक्सीन को अलग-अलग कीमतों पर बेचते हैं। इसके अलावा डॉक्टर की कंसल्टेशन फीस भी डॉक्टर के काम करने की जगह पर निर्भर करती है। एक प्राइवेट क्लीनिक की तुलना में एक बड़ा हॉस्पिटल महंगा हो सकता है। इस तरह आपको हेपेटाइटिस ए वैक्सीनेशन के लिए अपने बजट के अनुसार एक भरोसेमंद और सुरक्षित जगह ढूंढने की जरूरत है। 

हेपेटाइटिस एक गंभीर बीमारी है, जो कि लिवर को प्रभावित करती है और इससे किडनी की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। सबसे बेहतर है, कि आप पहले से ही अपने बच्चे के पेडिअट्रिशन से वैक्सीनेशन के बारे में चर्चा करना शुरू कर दें और वैक्सीनेशन के लिए रेगुलर शेड्यूल तैयार कर लें। 

यह भी पढें: 

बच्चों के लिए हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन
बच्चों के लिए पेनलेस वैक्सीनेशन
बच्चों को वैक्सीन लगाने के बाद बुखार आना

पूजा ठाकुर

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