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आजकल एग फ्रीजिंग उन महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है जो मेडिकल कंडीशन, प्राथमिकता, या अन्य कारणों से देर से गर्भवती होना चाहती हैं। फर्टिलिटी मेडिकल फील्ड में आईवीएफ के बाद एग फ्रीजिंग भी एक बड़ी तकनीक है। फ्रोजन भ्रूण से फ्रोजन अंडों तक के बदलाव ने हर एक महिला को एक अवसर दिया है कि वे कभी भी गर्भवती हो सकती हैं। एग फ्रीजिंग की मदद से महिलाएं फर्टिलिटी को नियंत्रित कर सकती हैं और अपने चुनें हुए समय पर गर्भवती हो सकती हैं। इस रिप्रोडक्टिव तकनीक का उपयोग ओसाइट्स को स्टोर करके फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए किया जाता है (उदाहरण, इसकी मदद से 30 साल की उम्र में अंडे फ्रीज करके एक महिला 40 की आयु में भी गर्भवती हो सकती है) या अन्य मेडिकल समस्याओं के चलते या अन्य ट्रीटमेंट्स (उदाहरण के लिए कीमोथेरेपी या मेनोपॉज की शुरूआत से पहले) का प्रभाव उल्टा हो उससे पहले ही फर्टिलिटी को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें डॉक्टर आईवीएफ की तरह ही अंडे निकालने से पहले हॉर्मोन्स को उत्तेजित करते हैं। महिला को एनेस्थीसिया देने के बाद इस प्रक्रिया को एक शॉर्ट नॉन-इन्वेसिव प्रोसीजर से किया जाता है। इसमें महिला की आयु के अनुसार ही एक या अधिक बार में सही मात्रा में अंडे निकाले जाते हैं और इसे विट्रीफिकेशन के जरिए लैब में फ्रीज किया जाता है। इस तरीके से अंडों को फ्रीज करने से वे अगले 10 या अधिक सालों तक बिना क्वालिटी कम हुए रह सकते हैं। जब एक महिला गर्भवस्था के लिए तैयार होती है तो यह फ्रोजन एग्स स्पर्म से मिलाए जाते हैं और भ्रूण को महिला के गर्भाशय में रखा जाता है, यह प्रक्रिया भी बिलकुल आईवीएफ की तरह ही होती है। साल 1986 से अब तक इस तरह से लगभग 2000 बच्चों ने जन्म लिया है और यद्यपि इसका पूरा डेटा निकालना मुश्किल है पर फिर भी एग फ्रीजिंग का उपलब्ध डेटा संतोषजनक है।
एग फ्रीजिंग या एग बैंकिंग या औसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन असिस्टिड रिप्रोडक्टिव तकनीक (एआरटी) में एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रसव आयु में ही महिला के अंडों को बाद में उपयोग करने के लिए फ्रीज करके स्टोर कर लिया जाता है। यह एक महिला की फर्टिलिटी को संरक्षित और नियंत्रित करने का तरीका है जो कई कारणों की वजह से बाद में बच्चा चाहती हैं।
फ्रोजन एग से सबसे पहला बच्चा साल 1986 में कंसीव किया गया था और तब से इस प्रकार 2000 से भी ज्यादा बच्चे इस दुनिया में आए। फ्रोजन एग से कंसीव करने पर जन्मदोष से संबंधित स्पष्ट समस्याएं अब तक नहीं देखी गई हैं (जनरल स्टेटिस्टिक्स की तुलना में)। एग फ्रीजिंग के लिए एग की हार्वेस्टिंग में होनेवाले खतरों की तुलना आईवीएफ के अन्य प्रोसीजर से भी की जा सकती है, जैसे ओवरी प्रभवित होना, उदाहरण के लिए इन्फेक्शन, ब्लीडिंग और इत्यादि।
एग्स को फ्रीज करने की सबसे सही आयु 26 से 30 के बीच होती है जब आप सबसे ज्यादा हेल्दी हो सकती हैं और आपकी प्रजनन क्षमता भी अच्छी होती है। क्योंकि कितने अंडे हार्वेस्ट हो सकते हैं और इसकी क्वालिटी पर ही निर्भर करता है कि बाद के दिनों में कंसीव किया जा सकता है या नहीं। इसके अलावा इसी आयु में एक महिला यह निर्णय लेती है कि उसे अभी माँ बनना है या नहीं और एग फ्रीजिंग जैसे विकल्पों का चुनाव करती है।
महिलाएं कई मेडिकल और सामाजिक कारणों से अंडे फ्रीज करती हैं। मुख्य रूप से जिन महिलाओं में समस्याएं होती हैं वे एग फ्रीजिंग के लिए फर्टिलिटी इम्पेयरिंग मेडिकल ट्रीटमेंट लेती हैं ताकि बाद के दिनों में भी कंसीव किया जा सके। उदाहरण के लिए, यदि एक महिला का ट्रीटमेंट (रेडिएशन या कीमोथेरेपी) ले रही है तो इन ओवेरियन रोगों या सर्जरी की वजह से ओवरी में प्रभाव पड़ता है या यदि महिला के परिवार में पहले कभी किसी को मेनोपॉज हुआ है तो ऐसी महिलाएं ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले अपने एग फ्रीज कर सकती हैं। यहाँ तक कि आजकल तो हेल्दी महिलाएं जो करियर या रिलेशनशिप की वजह से बाद में गर्भवती होना चाहती हैं वे भी एग फ्रीज करवाती हैं।
कई डॉक्टर का मानना है कि एग फ्रीज करने की सबसे सही आयु 38 साल से कम होती है। कई सेंटर की कट-ऑफ लिस्ट में एग फ्रीजिंग के लिए 38-40 साल आयु है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 38 साल से कम आयु की महिलाओं के हार्वेस्टिड एग्स ज्यादा फर्टाइल होते हैं और इसमें विगलन के बाद सफल परिणामों की संभावना अधिक होती है। 40 की तुलना में 38 साल से कम आयु की महिलाओं में कुछ एग्स होते हैं जिन्हें हार्वेस्ट किया जा सकता है। एक बार यदि महिला की आयु 40 से अधिक हो जाती है तो एग फ्रीजिंग के लिए अच्छी क्वालिटी के अंडे हार्वेस्ट करने की संभावना कम होती है और साथ ही गर्भवती होने की संभावना भी कम हो जाती है।
38 साल से कम आयु की महिला में हर मासिक धर्म चक्र के दौरान 10 से 20 अंडे उत्पन्न होते हैं। इसके विगलन और फर्टिलाइज होने का दर 75-80% तक होता है, यानि 10 फ्रोजन अंडों में से 7-8 अंडों का विगलन होता है और 5-6 अंडे फर्टिलाइज हो सकते हैं। हर फर्टिलाइज्ड भ्रूण को प्रत्यारोपित नहीं किया जा सकता है। हालांकि गर्भावस्था के लिए 8-10 अंडे स्टोर करने की सलाह दी जाती है। बढ़ती आयु में गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा अंडों को फ्रीज करना ही बेहतर होता है और इसी के साथ आप अन्य कारणों पर भी ध्यान दे सकती हैं, जैसे कॉस्ट और इत्यादि।
अंडों को नाइट्रोजन लिक्विड के अंदर -190 डिग्री सेल्सियस के तापमान में बिलकुल वैसे ही फ्रीज किया जाता है जैसे एक भ्रूण को फ्रीज करते हैं। ऐसा माना जाता है कि लंबे समय तक अंडों को फ्रीज करने से इसकी क्वालिटी में कोई भी अंतर नहीं आता है। हालांकि इसका कोई भी स्पष्ट प्रमाण नहीं है क्योंकि फ्रोजन एग्स को ज्यादा से ज्यादा 4-5 साल तक स्टोर करके रखा जा सकता है। यद्यपि थियोरी के अनुसार अंडों को कितने भी समय तक फ्रीज करके रखा जा सकता है और इसका उपयोग कभी भी किया जा सकता है पर डॉक्टर के अनुसार सफल गर्भावस्था के लिए फ्रोजन एग्स का उपयोग महिला की 45 साल आयु होने तक कर लेना चाहिए।
महिलाओं को एग फ्रीजिंग करने का निर्णय लेने से पहले कई बार सोच लेना चाहिए क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले एक बार फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से पूछ कि स्वास्थ्य, आयु और भविष्य में बच्चे की प्लानिंग को देखते हुए क्या यह आपके लिए सही है और जरूरी है या नहीं। यदि आप एग फ्रीजिंग करवाने का निर्णय ले ही लेती हैं तो डॉक्टर आपकी फर्टिलिटी, हॉर्मोन्स का स्तर, फॉलिक्युलर ट्यूब की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट हर दो दिन में करने की सलाह दे सकते हैं। यह भी जरूरी है कि प्रोसीजर के दौरान महिला में अच्छी क्वालिटी के ज्यादा से ज्यादा अंडे हार्वेस्ट होने चाहिए। इसी कारण से एग फ्रीजिंग करने से पहले डॉक्टर महिलाओं को हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने की सलाह देते हैं।
एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया 3 चरणों में की जाती है – ओवरियन स्टिम्युलेशन, फॉलिक्युलर को मॉनिटर करना और अंडे निकालना। इसके पहले दो चरण आईवीएफ की तरह ही होते हैं जिसमें 7-10 दिनों तक महिला को हॉर्मोन का इंजेक्शन दिया जाता है ताकि ओवरी को अंडे उत्पन्न करने के लिए स्टिम्युलेट किया जा सके और वे तेजी से परिपक्व हो सकें। इस समय डॉक्टर फॉलिकल्स को मॉनिटर करने के लिए आपका बार-बार अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट कर सकते हैं। हार्वेस्टिंग से एक दिन पहले डॉक्टर ओवुलेशन के लिए महिला को दवाएं भी देते हैं। फिर महिला को एनेस्थीसिया देने के बाद बहुत कम खतरे वाले प्रोसीजर से अंडों को निकाला जाता है जिसमें आधे घंटे से भी कम समय लगता है। अंत में डॉक्टर निकाले गए अंडों को तुरंत फ्रीज करने के लिए स्टोर कर देते हैं।
अंडों को निकालने के बाद इन्हें फ्रीज (क्रायोप्रिजर्व्ड या विटरीफ्डाइड) किया जाता है ताकि आगे आने वाले समय में इसका उपयोग किया जा सके। अंडों को निकालने से कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे सूजन, इन्फेक्शन या ब्लीडिंग और ओवेरियन हाइपरस्टिम्युलेशन सिंड्रोम से संबंधित अन्य साइड इफेक्ट्स। हालांकि प्रोसीजर के बाद अगले ही दिन महिलाएं अपने नॉर्मल शेड्यूल में आ जाती हैं।
एग फ्रीजिंग में भी आईवीएफ की तरह ही हॉर्मोनल ट्रीटमेंट के बाद ही महिला के शरीर से मैच्योर अंडे निकाले जाते हैं। एक बार जब हेल्दी एग्स को हार्वेस्ट कर लिया जाता है तो इन्हें फ्लैश फ्रीजिंग से फ्रोजन किया जाता है जिसे विट्रीफिकेशन कहते हैं और इसमें अंडों को तुरंत लिक्विड नाइट्रोजन के अंदर -190 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में फ्रोजन किया जाता है। यह क्रायोप्रिजर्व्ड अंडों को आवश्यकतानुसार स्पर्म से कंबाइन किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप डॉक्टर महिला में भ्रूण को प्रत्यारोपित करते हैं।
फ्रोजन एग से विकसित की गई गर्भावस्था का सक्सेस रेट कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है जिसमें हार्वेस्ट किए गए अंडे की क्वालिटी, अंडे हार्वेस्ट करते समय महिला की आयु, गर्भावस्था के दौरान महिला की आयु और उपयोग की हुई फ्रीजिंग तकनीक भी शामिल है। सामान्य तौर पर एक छोटी आयु की महिला (25 से 30 साल) से अच्छी मात्रा में हेल्दी एग्स हार्वेस्ट करने में गर्भावस्था होने की संभावना बहुत ज्यादा है। हालांकि इसके सक्सेस रेट का पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं है जिससे इसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जा सके।
एग फ्रीजिंग का प्रोसीजर फर्टिलिटी मेडिकल के लिए एक नया प्रोसेस है पर इसमें पर्याप्त खर्च हो जाता है। आमतौर पर इसमें 2 तरह का खर्च होता है। इसमें भी आईवीएफ प्रोसीजर की तरह ही महिला के शरीर से अंडे को निकालने और फ्रीज करने के प्रोसीजर में खर्च जिसमें रु 50,000 से 1,00,000 तक होता है। एग फ्रीज होने के बाद इन्हें फ्रोजन स्टेट में बनाए रखने का कॉस्ट वार्षिक है जो लगभग रु 15,000 से रु 30,000 तक होती है।
एग फ्रीजिंग में महिला की ओवरीज को ड्रग से उत्तेजित किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा अंडे उत्पन्न हो सकें। इससे कभी-कभी ओवेरियन हाइपरस्टिम्युलेशन सिंड्रोम भी हो सकता है जिससे ओवरी में सूजन और दर्द होता है। इसमें अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे उल्टी, सूजन और कभी-कभी गंभीर लक्षण भी दिख सकते हैं, जैसे ब्लड क्लॉट्स।
महिला में एग फ्रीजिंग के इस प्रोसीजर से भी खतरे हो सकते हैं, जैसे ब्लीडिंग या एनेस्थीसिया से खतरा।
एग फ्रीजिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा अंडे उत्पन्न करने में सक्षम होने पर एक महिला कई बार एग फ्रीजिंग करवाना पड़ सकता है जिसके परिणामस्वरूप इससे होनेवाले खतरे बढ़ जाते हैं।
आजकल फ्रोजन एग से गर्भावस्था के होनेवाले खतरे और अन्य खतरों का कुछ भी पता नहीं है।
एग फ्रीजिंग एक नई रिप्रोडक्टिव तकनीक है जिसमें एक महिला के अंडे फ्रीज किए जाते हैं और इसका उपयोग बाद में गर्भधारण के लिए उपयोग किया जा सकता है, यानि यह बाद में गर्भवती होने का एक प्रभावी तरीका है। अन्य रिप्रोडक्टिव तकनीकों की तरह ही एग फ्रीजिंग के भी कई फायदे व नुकसान हैं और इसके बारे में कई कन्फ्यूजन हैं जो अब तक समझ से बाहर हैं। यदि आप एग फ्रीज करना चाहती हैं तो इसका निर्णय लेने से पहले आपको इसकी कॉस्ट, खतरे और फायदे के बारे में फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से चर्चा कर लेनी चाहिए।
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