प्रसवोत्तर देखभाल

प्रसव के बाद कमर या पीठ में दर्द – कारण, लक्षण और उपचार

गर्भावस्था के दौरान और बाद में एक महिला का शरीर बहुत सारे बदलाव से गुजरता है। जब एक महिला गर्भवती होती है, तो उसका जीवन 180 डिग्री मोड़ लेता है। इस महत्वपूर्ण मोड़ के बाद उसकी खाने की आदतें, बैठने व सोने का तरीका, आसन, चलने का तरीका और इत्यादि बहुत कुछ बदल जाता है। इतने सारे बदलावों के बाद भी एक महिला यह सोच कर निश्चिंत रहती है कि प्रसव के बाद उसका जीवन फिर से सामान्य हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं भी हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान पीठ या कमर में दर्द होना एक समस्या है जो प्रसव के बाद भी रह सकती है। हाँ, गर्भावस्था के दौरान कमर में दर्द होना बहुत सामान्य है किंतु प्रसव के बाद यह जल्दी ठीक होने वाली समस्याओं में से नहीं है। यदि प्रसव के बाद आपकी पीठ या कमर में पीड़ा महसूस होती है तो हो सकता है आप प्रसवोत्तर पीठ दर्द से ग्रसित हों। 

प्रसव के बाद कमर में दर्द क्या है

गर्भावस्था में बहुत से परिवर्तनों में पीठ दर्द या कमर दर्द जैसी असुविधाएं भी हो सकती हैं। हालांकि, कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के बाद भी पीठ के निचले हिस्से में अत्यधिक गंभीर दर्द बना ही रहता है जिसके कारण प्रसव के बाद भी महिलाओं को पीठ व कमर में दर्द का अनुभव हो सकता है। प्रसव के बाद कमर या पीठ दर्द महिलाओं को गर्भावस्था से उबरने में बाधा बन सकता है, इससे उन्हें चलने, लंबे समय तक बैठने और यहाँ तक कि हिलने में भी अधिक तकलीफ हो सकती है।

प्रसव के बाद कमर दर्द होने के कारण

कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद भी कमर दर्द का अनुभव होता रहता है। यदि आपने हाल ही में अपने बच्चे को जन्म दिया है और आप कमर दर्द का अनुभव कर रही हैं, तो आपको समझना चाहिए कि इसके कारण क्या हो सकते हैं। प्रसव के बाद कमर दर्द के कुछ निम्नलिखित कारण दिए हुए हैं, आइए जानते हैं; 

  1. प्रसव के बाद ज्यादातर कमर दर्द हॉर्मोन में बदलाव के कारण होता है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन व रिलैक्सिन नामक हॉर्मोन उत्तेजित होते हैं जो प्रसव को सरल करने के लिए कूल्हों स्नायुबंधन व जोड़ों को ढीला कर देते हैं। लेकिन प्रसव के बाद यह कुछ महीनों तक शरीर में रह सकते हैं जिससे कमर में दर्द होता है।
  1. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं और यह बदलाव दूसरी तिमाही के दौरान कमर दर्द का कारण बनते हैं। यही कमर दर्द कुछ महीनों बाद तक भी हो सकता है।
  1. गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने से भी कमर में दर्द हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन बढ़ने से उसके घुटनों व मांसपेशियों में अतिरिक्त दबाव पड़ता है जो कमर की मांसपेशियों पर भी दबाव डाल सकती हैं। यह दर्द प्रसव के बाद भी रह सकता है।
  1. गर्भावस्था के दौरान कमर में दर्द गर्भाशय में वृद्धि के कारण भी हो सकता है। जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है, पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों व कमर में खिंचाव आने लगता है जो दर्द का कारण बनता है। प्रसव के बाद यह दर्द ठीक होने में कुछ समय ले सकता है।
  1. यदि किसी महिला का योनि प्रसव होता है तो बच्चे को बाहर निकालते समय उसकी कई मांसपेशियां जो सामान्यतः स्थिर रहती थी, वह उत्तेजित हो जाती हैं और उनमें तनाव उत्पन्न होता है। इससे प्रसव के बाद कमर में अधिक दर्द हो सकता है।
  1. प्रसव के बाद अनिद्रा और बार-बार झुकने व शिशु को उठाने से दर्द बढ़ सकता है जिससे कमर में दर्द लंबे समय तक रह सकता है।
  1. शिशु को स्तनपान कराते समय गलत मुद्रा के कारण पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों में अधिक दबाव पड़ता है जो कमर व पीठ दर्द का कारण बन सकता है।
  1. यदि गर्भावस्था के दौरान या बाद में एक महिला अधिक शारीरिक परिश्रम वाला कार्य करती है तो इससे कमर में अधिक दर्द हो सकता है।

