बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

दुर्गा पूजा पर निबंध (Durga Puja Essay in Hindi)

हिन्दू धर्म में दुर्गा पूजा को एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान लोग दुर्गा माँ के नौ रूपों की पूजा करते हैं। माँ दुर्गा शक्ति और साहस का प्रतीक मानी जाती हैं। इस दौरान पंडालों की स्थापना की जाती है, जो की बेहद आकर्षक लगते हैं। इन पंडालों में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की स्थापना की जाती हैं जिनके दर्शन करने के लिए लोग बहुत उत्साहित होते हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत में दुर्गा पूजा का बड़े स्तर पर आयोजन किया जाता है। माँ दुर्गा ने महिषासुर जैसे राक्षस का वध कर के संसार में ये संदेश पहुंचाया था कि बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर क्यों न हो अच्छाई के आगे घुटने टेक देती है। नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक माँ दुर्गा का पंडाल सजाया जाता है। नौ दिनों तक भक्त माँ दुर्गा के आशीर्वाद के लिए पूजा, अर्चना, आरती में लीन रहते है। आखिरी दिन, माँ की बिदाई होती है और उनकी मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है।

दुर्गा पूजा पर 5 लाइन (5 Lines On Durga Puja In Hindi)

दुर्गा पूजा के त्योहार से लोगों की आस्था जुड़ी होती है। अपने बच्चे को नीचे दी गई 5 लाइनों से दुर्गा पूजा का महत्व बताएं:

  1. दुर्गा पूजा देश भर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
  2. दुर्गा पूजा माँ दुर्गा का त्योहार है।
  3. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
  4. माँ दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था।
  5. इस जश्न में माँ दुर्गा के लिए अनेक पंडाल सजाए जाते हैं।

दुर्गा पूजा पर 10 लाइन (10 Lines On Durga Puja In Hindi)

  1. दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है।
  2. इस पर्व के दौरान दुर्गा माँ के नौ रूपों की नौ दिनों तक पूजा होती है।
  3. इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
  4. यह त्योहार देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने की खुशी में मनाया जाता है।
  5. पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का पर्व काफी प्रसिद्ध है।
  6. माँ दुर्गा के पंडाल में सुहागन महिलाएं सिंदूर से खेलती हैं।
  7. इस त्योहार में माँ दुर्गा के जगह-जगह बड़े पंडाल सजते हैं।
  8. दुर्गा पूजा के अंत में दशहरा भी मनाया जाता है।
  9. इस दौरान माँ दुर्गा के भक्तों में एक अलग ही जोश और उत्साह देखने को मिलता है।
  10. नवरात्रि के आखिरी दिन देवी माँ की मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है।

दुर्गा पूजा पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay On Durga Puja In Hindi in 200-300 Words)

दुर्गा पूजा के पर्व बच्चों को हिंदी में शार्ट पैराग्राफ या शार्ट एस्से कैसे लिखाएं जाने के लिए आप नीचे दिए गए 200 से 300 शब्दों के बीच दिए गए इस निबंध को पढ़ें:

भारत में अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमें से दुर्गा पूजा भी एक है जो हिंदुओं का एक मुख्य त्योहार है और इसे देश भर में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा को बहुत ही बड़े स्तर पर और बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार ज्यादातर सितम्बर और अक्टूबर के महीने में ही मनाया जाता है। इस दौरान देवी दुर्गा की पूजा पूरी श्रद्धा और लगन से की जाती है। माँ दुर्गा के पंडाल जगह जगह सजाए जाते हैं। दुर्गा पूजा समारोह 10 दिनों तक चलता है। इस समय पंडालों में बहुत हलचल रहती है। माँ के दर्शन भर के लिए लोगों की लंबी कतारे लगती हैं। पंडाल के बाहर अच्छे-अच्छे खाने की चीजों की दुकाने लगती हैं। पंडाल में भी बहुत रौनक बनी रहती है। लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं और माँ का आर्शीवाद लेने आते हैं। लोग दुर्गा माँ के गीत गाते हैं और उनकी आरती करते और नृत्य करते हैं। इन नौ दिनों में भक्त माँ दुर्गा की प्रार्थना और अर्चना में लीन रहते हैं। पंडाल में माँ दुर्गा की मूर्ति के साथ माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती, गणेश जी और कार्तिक जी की भी मूर्ति रहती है। माँ दुर्गा की मूर्ति में वह महिषासुर का वध करती नजर आती हैं।

दुर्गा पूजा पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Durga Puja in Hindi in 400-600 Words)

किसी भी विषय पर एक अच्छा निबंध लिखने के लिए उस विषय से जुड़ी जानकारी होना जरूरी। दुर्गा पूजा एक ऐसा पर्व है जिसके बारे में शायद ही किसी ने न सुना हो यदि आप अपने बच्चे को दुर्गा पूजा पर एक अच्छा लेख लिखवाना चाहते हैं या उसके अपने स्कूल में दुर्गा पूजा के विषय में लिखना है तो आप उन्हें नीचे दिए गए सैंपल एस्से की मदद से एक अच्छा निबंध लिखने की प्रैक्टिस करा सकते हैं:

प्रस्तावना (Intoduction)

हिंदू धर्म में दुर्गा पूजा एक प्रमुख त्योहार है। यह हर साल देवी दुर्गा के सम्मान में बहुत सारी तैयारियों के साथ मनाया जाता है। दुर्गा माँ भगवान शिव की पत्नी और आदिशक्ति का रूप हैं। माना जाता है कि भगवान राम ने रावन को मारने के लिए देवी दुर्गा से शक्ति प्राप्त करने के लिए यह पूजा की थी, जिससे इसकी पहली बार पूजा शुरू हुई।

दुर्गा पूजा का क्या महत्व है? (What Is the Importance of Durga Puja?)

दुर्गा पूजा हिन्दुओं का पवित्र त्योहार है, जिसे सभी हिन्दू बहुत धूम-धाम से मनाते हैं, और पश्चिम बंगाल में यह त्योहार काफी बड़े स्तर मनाया जाता है। दुर्गा पूजा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि माँ दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था। महिषासुर राक्षस के प्रकोप से पूरा देवलोक डरा हुआ था। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य यह दर्शाता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत हो कर रहती है। यह त्योहार देश के कई राज्यों जैसे असम, ओडिसा, बिहार और उत्तर भारत में भी बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। लोगों का मानना है की नवरात्रि के इन नौ दिनों में माँ दुर्गा अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए आती है और उनकी इच्छाओं को पूरा होने का आशीर्वाद देती हैं।

दुर्गा पूजा कैसे मनाया जाता है? (How is Durga Puja Celebrated?)

हर जगह दुर्गा पूजा को लोग अपनी परंपरा और रीति-रिवाज के अनुसार मनाते हैं जो एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग हो सकते हैं लेकिन उद्देश्य सबका एक ही होता है। दुर्गा पूजा समारोह के लिए सबसे पहले पंडाल लगाया जाता और उसे माँ दुर्गा के स्वागत के लिए सजाया जाता है। नवरात्रि में शुरू होने वाला यह समारोह आखिरी नौवें दिन समाप्त होता है। माँ दुर्गा की मूर्ति लाई जाती है जिसमें वह महिषासुर का वध करते हुए नजर आती हैं, साथ ही अन्य भगवान की मूर्ति भी मौजूद होती है। इस दौरान भक्त माता के नाम का जाप करते हैं उनकी आरती गाते हैं सभी भक्तों से पंडाल की रौनक और अधिक बढ़ जाती है। माँ के दरबार में नृत्य, संगीत, कन्या पूजन और आरती सब किया जाता है। आखिर में माँ दुर्गा की मूर्ति को पानी में विसर्जित कर के इस समारोह का समापन किया जाता है।

दुर्गा पूजा उत्सव को मनाने के पीछे की कहानी (Story Behind Durga Puja Celebration)

दुर्गा पूजा इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था। यह दिन इसी कहानी से जुड़ा हुआ है। इस राक्षस ने अपने अत्याचारों से देवलोक और पृथ्वीलोक में उथल-पुथल मचा दी थी। राक्षस के भय से सभी देवता बहुत डर गए थे और वह मदद के लिए भगवान विष्णु के पास पहुंचे थे। बाद में भगवान विष्णु सभी देवताओं को ब्रह्मा देव के पास ले गए। यह सभी अपनी परेशानी शंकर भगवान के पास लेकर गए उसके बाद शिव जी ने माँ दुर्गा को राक्षस से लड़ने के लिए कहा क्योंकि महिषासुर का वध एक नारी के हाथों ही हो सकता था। माँ दुर्गा और महिषासुर राक्षस का यह युद्ध नौ दिनों तक चला था और आखिर में दसवें दिन दुर्गा जी ने राक्षस का वध कर के विजय प्राप्त की थी। इसलिए दुर्गा पूजा को बुराई पर अच्छाई की विजय हासिल करने का प्रतीक माना जाता है।

दुर्गा पूजा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Durga Puja In Hindi)

  1. माँ दुर्गा में ‘दुर्गा’ शब्द का का तात्पर्य ‘अजेय’ से है।
  2. माँ दुर्गा की मूर्ति को बनाने के लिए गंगा नदी की मिट्टी का उपयोग किया जाता है।
  3. माँ दुर्गा की मूर्ति के 8 हाथ 8 दिशाओं का प्रतीक हैं। उनके हर एक हाथ में एक हथियार है जो दर्शाता है कि वह अपने समर्थकों को बुराई से बचाती हैं।
  4. कुंवारी लड़कियों को माँ दुर्गा की तरह पूजा की जाता है।
  5. ऐसा माना जाता है कि माँ दुर्गा की मूर्ति बनाने वाले को उनकी तीसरी आंख अंधेरे में बनानी होती है।
  6. स्वामी विवेकानंद ने कुमारी कन्याओं की पूजा की परंपरा शुरू की थी।
  7. दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत सबसे पहले 17वीं सदी में दिनाजपुर और मालदा के जमींदारों ने शुरू किया था।
  8. दुर्गा पूजा उत्सव एक मुख्य हिस्सा धुनुची नृत्य है, इसमें हाथों में धुनुची लेकर माँ दुर्गा के सामने डांस करना होता है।

दुर्गा पूजा के इस निबंध से हमेंं क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from a Durga Puja Essay?)

दुर्गा पूजा के त्यौहार से हमें भक्ति, संस्कृति, सामाजिक सहयोग, प्रेम और एकता का महत्व के बारे में सीख मिलती है क्योंकि इस पूजा को हम सब मिलकर मनाते हैं। इससे हमें समर्पण, समृद्धि, संघर्ष, महिला शक्ति और विजयी होने की प्रेरणा भी मिलती है।

दुर्गा पूजा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. दुर्गा पूजा भारत में किस राज्य का सबसे बड़ा त्योहार है?

पश्चिम बंगाल, खासकर इसकी राजधानी कोलकाता में दुर्गा पूजा का सबसे अधिक उत्साह नजर आता है।

2. माँ दुर्गा के नौ अवतार के रूप कौन कौन से हैं?

माँ शैलपुत्री, माता चंद्रघंटा, माता कुष्मांडा, माता कात्यायनी, माँ स्कंदमाता, माँ कालरात्रि, माँ सिद्धिधात्री और महागौरी माँ देवी दुर्गा के नौ अवतार हैं।

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समर नक़वी

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