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दुनिया समय के साथ आधुनिक हो रही है और हर चीज में कई तरह के बदलाव होते जा रहे हैं। जिन कामों को करने के लिए हमें अधिक समय लगता था, आज वही काम आसानी से कम समय में हो रहे हैं। बदलते समाज में कई ऐसे आधुनिक उपकरणों ने जगह बनाई है जिसकी वजह से जीवन आसान होता जा रहा है और लोगों की जरूरत बन गया है। इस विकसित समाज में मोबाइल फोन की भी जगह ऐसी ही बन गई है। यह हर किसी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है और बिना इसके लोगों की सुबह होना नामुमकिन है। हर घर में मोबाइल होना आम हो गया है। बच्चों से लेकर बूढ़े लोग भी इसका इस्तेमाल करते हैं। इसकी मदद से लोगों के कई काम आसान हो गए हैं। इसकी मदद से लोग घर बैठे बात कर सकते हैं, वीडियो कॉल, शॉपिंग, बिल का भुगतान आदि सब कर सकते हैं। यदि कोई चीज आपके लिए फायदेमंद साबित होती है तो उसका यह मतलब नहीं है कि उसके नुकसान नहीं होंगे। इस लेख में हम मोबाइल फोन पर निबंध लिख रहे हैं और आपको इसके उपयोग और अहमियत के साथ-साथ इसके अधिक इस्तेमाल होने के नुकसान के बारे में भी बताएंगे, इसलिए इसे ध्यान से पूरा पढ़ें।
मोबाइल फोन से जुड़ी 10 लाइनों को हमने नीचा लिखा है, आप इसकी सहायता से एक छोटा अनुच्छेद लिख सकते हैं।
मोबाइल फोन एक जरूरत बन गया है और यदि आपके जीवन में भी उसकी अहमियत है और आप अपने बच्चे को इस पर निबंध लिखना सिखाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए कम शब्दों वाले निबंध को पढ़कर एक अच्छा निबंध लिख सकते हैं।
मोबाइल फोन आज की दुनिया की जरूरत बन गया है और हर इंसान अपने छोटे से छोटे काम के लिए भी इस पर निर्भर हो गया है। लेकिन पहली बार इसे दुनिया ने 1973 में एक अमेरिकी इंजीनियर मार्टिन कूपर द्वारा लाया गया था और भारत में यह 31 जुलाई 1995 को आया। हर कोई इस असंभव आविष्कार से प्रसन्न था। शुरुआत में मोबाइल फोन बटन वाला होता था, जो दिखने में थोड़ा मोटा और भारी भी रहता था। लेकिन गुजरते समय के साथ मोबाइल फोन आधुनिक हो गए बटन के साथ टच वाले फोन भी बाजार में लाए गए और लोगों को बहुत पसंद आए। आज के समय में इंसान से ज्यादा स्मार्ट मोबाइल फोन हो गए हैं। वर्तमान समय में बिना मोबाइल के जीवन की कल्पना करना असंभव है और इसकी जरूरत हर दिन बढ़ती जा रही है। इंटरनेट की सुविधा ने इस आविष्कार को और भी बेहतरीन बना दिया है। इसकी सहायता से लोग अपने घर से शॉपिंग, बैंकिंग, बिल भुगतान, आदि सब कर सकते हैं। छात्र इसके द्वारा अपने स्किल को विकसित करते हैं या फिर किसी नए स्किल को सीख सकते हैं। सिर्फ काम ही नहीं बल्कि ये मनोरंजन का भी साधन हैं। इस पर आप गेम खेल सकते हैं, मूवी और वीडियो देख सकते हैं। परिवार में जितनी पीढ़ियां मौजूद हैं उन सभी के हिसाब से इसमें हर चीज है जिसकी उन्हें जरूरत होती है। लेकिन कहा जाता है कि किसी चीज की अधिक लत बहुत कुछ खराब कर सकती है। जैसे मोबाइल फोन का अधिक उपयोग लोगों को आलसी बना रहा है और अब वे छोटे-छोटे कामों के लिए भी उठकर नहीं जाते हैं। इसकी वजह से उनका जीवन अस्वस्थ हो रहा है और कई गंभीर रोगों जैसे हृदय रोग, तनाव, सिरदर्द आदि बढ़ते जा रहे हैं। बच्चे भी इसका शिकार बन गए हैं और उन्हें भी नजर कमजोर होना, आँखों से पानी आना जैसी समस्या हो रही है। इसलिए किसी भी वस्तु का उतना ही उपयोग करना चाहिए जितनी उसकी जरूरत है।
मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है और लोग जितना भी चाहें इससे बच नहीं सकते हैं। कई मामलों में मोबाइल फोन ने लोगों का जीवन बहुत आसान कर दिया है और समय बचाया है लेकिन वहीं इसकी लत ने लोगों को इस पर निर्भर कर दिया है। व्यक्ति एक पल के लिए अगर अपने फोन से दूर होता है तो वह तनाव में आ जाता है और उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है। हर चीज की अपनी अच्छाई और बुराई होती है। यदि आपको भी मोबाइल फोन पर एक बेहतरीन निबंध लिखना है तो आप हमारे द्वारा लिखे गए सीमित शब्दों के निबंध सैंपल की मदद ले सकते हैं।