प्रसव के बाद कमर में दर्द कब तक रहता है

प्रसव के बाद शरीर ज्यादातर सामान्य अवस्था में आ जाता है। यदि कुछ समय पहले ही आपका बच्चा हुआ है और गर्भावस्था के दौरान आपको कमर व पीठ दर्द का अनुभव हुआ है तो आपकी यह समस्या जल्द ठीक होने वाली नहीं है। प्रसव के बाद आपकी कमर में दर्द लगातार बनी रह सकती है और आपके शरीर को सामान्य होने में व शरीर में मौजूद रिलैक्सिन नामक हॉर्मोन को कम होने में लगभग 6 महीने लग सकते हैं। इस समय तक आपके पीठ का दर्द भी कम हो सकता है और साथ ही शारीरिक ऊर्जा वापस आ जाती है व मांसपेशियां भी मजबूत हो जाती हैं। इस दौरान आपकी हड्डियों के जोड़ व स्नायुबंधन भी सामान्य स्थिति में आ सकते हैं। हालांकि यदि आप गर्भावस्था के बाद कठोर परिश्रम वाली गतिविधियों को करती हैं, तो आपकी पीठ में दर्द लगभग एक साल तक रह सकता है। मोटापा या अधिक वजन के कारण लंबे समय तक पीठ व कमर में दर्द रह सकता है। 

प्रसव के बाद कमर दर्द से कैसे निजात पाएं

प्रसव के बाद एक माँ को बहुत सारी चीजों के बारे में चिंता रहती है। यदि प्रसव के बाद आप कमर के दर्द से पीड़ित हैं तो इसे अपनी चिंताओं में शामिल न करें। निम्नलिखित कई घरेलू उपचार बताए गए हैं जिनकी मदद से आपको दर्द से राहत मिल सकती है, आइए जानते हैं;

  1. प्रसव के बाद कमर दर्द में आराम पाने के लिए आप कई व्यायाम कर सकती हैं। व्यायाम करने से मांसपेशियों और स्नायुबंधन का दबाव कम करने में मदद मिल सकती है। शिशु जन्म के बाद आप आराम देने वाले योगासन व स्ट्रेचिंग से शुरुआत कर सकती हैं, यह आपके लचीलेपन को बढ़ावा देंगे और साथ ही शांति प्रदान करने में मदद करेंगे। यदि आपका प्रसव सिजेरियन से हुआ है तो आपके लिए टहलना बेहतर है। रोजाना 20-30 मिनट टहलने से आपके शरीर को आराम मिलेगा और यह शुरुआत के लिए एक बेहतर व्यायाम है।
  1. प्रसव के तुरंत बाद शारीरिक गतिविधियां न करें और खासकर यदि आपकी सर्जरी हुई है तो जितना संभव हो उतना आराम करें।कई महीनों के तनाव के बाद आपकी मांसपेशियों और जोड़ों को आराम की आवश्यकता होती है।
  1. भारी वजन उठाने या व्यायाम में वेट ट्रेनिंग से बचें क्योंकि यह आपकी मासंपेशियों और जोड़ों में दबाव पहुँचा सकता है। सीधे बैठें और सही मुद्रा बनाएं रखें, बच्चे को स्तनपान करवाते समय बच्चे की ओर झुकाव न रखें। जब आप अपने छोटे से बच्चे को स्तनपान कराती हैं तो आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए। आप स्तनपान कराते समय आराम से लेट भी सकती हैं।
  1. यदि आपको कमर दर्द होता है तो पैर लटकाकर न बैठें, कुर्सी में बैठते समय अपने पैरों को सहारा देकर बैठें और पैरों को जमीन से थोड़ा ऊपर ही रखें। इससे आपकी पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को सहारा मिलने में मदद मिल सकती है। अपनी पीठ को सहारा देने के लिए कुर्सी में कुशन भी रखें।
  1. यदि आप पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव करती हैं, तो अपने पैरों को जमीन से थोड़ा ऊपर रखने के लिए और अपनी पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को सहारा देने के लिए एक कुर्सी पर बैठकर एक फुटरेस्ट का उपयोग करें। इसके अलावा, अपनी पीठ को सहारा देने के लिए अपनी कुर्सी पर नरम कुशन रखें।
  1. बहुत देर तक बच्चे को गोद में रखने से आपके कूल्हों पर दबाव आ सकता है इसलिए अपने साथ फ्रंट पैक रखें। इसकी मदद से आप सफर के दौरान बच्चे को सहारा दे सकती हैं।
  1. प्रसव के बाद कुछ महीनों के लिए ऊँची हील के जूते न पहनें।
  1. सुविधाजनक मुद्रा में सोएं, नर्म और पतले तकिए का उपयोग करें जो आपके सिर को सहारा देने के लिए पर्याप्त हो। आपको प्रसव के बाद भी सोते समय अपनी पीठ को सहारा देने के लिए गर्भावस्था के तकिए या 2 नियमित तकियों का उपयोग करना चाहिए।
  1. किसी अनुभवी मालिश करने वाली से नियमित अंतराल में मालिश करवाएं। मालिश करवाने से रक्त प्रवाह में वृद्धि होगी और आपको मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलेगी।

