In this Article
गर्भावस्था के दौरान रेगुलर चेकअप, प्री-नेटल स्क्रीनिंग, स्कैन व अन्य जरूरी जांच की जाती है। गर्भावस्था में किए जाने वाले इन टेस्ट से जेस्टेशनल एज का पता लगाया जाता है, क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटी की जांच की जाती है ताकि आपकी प्रेगनेंसी बिना किसी समस्या के विकास कर सके। फीटस की जांच करने के लिए क्राउन-रंप लेंथ स्कैन भी उन्ही में से एक है।
सीआरएल भ्रूण (फीटस) की लंबाई होती है, जिसे उसके सिर के ऊपर से उसके नितंबों (बॉटम) तक मापा जाता है। यह माप सेंटीमीटर में लिया जाता है और इसमें लिंब (अंग) या योक सैक को शामिल नहीं किया जाता है। सीआरएल, गर्भावस्था के 6 से 7 से लेकर 14 सप्ताह तक किया जा सकता है, यह फीटस की जेस्टेशनल ऐज का पता लगाने में मदद करता है। प्रेगनेंसी की इस स्टेज पर बायोलॉजिकल वैरिएबिलिटी कम होने के कारण यह बच्चे की जेस्टेशनल ऐज का सटीक अनुमान लगाने में मदद करता है।
एक बार सीआरएल के जरिए जेस्टेशनल ऐज का पता लगने के बाद डॉक्टर डिलीवरी डेट का अंदाजा लगाते हैं। यह स्कैन जितना पहले किया जाता है, इसके रिजल्ट उतने ही सटीक आते हैं। ध्यान दें कि जेस्टेशनल एज फर्टिलाइजेशन एज से बहुत अलग होती है। गर्भकालीन जेस्टेशनल एज को आपके पीरियड्स खत्म होने के आखिरी दिन से कैलकुलेट किया जाता है, जहाँ फर्टिलाइजेशन एज शायद दो हफ्तों की हो या जेस्टेशनल एज से भी कम हो।
डॉक्टर सीआरएल स्कैन, गर्भ में आपके शिशु के विकास की जांच करने के लिए करते हैं। एक बच्चे का एवरेज मेजरमेंट लगभग 51 सेमी लंबा होता है और जन्म के समय इसका वजन लगभग 3.5 किलोग्राम तक होता है। इस स्कैन की मदद से, प्रेगनेंसी की अलग अलग स्टेज में बच्चे के विकास का पता लगाया जा सकता है। यहाँ आपके बच्चे से संबंधित कुछ ऐसे मुद्दे बताए गए हैं, जो आप सीआरएल की मदद से जान सकती हैं:
सीआरएल डायग्राम को पहली बार 1975 में रॉबिन्सन द्वारा प्रस्तुत किया गया था और प्रेगनेंसी के दौरन बच्चे की जेस्टेशनल एज का पता लगाने व अन्य फैक्टर्स को जानने के लिए अभी भी इसको प्राथमिकता दी जाती है। आपके रिफरेन्स के लिए नीचे एक सीआरएल चार्ट दिया गया है।
सप्ताह के अनुसार जेस्टेशनल एज | सीआरएल (मिमी) | मास |
6 सप्ताह | 4 मिमी | < 1ग्राम |
7 सप्ताह | 11 मिमी | < 1ग्राम |
8 सप्ताह | 17 मिमी | 1 ग्राम |
9 सप्ताह | 23 मिमी | 2 ग्राम |
10 सप्ताह | 34 मिमी | 4 ग्राम |
11 सप्ताह | 44 मिमी | 7 ग्राम |
12 सप्ताह | 57 मिमी | 14 ग्राम |
13 सप्ताह | 68 मिमी | 23 ग्राम |
14 सप्ताह | 81 मिमी | 43 ग्राम |
ये प्रेगनेंसी के दौरान अलग अलग स्टेज में अनुमानित फीटस मेजरमेंट है। इसमें अन्य फैक्टर्स भी शामिल हैं, जैसे माँ की उम्र, धूम्रपान की आदत और कितनी मात्रा में फोलिक एसिड लिया जा रहा है आदि मेजरमेंट को प्रभावित कर सकते हैं।
हर बच्चा अलग है और इस प्रकार हर बच्चे का विकास भी अलग होता है जो बिलकुल नॉर्मल है। आपके डॉक्टर द्वारा किए जाने वाला मेजरमेंट सीआरएल चार्ट से अलग भी हो सकता है। सीआरएल स्कैन के बाद, अपने गाइनकॉलजिस्ट से अपने बच्चे के विकास के बारे में बात करें और उनसे डिटेल रिपोर्ट मांगें।
यह भी पढ़ें:
प्रेगनेंसी के दौरान एनॉमली स्कैन: संपूर्ण जानकारी
एचएसजी टेस्ट – तैयारी, प्रक्रिया और साइड इफेक्ट्स
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…