शिशु

छोटे बच्चों की त्वचा निकलना – यह क्यों होता है?

जब एक बच्चे का जन्म होता है, तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। ये बदलाव समय-समय पर सूखी त्वचा और उनके निकलने के रूप में दिखाई देते हैं। बच्चे के सिर की त्वचा समय-समय पर निकल सकती है, जिसे देखकर पेरेंट्स परेशान हो सकते हैं, कि यह क्या हो रहा है। ऐसे में यह बहुत जरूरी हो जाता है, कि इस तरह त्वचा के निकलने के कारण को समझा जाए और अगर इसके पीछे कोई गंभीर समस्या है, तो उसका समाधान ढूंढा जाए। 

बच्चे की त्वचा क्यों निकलती है?

अधिकतर मामलों में डिलीवरी के कुछ दिनों बाद या आपके घर वापस लौटने के बाद आपके न्यूबॉर्न बेबी की त्वचा सूखी और पपड़ीदार हो सकती है। इसके कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों से त्वचा निकलने लगती है, जो कि बिल्कुल सामान्य बात है। 

जब एक बच्चे का जन्म होता है, तब वह माँ  के शरीर में मौजूद तरल पदार्थों से पूरी तरह ढका हुआ होता है। बच्चे को ढकने वाले पदार्थों में एमनियोटिक फ्लुइड और वर्निक्स शामिल हैं। वर्निक्स बहुत ही जरूरी होता है, क्योंकि यह बच्चे को फ्लुइड से बचाता है। आमतौर पर जब आप बच्चे को जन्म देती हैं, तब इस सारे फ्लुइड को साफ कर दिया जाता है, लेकिन बच्चे के शरीर पर वर्निक्स टिका रहता है, जो कि बाद के कुछ हफ्तों में धीरे-धीरे निकलता रहता है।  प्रीमेच्योर बच्चों में वर्निक्स की अधिक मात्रा देखी जाती है, इसलिए उनकी त्वचा कम निकलती है। 

आमतौर पर कितनी त्वचा निकलती है?

बच्चे के शरीर से निकलने वाली त्वचा उसके जन्म के समय के ऊपर निर्भर करती है। जो बच्चे देर से जन्म लेते हैं, उनमें सामान्य से ज्यादा त्वचा निकलती है और प्रीमैच्योर बच्चे में वर्निक्स की मात्रा कम होने के कारण उनकी त्वचा कम निकलती है। आमतौर पर बच्चे के हाथों और पैर की उंगलियों से त्वचा अधिक निकलती है। 

अन्य गंभीर पहलू जिनके कारण न्यूबॉर्न बेबी की त्वचा निकल सकती है

अधिकतर मामलों में न्यूबॉर्न बेबी में अधिकतर त्वचा का निकलना सामान्य होता है, लेकिन कुछ विशेष प्रकार की पीलिंग किसी गंभीर बीमारी या स्थिति का संकेत हो सकते हैं, जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत होती है। यहाँ पर ऐसे कुछ पहलू दिए गए हैं, जो कि बच्चों में त्वचा के निकलने का कारण हो सकते हैं। 

1. एक्जिमा

एक्जिमा एक जाना पहचाना त्वचा रोग है। एटॉपिक डर्मेटाइटिस के नाम से पहचाना जाने वाला यह रोग, बच्चे के शरीर के विभिन्न हिस्सों में खुजली भरी लाल त्वचा के रूप में दिखता है। ये सूखे होते हैं और आमतौर पर बच्चे के गालों, पैरों, बाहों, गर्दन के आसपास और ऐसी दूसरी जगह पर होते हैं, जहाँ पर त्वचा आमतौर पर मुड़ी हुई होती है।

एक्जिमा एक बीमारी नहीं है, बल्कि एक तरह की वंशानुगत समस्या है। यह वातावरण की विभिन्न परिस्थितियों में शरीर के इम्यून सिस्टम की एक प्रतिक्रिया होती है। घर में किसी तरह के धूल कण की मौजूदगी, वायरस के कारण होने वाले इन्फेक्शन, गर्मी, वैक्सीनेशन या साबुन, लोशन, डिटर्जेंट आदि में होने वाले बदलाव, त्वचा पर प्रभाव डाल सकते हैं और इससे रिएक्शन हो सकता है। 