  1. आप पीठ दर्द या कमर दर्द से राहत पाने के लिए गर्म या ठंडा कंप्रेस का उपयोग कर सकती हैं। इसके लिए आप अपनी पीठ के नीचे ठंडा या गर्म कम्प्रेस रख सकती हैं।
  1. दर्द से राहत पाने के लिए आप मलहम का उपयोग कर सकती हैं, इसे अपनी पीठ पर एक बार लगा कर देखें। यह आपको तुरंत राहत प्रदान करेगा।
  1. प्रसव के बाद कुछ हफ्तों या महीनों तक गुनगुने पानी से स्नान करें। गुनगुने पानी में स्नान करने से मांसपेशियों और स्नायुबंधन को आराम मिलता है और आपको राहत प्राप्त होगी।
  1. फर्श से कुछ उठाते समय अपनी कमर को मोड़ने के बजाय घुटनों को मोड़ें। कमर को न मोड़ें और न ही अपने हाथों को फैलाएं क्योंकि यह आपकी पीठ की मांसपेशियों पर तनाव डाल सकता है।
  1. अपने बच्चे को बिस्तर या फर्श से गोद में उठाते समय उसके करीब जाएं और फिर उठाएं। आप बच्चे को उठाने के लिए घुटनों को भी मोड़ सकती हैं। बच्चे को दूर से उठाने के लिए अपनी हाथों को बाहर की ओर अधिक न खींचें।
  1. आप प्रसव के बाद कमर दर्द को ठीक करने के लिए प्रशिक्षक की मदद से कुछ व्यायाम करने का प्रयास कर सकती हैं।
  1. पोषण विशेषज्ञ से परामर्श करें और अपने शरीर की जरूरतों के अनुसार स्वास्थ्यप्रद आहार निर्धारित करें। आपके संतुलित आहार से वजन कम होगा जिससे आपकी कमर में कम दबाव पड़ेगा।
  1. शुरूआती दिनों में शिशु को स्तनपान करवाते समय तकिए का उपयोग करें ताकि आप इस दौरान आपकी मुद्रा सुविधाजनक रहें। सुनिश्चित करें कि स्तनपान करवाते समय आपकी पीठ को सहारा मिलता रहे और आप अपनी सही मुद्रा बनाए रखें।

ऊपर दी हुई सभी टिप्स को आजमाने के बाद भी यदि आपकी कमर या पीठ में लगातार दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर विस्तार से शारीरिक जांच करके उचित दवाओं व फिजियोथेरपी की सलाह दे सकते हैं। 

डॉक्टर से सलाह कब लें

दिन के समय में आप कैसी भी मुद्रा में रहें आपको अपनी पीठ या कमर दर्द का नुभव नहीं होगा। इसी तरह से यदि आप दिन के समय में अपने कार्य में व्यस्त रहती हैं तो भी आपको अपनी कमर या पीठ में दर्द या कोई भी असुविधा अधिक महसूस नहीं होगी। लेकिन दिन में की हुई अधिक गतिविधियों के कारण आपको रात के समय पर जोड़ों में सूजन हो सकती है जिससे आपको अधिक दर्द महसूस हो सकता है।  

प्रसव के कुछ महीनों के बाद आपकी कमर या पीठ में दर्द होना कम हो सकता है, किंतु निम्नलिखित समस्याओं में आपको चिकित्सीय दवाएं लेने की आवश्यकता पड़ सकती है, आइए जानते हैं;

  1. यदि आपकी कमर या पीठ में दर्द के साथ-साथ भुखार भी हो।
  2. यदि आपको कमर में अधिक गंभीर दर्द हो रहा है और दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है।
  3. यदि आपके पैर सुन्न हो जाते हैं।
  4. यदि आप गिरने के कारण अधिक दर्द महसूस करती हैं।
  5. यदि 6 महीने के बाद भी आपकी कमर में दर्द उतनी ही तीव्रता से होता है।

शिशु की देखभाल के साथ खुद का खयाल रखना मुश्किल हो सकता है किंतु यह बात याद रखें कि आपका स्वास्थ्य भी जरूरी है। यदि आपका शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं तो आपके लिए अपने बच्चे की देखभाल करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें और स्वस्थ रहें।

गर्भवती होना और बच्चे को जन्म देना एक महिला के जीवन का सबसे अच्छा अनुभव होता है। हम जानते हैं कि आप अपने बच्चे से प्यार करती हैं और उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं, लेकिन अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। धैर्य रखें और एक समय में बहुत सारी गतिविधियां करके खुद को तनाव न दें। अपनी मातृत्वता का आनंद उठाएं और अपने शरीर को वापस सामान्य होने के लिए कुछ समय दें।

यह भी पढ़ें:

सी-सेक्शन के बाद पीठ दर्द – कारण और उपचार
डिलीवरी के बाद पेट में दर्द – कारण, घरेलू उपचार और सुझाव

जया कुमारी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

22 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

22 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

22 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago