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महिलाओं के लिए गर्भनिरोध के कई तरीके उपलब्ध हैं, डेपो प्रोवेरा भी उनमें से एक है। यह एक गर्भनिरोधक इंजेक्शन है जिसे ऊपरी बांह या नितंब में लगवाया जा सकता है। प्रभावी परिणामों के लिए यह हर तीन महीने में एक बार लिया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग 2 वर्ष से अधिक नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसके बहुत अधिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
डेपो प्रोवेरा मेड्रोक्सीप्रोजेस्टेरोन का ब्रांड नाम है। प्रोजेस्टोजन, एक स्त्री हार्मोन है जिसे शरीर में सुई द्वारा दिया जाता है जो गर्भाशय ग्रीवा के श्लेम को गाढ़ा करके अंडाशय से डिंब को छोड़ने से रोकता है और शुक्राणुओं को डिंब में प्रवेश करने और निषेचन से रोकता है। निषेचित अंडे के लिए गर्भाशय से जुड़ना भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि इंजेक्शन में मौजूद हार्मोन गर्भाशय की परत को पतला बना देता है।
यह अधिकांश स्त्रियों के लिए सुरक्षित है। हालांकि, गर्भनिरोधक का उपयोग करने वाली महिलाएं कुछ दुष्प्रभावों का अनुभव कर सकती हैं। हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है लेकिन यह इसको बंद करने के बाद सामान्य हो जाता हैं, सिवाय उन महिलाओं के जो रजोनिवृत्ति तक पहुँच चुकी हैं।
कुछ महिलाओं को गंभीर अवसाद का अनुभव हो सकता है। कुछ को तेज सिर दर्द या वह क्षेत्र जहाँ इंजेक्शन लगाया गया है, वहाँ दर्द, मवाद या रक्तस्राव हो सकता है। भारी रक्तस्राव या आपकी त्वचा और आँखों का पीला पड़ना भी गर्भनिरोधक इंजेक्शन के कुछ दुष्प्रभाव हैं।
‘प्रोजेस्टोजन–केवल’ गर्भ निरोधकों को उन महिलाओं द्वारा पसंद किया जाता है जो स्तनपान करा रही हैं। ऐसा कहा जाता है कि एस्ट्रोजन युक्त गर्भ निरोधकों (जो माँ के दूध की आपूर्ति को कम करता है) के विपरीत, प्रोजेस्टोजेन युक्त गर्भनिरोधक जैसे डेपो प्रोवेरा से माँ के दूध की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं आती है, यदि इसे प्रसव के 6 से 8 सप्ताह के पश्चात और सामान्य मात्रा में लिया जाए।
डेपो प्रोवेरा, समय पर और ठीक से उपयोग किया जाए, तो बेहद प्रभावशाली है। यदि इसे मासिक धर्म चक्र के पहले पाँच दिनों के अंदर उपयोग किया जाता है, तो यह 24 घंटे के अंदर अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। यदि मासिक धर्म चक्र के पहले पाँच दिनों के बाद इंजेक्शन लगाया जाता है, तो यह 14 दिनों के बाद असर दिखाना शुरू करता है और अगर यह किसी ऐसी महिला को लगाया जाता है जिसका अभी प्रसव हुआ हो या गर्भपात हुआ हो या गर्भपात कराया हो, तो यह इंजेक्शन तुरंत असर दिखाना शुरू कर देता है।
डेपो प्रोवेरा डिंबोत्सर्जन को रोकने के लिए प्रोजेस्टोजन हार्मोन को इन्जेक्ट करके काम करता है। यह शुक्राणु को अनिषेचित डिंब के संपर्क में आने से रोकता है जो ग्रीवा के बलगम को गाढ़ा करके होता है। गर्भनिरोधक गर्भ की बाहरी परत को पतला बनाता है जिससे निषेचित अंडे को इसमें प्रत्यारोपित करना कठिन हो जाता है।
यदि इसे समय पर लिया जाए तो यह गर्भनिरोधक इंजेक्शन 99% प्रभावी हो सकता है। यदि महिलाओं को डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय, 12 सप्ताह में एक बार इंजेक्शन नहीं मिलता है, तो गर्भनिरोधक की प्रभावशीलता 94% तक कम हो जाती है।
डेपो प्रोवेरा इंजेक्शन आपके लिए प्रभावी होता है यदि इसे समय पर लिया जाए; जो कि 12 सप्ताह में एक बार लिया जाता है। यदि इंजेक्शन को मासिक धर्म चक्र के पहले 5 दिनों के भीतर लिया जाए तो यह 24 घंटों में असर दिखाना शुरू कर देता है। यदि आपको मासिक धर्म चक्र के पहले 5 दिनों के बाद इंजेक्शन दिया जाता है, तो आपको कंडोम जैसे एक अन्य गर्भनिरोधक का उपयोग करना होगा।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 12वें सप्ताह या 3 महीने के बाद एक और इंजेक्शन लेने के लिए याद रखना है। इंजेक्शन जिसे प्रत्येक 12 सप्ताह में लेना होता है उसकी तिथि याद रखने के लिए एक ऐप या डेट रिमाइन्डर का उपयोग किया जा सकता है। आप अपने पति से पूछ सकती हैं या याद रखने में मदद करने के लिए एक दीवार पर टंगे किसी कैलेंडर में दिनों को चिन्हित कर सकती हैं।