इलाज

अगर आपके बच्चे में एक्जिमा के लक्षण दिख रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वह उसकी पहचान करेंगे और आवश्यकता के अनुसार दवा की सलाह देंगे। 

ऐसी कुछ आसान घरेलू दवाएं भी उपलब्ध हैं, जिसका इस्तेमाल करके बच्चे को तुरंत राहत दिलाई जा सकती है। बच्चे को गुनगुने पानी और सौम्य साबुन या सौम्य जेल से स्नान करवाना भी आराम दे सकता है। बच्चे को तौलिए से रगड़ने के बजाय थपथपा कर सुखाएं। 

अगर एक्जिमा फूलना शुरू कर दे, तो त्वचा को सूखने से बचाने के लिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें। एक्जिमा वाली जगह पर समय-समय पर ब्रेस्टमिल्क लगाने से भी आराम मिलता है। हर बार दूध पिलाने के बाद बच्चे के गालों पर मौजूद घाव को रुई के फाहे के इस्तेमाल से साफ करते रहें। 

अगर ये घाव लगातार बढ़ते रहें या बिगड़ते रहें, तो आपके डॉक्टर एक स्टेरॉइड क्रीम लगाने की सलाह देंगे। 

2. क्रैडल कैप

त्वचा की इस समस्या को मेडिकल टर्म में सेबोरिक डर्मेटाइटिस के नाम से जाना जाता है। इस रोग में अंडरआर्म्स, आईब्रो, गर्दन और जांघ के अंदरूनी हिस्से और विशेषकर बच्चे की सिर की त्वचा निकलने लगती है। 

क्रैडल कैप एक ऐसी स्थिति है, जो मुख्य रूप से तब होती है, जब त्वचा पर मौजूद फंगस और यीस्ट अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं। अन्य मामलों में जब बच्चा माँ के गर्भ के अंदर होता है, तब माँ के विभिन्न प्रकार के हॉर्मोन्स बच्चे में ऐसी स्थिति को पैदा कर देते हैं, जिससे उन्हें क्रैडल कैप की समस्या हो जाती है। 

जब यह स्थिति त्वचा पर लाल रंग के पैच और परत का रूप लेने लगती है, तो कई डॉक्टर इसे एक्जिमा की शुरुआत मानकर इलाज करते हैं। 

इलाज

अधिकतर मामलों में ये क्रेडल कैप बिना किसी दवा या इलाज के 2 महीनों के अंदर अपने आप ही चले जाते हैं। कुछ बातों का ध्यान रखकर भी इस स्थिति से आराम पाया जा सकता है। बच्चे को नहलाते समय शैंपू की मदद से उसके बालों और सिर की त्वचा को अच्छी तरह साफ करें। उसे थपथपा कर सुखाएं और त्वचा पर मौजूद परत को ढीला करने के लिए हल्की कंघी या हेयर ब्रश का इस्तेमाल करें। 

इस मामले में ऑलिव ऑयल को बहुत फायदेमंद माना जाता है। थोड़ा सा ऑलिव ऑयल हाथ में लेकर बच्चे के सिर की त्वचा पर इसकी मालिश करने से ड्राई स्किन फ्लेक्स को ढीला करने में मदद मिलती है और नहाने के समय इसे आसानी से निकाला जा सकता है। इसकी जगह पर एक्स्ट्रा वर्जिन नारियल के तेल का इस्तेमाल करके भी समान नतीजे पाए जा सकते हैं। 

कुछ मांएं बच्चे के सिर पर ब्रेस्टमिल्क लगाने की और उसके सूखने के बाद ब्रश करके साफ करने की सलाह देती हैं। 

अगर इन तरीकों के बाद भी बच्चे के सिर की त्वचा साफ नहीं होती है, तो इसके इलाज के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।  

