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छोटे बच्चों की त्वचा पर रैशेज और समस्याएं – पूरी जानकारी

बच्चों की त्वचा नाजुक और बहुत ज्यादा सेंसिटिव होती है, जिसकी वजह से उन्हें अक्सर स्किन प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। जिनमें से कुछ स्किन प्रॉब्लम बच्चे के लिए हानिकारक नहीं होती हैं और अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन कभी-कभी यह समस्या गंभीर रूप से बढ़ जाती है। एक नए माता-पिता के रूप में, इस बारे में जानने से आप बेवजह के स्ट्रेस से बच सकती हैं।

8 प्रकार के विभिन्न रैशेज जो बच्चों में पाए जाते हैं

आपके बच्चे ने इस दुनिया में आने से पहले 9 महीने आपके गर्भ में बिताए हैं और जन्म लेने के बाद उसके आस पास का परिवेश बहुत अलग होता है, समय के साथ धीरे धीरे वो इन बदलावों के अनुसार खुद को ढाल लेता है। लेकिन जब तक बच्चा पूरी तरह से इन बदलाव को हिसाब से ढल नहीं जाता तब तक उसे स्किन प्रॉब्लम का समाना करना पड़ सकता है। यहाँ आपको बच्चों में होने वाले 8 प्रकार के रैशेज के बारे में बताया गया है जो उसके लिए समस्या का कारण बन सकते हैं।

1. पिंपल्स और सफेद दाग

ये कैसे दिखते हैं?

पहले कुछ हफ्तों के दौरान, नवजात बच्चे की नाक, गाल और माथे पर छोटे छोटे दाने विकसित हो सकते हैं। आप उसके चेहरे पर छोटे सफेद धब्बे जिसे मिलिया कहते हैं या उसके मसूड़ों / तालु एपस्टीन पर्ल्स ) को नोटिस कर सकती हैं।

इसके होने का क्या कारण है?

इसे बच्चों के मुँहासे के रूप में भी जाना जाता है, आप जो नवजात बच्चे की त्वचा पर पिंपल्स देखती हैं, वे ऑयल इम्बैलेंस या हार्मोनल चेंजेस के कारण नहीं होते हैं। बच्चों में मुँहासे का संभावित कारण यीस्ट है, जो एक प्रकार का फंगस है। दूसरी ओर, क्लॉग्ड ऑयल ग्लैंड्स के कारण मिलिया की समस्या होती है।  

इसका इलाज कैसे करें

नवजात बच्चे में मुँहासे की समस्या खुद बा खुद ठीक हो जाती है। इसका मतलब है, आपको इसके लिए किसी खास मेडिकेशन की जरूरत नहीं होती है और समय के साथ खुद ही ठीक हो जाती है। इसी तरह, जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होगा, उसकी ऑयल ग्लैंड्स खुलने लगेंगी और मिलिया गायब हो जाएगी।

2. लाल डॉट्स

यह कैसे दिखते हैं?

कभी-कभी बच्चे की  त्वचा पर पेटीचिया नामक लाल डॉट्स पड़ने लगते हैं। लाल डॉट बहुत छोटे छोटे होते हैं  जैसे बॉल पेन की तरह।

इसके होने का क्या कारण है?

पेटीचिया ब्लड कैपिलरीज के फटने के कारण होता है। जब बच्चा आपके बर्थ कैनाल से बाहर निकल रहा होता है, तो इस दौरान उसकी कुछ कैपिलरीज फट सकती हैं, जिससे पेटीचिया हो सकता है।

इसका इलाज कैसे करें

पेटीचिया के लिए आपको मेडिकल हेल्प की जरूरत नहीं होती है। समय के अनुसार यह कंडीशन खुद ही ठीक हो जाती है।

3. एक्जिमा

यह कैसे दिखता है?

एक्जिमा से त्वचा शुष्क, पपड़ीदार और खुजलीदार हो जाती है। कभी-कभी त्वचा पर छोटे लाल दाने हो जाते है जिसे स्क्रैच करने से इससे रिसाव होने लगता है।

इसके होने का क्या कारण है?

एक्जिमा ज्यादातर एलर्जिक रिएक्शन के कारण होता है, यह उन बच्चों में बहुत आम होता है जिनके माता पिता मेडिकल हिस्ट्री एलर्जी से जुड़ी रही हो या परिवार में किसी को हो।  एक्जिमा संक्रामक नहीं है, लेकिन इससे आपके नवजात बच्चे को बहुत असुविधा हो सकती है।

इसका इलाज कैसे करें

एक्जिमा से बचने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि बच्चे को शुष्क हवा, साबुन और डिटर्जेंट आदि के संपर्क में आने से बचाएं। बच्चे को हल्के कपड़े पहनाएं और लिटाने के लिए सॉफ्ट बेडशीट का इस्तेमाल करें। अपने डॉक्टर से एक बार पूछ लें कि आप बच्चे को दिन में कितनी बार नहला सकती हैं और साथ ही बच्चे की त्वचा के अनुय्सर ही उसका साबुन और मॉइस्चराइजर का उपयोग करें।

4. डायपर रैश

यह कैसे दिखते हैं?

डायपर रैश के कारण बच्चे का जेनिटल एरिया लाल पड़ जाता है और त्वचा बहुत ज्यादा सेंसेटिव हो जाती है। प्रभावित क्षेत्र को छूने से आपका बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है।

इसके होने का क्या कारण है?

मॉइस्चर बच्चे की त्वचा का सबसे बड़ा दुश्मन है और डायपर रैशेज डायपर में मौजूद नमी के कारण बढ़ता है। अगर आप बच्चे के गंदे डायपर को काफी देर बाद बदलती हैं, तो इसके कारण भी बच्चे को रैशेज हो सकते हैं।

इसका इलाज कैसे करें

इलाज करने बेहतर बचाव करना होता है। इसलिए आप बच्चे को रोजाना कुछ घंटे बिना डायपर के रहने दें। बहुत ज्यादा अब्सोर्ब करने वाले डायपर का उपयोग न करें, क्योंकि इसे आप बच्चे को लंबे समय तक पहनाएं रख सकती हैं जिसका मतलब है बच्चे को डायपर रैश होने का खतरा हो सकता है। डायपर खरीदते समय ध्यान रखें कि इसका साइज सही होना चाहिए क्योंकि डायपर के टाइट होने से त्वचा को साँस लेने में और भी दिक्कत होगी।

5. हीट रैश

यह कैसे दिखते हैं?

हीट रैशिट को घमौरी या अंग्रेजी में प्रिकली हीट भी कहा जाता है। यह शरीर के ढके हुए क्षेत्र में लाल या गुलाबी दाने के रूप में दिखाई देता है। इसमें  खुजली होती है जिसकी वजह से बच्चे को त्वचा पर जलन महसूस हो सकती है।

इसके होने का क्या कारण है?

गर्मी और मॉइस्चर के कारण ज्यादातर बच्चों को घमौरी होने लगती है। माएं कई बार अपने बच्चों को गर्मियों के मौसम में भी बहुत ज्यादा कपड़े पहनकर रखती हैं, जिससे त्वचा लाल पड़ जाती हैं और बच्चे को हीट रैश हो जाते हैं। 

इसका इलाज कैसे करें

बच्चे को ठंडा स्नान  कराएं उसे ढीले, सूती कपड़े पहनाएं, इससे उन्हें राहत महसूस होगी, खयाल रखें कि आपके बच्चे की त्वचा हवा में रहनी चाहिए खासकर जब आप अपने बच्चे को गर्मियों के मौसम में नहला रही हों।

6. लार बहना

ये कैसे दिखते हैं?

स्पिटिंग रैश बच्चे के मुँह और ठुड्डी के आसपास भी देखा जा सकता है। इसमें बच्चे के मुँह के आसपास की त्वचा लाल हो जाती है।

इसके होने का क्या कारण है?

लार बहने के कारण होने वाले रैशेज को आप इसके नाम से ही समझ सकती हैं, यह बच्चे के मुँह से लगतार लार बहने के कारण होता है जिसे समय पर ठीक से साफ न किए जाने की वजह से होता है।

इसका इलाज कैसे करें

लार बहने के कारण होने वाले रैशेज बहुत ज्यादा गंभीर समस्या का कारण नहीं बनते हैं और इसके लिए कोई खास मेडिकेशन की जरूरत नहीं होती है। ध्यान रहे कि आप बच्चे की बहने वाली लार को साफ करती रहें, चाहे खाना खिलाते समय लार बह रही हो या ऐसे ही। 

7. धब्बेदार त्वचा

यह कैसी दिखती है?

जन्म के बाद शुरूआती दिनों के दौरान कुछ नवजात बच्चों की त्वचा धब्बेदार हो जाती है। इसे ‘एरीथेमा  टॉक्सिकम’ के रूप में भी जाना जाता है, न्यूबॉर्न बेबी के पूरे शरीर में मवाद से भरे छोटे छोटे दाने हो जाते हैं।

इसके होने का क्या कारण है?

कभी-कभी अत्यधिक ठंड के मौसम के कारण भी बच्चे को धब्बेदार त्वचा की समस्या हो सकती है। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि आप बच्चे के कपड़े धोने के लिए हार्श डिटर्जेंट का इस्तेमाल करती हों, लेकिन यह कारण पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है। ‘एरीथेमा टॉक्सिकम होने की सबसे आम वजह यह है कि बच्चे का इम्यून सिस्टम एक्टिव हो रहा होता है जब बच्चा माँ के गर्भ से बाहर के संपर्क में आता है।

इसका इलाज कैसे करें

धब्बेदार त्वचा के लिए किसी खास ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह कंडीशन अपने आप ही ठीक हो जाती है और शयद ही इसे ठीक होने में कुछ हफ्ते लगे।

8. सिर की पपड़ीदार त्वचा

यह कैसी दिखती है?

इसे क्रैडल कैप के रूप में भी जाना जाता है, यह बच्चे के सिर की त्वचा पर ऑयली, पीलापन लिए हुए पपड़ी के रूप में नजर आता है।

इसके होने का क्या कारण है?