दुर्भाग्यवश, यह इंजेक्शन एस.टी.डी. (यौन संक्रामक रोग) से लोगों की रक्षा नहीं करता है। एस.टी.डी. से खुद को बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कंडोम का उपयोग करना। ऐसा करना न केवल आपको एस.टी.डी. से बचाएगा बल्कि अनचाहे गर्भ से बचाव में भी मदद करेगा।
डी.एम.पी.ए. इंजेक्शन के कुछ दुष्प्रभाव हैं–
जब आप स्वयं को गर्भवती होने से बचाए रखना चाहती हैं, तो ऐसी स्थिति में डेपो इंजेक्शन (डी.एम.पी.ए. इंजेक्शन) लिया जा सकता है। इसे 12वें सप्ताह या 3 महीने में एक बार लेना ज़रूरी होता है जिससे आप मनचाहा परिणाम पा सकती हैं ।
गर्भनिरोधक इंजेक्शन समय पर नहीं लेने से गर्भधारण का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप कई हफ्तों या महीनों तक इस इंजेक्शन को लेना भूल जाती हैं, तो आप वैसे ही दुष्प्रभाव अनुभव कर सकती हैं जैसे कि आपने गर्भनिरोधक इंजेक्शन शुरू करने पर अनुभव किये थे।
डेपो इंजेक्शन नहीं लेने से आपके शरीर में प्रोजेस्टिन हार्मोन की कमी हो सकती है, जो अन्डोत्सर्ग को रोकता है। हालांकि आमतौर पर इंजेक्शन बन्द करने के 3 से 6 महीने बाद अन्डोत्सर्जन की शुरूआत हो जाती है, लेकिन इससे पहले भी गर्भवती होने की संभावना हो सकती है।
अधिकांश महिलाएं डेपो इंजेक्शन का उपयोग कर सकती हैं, यद्यपि इसका उपयोग 18-50 की आयु के मध्य सबसे उपयुक्त है। हालांकि, प्रसवोत्तर के 6वें सप्ताह से काम समय वाली स्तनपान कराने वाली माताओं ( प्रोजेस्टोजन युक्त गर्भनिरोधक छोटे बच्चों की माताओं के लिए सबसे उपयुक्त है क्योंकि यह दूध की आपूर्ति में कमी नहीं करता है), स्तन कैंसर से वर्तमान या पूर्व में पीड़ित महिलाएं, वर्तमान या पूर्व में दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, 20 वर्षों से अधिक डायबिटीज या घातक लिवर ट्यूमर या सक्रिय वायरल हेपेटाइटिस से पीड़ित महिलाओं को इस इंजेक्शन का उपयोग नहीं करना चाहिए।
दुनियाभर में डेपो इंजेक्शन को महिलाओं की पसंद बनाने के कई कारण हैं।
महिलाएं खुद को लंबे समय के लिए 3 महीने तक गर्भवती होने से रोक सकती हैं। उन्हें रोजाना एक गर्भनिरोधक गोली खाने की आवश्यकता नहीं है।
यदि डेपो इंजेक्शन समय पर (प्रत्येक 12वें सप्ताह में एक बार मासिक धर्म चक्र के पहले5 दिनों के भीतर) लिया गया हो तो यह गर्भवती होने से रोकने में 99% प्रभावी हो सकता है।
इंजेक्शन में मौजूद प्रोजेस्टिन हार्मोन माँ के दूध की आपूर्ति में बाधा नहीं डालता है। इसलिए यह छोटे बच्चों की माताओं के लिए गर्भनिरोध का सबसे अच्छा तरीका है।
डी.एम.पी.ए. का उपयोग करके, आप बिना किसी को पता चले गर्भनिरोधक का उपयोगकर सकती हैं।
डेपो इंजेक्शन लेने के बाद, माहवारी बहुत कम और एक समय के बाद रुक जाती है (जब तक आप गर्भनिरोधक ले रहीं हैं)।
डेपो प्रोवेरा के फायदों के साथ इससे होने वाले नुकसान की एक सूची भी है।
प्रत्येक 12 सप्ताह में एक बार डेपो इंजेक्शन लेने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसा न करने पर, इससे अनचाहा गर्भधारण हो सकता है।
गर्भनिरोधक का लगातार उपयोग करते रहने से, समय के साथ कैल्शियम की कमी हो सकती है और जिससे अंत में ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। हालांकि, जब एक बार आप इसका उपयोग करना बंद कर देती हैं, तो आपकी हड्डियों के खनिज पदार्थों का घनत्व सामान्य हो जाता है, यदि आप रजोनिवृत्ति तक नहीं पहुँची हों ।
जिस क्षेत्र में इंजेक्शन लगाया गया है वहाँ लंबे समय तक दर्द का अनुभव या मवाद हो सकता है।
गर्भनिरोधक का उपयोग करने वाली महिलाओं में अक्सर बिना कारण के वजन बढ़ने की शिकायत देखी गयी है।
सही समय लेने पर डेपो इंजेक्शन ९९% प्रभावशाली है। हालाँकि, इंजेक्शन का उपयोग करने वाली १०० में से 1 महिला में गर्भवती होने की संभावना होती है।
भारत में एक डेपो प्रोवेरा इंजेक्शन की कीमत लगभग २५० रुपये से ३०० रूपये तक होती है।
भारत सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों या जिला अस्पतालों में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत डीएमपीए जैसे गर्भनिरोधक इंजेक्शनों की खुराक मुफ्त देने का निर्णय लिया है।
हालाँकि डेपो प्रोवेरा के कई नुकसान हैं, लेकिन इस गर्भनिरोधक का उपयोग करने वाली महिलाओं में सन्तुष्टि का प्रतिशत बहुत अधिक है। यह गर्भनिरोधक के रूप में एक अत्यधिक प्रभावी और सुविधाजनक तरीका है।
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