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बच्चों की देखभाल करना कठिन है क्योंकि वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम नहीं होते हैं। पैरेंट होने के नाते आपको बच्चे पर ध्यान देना चाहिए ताकि आप उसके व्यवहार और शेड्यूल से असुविधाओं का पता लगा सकें। चूंकि यदि बच्चे को कोई भी असुविधा होती है तो वे इसके बारे में सिर्फ रोकर ही बता सकते हैं जिसे पता करना कठिन होता है।
बच्चों में कब्ज की समस्या होना आम है क्योंकि उन्हें बहुत ज्यादा पाचन को एडजस्ट करने में समय लगता है। बच्चे को लगातार असुविधा हो सकती है और पेरेंट्स होने के नाते आपको उसकी सभी समस्याओं को समझना चाहिए। वैसे सौभाग्य से कब्ज की समस्या को ठीक करना बहुत कठिन नहीं है।
प्रून को सूखा आलूबुखारा भी कहते हैं जो पाचन व कब्ज की समस्या को ठीक रखने में मदद करता है। यह सिर्फ बच्चे के पाचन को ठीक करने में ही मदद नहीं करते हैं बल्कि इससे स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी मिलते हैं। बड़ों और बच्चों में कब्ज होने के एक मुख्य लक्षण पॉटी न आना है। आपने देखा होगा कि कई बार बच्चे को लंबे समय से पॉटी नहीं आती है और वह रोकर इसका संकेत देने का प्रयास करता है। प्रून के जूस से कब्ज की समस्या को ठीक करने में मदद मिलती है और पाचन तंत्र का फंक्शन भी ठीक रहता है।
बच्चों में सूखे आलूबुखारा का जूस एक बॉवल इरिटेंट की तरह ही काम करता है और इससे कब्ज में आराम मिलता है। यह जूस एक नेचुरल लैक्सेटिव है इसलिए इससे बॉवल मूवमेंट में सुधार होता है। इस बात का ध्यान रखें कि जूस को फिल्टर न करें ताकि उसके लैक्सेटिव प्रभाव पूरी तरह से मिल सकें। चूंकि कब्ज की समस्या मसल्स कमजोर होने से होती है या शरीर में पानी की कमी से होती है इसलिए बच्चों में प्रून जूस का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। अच्छे परिणामों के लिए आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप बच्चे को प्रून या सूखे आलूबुखारा का जूस खाली पेट दें। यदि प्रून जूस उपलब्ध नहीं है तो आप इसके सब्स्टियूट में सेब और नाशपाती का जूस भी दे सकते हैं। हालांकि इनका इतना प्रभाव नहीं पड़ता है जितना प्रून के जूस का प्रभाव पड़ता है।
छोटे बच्चों में कब्ज होना बहुत आम है और ठीक करना भी उतना कठिन नहीं है। यदि बच्चा छोटा है और उसका पाचन तंत्र ठीक न रहने के कारण तनाव पड़ता है तो इसके परिणामस्वरूप बच्चे को कब्ज की समस्या हो सकती है। बच्चों में कब्ज होने के कुछ सामान्य कारण हैं, आइए जानें;
शुरूआती दिनों में यह समझ पाना कठिन है कि बच्चे को कब्ज हुआ है या नहीं। हालांकि इसे कुछ निम्नलिखित लक्षणों से समझा जा सकता है, आइए जानें;
बच्चे को उसकी आयु के अनुसार नियंत्रित मात्रा में ही प्रून जूस देना चाहिए। यदि बच्चा 6 महीने से कम आयु का है तो आप इसमें 2 बड़ा चम्मच अन्य जूस या पानी जरूर मिलाएं ताकि इसका फ्लेवर कम हो और कब्ज में आराम मिले। बड़े बच्चों को ज्यादा मात्रा में भी सूखे आलूबुखारा का जूस दे सकती हैं। हालांकि आप बच्चे को दिन भर में 6 आउंस से ज्यादा जूस न दें और सही डोज जानने के लिए पेडिअट्रिशन से चर्चा जरूर करें।
यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे को लगातार कब्ज हो रहा है और रोजाना प्रून जूस पीने से उसे फायदा होता है तो आप इसका उपयोग रोज करें। इसका लैक्सेटिव प्रभाव बच्चे की पॉटी को मुलायम करेगा और इससे कब्ज की समस्या ठीक होगी। हालांकि आप बच्चे को दिन में 6 आउंस यानी 177.44 मिली लीटर से ज्यादा जूस न दें और इसे किसी अन्य जूस या पानी की तीन गुना मात्रा में मिलाएं।
आप बच्चे को सूखे आलूबुखारा का जूस देने से पहले इसके डोज के बारे में पेडिअट्रिशन से बात करें। छोटे बच्चों के लिए आप थोड़े से जूस को ज्यादा पानी में मिलाकर दें। हालांकि बच्चे की आयु के अनुसार ही इसका डोज बढ़ाया जा सकता है। यदि बच्चे को लगातार कब्ज की समस्या होती है तो आप उसे पूरी सावधानी के साथ ही प्रून जूस पिलाएं।
लैक्सेटिव होने के अलावा सूखे हुए आलूबुखारा के स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे हैं, आइए जानें;
प्रून का जूस लैक्सेटिव होता है इसलिए अधिक मात्रा में यह लेने से पाचन तंत्र खराब होता है। यदि सही मात्रा का उपयोग नहीं किया गया तो इससे बच्चे को डायरिया हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप पानी जैसी पॉटी होती है।
बच्चों में कब्ज की समस्या को ठीक करने के लिए आप दो तरीकों से सूखे आलूबुखारा का जूस बनाएं, आइए जानते हैं;
तरीका 1
प्रून सिर्फ सूखे हुए आलूबुखारा होते हैं इसलिए इसका जूस बनाना कठिन नहीं है।
कैसे बनाएं
इसे बनाने के लिए पहले आलूबुखारा को एक दिन के लिए पानी में सॉफ्ट होने तक भिगो कर रख दें। अब आपको इसके बीज निकालने हैं और इसे ब्लेंडर में डालें। यदि जरूरत है तो आप इसमें केला या सेब का जूस मिलाकर ब्लेंड कर लें।
तरीका 2
प्रून का जूस बनाने के लिए इसे पानी में उबालें।
कैसे बनाएं
एक सॉसपैन में पानी लें और उसमें प्रून डालकर मध्यम आंच में उबाल लें। प्रून ठंडे होने के बाद आप इससे बीज निकालें और ब्लेंडर में ब्लेंड करके पेस्ट बना लें। अब स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें सेब या अन्य फल का जूस मिलाएं।
बच्चों में कब्ज को ठीक करने और अच्छे पाचन के लिए प्रून या सूखे आलूबुखारा का जूस बेहतरीन है। हालांकि इसका उपयोग करने से पहले आप इसके डोज से संबंधित जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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