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गर्भावस्था के दौरान एक महिला अपने बच्चे के साथ-साथ शारीरिक परिवर्तनों के समाप्त होने का भी इंतजार करती है। ताकि इन बदलावों के बाद वह अपनी सामान्य जीवनशैली में वापस आ सके। ज्यादातर महिलाएं यह सोचती हैं कि गर्भावस्था समाप्त होने के बाद सभी असुविधाएं भी समाप्त हो जाती हैं। परन्तु यह सच नहीं है – आपको प्रसव के बाद भी शारीरिक सूजन जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रसव के बाद सूजन एक ऐसी समस्या है जो गर्भवती महिलाओं को प्रसव के ठीक बाद होती है, इसे एडिमा भी कहते हैं। आमतौर पर यह सूजन महिलाओं के चेहरे, टखने और पेट के साथ-साथ हाथ और पैरों में भी फैल सकती है। गर्भावस्था के बाद सूजन कभी-कभी पीड़ादायक भी हो सकती है और यह आपकी समस्या को अधिक बढ़ा सकती है।
गर्भावस्था के बाद महिलाओं को सूजन की समस्या होने के कुछ कारण होते हैं, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में अत्यधिक प्रोजेस्ट्रोन नामक हॉर्मोन की उत्पत्ति होती है। यह हॉर्मोन शरीर में पानी और सोडियम को बनाए रखने के लिए उत्पन्न होता है जिससे महिलाओं को सूजन की समस्या हो सकती है।
प्रसव के दौरान डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए महिलाओं को ड्रिप के माध्यम से IV तरल पदार्थ दिया जाता है। हालांकि इस तरल पदार्थ से सूजन भी हो सकती है – यह ज्यादातर सिजेरियन के बाद ही होता है।
हाइपोप्रोटीनेमिया शरीर में प्रोटीन के सामान्य से कम स्तर की समस्या है। यदि किसी महिला के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है, तो इसे एनीमिया कहा जाता है। यदि प्रसव के बाद कोई भी महिला इन दोनों बीमारियों में से किसी एक या दोनों से पीड़ित होती है तो उसके शरीर में सूजन हो सकती है।
महिलाओं में सामान्य हाइपरटेंशन, गर्भावस्था से प्रेरित हाइपरटेंशन और हाइपोथायरायड जैसे रोगों के कारण भी प्रसव के बाद सूजन हो सकती है।
गर्भावस्था के बाद होने वाली सूजन के कुछ लक्षण भी होते हैं, वे इस प्रकार हैं;
गर्भावस्था के बाद यदि आप अपने हाथ, पैर और शरीर के अन्य भागों में सूजन महसूस करती हैं, तो घबराएं नहीं क्योंकि यह अपने आप ठीक हो जाती है। इसे ठीक होने में अधिक से अधिक कुछ हफ्ते ही लगते हैं। शिशु के जन्म के बाद शरीर में अत्यधिक पानी रह जाने के कारण ज्यादातर महिलाओं के शरीर में सूजन रहती है।
गर्भावस्था के बाद सूजन होना काफी साधारण समस्या है और ज्यादातर इसे किसी भी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। सूजन को कम करने के लिए कुछ सरल उपचार भी हैं जिनका उपयोग आप कर सकती हैं और यह उपचार शारीरिक दर्द को भी कम करने में मदद करते हैं। घरेलू उपचार का उपयोग करने के बावजूद भी यदि आपकी पीड़ा कम नहीं होती है तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।
प्रसव के बाद सूजन से पीड़ित महिलाएं निम्नलिखित घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकती हैं, जैसे;
मालिश से आपको अत्यधिक आराम मिल सकता है और साथ ही इससे रक्त परवाह में भी सुधार होता है और साथ ही दर्द व सूजन कम हो जाती है।
गर्भावस्था के बाद व्यायाम करने से आप अपनी शारीरिक सूजन को कम करने के साथ-साथ आप अपने पूर्व आकार में भी आ सकती हैं।
पानी आपके शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थों व विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे सूजन भी कम होती है। बहुत से लोग सोचते हैं कि यदि आप ज्यादा पानी पियेंगी तो शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ बढ़ेगा किंतु ऐसा नहीं है।
फलों में एंटी-इंफ्लेमटरी गुण होते हैं जो मेटाबोलिज्म में वृद्धि और सूजन को तीव्रता से ठीक करता है।
शरीर में प्रोटीन की कमी से भी सूजन की समस्या हो सकती है इसलिए अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिनमें उच्च मात्रा में प्रोटीन मौजूद है।
प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और जंक फूड से बचें क्योंकि इनमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थों को बनाए रखते हैं।
रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए अपने हाथों और पैरों को नियमित रूप से ऊपर उठाएं। यह शरीर में सूजन को कम करेगा।
रक्त प्रवाह में वृद्धि के लिए शारीरिक गतिविधि होनी आवश्यक है। यदि आप सही समय तक व सही मुद्रा में खड़ी होती हैं और बैठती हैं तो यह आपकी शारीरिक सूजन को कम करने में मदद करता है।
शरीर में सूजन और दर्द होने पर अधिक कार्य करने से बचें और ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
पैरों को नमक के गुनगुने पानी में थोड़ी देर के लिए भिगोकर रखें या गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर, उस पानी से स्नान कर लें। ऐसा करने से शारीरिक दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
