In this Article
यदि आपको लगता है कि बच्चे के जन्म के बाद खुद के लिए समय निकालना और अपनी देखभाल करना असंभव है, तो आप अकेली नहीं हैं जो ऐसा सोचती हैं। एक माँ होने के नाते आप खुद से पहले अपने बच्चे की देखभाल को प्राथमिकता देती हैं, और यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन, खुद का ख्याल रखना आपको अपने बच्चे की ज्यादा बेहतर ढंग से परवरिश करने में मदद करेगा । यदि आपका स्वास्थ्य बेहतर नहीं होगा तो आप जल्दी ही थकान महसूस करेंगी और इसके चलते आप बच्चे की जरूरतों को पूरा करने में भी असमर्थ रहेंगी।
खुद के लिए हर रोज थोड़ा समय निकालना आपको शारीरिक व मानसिक रूप से ठीक होने में मदद करेगा और इस प्रकार आप चिड़चिड़ापन भी कम महसूस करेंगी तथा अपने बच्चे को बेहतर ढंग से किसी भी चीज का जवाब दे सकेंगी। इसके अलावा यह आपको प्रसवोत्तर डिप्रेशन से भी बचाता है। यहाँ आपको अपनी देखभाल करने के 10 टिप्स दिए हुए हैं जो बेशक आपके लिए उपयोगी होंगे।
शरीर में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी के कारण आप खुद को बहुत थका हुआ महसूस करेंगी। इसलिए आपको उन्हें दोबारा से प्राप्त करने के लिए फल, सब्जियां, अनाज, डेयरी उत्पाद और प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार हर दिन लेना चाहिए। आपको ज्यादा तनाव लेने की जरूरत नहीं है, सैर करें, हल्के व्यायाम करें और अच्छी तरह से आराम करें।
प्रसव के बाद होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के कारण आपके व्यवहार में उतर–चढ़ाव होता रहता है, इसलिए, यदि आप अक्सर तनाव महसूस करती हैं या नकारात्मक भावनाएं उत्पन्न हो रही हैं, तो आप इसे लेकर चिंतित न हो। यह कुछ हफ्तों में ठीक हो जाएगा, लेकिन इस बीच, आप अपनी भावनाओं को अपने साथी या माता–पिता के सामने व्यक्त करें, इससे आप बेहतर महसूस करेंगी।
आप अपने आसपास मौजूद चीजों से खुशी महसूस करें और ऐसी चीजों में खुद को व्यस्त रखें जो आपको खुशी देती हो।आप इस बारे में सोचें की आप कितनी भाग्यशाली हैं और उन सभी अच्छी चीजों के बारे में सोचें जो आपने अपने जीवन में हासिल की है। जब आप इस बारे में सोचेंगी तो आपको अच्छा महसूस होगा ।
खुद को थोड़ा आराम दें और इसके लिए आप कुछ समय के लिए बच्चे को परिवार के किसी अन्य सदस्य को सौंप दें। इस प्रकार आपको थोड़ा आराम करने का मौका मिलेगा और आप अपने साथी के साथ थोड़ा अकेले में समय भी बिता पाएंगी । बिना आराम किए आप कोई भी काम लगातार नहीं कर सकती हैं।
याद रखें कि कोई भी सब कुछ अकेले नहीं कर सकता है, एक समय आएगा जब आपको अपनी क्षमता का अहसास होने लगेगा। इसलिए यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें जो प्राप्त करने योग्य हो, अपनी भावनाओं को संतुलित रखते हुए अपनी वजन को घटाएं ।
कोशिश करें कि आप ऐसी चीजें देखें जो आपको मजेदार लगे और हँसा सके, खासकर अपने आप को लेकर। बिना तनावपूर्ण महसूस किए आप चीजों का आनंद लें, जो आपको नकारात्मक भाव से दूर रहने में मदद करेगा।
मोटे तौर पर अनुमान लगाएं कि आप प्रत्येक कार्य में कितना समय लेंगी और उसके अनुसार अपना काम करें, आप अपने कार्य के समय को थोड़ा ऊपर नीचे कर सकती हैं। अगर आप अपनी बनाई हुई योजना पर ठीक से अमल नहीं कर पा रही हैं, तो परेशानी न हों। सबसे पहले आप योजना बनाने पर ध्यान दें फिर धीरे–धीरे उसे लागू करें।
अगर आप जीवन का कोई बड़ा फैसला लेने जा रही हैं तो इसे अभी इसे स्थगित कर दें, जैसे कि एक नई जगह पर जाना हो, नौकरी करनी हो या दूसरे बच्चे की योजना बना रही हो आदि। आपको एक माँ की अच्छी तरह से भूमिका निभाने में अभी थोड़ा समय लगेगा, बाकी सारी चीजें समय के हिसाब से धीरे–धीरे अपनी जगह पर ठीक होने लगेंगी।
अन्य नए माता–पिता के साथ घुलने मिलने की कोशिश करें और उनसे बातचीत करें और एक दूसरे से मिलकर अपनी चिंताओं पर चर्चा करें। उनसे बात कर के आपको ऐसा महसूस होगा कि उनमें से कई सारे माता–पिता आपकी तरह ही चीजों से गुजर रहे होंगे, इससे आप जान सकेंगी की ऐसा केवल आपके ही साथ नहीं हो रहा है।
प्रसव के आप अपनी माँ को कुछ समय के लिए आपके साथ चलने के लिए कह सकती हैं या कुछ दिनों के लिए दाई को रख सकती हैं जो आपकी बच्चा संभालने और रोज के कामों में हाथ बटाने में मदद कर सके। आप स्नान और मालिश कराने के लिए उनकी मदद ले सकती हैं, जो आपको जल्द ठीक होने में मदद करेगा।
शायद ही कभी हमें खुद की देखभाल करना सिखाया जाता है, जैसे हम बड़े होते हैं, हम यह मान लेते हैं कि अपनी भावनाओं को प्राथमिकता देने से हमारे परिवार के प्रति हमारे कर्तव्यों को निभाने में कहीं कोई कमी न जाए। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है अगर आप सच में अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहती हैं, तो सबसे पहले आपको खुद का खयाल रखना होगा तभी आप अपने परिवार को बेहतर तरीके से संभाल सकेंगी। आपको नीचे कुछ सामान्य कारण बताए गए हैं जो आपको अपनी देखभाल करने से रोकते हैं:
यहाँ आपको खुद की बनाई हुई मान्यताओं से निपटने के लिए कुछ असरदार टिप्स बताए गए हैं, जो हर दिन आपको सकारात्मक सोच के साथ प्रेरित करेगी । यहाँ कुछ आइडियाज दिए गए हैं जो आपको अपना ध्यान रखने में मदद करेंगे:
दिन में दो बार, किसी शांत जगह पर जाकर अपने शरीर और दिमाग को पूरी तरह से आराम दें। अपनी आँखें बंद करके अच्छे से आराम करें और गहरी साँसें लें, ये आपके मन और शरीर को शांत अवस्था में लाने में मदद करती हैं। खुद को ये बताती रहें कि अपना ध्यान रखने से आप बच्चे का ध्यान रख सकेंगी ।
आप अपने मन में ये कल्पना करती रहें कि आपको अपना खयाल रखना होगा, ऐसा बार बार करने से ये बात आपके दिमाग में अच्छी तरह से बैठ जाएगी। अपने मन में खुद की देखभाल करने से जुड़ी कोई कल्पना करें या तस्वीर बनाएं, जो आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करे और आप खुद को रिचार्ज होते हुए महसूस करें। इस प्रकार धीरे–धीरे खुद का खयाल रखना आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाएगा।
हर बार आपके दिमाग में ये खयाल आता है कि आपके बाकि के काम ज्यादा जरूरी और खुद की देखभाल करना इतना महत्वपूर्ण नहीं है, आपको इस बात को अपने दिमाग से निकालना होगा। इस बात को आप बार–बार दोहराती रहें कि आपको अपना ध्यान रखना चाहिए, हो सकता है आपको ये मूर्खतापूर्ण प्रतीत हो, लेकिन यह अभ्यास बेहतरीन कार्य करता है।
यद्यपि प्रसव के बाद खुद की देखभाल करना एक माँ के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन अगर उन्हें उचित मदद और समर्थन मिले तो प्रसव के बाद माँ जल्दी स्वस्थ हो सकती है। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना और भावनात्मक रूप से देखभाल करना बहुत जरूरी है जिसका प्रसव के बाद खास खयाल रखा जाना चाहिए ।
यह भी पढ़ें:
डिलीवरी के बाद पेट में दर्द
सिजेरियन प्रसव के बाद मालिश
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…