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क्या आप अपने नवजात शिशु की देखभाल करने के उन पुराने दिनों में फिर से वापस जाना चाहती हैं? दूसरे बच्चे के लिए योजना बनाना सरल लग सकता है क्योंकि आप पहले भी बच्चे की परवरिश कर चुकी हैं। हालांकि, नई जटिलताएं, जैसे आपकी प्रजनन क्षमता का समय (जैसे ही एक महिला की आयु 30 वर्ष होती है, उसकी प्रजनन क्षमता कम होने लगती है और यह विशेष रूप से 35 की आयु में ज़्यादा प्रभावी होता है। एक स्वस्थ 30 वर्षीय महिला में 20% गर्भवती होने की संभावना होती है और 40 की आयु होते ही उसके गर्भवती होने की क्षमता प्रतिमाह 5% कम होने लगती है, गर्भवती होने के इस चक्र को “बायोलॉजिकल क्लॉक” भी कहा जाता है), आर्थिक स्थिति और आपका पहला बच्चा भी इसमें शामिल हैं।इस लेख में कुछ ऐसी बातों की चर्चा की गई है जो दूसरे बच्चे की योजना में आपकी मदद करेंगे।
एक दुविधा जो कई दंपतियों के मन में होती है कि दूसरा बच्चा कब होना चाहिए? इसका कोई सही जवाब नहीं है क्योंकि इसमें कई बातें शामिल होती हैं, जैसे स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और व्यक्तिगत प्राथमिकताएं। ऐसी कई महिलाएं हैं जो 40 वर्ष की आयु में गर्भवती हुई हैं और कम संसाधनों वाले परिवारों ने भी दो बच्चों की परवरिश सफलतापूर्वक की है। नीचे कुछ 12 बातें सूचीबद्ध की गई हैं जो आपको यह तय करने में मदद करेंगी कि आप फिर से कब गर्भवती हो सकती हैं। एक बार जब व्यक्तिगत रूप से यह सारी बातें पूर्ण हो जाएंगी तब वह समय आपके दूसरे बच्चे के लिए बिलकुल सही होगा ।
दूसरी गर्भावस्था से पहले नीचे दी हुई बातों पर विचार करें:
गर्भवती होने का मतलब है गंभीर रूप से आपका शारीरिक परिवर्तन और यह तभी हो सकता है जब आपका स्वास्थ्य उच्च स्तर पर ठीक हो। यहाँ तक कि अगर आपकी पहली गर्भवस्था का अभी अधिक समय नहीं भी हुआ है पर आप अब बिलकुल ठीक महसूस करती हैं व स्वस्थ भी हैं तो आप दूसरी बार गर्भवती होने की सोच सकती हैं।
जैसे–जैसे महिलाओं की आयु बढ़ती है, डिंबोत्सर्जन के संदर्भ में उनका मासिक धर्म चक्र बदलना शुरू हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं डिंब की सीमित आपूर्ति के साथ जन्म लेती हैं जो अंततः ख़त्म भी हो सकते हैं। जैसे–जैसे आयु बढ़ती है डिंब की गुणवत्ता कम हो जाती है और साथ ही गर्भपात या आनुवंशिक दोष की संभावना भी बढ़ जाती है।
दूसरे बच्चे की योजना बनाते समय, आपके साथी की उम्र के कारण भी प्रभाव पड़ता है । अध्ययनों से पता चला है कि पुरुषों की 35 वर्षीय आयु में उनके शुक्राणु की गुणवत्ता में उल्लेखनीय कमी होने लगती है।
यदि आप दूसरे बच्चे के लिए लड़का होने की उम्मीद कर रही हैं तो पिता की उम्र भी महत्वपूर्ण होती है। एक अध्ययन से पता चला है कि बड़ी आयु वाले पुरुषों में एक्स गुण–सूत्र ले जाने वाले अधिक शुक्राणुओं के कारण बेटी की संभावना होती है।
आर्थिक स्थिति, दूसरे बच्चे की योजना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि इस कारण से ख़र्च तुरंत दोगुना हो जाता है। क्या आप और आपका साथी दोनों काम करते हैं? क्या आप अपने दोनों बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने की योजना बना रहे हैं? दूसरी गर्भावस्था से पहले आपको इन सवालों को सोच कर ही अपनी आर्थिक स्थिति की भी योजना बनाने की आवश्यकता है। ।