माँ द्वारा गर्भावस्था के अंतिम कुछ हफ्तों में अनुभव किए गए हार्मोनल चेंजेस के कारण कुछ बच्चों में क्रैडल कैप की समस्या हो जाती है। ये हार्मोन कभी-कभी बच्चे में तेल उत्पादन तेजी से करने लगते हैं, जिससे क्रैडल कैप होता है।

इसका इलाज कैसे करें

क्रैडल कैप का उपचार तेल या शीया बटर लगाकर और माइल्ड बेबी शैम्पू के साथ किया जा सकता है। ब्रेस्टफीडिंग कराने से भी यह समस्या दूर की जा सकती है।

बच्चों को स्किन रैशेज से बचाने के लिए उपाय

ऊपर बताई गई सभी स्किन कंडीशन बहुत ज्यादा गंभीर मामलों में नहीं आती है। आपको इसके लिए मेडिकल हेल्प लेने की खास जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसी कई चीजें हैं जिससे आप अपने न्यूबॉर्न बेबी की नाजुक और सेंसिटिव स्किन को किसी प्रकार के नुकसान से बचा सकती हैं। यहाँ उसी के संबंध में आपको कुछ सुझाव दिए गए हैं।

  1. सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चे को हर समय साफ रखें! हालांकि न्यूबॉर्न बेबी को बहुत ज्यादा नहलाने की सलाह नहीं दी जाती है, लेकिन मेडिकेटेड बेबी वाइप्स का उपयोग आप कर सकती हैं।
  2. मॉइस्चर के कारण ही बच्चों को ज्यादातर स्किन प्रॉब्लम होती है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चे के शरीर की स्किन फोल्ड में मॉइस्चर न आने दें।
  3. न तो बच्चे को बहुत कम कपड़े पहनाएं और न ही बहुत ज्यादा कपड़े पहनाएं। यदि आप बच्चे को बहुत कम कपड़े पहनाती हैं तो उसके शरीर से मॉइस्चर जा सकता है है और अगर ज्यादा कपड़े पहनाती हैं तो इससे बच्चे का शरीर बहुत ज्यादा गर्म हो सकता है।
  4. अपने बच्चे की त्वचा को हवा मिलने दें। थोड़ी देर के लिए उसके कपड़ों को हटा दें, विशेष रूप से जब आप स्नान कराने के बाद उसके कपड़े बदल रही हों।
  5. यह सुनकर आपको यकीन न आए लेकिन बच्चे की त्वचा को पाउडर की जरूरत नहीं होती है! बल्कि पाउडर से बच्चे को साइनस की समस्या हो सकती है या गंभीर रूप से खाँसी भी हो सकती है।
  6. बच्चों को भी सनस्क्रीन की आवश्यकता होती है, क्योंकि बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक होती है और उन्हें भी सनबर्न हो जाता है। इस विषय में अपने डॉक्टर की सलाह लें।
  7. डॉक्टर की अनुमति के बाद ही कोई भी बेबी प्रोडक्ट खरीदें।
  8. हालांकि बच्चे डिटर्जेंट के संपर्क में सीधे नहीं आते हैं, लेकिन उनके कपड़े, खिलौने, नहाने का टॉवल, नैपकिन, आदि के संपर्क में आने से बच्चे को इससे परेशानी होती है, इसलिए ध्यान रखें कि बहुत ही माइल्ड डिटर्जेंट का उपयोग करें।
  9. अपने बच्चे को गोद में लेने से पहले हमेशा अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं वो भी किसी माइल्ड हैंडवॉश से। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप बच्चे की हाइजीन बनाए रखें, ताकि उसे कोई इन्फेक्शन न हो सके।
  10. अपने बच्चे का शरीर मजबूत बनाने के लिए उसे पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिशन प्रदान करें।

डॉक्टर से कब परामर्श करें

ज्यादातर बच्चों में होने वाली स्किन प्रॉब्लम अपने आप ही ठीक हो जाती है, इसे ठीक होने में  2 से 6 सप्ताह तक का समय लग सकता है। हालांकि, अगर आपके बच्चे को स्किन रैश के साथ नीचे बताए गए लक्षण भी नजर आते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:

  • बुखार
  • दर्द
  • कमजोरी
  • मवाद से भरे हुए दाने
  • यदि स्किन प्रॉब्लम एक महीने के अंदर कम नहीं होती है

हालांकि बच्चे की स्किन पर होने वाले रैशेज बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुँचाते हैं, लेकिन फिर इससे बच्चों को काफी परेशानी हो सकती है। मगर आपको बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है यह बात याद रखें, बस आपको इतना करना है कि बच्चे को अच्छी तरह से खाना खिलाएं, साफ रखें और अच्छी तरह आराम करने दें, समय के साथ ये रैशेज खुद ही ठीक हो जाएंगे।

यह भी पढ़ें:

बच्चों में सनबर्न होना- लक्षण, उपचार और बचाव
बच्चों के चेहरे पर सफेद पैचेज
बच्चों में यीस्ट इन्फेक्शन डायपर रैश

समर नक़वी

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