3. इचथायोसिस

इचथायोसिस एक ऐसा रोग है, जो कि आमतौर पर वंशानुगत समस्याओं के कारण होता है। यह त्वचा में परत और बहुत सी खुजली पैदा करती है, जो कि बहुत तेजी से फैलती है। इस स्थिति का सफल परीक्षण करने के लिए डॉक्टरों को त्वचा के एक सैंपल की जरूरत भी पड़ सकती है या फिर इस स्थिति का पता लगाने के लिए कुछ ब्लड टेस्ट भी करवाने पर सकते हैं। इसकी पहचान करने में आपके परिवार की मेडिकल हिस्ट्री भी महत्वपूर्ण किरदार निभाती है। 

इलाज

दुर्भाग्य से इचथायोसिस का इलाज अभी तक मिल नहीं पाया है। इस मामले में केवल इस समस्या को थोड़ा कम किया जा सकता है और थोड़ी राहत दी जा सकती है। 

इचथायोसिस से ग्रस्त बच्चे को केवल सादे पानी से नहलाना चाहिए और साबुन या क्लींजर की मात्रा बहुत ही कम होनी चाहिए। इसमें बार-बार और अधिक मात्रा में सॉफ्ट और सौम्य मॉइश्चराइजर लगाने की जरूरत होती है। इस मामले में कोई भी पैट्रोलियम युक्त प्रोडक्ट बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। 

दुविधा की स्थिति में, इस स्थिति से लड़ने के लिए या बच्चे को आराम देने के लिए किसी तरह की ऑइंटमेंट या क्रीम लगाने से पहले आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। 

न्यूबॉर्न बेबी की त्वचा निकलने की समस्या को मैनेज करना

अगर आपके बच्चे की त्वचा बहुत अधिक निकल रही है, तो यहाँ पर इस स्थिति को संभालने के लिए कुछ तरीके दिए गए हैं। 

1. मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल

जब कभी भी त्वचा निकलती है, तो इसमें बहुत सूखापन आ जाता है और इसमें परत आ जाती है, जिससे सूखे स्किनफ्लेक्स बनने लगते हैं। इसलिए किसी तरह के इन्फ्लेमेशन या इरिटेशन से बचने के लिए त्वचा को मॉइश्चराइज करना बहुत जरूरी है। न्यूबॉर्न बेबी के लिए जरूरी है, कि एक ऐसा मॉइश्चराइजर इस्तेमाल किया जाए, जो कि सौम्य हो और हाइपरएलर्जेनिक भी हो। इस तरह के मॉइश्चराइजर को बच्चे के शरीर पर दिन में दो बार जरूर लगाना चाहिए। मॉइश्चराइजर लगाते समय बच्चे की त्वचा पर हल्के हाथों से मसाज करना भी फायदेमंद होता है। ऐसा करने से किसी तरह की भी रूखी त्वचा निकल जाती है और त्वचा अंदर तक नम हो जाती है। आपके बच्चे के लिए कौन से ब्रांड का मॉइश्चराइजर सबसे अच्छा है यह डॉक्टर आपको बता सकते हैं। 

2. बच्चे को बार-बार हाइड्रेट करना

त्वचा के निकलने से शरीर में से बहुत सारी नमी खो जाती है। ऐसे में शरीर में पानी के स्तर को सही बनाए रखना बहुत जरूरी है। ब्रेस्टफीडिंग या फार्मूला बेस बॉटल फीडिंग का जो रूटीन बनाया गया है, उसका सख्ती से पालन होना चाहिए और उसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरतनी चाहिए। इस फीडिंग और हाइड्रेशन से त्वचा में नमी के स्तर को संतुलित रखने में मदद मिलती है। 

अगर आपका बच्चा 6 महीने से छोटा है, तो आपको उसे पानी नहीं देना चाहिए। छोटी उम्र में पानी पिलाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसी स्थिति में ब्रेस्टफीडिंग शेड्यूल को बनाए रखना सबसे अच्छा है। 