दूसरे बच्चे को पालने का मतलब है कि आप और आपके साथी के विचारों में समानता होने की आवश्यकता है, ऐसी भी स्थिति हो सकती है कि आप दोनों के विचार अलग हों। एक को अभी थोड़ा और समय चाहिए या अब बच्चे नहीं चाहिए। यह अनिवार्य है कि आप एक दूसरे से बात करें कि आप क्या चाहते हैं और आप दोनों कैसे सुलह कर सकते हैं।
बच्चे के बाद आपकी प्राथमिकताएं बदल जाएंगी और उसकी देखभाल के सामने आपकी आजीविका कुछ समय के लिए कम महत्वपूर्ण हो जाएगी ।
दूसरे बच्चे की योजना बनाते समय, आपका पहला बच्चे के बारे में सोचना भी महत्वपूर्ण है। क्या आप अपने बच्चों को सामान उम्र के,साथ खेलने वाले बनाना पसंद करेंगी तो फिर आपको उनकी उम्र में कम अंतर रखना बेहतर होगा क्योंकि वे एक ही आयु वर्ग के होंगे और अच्छी तरह मिलजुल कर रहना पसंद करेंगे।
दूसरी गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त सहायता महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि उस समय आपके पहले बच्चे की देखभाल की आवश्यकता होती है। क्या आप अपने पहले बच्चे की देखभाल के लिए किसी व्यक्ति पर विश्वास कर सकती हैं? क्या आपके माता–पिता पास में ही रहते हैं ताकि वे आपके पहले बच्चे की देखभाल के लिए मदद कर सकें?
परिवार में एक और नन्हे मेहमान के आगमन का तात्पर्य है कि आपको अपने रहने की जगह पर दोबारा आंकलन की आवश्यकता है। बच्चे बड़े होने के साथ–साथ आपको किसी बड़े घर में प्रवेश करना पड़ सकता है या उन्हें एक ही कमरे में जगह देनी होगी।
यदि आपके पहले बच्चे के समय पर सीज़ेरियन किया गया था और दोनों प्रसव में 2 वर्ष से कम का अंतर है तो आपको दोबारा से सीज़ेरियन करवाने की आवश्यकता है।
निम्नलिखित सुझाव आपकी दूसरी गर्भावस्था की योजना में आपकी मदद कर सकते हैं, वे इस प्रकार हैं:
जब आप और आपका साथी दूसरे बच्चे का निर्णय लेते हैं तो सुनिश्चित करें कि आप रक्त परीक्षण करवाएं । अगर आपने पहले से ही प्रयास करना शुरू कर दिया है तो शुरुआत करने वालों के लिए, रक्त परीक्षण गर्भावस्था की पुष्टि करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह आपके शरीर में लौह तत्वों की मात्रा की जाँच करने में भी मदद करता है। ज़्यादातर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान ज़्यादा मात्रा में रक्त जो आपको और शिशु को बनाए रखने में मदद करता है ज़्यादा मात्रा में होने के कारण एनीमिया का शिकार हो जाती हैं। रक्त परीक्षण की मदद से आप लौह तत्वों को बढ़ाने और शिशु में अनीमिया से बचने के लिए एक अच्छी योजना बना सकती हैं।
आप जन्म नियंत्रण के तरीकों का उपयोग नहीं करती हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी गर्भावस्था आने वाली है, पहले बच्चे के बाद, आपका मासिक धर्म चक्र अनियमित हो सकता है। गर्भाधान का सबसे अच्छा समय समझने के लिए आपको अपने डिंबोत्सर्जन के दिनों का हिसाब रखना होगा। इसे ठीक होने में कुछ हफ़्ते लग सकते हैं इसलिए धैर्य रखें और कोशिश करती रहें !
