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शिशुओं में कोलिक से बचाव के लिए ब्रेस्टफीडिंग के दौरान क्या न खाएं

मातृत्व एक महिला के जीवन के सबसे खूबसूरत अनुभवों में से एक है। लेकिन अगर आपका बच्चा नियमित रूप से लगातार रोता रहता है, तो यह खूबसूरत पल एक बुरे सपने में बदल सकता है। अधिकतर मामलों में ऐसे रोने का कारण हो सकता है – कोलिक या उदरशूल यानी पेट में दर्द! यह आपके बच्चे को चिड़चिड़ा और रोंदू बना सकता है। 

कोलिक आमतौर पर जन्म के बाद शुरुआती कुछ हफ्तों के दौरान परेशान करता है- स्पष्ट रूप से कहा जाए तो 2 सप्ताह में और अधिकतर मामलों में बच्चे के बड़े होने के यानी लगभग 3 या 4 महीने की उम्र में ये अपने आप ठीक हो जाता है। रोने का यह दौर आमतौर पर दोपहर के बाद या शाम के समय शुरू होता है और इसके लक्षणों में जोर जोर से रोना, कसी हुई मुट्ठियां, परेशान शरीर, घुटनों को पेट के पास लेना आदि शामिल हैं। अगर आपके बच्चे को कोलिक है, तो इसके पीछे के कारणों में से एक हो सकता है, आपका खाना। अगर आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पेट में गैस बनाने वाला खाना खाती हैं, तो आपके बच्चे को पेट में दर्द हो सकता है, जिसके नतीजे के रूप में वह रो सकता है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों से आपको बचना चाहिए, ताकि बच्चे की स्थिति में सुधार हो सके और आपके खाए गए खाने के कारण उसे कोलिक न हो। 

स्तनपान कराने वाली माँ को कोलिक पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से क्यों बचना चाहिए?

6 महीने की उम्र तक आपका बच्चा अपने पोषण के लिए आपके ब्रेस्टमिल्क पर ही निर्भर होता है। आप जो कुछ भी खाती हैं, वह अप्रत्यक्ष रूप से उसकी हेल्थ पर प्रभाव डालता है। कभी-कभी आपका बच्चा आपके खाए गए कुछ खास खानपान के प्रति असहनशील हो सकता है और ऐसी स्थिति में बच्चे को कोलिक हो सकता है। इसलिए आपको ऐसी चीजों की पहचान करनी होगी, जिनसे बच्चे में कोलिक हो सकता है और उन्हें अपनी डाइट से हटाना पड़ेगा। 

कोलिक से पीड़ित बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराते समय खाने की किन चीजों से बचें?

ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँ के तौर पर आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है और नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों से बचने की जरूरत है, क्योंकि इन खाने और पीने की चीजों के अंश ब्रेस्टमिल्क के माध्यम से आपके बच्चे के सिस्टम में जा सकते हैं। इससे गैस और पेट फूलने की समस्या हो सकती है, जिससे उसे तकलीफ हो सकती है और कोलिक हो सकता है। 

1. एयरेटेड ड्रिंक्स

बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान एयरेटेड ड्रिंक्स के सेवन से बचें, क्योंकि ऐसे ड्रिंक्स शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ा देते हैं, जो कि बदले में आपके बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसकी जगह पर फलों के नेचुरल जूस या नींबू पानी को चुनें।

2. कैफीनेटेड ड्रिंक्स

चाय और कॉफी जैसे किसी भी तरह के कैफीनेटेड पदार्थ गैस और पेट फूलने की समस्या पैदा करने के लिए जाने जाते हैं। कैफीन युक्त पदार्थ के सेवन से आपके बच्चे को गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है, जिसके कारण वह रो सकता है। लेकिन अगर आप चाय या कॉफी के बिना नहीं रह सकती हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और इसकी सही मात्रा के बारे में जानकारी लें। 

3. दालें

राजमा, सोया, जैसी कुछ खास प्रकार की दालों के सेवन से बच्चों को बहुत गैस हो सकती है, जिससे उन्हें तकलीफ हो सकती है और वे रो सकते हैं। 

4. एनर्जी ड्रिंक

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एनर्जी ड्रिंक नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे ड्रिंक बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे पेय पदार्थों में केमिकल और प्रिजर्वेटिव मौजूद होते हैं, जो कि आपके शरीर में इकट्ठा होते रहते हैं और ये आपसे होते हुए बेबी के शरीर में पहुँच जाते हैं और उसे तकलीफ देते हैं। 

5. गर्म और स्पाइसी खाना

बहुत सारे लोगों को गर्म और तीखा खाना पसंद होता है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ऐसे खानपान से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये ब्रेस्टमिल्क का स्वाद बदल सकते हैं और बच्चे के डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुँचा सकते हैं। 

6. जंक फूड

जंक फूड में पोषण काफी कम होता है। बल्कि साथ ही यह आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी होता है, क्योंकि इसमें बहुत सारे प्रिजर्वेटिव मौजूद होते हैं। नियमित रूप से इनके सेवन से आपके और बेबी के डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुँचता है, जिससे कोलिक और दूसरी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।

7. अत्यधिक डेयरी प्रोडक्ट

अधिकतर नई माँ को यह बताया जाता है, कि बहुत सारा दूध पीने से ब्रेस्टमिल्क बनने में मदद मिलती है। लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई सबूत उपलब्ध नहीं है। वहीं दूसरी ओर डेयरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवन करने से माँ को डाइजेशन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे बच्चे में कोलिक हो सकता है।

8. नट्स का सेवन

नट्स प्रोटीन और फैट के अच्छे स्रोत होते हैं। लेकिन बादाम और काजू जैसे कुछ नट्स शिशुओं में गैस और पेट की अन्य समस्याओं को पैदा कर सकते हैं।

9. अंडे

अंडे न्यूट्रिशन का पावर हाउस होते हैं लेकिन अंडे की सफेदी खाने से बच्चों में गैस की समस्या हो सकती है। 

10. कुछ खास सब्जियां

ऐसी कुछ खास सब्जियां होती हैं, जो खराब डाइजेशन और पेट में गैस इकट्ठा होने के कारण तेज दर्द का कारण बन सकती हैं और आपके बच्चे में कोलिक को बढ़ा सकती हैं। ब्रोकोली, फूलगोभी, बंदगोभी आदि ऐसी ही कुछ सब्जियां हैं।

 आप अपने बच्चे में कोलिक के लक्षणों को कम करने के लिए एक एंटी कोलिक ब्रेस्टफीडिंग डाइट के बारे में सलाह ले सकती हैं। 

शिशुओं में कोलिक से बचाव के कुछ टिप्स

माँ होने के तौर पर अपने बच्चे को दर्द में देखना बहुत तकलीफ दायक होता है और आप उसे आराम देने के लिए और उसकी तकलीफ को कम करने के लिए हर कोशिश करने के लिए तैयार होंगी। यहाँ पर हम ऐसे कुछ टिप्स लेकर आए हैं, जो शिशुओं में कोलिक से बचाव में आपकी मदद कर सकते हैं:

  • नियमित अंतराल पर बच्चे को ब्रेस्टमिल्क थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें, जिससे उसे दूध को बेहतर ढंग से डाइजेस्ट करने में मदद मिलेगी।
  • बच्चे में कोलिक के लक्षणों को कम करने के लिए, आप अपने डॉक्टर से एक ऐसी डाइट तय करने में मदद ले सकती हैं, जो कि ब्रेस्टफीडिंग माँ के लिए अच्छी हो। इसमें भोजन से कोलिक पैदा करने वाले सभी खाद्य पदार्थों को हटाया जा सके।
  • अपनी डाइट में कैफीन युक्त ड्रिंक्स और डेयरी प्रोडक्ट शामिल करने से बचें। अगर आप ऐसा करती हैं, तो इनके सेवन की मात्रा कम रखें या सही मात्रा के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
  • कुछ हर्बल सप्लीमेंट भी उपलब्ध हैं, जिन्हें बच्चे में कोलिक के लक्षणों को कम करने के लिए आप आजमा सकती हैं।

हम आपको डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देंगे, ताकि आप यह तय कर सकें, कि अपने बच्चे को कोलिक से बचाने के लिए आप क्या-क्या कर सकती हैं। 

डॉक्टर से संपर्क कब करें?

हालांकि, कोलिक के अधिकतर मामले आसानी से मैनेज किए जा सकते हैं, लेकिन कभी-कभी पेडिअट्रिशन से परामर्श लेने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसा तब होता है, जब आप बेबी को डायरिया, उल्टी या ऐसी किसी चिंताजनक लक्षण से ग्रस्त देखती हैं। 

अपने बच्चे की कुशलता और उसके सही विकास के लिए उसे सही तरीके से फीडिंग मिलना जरूरी है और बच्चे को पोषण देने के सबसे बेहतरीन तरीकों में से एक है, ब्रेस्टमिल्क। पर, कभी-कभी एक नई माँ के रूप में बच्चे को फीड कराते समय आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, सही सुझाव और मेडिकल मदद के साथ आप इन चुनौतियों से सफलतापूर्वक बाहर निकल सकती हैं। 

यह भी पढ़ें: 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पानी पीना
बुखार या सर्दी-जुकाम होने पर बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना
फूड पॉइजनिंग और ब्रेस्टफीडिंग – क्या आप अभी भी अपने बच्चे को फीड करा सकती हैं?

पूजा ठाकुर

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