आज के समय में मोबाइल फोन बिलकुल आम हो गया है। पहले के लोग बटन का फोन चलाया करते थे और अब टच वाले फोन का जमाना आ गया है। लोगों के साथ मोबाइल फोन भी स्मार्ट हो गया है। यह हमें हर सुविधा आसानी से प्राप्त कराता है। लोगों का जीवन इस पर पूरी तरह से निर्भर हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं पहली बार इसका आविष्कार किसने किया था। बता दें कि 3 अप्रैल 1973 में एक अमरीकी इंजीनियर मार्टिन कूपर ने इसका आविष्कार किया था। इस आविष्कार से पूरी दुनिया में सनसनी मच गई थी। बाजार में सबसे पहला मोबाइल मोटोरोला नाम की कंपनी का लाया गया था, जिस कंपनी से कूपर 1970 में जुड़े थे। उस दौरान मोटोरोला कंपनी वायरलेस फोन पर काम कर रही थी। कंपनी और कूपर की लगातार 3 साल मेहनत के बाद 1973 में इसका आविष्कार किया गया। 10 साल लगातार लगातर प्रयासों के बाद साल 1983 में इस फोन को बाजार में लाया गया, उस दौरान मोबाइल फोन का वजन करीब 2 किलोग्राम था। इसे एक बार चार्ज करके आप आधे घंटे तक इस्तेमाल कर सकते थे। भारत में पहली बार इसे 31 जुलाई 1995 में लाया गया।
हम लोगों को मोबाइल फोन की अहमियत समझनी चाहिए कि उसका आविष्कार किस लिए किया गया है और उसका उपयोग जरूरत के हिसाब से करना चाहिए। जब हमें उससे काम हो या फिर हम जब खाली बैठे हो तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें लेकिन हर वक्त उसे हाथ में लिए रहना और उसका उपयोग करना सही नहीं होता है। इस मामले में हमें अनुशासन का पालन करना चाहिए और इसकी अधिक लत से बचना चाहिए। यह बात सत्य है कि आज के समय में लोग अपने हर कार्य को लेकर मोबाइल पर पूरी तरह से निर्भर हो गए हैं और जो छोटे-छोटे काम बचे भी थे उनकी सुविधा भी फोन द्वारा आसानी से उपलब्ध हो जाती है। अब हर कोई अपना काम मोबाइल के जरिए ही करता है, जिसके कारण सबकी जेब में आपको फोन आसानी से मिल जाएगा। मोबाइल फोन हमें कई अहम सुविधाओं जैसे कि नेट बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, बातचीत, बिजनेस से संबंधित कामकाज आदि आसानी से उपलब्ध करवाता है।
मोबाइल फोन बहुत काम की वास्तु है लेकिन इसका अधिक इस्तेमाल लोगों पर अच्छा और बुरा प्रभाव दोनों ही डाल रहा है। इसका सबसे बड़ा शिकार छात्र हो रहे हैं, जिन्हें दिन प्रतिदिन इसकी लत लगती जा रही है। चलिए जानते हैं छात्रों के लिए होने वाले इसके फायदे और नुकसान-
नुकसान
इन दिनों मोबाइल फोन की जरूरत और प्रभाव तेजी से लोगों के बीच बढ़ती जा रही है। घर में बड़े-बुजुर्गों से बच्चों को इसकी बुरी लत लग चुकी है। सुबह आंख खुलने के बाद लोग कुछ करे या नहीं करें लेकिन सबसे पहले अपना फोन ढूंढते हैं। जो कि लोगों पर बुरा असर डाल रहा है। इन दिनों माता-पिता अपने 1-2 साल के बच्चे को भी फोन पकड़ा देते हैं ताकि वह शांति से बैठ सके, लेकिन इसका प्रभाव यह होता है कि बच्चा कुछ नया सीखने या माता-पिता से बात करने के बजाय मोबाइल फोन को ढूंढता है और उसके लिए रोता है। वे दिन भर मोबाइल पर वीडियो देखते और गेम खेलते रहते हैं। जब बच्चे खाना नहीं खाते तो माँ उन्हें फोन में वीडियो दिखाकर खाना खिलाती है, जो कि एक बहुत बुरी आदत है। इसके प्रभाव से बच्चा जिद्दी हो जाता है और बिना उसके एक पल नहीं रह पता है। वैसे ही बड़ों के साथ हो रहा है। मोबाइल उनकी जरूरत बन गया है कुछ काम करना हो या फिर सोशल मीडिया पर ऐसे ही घंटो बिताना उनके लिए आम हो गया है। लोग मानसिक रूप से थक रहे हैं लेकिन अपने शरीर को एक जगह से हिलाने का बिलकुल भी प्रयास नहीं करते हैं। जिसके परिणामस्वरूप उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
मोबाइल फोन का आविष्कार लोगों की सुविधा के लिए किया गया था ताकि लोग दूर बैठे एक-दूसरे से बात कर सकें, मुसीबत में किसी की मदद मांग सकें। इस निबंध के जरिए हम बच्चों को यह सीख देना चाहते हैं कि किसी भी चीज का इस्तेमाल तब करें जब उसकी जरूरत हो लेकिन अधिक उपयोग आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। बच्चे इस निबंध से फोन के फायदे और नुकसान समझेंगे और यदि कोई उनसे इसके बारे में पूछेगा तो वे बिना झिझक के बता सकेंगे।
मोबाइल फोन को शुद्ध हिंदी में चलित दूरभाष यंत्र कहते हैं।
दुनिया का पहला स्मार्ट मोबाइल फोन आईबीएम ने बनाया था।
सबसे पहले मोबाइल फोन का नाम “मोटोरोला डायनाटैक 8000X” था।
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