पहली गर्भावस्था के बाद पहले वाला आकार वापस पाना चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन आप यह कर सकती हैं। अधिकांश माएं व्यायाम की एक नियमित प्रक्रिया के बाद पहले जैसी हो जाती हैं, लेकिन यदि आप उनमें से एक नहीं हैं तो आपको व्यायाम अभी शुरू करने की आवश्यकता है। वज़न बढ़ना प्रजनन क्षमता को बाधित कर सकता है और कभी–कभी हॉर्मोनल असंतुलन का कारण भी बन सकता है, जिससे आपके डिंबोत्सर्जन पर नज़र रख पाना मुश्किल होता है।
गर्भवती होना केवल एक महिला का कार्य नहीं होता है। सुनिश्चित करें कि आप और आपका साथी पुरुष प्रजनन क्षमता की बारीकियों से परिचित हैं। धूम्रपान जैसे सिगरेट, गांजा और शराब पीने जैसी आदतें पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को गंभीर रूप से कम कर देती हैं। पुरुषों में मोटापे के कारण भी यह समस्या हो सकती है, जिसका अर्थ है कि आप और आपका साथी दोनों एक साथ जिम जाना शुरू कर सकते हैं।
यदि आप अपने 30 के दशक की शुरुआत में हैं और चिंतित हैं कि आपकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है, तो दूसरा बच्चा जल्द से जल्द करना समझदारी होगी। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपने पहले बच्चे के बारे में सोचें। कई दंपति दूसरे बच्चे के लिए लगभग 3 वर्ष तक प्रतीक्षा करते हैं क्योंकि इस समय तक पहला बच्चा व्यक्तिगत रूप से आत्म–निर्भर हो जाता है और गर्भावस्था को पहली प्राथमिकता दी जा सकती है।
यदि आप छह महीनों से अधिक गर्भधारण करने की कोशिश में असफल रही हैं, तो किसी आई.वी.एफ. विशेषज्ञ से मिलना समझदारी होगी। पहली बार गर्भधारण करने के बाद बढ़ती उम्र, स्वास्थ्य समस्याओं, जीवनशैली में बदलाव आदि के कारण बांझपन हो सकता है।
अगर आपने पहले से ही योजना बनाई हुई है तो आपके दूसरे बच्चे का स्वागत करना निश्चित है। यहाँ कुछ चीजें हैं जो आपको उसके आने से पहले ज़रूर करनी चाहिए:
गर्भधारण और प्रसव के दौरान आपका पहला बच्चा नज़र–अंदाज़ न हो इसलिए एक दाई की व्यवस्था करें। यह वो समय होगा जब आप दोनों अलग हो जाएंगे और आपको किसी और पर भरोसा करना होगा जो आपकी भूमिका निभा सके। यह आपका साथी, आपके माता–पिता या कोई नज़दीकी रिश्तेदार भी हो सकता है जिस पर आप अत्यधिक भरोसा करती हैं।
बच्चे का भरण–पोषण करना महंगा हो सकता है इसलिए पिछली बार गर्भावस्था के दौरान चीजों का निस्तारण करते हुए आपको दुःख नहीं हुआ होगा। आपकी पुरानी गर्भावस्था का गाउन, शिशु के यूनिसेक्स कपड़े और जूते, दाग वाली पुरानी चादरें फिर से धोई और पुन: उपयोग की जा सकती हैं।
चूंकि यह वो समय है जब आपको अस्पताल में भी रहना पड़ सकता है और अपने पहले बच्चे के पास नहीं इसलिए उसका भी एक बैग पैक करें। इस बैग में उसके पसंदीदा खिलौने और एक्टिविटी बुक रखें ताकि वह अस्पताल में आपसे मिलने आते वक्त इस बैग को अपने साथ ला सकता है।
बच्चे के लिए एक दिनचर्या निर्धारित करें जिसका पालन उसे रोज़ाना करना होगा। उस व्यक्ति के साथ एक अभ्यास सत्र रखें जो आपकी अनुपस्थिति में आपके बच्चे की देखभाल करेगा। इस तरह, अस्पताल में असुविधाजनक फोन कॉल प्राप्त करने के बजाय व्यक्तिगत तौर पर किसी भी संदेह को स्पष्ट किया जा सकता है।
अपने पहले बच्चे के लिए छोटे विवरण के बारे में एक पत्रिका रखें। यह उनके पसंदीदा कार्टून हो सकते हैं, जिनसे उन्हें ख़ुशी मिलती है या कुछ ऐसी गतिविधियाँ हो सकती हैं जो उन्हें व्यस्त रखें इसके अलावा उनका पसंदीदा नाश्ता इत्यादि रख सकती हैं और इसके बारे में आप दाई को भी बता सकती हैं ।
यदि आपका पहला बच्चा अभी छोटा है, तो आप उसकी सुविधाजनक सैर के लिए एक स्ट्रोलर ख़रीद सकती हैं।
बच्चों के साथ काम आनेवाली चीजें, जैसे डायपर, नर्सिंग ब्रा, ब्रेस्ट पंप, बेबी मॉनिटर इत्यादि खरीदें।
अपने सभी करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ गोद भराई आयोजित करें, यह आपके लिए उन लोगों को चुनने का एक अच्छा मौका होगा जो आपकी मदद करने के लिए तैयार हो सकते हैं।
जाने से पहले भोजन की व्यवस्था करें, यह आप पहले से खाना पकाकर रख सकती हैं या फिर अपने संबंधियों, दोस्तों मदद ले सकती हैं या यदि कोई भी विकल्प नहीं है तो आप बाहर से रेडीमेड भोजन खरीदकर भोजन की व्यवस्था कर सकती हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपने पहले बच्चे को खुश रखने के लिए, उसके पसंदीदा स्नैक्स खरीदकर रखें ।
घर के उन स्थानों का पता लगाएं जहाँ आप अपने बच्चे को रख सकते हैं और उसे दो क्षेत्रों में विभाजित कर दें। पहले क्षेत्र को ऐसा बनाएं जहाँ से आपका पहला बच्चा अपने भाई–बहन तक न पहुँच सके और उन्हें ‘ज़रूरत से ज़्यादा प्यार‘ न कर सके। दूसरा क्षेत्र ऐसे स्थान हो सकता है, जहाँ से वह अपने भाई या बहन तक पहुँच सकता है लेकिन केवल आपकी निगरानी में।
अपने वज़न को ध्यान में रखते हुए और नियमित व्यायाम के साथ अपने प्राकृतिक प्रसव की तैयारी करें। केगेल और पैल्विक व्यायाम नियमित रूप से करें क्योंकि यह प्रसव प्रक्रिया को सहज करने में मदद कर सकता है।
तय करें कि आप अपने दूसरे बच्चे को घर लाने के बाद उसे कहाँ रखना चाहते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि वह अपने बड़े भाई या बहन के साथ रहेगा, अस्थायी रूप से आपके कमरे में रहेगा या उसे कोई नया कमरा मिलेगा।
घर की बेकार की चीज़ों को हटाना गर्भवती महिलाओं के लिए एक स्वाभाविक बात है और इसे ‘नेस्टिंग‘ कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान इस स्वाभाव का लाभ उठाएं और दूसरे बच्चे के घर आने से पहले सारी जगह सुरक्षित बनाएं और यह भी सुनिश्चित करें कि घर की सभी चीजें अपनी जगह पर हैं। बच्चे के साथ घर वापस आने के बाद अपना ज़्यादा से ज़्यादा समय बच्चे के लिए और अलग–अलग चीजों के लिए निकालें।
एक डायपर किट बनाएं जिसमें आप अपने दूसरे बच्चे की सभी आवश्यकताओं की चीजें व्यवस्थित करें, जैसे वाइप्स, डायपर, क्रीम और इत्यादि।
अगर आपको लगता है कि छोटे बच्चे का स्तनपान अधिक देर तक होता है तो आप उसके लिए एक धाय माँ नियुक्त कर सकती हैं ताकि आप बड़े बच्चे के साथ समय बिता सकें।
