गर्भावस्था

प्रसवोत्तर आहार: प्रसव के बाद खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ

प्रसव के बाद भी नई माताओं के लिए अपने आहार पर ध्यान देना आवश्यक है। चूंकि अब आप अपने बच्चे को स्तनपान करा रही हैं तो ऐसे में अपनी भोजन में स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों को शामिल करना अत्यावश्यक है। यदि आप प्रसवोपरांत अपने आहार को लेकर चिंतित हैं, तो इस लेख को पढ़ें।

प्रसव के बाद उचित आहार क्यों आवश्यक है?

उचित आहार से आपके स्वास्थ्यलाभ में तेजी आती है और आपको शक्ति और ऊर्जा प्राप्त होती है। यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो आपको अपने आहार की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि आप जो भी खाती हैं, वह आपके दूध के माध्यम से आपके बच्चे के शरीर में प्रवेश करता है।

खाद्य पदार्थ जो प्रसव के बाद खाने चाहिए

प्रसव के बाद निम्न खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।

1. अनाज

गेहूं, चावल, जई, मकई, जौ और अन्य अनाज इस श्रेणी में आते हैं। आप खिचड़ी, पुलाव, परांठे, और चपाती जैसे कुछ व्यंजनों का चुनाव कर सकती हैं।

गेहूं की रोटी में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है – यह एक ऐसा पोषक तत्व है जिसकी आपके बच्चे को प्रथम कुछ महीनों में आवश्यकता होती है। इसके अलावा, इसमें आयरन भी पाया जाता है जो एनीमिया से रक्षा करता है और इसमें मौजूद रेशे आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं।

2. सब्जियाँ

आपको प्रतिदिन मटर और बिन्स जैसी फलियों के अलावा लाल, गहरे हरे और नारंगी रंग की सब्जियाँ बदल-बदल कर खानी चाहिए। इन सब्जियों को अधिक पौष्टिक बनाने के लिए पकाते समय आप इनमें मेथी के बीज भी डाल सकती हैं। मेथी के बीज न केवल स्तन के दूध में वृद्धि करते हैं बल्कि ये वजन घटाने में भी मदद करते हैं साथ ही साथ इनसे भोजन का स्वाद भी बढ़ जाता है।

ब्रोकोली और पालक जैसी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए होता है, जो आप और आपके बच्चे, दोनों के लिए अच्छा होता है। क्या आप जानते हैं कि ये सब्जियाँ, कैल्शियम और एंटीऑक्सिडेंट्स का भी एक अच्छा स्रोत हैं!

3. फल

आप ताजे, डिब्बाबंद या सूखे फलों में से कोई भी विकल्प चुन सकती हैं। स्वाद बदलने के लिए आप फलों की प्यूरीज और जूस भी आजमा सकती हैं! चूंकि आप स्तनपान कराने वाली माँ हैं, आपको फलों अथवा जूस की प्रतिदिन दो या दो से अधिक बार लेनी चाहिए। ब्लूबेरी में सभी आवश्यक विटामिन, खनिज और कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं, जिनसे आप हमेशा ऊर्जावान बनी रहती हैं।

4. मांस और दुग्ध उत्पाद

दुग्ध उत्पादों को अपने दैनिक प्रसवोत्तर आहार का एक अभिन्न हिस्सा बनाएं। यदि आप कैलोरी के सेवन को लेकर चिंतित हैं, तो छाछ और दही जैसे वसा रहित और कम वसा वाले उत्पादों का सेवन करें।

सामन मछली, नई माताओं के लिए पोषण का खजाना है। इसमें डीएचए नामक पोषक तत्व पाया जाता हैं जो कि आपके शिशु के तंत्रिका तंत्र को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सामन आपके मनोदशा में भी सुधार कर सकता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि यह प्रसवोत्तर डिप्रेशन को भी रोकता है।

आपके भोजन में अंडों को शामिल करने के कुछ आसान तरीके यहाँ दिए गए हैं – आप इन्हें नाश्ते में अंडे की भुर्जी बनाकर ले सकती हैं, या दोपहर के भोजन के समय एक उबला हुआ अंडा अपने सलाद के साथ मिला लें, या फिर रात के भोजन में एक ऑमलेट खा सकती हैं।

5. प्रोटीन

मछली, नट्स, बीज, मटर और बीन्स प्रोटीन के समृद्ध स्रोत हैं। इन्हें अपने भोजन में शामिल करें। वसारहित मांस और चिकन भी शानदार विकल्प हैं।

शाकाहारी लोगों के लिए काली बीन्स और किडनी बीन्स जैसे फलियां काफी फायदेमंद मानी जाती हैं। इनमें प्राकृतिक प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

6. पानी

निर्जलीकरण से बचने और स्तन के दूध की आपूर्ति को निर्बाध बनाए रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करना भी आवश्यक है। आप फलों के रस और दूध का सेवन भी कर सकती हैं।

7. घी

समुचित मात्रा में घी का सेवन करने से प्रसवोत्तर स्वास्थ्यलाभ होता है। यह आपके शरीर की खोयी हुई ऊर्जा को लौटाकर योनि और श्रोणि की मांसपेशियों की मरम्मत करता है।

खाद्य पदार्थ जो प्रसव के बाद खाने से बचना चाहिए

यहाँ उन खाद्य पदार्थों की सूची दी गई हैं जिनसे आपको, खासकर स्तनपान कराते समय बिलकुल दूर रहना चाहिए:

1. लहसुन

लहसुन की तीक्ष्ण गंध और इसका स्वाद, माँ के दूध में स्थानांतरित हो सकता है। कुछ शिशुओं को लहसुन की गंध और स्वाद पसंद नहीं आती और इसलिए वे स्तनपान से दूर भागते हैं।

2. खट्टे फल

यदि आपके बच्चे को उल्टियां हो रही हैं अथवा उसे किसी प्रकार का डायपर रैश है, तो आपके द्वारा खाए जा रहे खट्टे खाद्य पदार्थों के कारण ऐसा हो सकता है। खट्टे खाद्य पदार्थ आपके बच्चे की अविकसित जीआई (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) नली में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।

3. कॉफी

चाय या कॉफी में मौजुद कैफीन आपके बच्चे को चिड़चिड़ा बना सकता है जिससे उसे अनिद्रा होती है।

4. शराब

स्तनपान के दौरान शराब के सेवन को लेकर कई विरोधाभास मौजूद है। हालांकि, यह साबित हो चुका है कि शराब के सेवन से बच्चे को मदहोशी और कमजोरी हो सकती है और उसका वजन असामान्य ढंग से बढ़ सकता है। मान्यता है कि शराब, स्तन में दूध की आपूर्ति पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

5. मूंगफली

कुछ बच्चों को मूंगफली से एलर्जी होती है। स्तनपान के दौरान मूंगफली का सेवन ना करना ही बेहतर है।

6. चॉकलेट

कैफीन की तरह यह भी आपके बच्चे पर नकारात्मक असर डाल सकता है। अपने बच्चे की उत्तेजना के स्तर को नियंत्रित करने के लिए, कुछ दिनों के लिए चॉकलेट से दूरी बना लें।

7. मिर्च

यदि आप स्तनपान करा रही हैं तो बहुत अधिक मिर्च-मसाले का उपयोग करना ठीक नहीं है। मसालेदार भोजन आपके बच्चे की आंतों और रक्तप्रवाह पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

8. तैलीय और गैसीय खाद्य पदार्थ

नई माँ होने के नाते, आपको तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए क्योंकि ये अत्यधिक कैलोरी युक्त होते हैं। यही बात मोटे अनाज जैसे गस्से खाद्य पदार्थ पर भी लागू होती है क्योंकि इन्हें पचने में देर लगती है।

9. कार्बोनेटेड पेय

प्रसव के कुछ दिनों बाद तक बुलबुलेदार पेय या कोल्ड्रिंक्स से दूर रहें।

10. अत्यधिक पारे वाली मछली

मछलियों के कुछ प्रकार जैसे स्वोर्डफिश, शार्क, किंग मैकेरल और टाइलफिश में पारा होता है जो आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास में बाधा डाल सकता है।

प्रसव के बाद के आहार संबंधित सुझाव

यह सर्वज्ञात तथ्य है कि आपके खानपान से स्तन के दूध की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन यदि आप पौष्टिक खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करती हैं तो आपका शरीर, इस कमी की क्षतिपूर्ति के लिए पोषक तत्वों के भंडार पर निर्भर करेगा।

प्रसव के बाद स्वास्थ्यवर्धक भोजन हेतु यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करें। ये मछली में पाए जाते हैं और बच्चे के मस्तिष्क और उसकी दृष्टि में वृद्धि करते हैं। लेकिन प्रति सप्ताह मछली की केवल दो सर्विंग्स ही लें।
  • अपने आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं। प्रोटीन के सेवन से अगले कई घंटों तक भूख नहीं लगती और यह रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करता है।
  • अनावश्यक भोजन से बचने के लिए स्नैक्स के रूप में नट्स और फलों जैसे स्वास्थकर विकल्पों का रुख करें।
  • पौष्टिक आहार को ज्यादा मात्रा में तैयार करके फ्रिज करके रख दें, जिससे वह लंबे समय तक ताजा बना रहेगा। जब कभी आप थकान महसूस कर रही हों या फिर खाना बनाने का मन नहीं कर रहा हो तो फ्रिज में रखे खाने को गर्म करके खा लें।
  • पेट की गुड़गुड़ाहट से आपको भ्रम हो सकता है कि आपको भूख लगी है। लेकिन ऐसा प्यास के कारण भी हो सकता है। एक गिलास पानी पिएं। यदि प्यास के कारण ऐसा हो रहा है, तो एक गिलास पानी पीने के बाद आपकी भूख मिट जाएगी।
  • प्रसव के बाद वजन कम करने के लिए क्रैश डाइटिंग न करें। वजन में बेतहाशा कमी करने से भी स्तन के दूध की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
  • कभी-कभार चिप्स और डोनट्स खाए जा सकते हैं, लेकिन उन्हें स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के बदले में नहीं खाना चाहिए!
  • अगर आप मांस या डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करती हैं, तो आपको सप्लीमेंट के तौर पर विटामिन बी 12 लेना पड़ सकता हैं। इस बारे में अपने पोषण विशेषज्ञ से पूछें।

स्वस्थ और पौष्टिक आहार के साथ-साथ, आवश्यकतानुसार नियमित व्यायाम करना भी जरूरी है। इससे आपको यह लाभ होगा कि भले ही गर्भावस्था के दौरान आपका बढ़ा हुआ वजन चुटकी में छूमंतर ना हो, लेकिन यह निश्चित रूप से आपका वजन नहीं बढ़ने देगा।

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जया कुमारी

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