प्रीस्कूलर (3-5 वर्ष)

पुस्तकालय पर निबंध (Essay On Library In Hindi)

पुस्तकालय एक ऐसी जगह होती है जहां कई तरह की ज्ञानवर्धक पुस्तकें, जानकारियां, अनुसंधान, सूचनाएं आदि हासिल होती हैं। पुस्तकालय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पुस्तक और आलय, ये मिलकर पुस्तकालय बनाता है, जिसका आसान भाषा में अर्थ पुस्तक या किताबों का घर होता है। यहां पर आपको ज्ञान, विज्ञान, साहित्य, राजनिति विज्ञान और अलग-अलग भाषाओं का संग्रह मिलता है। छात्रों के लिए पुस्तकालय महत्वपूर्ण माना जाता है जिससे उन्हें अलग-अलग किताबों से ज्ञान हासिल हो सके। पुस्तकालय सिर्फ स्कूल में ही नहीं बल्कि कॉलेज, सरकारी कार्यालयों और निजी पुस्तकालय के रूप में होते हैं। यही नहीं देश के विकसित होने के साथ-साथ अब पुस्तकालय भी विकसित हो गए हैं क्योंकि अब डिजिटल लाइब्रेरी भी होने लगी जिनसे लोग घर बैठे अपने फोन एवं लैपटॉप पर भी किताबें आसानी से पढ़ सकते हैं। पुस्तकालय को ज्ञान का भंडार कहा जाता है और यहां लोग शांति भरे माहौल में अपनी किताबों का आनंद उठाते हैं। इस लेख में पुस्तकालय के बारे में निबंध कैसे लिखा जा सकता है इसके बारे में और उसकी महत्ता, जरूरत आदि के बारे में बताया गया है। अगर बच्चों को स्कूल में लाइब्रेरी पर एस्से लिखने को दिया गया है तो यहाँ निबंध के कुछ सैंपल दिए गए हैं जिनसे उसे मदद मिल सकेगी।

पुस्तकालय पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Library In Hindi)

पुस्तकालय और उसके भूमिका के बारे में सभी को जानकारी होगी, ऐसे में जानिए कि इससे जुड़ी अहम 10 बातों को बिंदुवार कैसे बताया जाए। इनकी मदद से बच्चा 100 शब्दों का एक संक्षिप्त निबंध भी लिख सकता है।

  1. पुस्तकालय को ज्ञान का भंडार माना जाता है।
  2. यह दो शब्दों से मिलकर बना है – पुस्तक+आलय।
  3. यहां ज्ञानवर्धक किताबों के साथ मनोरंजक किताबें भी उपलब्ध की जाती हैं।
  4. पुस्तकालय में अलग-अलग विषयों की किताबों को बिना खरीदे पढ़ने की सुविधा मिलती है।
  5. पुस्तकालय में जाने और किताबें पढ़ने के अपने नियम होते हैं।
  6. लाइब्रेरी में किताब पढ़ते समय शोर मचाने की सख्त मनाही होती है।
  7. यहां पर विषयों के हिसाब से किताबों के संग्रह बनाए जाते हैं ताकि ढूंढने में आसानी हो।
  8. विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय न केवल किताबें मिलने की बल्कि शांति में पढ़ाई करने की भी जगह होती है।
  9. इसके कई प्रकार हैं जैसे निजी, सार्वजानिक, विद्यालय, डिजिटल पुस्तकालय आदि।
  10. सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थाओं में पुस्तकालय का होना अनिवार्य माना जाता है।

पुस्तकालय पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Library in Hindi in 200-300 Words)

निबंध लिखना भी एक कला है और इस कला को सही ढंग से समझना जरूरी है ताकि बच्चा कम शब्दों में एक अच्छा एस्से लिख सके। नीचे पुस्तकालय पर लिखे निबंध का उदाहरण आप ले सकते हैं।

पुस्तकालय का मतलब होता है किताबों का घर। यह एक ऐसा स्थान है जहां हर विषय से जुड़ी किताबें आसानी से एक जगह पर मिल जाती हैं। इसलिए ही इसे लोग ज्ञान का भंडार भी कहते हैं। हर स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में पुस्तकालय अवश्य होता है। इसमें छात्र अपनी रूचि के अनुसार किताबें चुनकर पढ़ सकते हैं। यह सिर्फ छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए बना है जिसे ज्ञानवर्धक चीजें जानने की उत्सुकता हो, शिक्षा हासिल करनी हो और पढ़ने में रूचि हो। पुस्तकालय में सिर्फ पुस्तकें ही नहीं बल्कि समाचार पत्र, ऐतिहासिक पत्र और विभिन्न प्रकार के शब्दकोश भी मौजूद होते हैं। ज्ञान के साथ-साथ यहां मनोरजक किताबें भी पढ़ने को मिलती हैं जैसे मैगजीन, कॉमिक बुक, स्टोरी बुक आदि। पुस्तकालय वास्तव एक बड़ा सा कमरा या कभी-कभी एक पूरी बिल्डिंग भी हो सकती है, जिसमें कई अलमारियां और शेल्फ होती हैं। यहाँ हर एक विषय के हिसाब से किताबों को रखा जाता है। इसके अलावा प्रत्येक किताब का एक सीरियल नंबर होता है। ऐसा करने से किताबें आसानी से मिल जाती हैं। पुस्तकालय के अपने नियम होते हैं और इनका पालन करना जरूरी है। यहां पर तेज आवाज में बात करना या शोर मचाना सख्त मना है। यहां लाइब्रेरी कार्ड बनाया जाता है, जिसके आधार पर आप किताब पढ़ने के लिए कुछ दिन के लिए घर ले जा सकते हैं और तय समय के बाद वापस कर सकते हैं। यदि आपने किताब वापस नहीं की तो आप पर फाइन भी लगता है। आजकल पुस्तकालय डिजिटल अवतार में भी मौजूद है और लोग इसका लाभ घर बैठे उठा रहे हैं।

पुस्तकालय पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Library in Hindi in 400-600 Words)

पुस्कालय में हमें हर तरह का ज्ञान हासिल होता है और छात्रों के लिए इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि आपके बच्चे को भी लाइब्रेरी जाना पसंद और वह उसके बारे में निबंध लिखना चाहता है तो इस सैंपल की मदद से वो सरल शब्दों में एक अच्छा निबंध लिख सकता है।

भारत में पुस्तकालय की शुरुआत (Establishment of library in India)

भारत के राष्ट्रीय पुस्तकालय (नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया) की शुरुआत कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी से हुई थी, जिसकी स्थापना साल 1835 में हुई थी और जनता के लिए इसे मार्च 1836 में खोला गया था। वर्ष 1844 में तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड मेटकॉफ ने इस पुस्तकालय को एक बड़े भवन में स्थानांतरित कर दिया। 1857 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम भड़कने के बाद यूरोपीय समुदायों ने पुस्तकालय को अनुदान देना बंद कर दिया और साल 1859 में इस पुस्तकालय को कलकत्ता नगरपालिका ने अपने प्रबंधन में ले लिया था।

पुस्तकालयों के प्रकार (Types of Library)

पुस्तकालय विभिन्न प्रकार के होते हैं, आइए उन प्रकारों की विशेषता जानते हैं –

  • व्यक्तिगत पुस्तकालय
  • विद्यालय एवं महाविद्यालय के पुस्तकालय
  • सार्वजनिक पुस्तकालय
  • सरकारी पुस्तकालय

पुस्तकालय के फायदे (Benefits Of Library)

1. ज्ञान की प्राप्ति

पुस्तकालय से हमें हर तरह की ज्ञानवर्धक बातें जानने को मिलती है। जैसे इंसान के शरीर को ढंग से कार्य करने के लिए पोषण की जरूरत होती है वैसे ही उसके दिमाग को ज्ञान की आवश्यकता होती है ताकि वह सही तरीके से कार्य कर सके। यहां आप अपने पसंद के विषय को शांति से पढ़कर ज्ञान बढ़ा सकते हैं।

2. मनोरंजन का साधन

वैसे तो आजकल मनोरंजन के कई साधन मौजूद हैं, लेकिन किताबें पढ़कर मनोरंजन पाना एक स्वस्थ मनोरंजन माना जाता है। ये खाली समय का दुरुपयोग न करने सदुपयोग करने का सबसे बेहतरीन तरीका माना जाता है।

3. छात्रों और शिक्षकों के लिए उपयोगी

विद्यार्थी व शिक्षक दोनों के लिए पुस्तकालय बड़े मददगार साबित होते हैं। वे अपने बौद्धिक ज्ञान तथा सामान्य ज्ञान व जानकारी में वृद्धि आसानी से कर सकते हैं।

पुस्तकालय का महत्व (Importance Of Library)

हिन्दू समाज में पुस्तकालय को ज्ञान का मंदिर माना जाता, क्योंकि यहां व्यक्ति ज्ञान के रूप में धन हासिल करता है और अपने अज्ञान के अंधकार को कम करता है। पुस्तकालय समाज और राष्ट्र की दिशा और दशा बदलने की क्षमता रखता है। यह व्यक्ति को मानसिक तौर से सक्षम बनाता और उसकी बुद्धि विकसित करता है। यहां से मिलने वाले ज्ञान से वह न सिर्फ अपने जीवन को बेहतर बना सकता है बल्कि समाज का विकास भी कर सकता है।

पुस्तकालय के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Library in Hindi)

  1. दुनिया की सबसे पहली लाइब्रेरी का इतिहास ईसा पूर्व 7वीं शताब्दी का है।
  2. 19वीं शताब्दी में पुस्तकालय में काम करने वालों को लिखावट की एक विशेष की शैली सीखनी पड़ती थी जिसे ‘लाइब्रेरी हैंड’ कहा जाता था।
  3. सार्वजनिक पुस्तकालयों से सबसे अधिक बार चोरी होने वाली पुस्तक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स है।
  4. 2011 में ऑस्ट्रेलिया में कैमडेन स्कूल ऑफ आर्ट्स की लाइब्रेरी में चार्ल्स डार्विन की एक किताब का पहला संस्करण लौटाया गया था। यह पुस्तक वर्ष 1889 में किसी को दी गई थी और लगभग 122 साल बाद वापस लौटाई गई थी।
  5. पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ प्रति व्यक्ति पुस्तकालयों की सबसे बड़ी संख्या वाला शहर है। यह 100,000 नागरिकों पर 11.5 पुस्तकालय हैं।

पुस्तकालय के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from a Library Essay?)

पुस्तकालय पर आधारित इस निबंध से आपके बच्चे को यही सीख मिलती है कि किताबें पढ़ना जीवन का आधार है क्योंकि इससे हमें तरह का ज्ञान हासिल होता है। यह ज्ञान न सिर्फ आपके व्यक्तिगत कल्याण हेतु कार्य करता है बल्कि समाज के विकास में भी मदद करता है। इसकी अहमियत सिर्फ छात्रों के जीवन में ही नहीं बल्कि शिक्षकों, किताबों में रूचि रखने वाले, ज्ञान हासिल करने वाले लोगों के लिए भी है। ऐसे में इस आप इस निबंध की सहायता से अपने शब्दों में एक बेहतरीन एस्से लिख सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQs)

1. दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय किस देश में स्थित है ?

दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय अमेरिका में स्थ‍ित है, जिसका नाम लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस है।

2. भारत में पुस्तकालय का जनक किसे कहा जाता है?

एस.आर. रंगनाथन भारत में पुस्तकालय के जनक माने जाते हैं।

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समर नक़वी

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