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बच्चे के जन्म के बाद शुरुआती कुछ समय में उसके बीमार होने का खतरा ज्यादा होता है। जिनमें ज्यादातर बीमारियों को सही डाइट देकर ठीक किया जा सकता है। इसलिए बच्चों को ठीक से ब्रेस्फीडिंग करानी चाहिए और बड़े बच्चों को बैलेंस डाइट के साथ घर का बना हेल्दी खाना देना चाहिए। लेकिन, कुछ चीजें प्राकृतिक पहलुओं से देखी जाएं तो उन्हें कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। जैसे कीड़े-मकौड़े और मच्छरों का पाया जाना। ये हमारे घरों में आसानी से पनप जाते हैं और इनसे खतरनाक बीमारी होने का खतरा रहता है। इस लेख में हम बात करने जा रहे हैं डेंगू बुखार की जो, मच्छरों के कारण होता है। यहाँ आपको इसका कारण, लक्षण, निदान और उपचार सब बताया गया है जो खासतौर पर शिशुओं और टॉडलर के लिए है। अधिक जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें।
डेंगू एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है जो एडीज इजिप्टी (एक मादा मच्छर) के काटने से फैलती है। वायरस के कारण डेंगू बुखार, सिरदर्द, मतली, चक्कर आना, आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अगर इसका अच्छी तरह से इलाज नहीं किया जाता है, तो डेंगू की समस्या गंभीर हो सकती है, जो बच्चे के लिए घातक साबित हो सकती है।
हमारे देश में डेंगू के केस काफी बड़े पैमाने पर मिलते हैं और जो बच्चे एक साल से कम उम्र के हैं, उन्हें इसका खतरा बहुत ज्यादा होता है, जो गंभीर भी हो सकता है।
जब डेंगू का अच्छी तरह से इलाज नहीं किया जाता है, तो यह बुखार के रूप में आपके लक्षण जाहिर करने लगता है, जो लगभग एक हफ्ते तक या उससे ज्यादा समय के लिए रह सकता है। इस समय के दौरान शरीर कई सारी कंडीशन से हो कर गुजरता है, जैसे कम से तेज बुखार होना, तेज ब्लीडिंग होना, सांस लेने में तकलीफ होने, त्वचा पर रैशेस होना, नाक से खून आना, सर्दी-जुकाम, मतली और उल्टी लगना आदि। इन सभी को एक साथ हेमोरेजिक डेंगू बुखार कहा जाता है।
जैसा कि पहले भी बताया गया है कि, डेंगू वायरस फैलाने वाले मच्छर एडीस एजिप्टी है के काटने से होता है। इस मच्छर को उसके शरीर पर मौजूद सफेद या सिल्वर धारियों के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है। ये धारियां शेर की धारियों जैसी होती हैं, इसलिए, इसे फीमेल टाइगर भी कहते हैं। जब मच्छर खून पीने के लिए हमारे ऊपर बैठता है तो इसके जरिए यह वायरस हमारे शरीर में चला जाता है।
ये मच्छर ह्यूमिड क्लाइमेट में ज्यादा पैदा होते हैं, इसलिए बरसात के दौरान जमा रह गए पानी में ये आसानी से प्रजनन करने लगते हैं। जिससे डेंगू होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इन मच्छरों के दिन में काटने का खतरा ज्यादा होता है। दूसरी प्रजाति के मच्छर ज्यादातर शाम या रात के समय में काटते हैं।
डेंगू इंसानों में संक्रामक नहीं होता है, क्योंकि किसी को तब तक डेंगू नहीं हो सकता जब तक ये वायरस फैलाने वाला मच्छर इंसान को काट नहीं लेता है।
हमने ऊपर लेख में पहले से ही आपको कुछ लक्षणों के बारे में बताया है, लेकिन यहाँ अन्य लक्षणों को डिटेल में बताया गया है, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए और इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आपके बच्चे को डेंगू का बुखार है या नहीं, तो आइए जानते हैं।
जब बच्चे में डेंगू के इस प्रकार के लक्षण दिखते हैं, तो आपको इससे अलग तरीके से निपटने की जरूरत होती है। आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। लेकिन बिना निदान के आप खुद से इसका उपचार न करें। जिसके बारे में हमने आपको नीचे बताया है।
बच्चों में डेंगू के स्ट्रांग लक्षणों में से शरीर का तापमान बहुत तेज होने, बॉडी रैशेस, शरीर में दर्द होना, रोना, उल्टी आदि शामिल हैं। उसके अलावा कुछ और भी इम्पोर्टेन्ट चीजें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए। ताकि आप डेंगू का बेहतर रूप सामना कर सकें।
आइए तो अब देखते हैं कि इसका निदान कैसे किया जाता है और बच्चों में डेंगू का उपचार करने के और ऑप्शन क्या हैं।
जैसा कि पहले भी बताया गया है, डेंगू का कोई स्पेसिफिक इलाज नहीं है। हालांकि, लक्षणों को कम करने, राहत लाने और शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करने के कई तरीके हैं।
पर्याप्त आराम करना बहुत जरूरी है। इस दौरान शरीर बहुत ज्यादा स्ट्रेस से गुजरता है और इसे ठीक करने के लिए बच्चे को रेस्ट की जरूरत होती है। बार-बार और लगातार उल्टी होने से भी डिहाइड्रेशन हो सकता है; आपने बच्चे को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। इसके लि ज्यादा फीड कराना होगा और जो बच्चे बड़े हो गए हैं उनका लिक्विड इन्टेक बढ़ाएं। अगर बच्चा कमजोरी के कारण फीड करने से इनकार कर देता है, तो डॉक्टर इलेक्ट्रोलाइटिक और हाइड्रेशन लेवल को बनाए रखने के लिए नसों के जरिए हाइड्रेट कर सकते हैं।
बुखार का सामना करने के लिए, एसिटामिनोफेन दिया जा सकता है। हालांकि, बेहतर यही है कि आप इसे देने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ले लें। इसके अलावा, आइबुप्रोफेन या एस्पिरिन को किसी भी प्रकार से देने से बचें। अगर आपका बच्चा लगातार उल्टी कर रहा है, तो इसका मतलब उसे हेमोरेजिक डेंगू का बुखार है और आपको तुरंत उसे हॉस्पिटल ले जाना चाहिए।
डेंगू स्ट्रेस लेवल को बढ़ा सकता है, क्योंकि इसका कोई स्पेसिफिक ट्रीटमेंट नहीं है। हालांकि, ऐसे तरीके हैं जिनसे डेंगू को रोका जा सकता है। इसे बारे अधिक जानने के लिए नीचे पढ़ना जारी रखें।
यहाँ कुछ तरीके हैं जिनसे आप डेंगू को रोक सकते हैं।
डेंगू के कारण बच्चे को जल्दी हेल्थ इशू हो सकते हैं, अगर इसका इलाज किए बिना इसे छोड़ दिया गया तो। आप कुछ चीजों को ध्यान में रखते हुए डेंगू से बचाव कर सकती हैं। हालांकि, अगर आपका बच्चा फिर भी ठीक नहीं हो रहा है और डेंगू लक्षण अभी भी नजर आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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