योग से तनाव कम करने और दर्द को ठीक करने में मदद मिलती है। यह रक्त प्रवाह में मदद करता है और साथ ही शारीरिक सूजन को भी कम करता है।
कॉफी और अन्य कैफीन-युक्त उत्पाद डिहाईड्रेशन को बढ़ा सकते हैं, जिससे शरीर को अधिक तरल पदार्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे आपकी शारीरिक सूजन कम होने में देरी हो सकती है। कैफीन-युक्त पेय पदार्थों के बजाय आप हर्बल टी जैसे डैंडेलियन टी का उपयोग कर सकती हैं। यह टी आपकी शारीरिक सूजन को कम करता है और शरीर में मौजूद अतिरिक्त तरल पदार्थों को कम करता है।
रिफ्लेक्सोलॉजी मांसपेशियों में दर्द को ठीक करता है और यह विशेषकर पैरों की सूजन व दर्द को कम करने में मदद करता है।
गोभी के पत्तों को सूजन की जगह रखने से दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है क्योंकि यह शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ निकालता है।
शारीरिक सूजन के दौरान ढीले व आरामदायक कपड़े पहनने से सांस लेने में तकलीफ नहीं होती है। इसलिए जितना ज्यादा हो सके टाइट कपड़ों से बचें।
प्रसव के बाद पैरों में सूजन से राहत पाने के लिए व्यायाम करें, यह निश्चित रूप से आपकी मदद कर सकता है। परन्तु इस बात का खयाल रखें कि अधिक कठिन व्यायाम से आपकी तकलीफ व पीड़ा और बढ़ सकती है।
आपके द्वारा पहने गए कपड़ों से बहुत फर्क पड़ता है। बिना टाइट इलास्टिक वाले मोजे पहनने से आपके पैरों की सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।
कुछ सुखदायक व खुशबूदार तेलों के साथ गुनगुने पानी में स्नान करने से आपको अधिक आराम मिल सकता है। डॉक्टर से उन तेलों के बारे में पूछें जो आपके लिए सुरक्षित व प्रभावी हो सकते हैं। यदि आपको किसी भी तेल से एलर्जी है या एलर्जी होने की संभावना हो सकती है तो उस तेल का बिलकुल भी उपयोग न करें।
नमक, सोडियम का ही एक भिन्न रूप है, इसके अत्यधिक सेवन से शरीर में पानी ठहर जाने की संभावना अधिक होती है और यह सूजन का कारण बनता है। केक, चिप्स और कोल्ड ड्रिंक जैसे प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खरीदने से पहले नमक की मात्रा के लिए लेबल देख लें।
शरीर में सोडियम और पोटैशियम की मात्रा हमेशा संतुलित होनी चाहिए। अधिक पोटैशियम-युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला, एवोकाडो, पालक, दही और पीनट बटर का सेवन, रक्त में सोडियम के स्तर को कम कर सकता है।
सी-सेक्शन के बाद, पैरों में सूजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में, आप दर्द को कम करने के लिए कोल्ड कंप्रेसर का उपयोग या गर्म पानी में स्नान कर सकती हैं। अगर आपके टांके पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं तो स्नान के समय उपयोग किए जाने वाले लोशन से बचें।
प्रसव के बाद सूजन होना कोई बीमारी नहीं है जिसके लिए आपको अधिक चिंता हो सकती है। आमतौर पर यह समस्या एक सप्ताह के अंदर-अंदर ठीक हो जाती है, बहुत कम मामलों में यह समस्या गंभीर होती है। यदि आपको निम्नलिखित संकेत दिखते हैं तो आपको चिकित्सीय सहायता लेने की आवश्यकता हो सकती है, आइए जानते हैं;
यदि आपकी शारीरिक सूजन कई हफ्तों तक रहता है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेने की आवश्यकता है। दर्द को कम करने के लिए आप विभिन्न तरीकों को आजमा सकती हैं।
सूजन के असहनीय दर्द में आपको दवा लेने की आवश्यकता हो सकती है। क्योंकि आपको अधिक कमजोरी हो सकती है इसलिए डॉक्टर से सलाह लिए बिना दवाओं का सेवन न करें।
सांस लेने में समस्या होने से रक्त में जमाव हो सकता है जिस कारण यह समस्या हृदय रोग का रूप ले सकती है। यदि आपको इसके लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
प्रसव के बाद होने वाली सूजन स्वाभाविक है। फिर भी इसे रोकने के कुछ तरीके हैं। परंतु निम्नलिखित तरीकों का लाभ कुछ ही महिलाओं के लिए लाभकारी सिद्ध हर हैं, वे तरीके इस प्रकार हैं;
यदि आपको यह चिंता हो रही है कि आपके पैर कभी मूल आकार में नहीं आ पाएंगे तो फिक्र न करें। प्रसव के बाद की सूजन एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ होने के कारण होती है। समय के साथ आपके पैर अपने प्राकृतिक आकार में वापस आ जाएंगे।
गर्भावस्था के दौरान और बाद का जीवन एक महिला के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान आपको अनेक असुविधाएं होने के साथ-साथ सूजन व दर्द की समस्या इसे और कठिन बना सकते हैं। हालांकि यह समस्या गर्भवती महिलाओं में बहुत सामान्य है, इसलिए इसके लिए धैर्य रखें और तैयार रहें। ऊपर वर्णित उपायों का उपयोग करके, दर्द को कम ही नहीं बल्कि खत्म किया जा सकता है।
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