3. गर्म और कम अवधि का स्नान

हालांकि त्वचा में नमी को बनाए रखना बहुत जरूरी है, पर बच्चे को अधिक देर तक नहलाना ठीक नहीं है। निकलती हुई त्वचा से निजात पाने के लिए बच्चे को रोज नहलाना बहुत जरूरी है, लेकिन अधिक समय तक बच्चे को गीला रखने से त्वचा में मौजूद प्राकृतिक तेल निकल सकते हैं। इससे बाद में त्वचा सामान्य से ज्यादा सूखी हो सकती है, जिससे समस्याएं बढ़ सकती हैं। 

नहाने के लिए 5 से 10 मिनट का समय अच्छा है। नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें और एक माइल्ड साबुन लें जिसमें किसी तरह की खुशबू न हो। त्वचा को पोछने के लिए रगड़ने के बजाय मुलायम कपड़े का इस्तेमाल करके सौम्यता से सुखाएं। पारंपरिक साबुन और जेल से त्वचा में इरिटेशन हो सकती है। 

4. केमिकल रहित प्रोडक्ट का इस्तेमाल

चाहे साबुन हो या डिटर्जेंट, लोशन या मॉइश्चराइजर, इनमें मौजूद किसी भी तरह के केमिकल नाजुक रूखी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और न्यूबॉर्न बेबी के चेहरे की निकलती हुई त्वचा को और भी ज्यादा खराब कर सकते हैं। बाजार में ऐसे कुछ साबुन और डिटर्जेंट उपलब्ध हैं, जो कि विशेष रुप से बच्चों के लिए बने होते हैं। चूँकि इनमें कोई टिपिकल कठोर केमिकल नहीं होते हैं, इसलिए आप इनका चुनाव कर सकते हैं। 

5. ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल

आप जहाँ पर रहते हैं, वहाँ पर मौजूद हवा रूखी हो सकती है और हो सकता है, कि वह बच्चे के लिए सही ना हो। इसके अलावा एयर कंडीशनर का लगातार इस्तेमाल करने से कमरे की प्राकृतिक नमी खो जाती है और वहाँ मौजूद हवा रूखी हो जाती है। यह सूखा वातावरण बच्चे की त्वचा में पहुंचने वाली नमी को कम कर सकता है और त्वचा के निकलने को बढ़ावा दे सकता है। एक्जिमा से ग्रस्त बच्चों के लिए यह स्थिति बहुत ही नुकसानदायक होती है। बच्चे के कमरे में एक ह्यूमिडिफायर लगाने से कमरे की नमी वापस सामान्य हो जाती है। इससे त्वचा को हवा से नमी मिलती रहती है और यह अत्यधिक सूखी होने से बच जाती है।  

अपने न्यूबॉर्न बेबी की त्वचा को निकलता हुआ देखना डरावना हो सकता है और बच्चे के लिए यह पूरी स्थिति अपने आप में बहुत ही चिड़चिड़ी और परेशान करने वाली हो सकती है। हालांकि, बच्चे के जीवन के शुरुआती दिनों में त्वचा का निकलना बिल्कुल सामान्य बात है, लेकिन अगर यह स्थिति बिगड़ जाए और खुजली भरे पैचेज़ बन जाएँ, तो यह एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है। आपका डॉक्टर ऐसी स्थिति को तुरंत पहचानने में आपकी मदद कर सकता है और इसके लिए सही इलाज की सलाह दे सकता है। एक सामान्य सलाह के तौर पर हम आपको यह बताना चाहेंगे, कि वातावरण में नमी बनाए रखकर, त्वचा में सही नमी बनाए रखकर और शरीर को हाइड्रेट रखकर त्वचा को स्वस्थ रखा जा सकता है और त्वचा के निकलने से राहत पाई जा सकती है। 

यह भी पढ़ें: 

शिशुओं में फोड़े / फुंसी का इलाज कैसे करें
बच्चे के चेहरे पर होने वाले रैश – प्रकार, कारण और इलाज
बच्चों में टीथिंग रैश – कारण और घरेलू उपचार

पूजा ठाकुर

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago