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भारत त्योहारों का देश है। हम इन त्योहारों का हर साल बेसब्री से इंतजार करते हैं। देश में मनाएं जाने वाले यह त्योहार, हमारे देश की संस्कृति और अलग-अलग धर्मो की महत्वता को दर्शाते हैं। यहां हर साल सभी त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। हर एक धर्म के त्योहार का अपना एक विशेष महत्व और मनाने का अलग तरीका होता है। देश में सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर अपना त्योहार मनाते हैं। देश में मनाए जाने वाले कई लोकप्रिय त्योहार हैं जैसे-होली, दिवाली, ईद, दशहरा, क्रिसमस आदि। इन सभी त्योहारों को लोग एक साथ मिलजुलकर पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। भारत ही एक ऐसा देश है जिसमे विभिन्न प्रकार के त्योहारों को एक साथ मनाया जाता है, इसलिए इसे त्योहारों की जन्मभूमि भी कहा जाता है। बच्चों के अंदर त्योहारों को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। उन्हें त्योहारों में दिवाली और होली अधिक पसंद होते हैं, क्योंकि इसमें अपने परिवार के साथ काफी मौज-मस्ती करने को मिलती है। इस निबंध में हम अपने प्रिय त्योहार दिवाली और होली के बारें में बात करेंगे और इसकी विषेशताओं के बारें जानकारी देंगे।
अगर आपका प्रिय त्योहार दिवाली है और आपको इसपर निबंध लेखन करना है, तो नीचे दी गई 10 लाइनों की मदद से आप निबंध लिख सकते हैं। यह रही 10 पंक्तियाँ –
होली मेरा प्रिय त्योहार है, इस त्योहार से जुड़ी कुछ खास 10 पंक्तियों के बारें में नीचे बताने का प्रयास किया है। यह रही 10 पंक्तियां-
हिन्दू त्योहारों में सबसे लोकप्रिय त्योहार होली है अगर कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि अब यह हर धर्म के लोग मनाते हैं। इसे बड़े ही उत्साह और मस्ती के साथ मनाया जाता है। आखिर होली मेरा प्रिय त्यौहार क्यों है नीचे कम शब्दों में बताया है। यदि आप भी 200-300 शब्दों वाला मेरे प्रिय पर्व पर अनुच्छेद ढूंढ रहे हैं तो इसपर एक नजर जरूर डालें।
होली हमारे देश का बहुत ही पुराना और प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली को खुशियों और रंगों को त्योहार भी कहा जाता है। भारत में होली को अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। होली के पहले दिन होलिका दहन होता है। होलिका दहन के लिए सूखी लकड़ी, घास और गोबर का ढेर जलाया जाता है। इस त्यौहार को बड़े ही जोश, उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि पौराणिक कथा में बताया गया है कि कैसे भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप से प्रह्लाद को बचाया और उसका वध किया। होली की तैयारी कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती है, घरों में गुजिया, मिठाई और कई पकवान बनने शुरू हो जाते हैं। लोग पहले से रंग, गुलाल आदि खरीदना शुरू कर देते हैं। बाजार बच्चों की नई-नई पिचकारियां, रंग और सामानों से सज जाती है। इस दिन लोग होली खेलने के बाद शाम को नए कपड़े पहनकर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घर जाते हैं और स्वादिष्ट खाने का मजा लेते हैं। इस दौरान लोग गले मिलकर पुरानी बातें भूलकर नई शुरुआत करते हैं।
होली देश का लोकप्रिय त्योहार है। बच्चों के साथ बड़े भी इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस दिन रंगों के साथ खेलने और स्वादिष्ट पकवान खाने को मिलता है। इस दौरान लोग भांग और ठंडाई का भी मजा लेते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत है गुजिया, पापड़ और कई व्यंजन होते हैं जिन्हें त्योहार के कुछ दिन पहले से ही लोग बनाना शुरू कर देते हैं। होली हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है और यदि आपको इसके बारें में विस्तार से जानकारी चाहिए या बड़ा निबंध लिखना चाहते हैं तो नीचे दिए शीर्षकों को ध्यान से पढ़ें।
