बच्चों की कहानियां

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों के बीच लड़ाई हो और उसमें तीसरा आए तो क्या होता है। इस कहानी में दो बिल्लियां एक रोटी के टुकड़े के लिए लड़ती हैं और एक बंदर उनका झगड़ा सुलझाने के नाम पर आता है। चतुर बंदर कैसे बिल्लियों के बीच रोटी का टुकड़ा बांटता है और उनकी लड़ाई का फायदा उठाता है, यह जानने के लिए पूरी कहानी पढ़ें।

कहानी के पात्र (Characters Of The Story)

इस प्रसिद्ध कहानी के मुख्य पात्र इस प्रकार हैं –

  • 2 बिल्लियां
  • एक चालाक बंदर

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी (The Two Cats And A Monkey Story In Hindi)

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में दो बिल्लियां रहा करती थीं। दोनों बिल्लियां बहुत अच्छी दोस्त थीं और आपस में बहुत खुशी से रहती थीं। उनकी दोस्ती की मिसाल दूसरे जानवर भी दिया करते थे। उन्हें जो कुछ भी मिलता, उसे वे मिल-बांटकर खाती थीं।

एक दिन दोपहर के समय दोनों बिल्लियां खेल रही थीं। खेलते समय, एक बिल्ली को भूख लगी और वह भोजन की तलाश में निकल पड़ी। थोड़ा खोजने के बाद ही उसने एक रोटी पड़ी हुई दिखाई दी। बिल्ली ने झट से उसे उठा लिया।

जैसे ही बिल्ली ने उसे खाना शुरू किया, दूसरी बिल्ली ने उससे कहा –

“अरे, मेरी दोस्त, तुम क्या कर रही हो? तुम अकेले रोटी क्यों खा रही हो? क्या तुम मुझे, अपनी सबसे अच्छी दोस्त को भूल गई हो? हम जो भी खाते हैं, आपस में बांटकर ही खाते हैं।”

पहली बिल्ली ने उस रोटी के दो टुकड़े किये और एक टुकड़ा दूसरी बिल्ली को दे दिया। यह देखकर दूसरी बिल्ली फिर बोली,

“तुमने मुझे छोटा टुकड़ा क्यों दिया? ये तो गलत बात है।”

यह सुनते ही पहली बिल्ली को गुस्सा आ गया और दोनों बिल्लियों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। दोनों चिल्ला चिल्लाकर एक दूसरे से झगड़ने लगीं। तभी उनकी आवाज सुनकर एक बंदर आया। दोनों बिल्लियों को झगड़ते देख उसने पूछा –

“अरे क्या हुआ, तुम क्यों लड़ रही हो?”

जब दोनों बिल्लियों ने बंदर को अपनी दुविधा बताई तो बंदर बोला –

“बस इतनी सी बात? रुको, मैं तुम्हारी मदद करता हूँ। मेरे पास वजन तौलने का तराजू है। इन दोनों टुकड़ों को उस पर रखकर मुझे पता चल जाएगा कि कौन सा टुकड़ा बड़ा है और कौन सा छोटा है। फिर हम दोनों टुकड़ों को बराबर कर लेंगे।”

दोनों बिल्लियां बंदर के विचार से सहमत हो गईं। बंदर जाकर अपना तराजू ले आया। उसने रोटी के दोनों टुकड़े नापने वाले तराजू के पलड़े पर रख दिए। टुकड़ों को तौलते समय उसने देखा कि एक पलड़ा दूसरे से भारी है, तो उसने कहा –

“अरे, यह टुकड़ा तो दूसरे से बड़ा है। चलो दोनों को बराबर कर लेते हैं।”

इतना कहकर बंदर ने रोटी के बड़े टुकड़े में से थोड़ा सा टुकड़ा तोड़ कर खा लिया। अब बंदर ने यही तरीका अपना लिया! तराजू का जो पलड़ा भारी होता, बंदर उस टुकड़े से थोड़ी सी रोटी तोड़कर खा लेता। धीरे-धीरे दोनों पलड़ों पर रखे टुकड़े पहले से छोटे हो गए। दोनों बिल्लियां अब घबरा गईं लेकिन फिर भी धैर्यपूर्वक बंदर के फैसले का इंतजार करती रहीं, लेकिन जब उन्होंने देखा कि टुकड़े अब बहुत ही छोटे हो गए हैं, तो उनमें से एक बिल्ली ने बंदर से कहा –

“आप अब रहने दें, अब हम रोटी को अपने हिसाब से बांट लेते हैं।”

बंदर ने उत्तर दिया, “ठीक है, ठीक है, लेकिन मुझे मेरी मेहनत की कमाई भी मिलनी चाहिए।”

इतना कहकर बंदर ने रोटी के बचे हुए दोनों टुकड़े अपने मुँह में रख लिए और दोनों बिल्लियां उसका मुंह ताकती रह गईं। बिल्लियों के हाथ कुछ भी नहीं लगा। दोनों को अपनी गलती का एहसास हुआ, और वे समझ गईं कि एक-दूसरे के खिलाफ लड़ना एक बहुत बुरा निर्णय था और बंदर इसका फायदा उठा ले गया।

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी से सीख (Moral of The Two Cats And A Monkey Hindi Story)

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी से यह सीख मिलती है कि जब दो लोग लड़ते हैं, तो हमेशा तीसरे को फायदा होता है। इस कहानी से बच्चे समझेंगे कि हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए कि कोई तीसरा व्यक्ति हमारे झगड़े का फायदा उठा सके।

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of The Two Cats And A Monkey Hindi Story)

दो बिल्ली और बंदर एक महत्वपूर्ण नैतिक मूल्य वाली कहानी है जो पंचतंत्र की कहानियों के अंतर्गत आती है और बच्चों को बहुत अच्छी सीख देती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. 2 लालची बिल्ली और बंदर की कहानी का नैतिक क्या है?

2 लालची बिल्ली और बंदर की कहानी का नैतिक है कि अपना झगड़ा अपने तक रखकर ही सुलझाना चाहिए। दो लोगों के बीच लड़ाई का फायदा बाहरी व्यक्ति उठा लेता है।

2. लड़ाई क्यों नहीं करनी चाहिए?

लड़ाई किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। यह केवल अधिक गलतफहमी पैदा करता है और अक्सर इसके परिणामस्वरूप स्थिति और भी बदतर हो जाती है। हमें उम्मीद है कि “दो बिल्लियाँ और एक बंदर” कहानी बच्चों को एक मूल्यवान सबक सीखने में मदद करेगी।

निष्कर्ष (Conclusion)

कहानी में जानवरों के पात्र शामिल होने से बच्चों को कहानी सुनना आसान होता है क्योंकि उनमें जानवरों के बारे में जानने की विशेष जिज्ञासा होती है। इसके अलावा, जानवरों को इंसानों की तरह बोलते हुए देखने से कहानी में उनकी रुचि बढ़ती है, और वे उत्सुकता से कहानी पढ़ते या सुनते हैं। अपने बच्चों को कहानी सुनाने की आदत जरूर डालें, इससे आगे जाकर उनको भाषा कौशल बढ़ाने और क्रिएटिव तरीके से सोचने में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें:

जादुई पतीला की कहानी (Magical Pot Story In Hindi)
भूखी चिड़िया की कहानी (The Hungry Bird Story In Hindi)
बुद्धिमान बंदर और मगरमच्छ की कहानी (Story Of The Wise Monkey and Crocodile In Hindi)

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

3 days ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

3 days ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

4 days ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

4 days ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

4 days ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

1 week ago