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भारत में कई प्रकार के अलग-अलग खेल खेले जाते हैं, जिनमें से बैडमिंटन भी एक लोकप्रिय खेल है। इस खेल को दो प्रकार से खेला जाता है – एकल और युगल। एकल में यह 2 लोगों के बीच खेला जाता है और युगल में 2-2 खिलाडियों की टीम के बीच खेला जाता है। इस गेम को खेलने के लिए रैकेट और शटलकॉक जिसे चिड़िया भी कहते हैं उसकी जरूरत होती है, जिसके बिना ये खेल संभव नहीं है। बैडमिंटन उन खेलों में आता है जो शायद ही किसी घर में न खेला जाता हो। यह कहना गलत नहीं होगा कि हमने और आपने भी अपने बचपन में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले खेल में बैडमिंटन को जरूर शामिल किया होगा। फिर चाहे गर्मी की छुट्टी में टाइम पास करना हो यह गर्मियों की लंबी रातों को काटने के लिए होम बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन करना हो, इसमें बच्चे हों, बड़े हों या बुर्जुग सब भाग लिया करते थे। बैंडमिंटन सिर्फ एक खेल नहीं है इससे हमारी भावनाएं और ढ़ेर सारी यादें भी जुड़ी हुई हैं। इसलिए अक्सर जब मेरा प्रिय खेल पर बच्चों को एस्से लिखने के लिए कहा जाता है, तो वो बैडमिंटन का खेल चुनते हैं। इस लेख में आपको बैडमिंटन पर हिंदी में निबंध कैसे लिखना है, उसे सैंपल के रूप में बताया गया है। बैडमिंटन खुले मैदान और बैडमिंटन कोर्ट में खेले जाने वाला खेल है। ये काफी प्रसिद्ध खेल है जिसे पूरी दुनिया में खेला जाता है। इस खेल को खेलने के लिए हर एक खिलाड़ी के लिए एक रैकेट और एक शटलकॉक की जरूरत होती है। इस खेल में एक खिलाड़ी से दूसरे खिलाड़ी के बीच जाली या नेट होता है दोनों को तय माप के कोर्ट में खेलना होता है। अगर किसी के भी पाले में शटलकॉक गिरती है तो दूसरे खिलाड़ी को पॉइंट मिलता है। यदि आपके बच्चे को बैडमिंटन पर एक अच्छा निबंध लिखना है तो इस लेख से उसे बहुत मदद मिलेगी।
यहां बैडमिंटन पर 10 लाइन का निबंध दिया गया है और यह बहुत आसान भाषा में लिखा गया है। तो आइए बैडमिंटन पर 10 वाक्यों पर एक नजर डालें।
यदि आपके बच्चे को बैडमिंटन पर छोटा निबंध लिखना है, तो यहां 1, 2 और 3 में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बेहतरीन नमूना दिया गया है। बच्चे इस पैराग्राफ की मदद से खुद एक अच्छा शार्ट एस्से लिख सकते हैं।
भारत में कई खेल खेले जाते हैं जिनमें बैडमिंटन काफी लोकप्रिय है। इसका इतिहास लगभग 2000 साल पुराना है और इसे ‘बैटलडोर’ नाम से जाना जाता था। बैडमिंटन के आधुनिक खेल की शुरुआत 19वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा भारत में पुणे शहर में की गई थी। यह खेल एक सीमा रेखा के अंदर 2 खिलाड़ियों या 2-2 खिलाडियों की दो टीमों के बीच एक सीमा रेखा के अंदर खेला जाता है जिसे बैडमिंटन कोर्ट कहते हैं। बैडमिंटन को खुले मैदान में खेल सकते हैं और साथ ही इसे इंडोर भी खेला जा सकता है। इस खेल को खेलने के लिए रैकेट और शटलकॉक की जरूरत होती है। इसमें शामिल दोनों खिलाड़ियों के बीच जाली राखी जाती है और शटलकॉक उसके आर-पार फेंकनी होती है। यदि एक खिलाड़ी के पाले में सीमा के अंदर शटलकॉक गिर जाती है, तो दूसरे खिलाड़ी को पॉइंट मिल जाता है। इसमें खिलाड़ी का उद्देश्य शटलकॉक को दूसरे खिलाड़ी के पाले में ज्यादा से ज्यादा बार गिराने का होता है। इस खेल को खेलने के लिए बैडमिंटन कोर्ट तैयार किया जाता है, जिसकी चौड़ाई लगभग 20 फुट और लंबाई 44 फुट होती है। इसके बीच में नेट लगाया जाता है और इसके दोनों तरफ खिलाड़ी खड़े होकर खेलते हैं। इस खेल को जीतने के लिए प्रत्येक खिलाड़ी को 21 अंक बनाने जरूरी होते हैं। बच्चों के साथ-साथ बड़े भी इस खेल को खेलना पसंद करते हैं। खेल में लगतार सक्रिय बने रहने से यह खेल शरीर के लिए काफी लाभकारी होता है। बैडमिंटन दुनिया का एक लोकप्रिय खेल है और दक्षिण एशियाई देश इंडोनेशिया का राष्ट्रीय खेल भी है। इसकी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता 1899 में इंग्लैंड में खेली गई थी वहीं ओलंपिक में इसे 1972 में प्रदर्शन खेल और 1992 में प्रतियोगी खेल के रूप में शामिल किया गया।
बैडमिंटन पर दिए गए इस हिंदी अनुच्छेद को पढ़ें। यदि आप 400 से 600 शब्दों की सीमा में बैडमिंटन पर निबंध चाहते हैं, तो यहां आपको भारत के पसंदीदा खेलों में से एक बैडमिंटन पर हिंदी में निबंध दिया गया है। इस लॉन्ग एस्से की मदद से आप बच्चे को एक अच्छा लेख तैयार करवा सकते हैं:
दुनिया भर में बहुत तरह के खेल खेले जाते हैं लेकिन भारत में क्रिकेट के बाद बैडमिंटन का खेल अधिक प्रचलित है। यह खेल शारीरिक रूप से लगातार सक्रिय रहने और पूरा ध्यान देने वाला होता है। जिसके कारण यह शारीरिक और मानसिक रूप से फायदेमंद होता है। इस खेल को बच्चे बड़े सभी खेल सकते हैं। इस खेल को 2 खिलाड़ियों या 2-2 खिलाडियों की दो टीमों के बीच खेला जाता है। इसे खेलने के लिए आप चाहे तो प्रोफेशनल रूप से इसे बैडमिंटन कोर्ट में खेल सकते हैं या फिर खुले मैदान में भी इसे खेला जा सकता है। बच्चे इसका आनंद स्कूल के मैदान, पार्क, छत या फिर अपनी गली में भी ले सकते हैं। मनोरंजन से हट कर लोग इस खेल को प्रोफेशनल स्तर पर भी खेलते हैं और इस खेल में अपना कैरियर बनाते हैं। बैडमिंटन खेलने के लिए रैकेट और शटलकॉक आवश्यक होता है। बैडमिंटन कोर्ट में बीच में एक नेट लगाई जाती है जिसके दोनों पाले में एक एक खिलाड़ी या टीम खड़ी रहती है। खिलाड़ी को विजयी होने के लिए कम से कम 21 अंक के 2 गेम जीतने की जरूरत होती है।
बैडमिंटन के इतिहास की बात करें तो यह 2000 वर्ष पुराना खेल है लेकिन इसके आधुनिक रूप की शुरुआत 19वीं शताब्दी के मध्य में भारत के पुणे शहर में अंग्रेजों ने की थी। उसके बाद कई अन्य देशों में इसे खेला जाने लगा। पहले इसे पूना के नाम से जाना जाता था। इसकी खास बात ये है कि इस खेल को पहले बल्ले और ऊन की गेंद से खेला जाता था, उसके बाद फिर शटलकॉक का इस्तेमाल किया जाने लगा।। भारत में ब्रिटिश सेना से रिटायर होकर इंग्लैंड वापस जाने वाले अंग्रेज इस खेल को वहां ले गए और वहीं पर इसके नियम तैयार किए गए। इंग्लैंड के ड्यूक ऑफ ब्यूफोर्ट के घर पर 1873 बैडमिंटन का पहला गेम खेला गया था, उसके बाद से इसे अन्य देशों में खेला जाने लगा। बैडमिंटन को पहले बैटलडोर और शटलकॉक के रूप जाना जाता था। इसके बाद बैडमिंटन का सही तरीके से प्रबंध करने के लिए 1934 में विश्व बैडमिंटन संघ बनाया गया। हर खेल की तरह समय के साथ इसमें भी बदलाव आए। रैकेट और शटलकॉक के बाद इसमें नेट जोड़ा गया। धीरे-धीरे खेल में नए बदलाव आते गए और इसकी तकनीक और बेहतर होती गई।
हर खेल के अपने अलग-अलग नियम होते हैं, उसी तरह आज बैडमिंटन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता है तो उसके लिए खिलाडियों को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। ये रहे इस खेल के नियम:
दुनिया भर में बैडमिंटन खेलने वाले कई मशहूर खिलाड़ी मौजूद हैं, यहां उन कुछ भारतीय बैंडमिंटन खिलाडियों के नामों का नीचे जिक्र किया गया है, जिन्होंने इस खेल में अपना शानदार प्रदर्शन करके देश को गर्व महसूस कराया है।
यह खेल हमारे शरीर को चुस्त और मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। भले ही खेल पहले के समय में मनोरंजन के तौर पर खेले जाते थे, लेकिन आज इनका महत्व बहुत बढ़ गया है। आज का युवा इसमें अपना भविष्य देखता है और खेल में करियर बनाने के लिए सोचता है। बैडमिंटन भी उन्हीं खेलों में से एक है, जिसे लोग खेलना काफी पसंद करते हैं। यह भारत का काफी लोकप्रिय खेल है। बैडमिंटन खेलने से फिटनेस बनी रहती है। खासकर ब्लड सर्कुलेशन के लिए, यह आपके दिल के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करता है जिससे ब्लॉकेज की समस्या कम होती है। इसके अलावा देखा जाए तो अन्य खेलों के मुकाबले बैडमिंटन के खेल में खिलड़ियों को चोट लगने का खतरा भी कम होता है इसलिए इसे एक सुरक्षित खेल भी माना जाता है। अगर यह खेल रोजाना आधे से एक घंटे के लिए खेला जाए तो आप खुद को काफी स्वस्थ रख सकते हैं और मोटापा व अन्य बीमारियों से बच सकते हैं। आजकल के बच्चे और युवा अपना ज्यादातर समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं, उनके लिए यह खेल काफी जरूरी है ताकि वे आलस को कम करें और एक अच्छा स्वस्थ जीवन व्यतीत करें।
उम्मीद है कि आपके बच्चे को बैडमिंटन पर निबंध लिखने के लिए यहां सभी महत्वपूर्ण जानकरियां मिली होंगी और अलग-अलग शब्द सीमा में दिए गए निबंध के सैंपल उसकी मदद करेंगे। इसके अलावा यदि आपके बच्चे को बैडमिंटन खेलने का शौक है और वो आगे भविष्य में इस खेल को अपने करियर के रूप में चुनना चाहता है तो भी इस लेख से उसे अच्छा दिशा निर्देश मिलेगा और वह इस खेल का महत्व बेहतर रूप समझ पाएगा।
क्या आपके मन में भी बैडमिंटन के खेल से जुड़े कुछ सवाल हैं, जिन्हें आप जानना चाहते हैं। नीचे दिए गए सवाल आपकी मदद कर सकते हैं।
बैडमिंटन को पहली बार साल 1972 में प्रदर्शन खेल और 1992 में प्रतियोगी खेल के रूप में शामिल किया गया था।
दुनिया का पहला बैडमिंटन क्लब ‘बाथ बैडमिंटन क्लब था’ जो कि साल 1877 में इंग्लैंड में स्थापित हुआ था।
चीन के लिन डैन को इतिहास का सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी कहा जाता है जो 5 विश्व खिताब और 2 ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
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