अपने बड़े बच्चे को तुरंत अपनी गर्भावस्था के बारे में सूचित करने की आवश्यकता नहीं है। गर्भावस्था और प्रसव जैसी अवधारणाएं संभाल पाने के लिए जटिल विषय होती हैं और बाद के चरणों में इसे सुलझाया जा सकता है।
चूंकि छोटे बच्चे को समय की अच्छी समझ नहीं होती है, कुछ महीने भी उसे एक लंबा समय लग सकता है और वह हर दिन उसके बारे के बारे में सवाल पूछ–पूछ कर आपको परेशान कर सकते हैं। उनके जल्द ही आने वाले भाई या बहन के बारे में बताने से पहले थोड़ी प्रतीक्षा करें।
स्तनपान कराते समय, एक ऐसा स्थान खोजें जहाँ पर आपका पहला बच्चा भी आ सकता है और आपके पास में बैठ सकता है।
मिल–बाँटकर चीजों का उपयोग करना एक ऐसी आदत है, जो शायद आपके बड़े बच्चे में नहीं होगी और एक उपहार देने वाला समारोह उसे इसके लिए तैयार करने में मदद कर सकता है।
अपने बड़े बच्चे को छोटे–छोटे काम ख़ुद करने के लिए देकर उसे आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करें, इससे न केवल उसे यह महसूस होगा कि वह बड़ा हो गया है बल्कि आपको अपने नवजात शिशु पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करेगा।
छोटे बच्चे के जन्म से पहले अपने बड़े बच्चे से कम लगाव रखने का प्रयास करें, ऐसा इसलिए अनिवार्य है क्योंकि दूसरे बच्चे के जन्म के बाद आप में आया हुआ बदलाव उसके मन में जलन की भावना उत्पन्न कर सकता है।
किसी गुड़िया की देखभाल करने के लिए कहकर, आप धीरे–धीरे अपने पहले बच्चे में एक ध्यान रखने की आदत की शुरूआत कर सकती हैं।
एक ऐसा गुप्त कोड बनाएं जिसे सिर्फ आप और आपका बच्चा ही समझ सकते हैं। इस तरह, अगर आपका पहला बच्चा अकेला महसूस करता है, तो आप हमेशा गुप्त कोड में बात करके उसे खुश कर सकती हैं, जिसे केवल आप दोनों ही समझ पाएंगे बाद में, आप यह अपने दूसरे बच्चे को भी सिखा सकती हैं।
अपने बड़े बच्चे की यादों की एक ऐसी स्क्रैपबुक बनाएं जो उसे यह एहसास दिला सके कि जब वह छोटा था तब उसका भी खास खयाल रखा गया था।। यह उसके मन में उत्पन्न होने वाली हर ईर्ष्या और नाराज़गी की भावना को कम करने में मदद करेगा। ।
‘सारा सुलिवन’ की लिखी हुई ‘वंस अपॉन अ बेबी ब्रदर‘ और ‘जोआना कोल’ की ‘आई.एम.ए. बिग सिस्टर‘ जैसी किताबें आपके बड़े बच्चे को भाई–बहनों की अवधारणा से परिचित कराने में मदद कर सकती हैं। इन किताबों की मदद से उन्हें यह सिखाने में मदद मिलेगी कि भाई–बहन को कैसे एक दूसरे की देखभाल करनी चाहिए, इसके अतिरिक्त वह इन कहानियों से इतना प्यार कर सकता है कि वे जल्द ही अपना खुद का भाई या बहन चाहेगा।
दूसरे बच्चे की योजना आपकी गर्भावस्था के दौरान पहले बच्चे की देखभाल की चुनौतियों में आपकी मदद कर सकता है। आपको भविष्य का भी खयाल रखने की आवश्यकता है क्योंकि दो बच्चों का पालन–पोषण करने का मतलब दोहरी मेहनत होता है। हालांकि, इसके परिणाम भी उतने ही अच्छे होते हैं और कई परिवार इस बात से अत्यधिक खुश रहते हैं कि उनके पास सिर्फ एक के बजाय दो बच्चे हैं।
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