रंगों का त्यौहार होली देश के कई हिस्सों में बड़े ही धूम से मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से यह फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाते हैं। होली ज्यादातर फरवरी के आखिर या फिर मार्च के महीने में पड़ती है। इस त्योहार की महत्वता की बात की जाए तो यह त्योहार हमे पुराने गिले-शिकवे भूलकर आगे बढ़ने की सलाह देता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोगों को अपनों की पुरानी बातें और गलती भूलकर उन्हें गले लगाकर दूसरा मौका देने की सलाह देता है। इस त्योहार के कारण कई रिश्ते आपस में एक बार फिर से जुड़ जाते हैं।
होली की शुरुआत होलिका दहन से होती है। होलिका दहन के पीछे एक पौराणिक कथा है। प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक निर्दयी राक्षस राजा था, जिसने कड़ी तपस्या कर के ब्रह्मा जी से किसी व्यक्ति, अस्त्र, जानवर आदि द्वारा नहीं मरने का वरदान हासिल किया। फिर चाहे वो धरती पर हो या आकाश में, उसे कोई नहीं मार सकता था। जिसकी वजह से वह खुद को भगवान समझने लगा और चाहता था कि लोग उसकी पूजा करें। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था, जिसके कारण हिरण्यकश्यप को बहुत क्रोध आता था और अंत में उसने अपने बेटे को मारने के बारें में सोच लिया। हिरण्यकश्यप की एक बहन थी होलिका, जिसे आग में न जलने का वरदान प्राप्त हुआ था। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन को अपने पुत्र प्रह्लाद के साथ आग में बैठने का आदेश दिया, जिसके बाद होलिका प्रह्लाद को आग में लेकर बैठ जाती है लेकिन भगवान विष्णु के भक्त होने की वजह से प्रह्लाद को आग में कुछ नहीं होता है और होलिका उस आग में जलकर भस्म हो जाती है। फिर भगवान विष्णु के नरसिंह का अवतार लिया और हिरण्यकश्यप को मार डाला इसी वजह से इस दिन को होलिका दहन कहा जाता है और प्रह्लाद की बचने की खुशी में रंगों, गुलाल और अबीर से होली मनाई जाती है।
भारत में होली का एक अलग ही उत्साह रहता है। लोग बेसब्री से इस त्योहार का इंतजार करते हैं। वैसे तो होली रंगों का त्योहार माना जाता है लेकिन देश के कई राज्यों में होली को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। यह रहें कुछ होली के प्रकार जिन्हें अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उनमें से कुछ यह रहीं-
होली के दिन बच्चे सुबह से ही रंग खेलने के लिए अपनी पिचकारी के साथ तैयार हो जाते हैं। बच्चों की माँ उनके शरीर और बालों में तेल लगाती हैं ताकि उनको रंगों से बचाया जा सके। वहीं बड़े लोग भी ऐसा करते हैं। इस दिन लोग पुराने कपड़े पहनकर होली खेलते हैं। कुछ लोग पानी, कुछ रंग और कुछ गुलाल का इस्तेमाल करते हैं। होली खेलने के लिए लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ जाते हैं। इस दौरान हर किसी के चेहरे पर खुशी और उत्साह साफ झलकता है। शाम को सब नहाने के बाद नए कपड़े पहनते हैं और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से होली मिलन के लिए जाते हैं। इस दिन स्वादिष्ट खाने के साथ-साथ पापड़, गुजिया, मिठाई और ठंडाई आदि का मजा लेते हैं।
आपका बच्चा इस निबंध के माध्यम से होली जैसे त्योहार और उसकी संस्कृति के बारे में सीखेगा और जब भी त्योहार आएगा तो उसको पहले से ज्ञात होगा की उसे क्या करना चाहिए या फिर यदि कोई उससे होली के बारें में सवाल पूछेगा तो वह बेझिझक जवाब दे पाएगा।
होली से जुड़े ऐसे बहुत से सवाल होते हैं जो बच्चों के मन में आते है। नीचे उन्हीं कुछ सवालों का विवरण किया गया है। इसके जवाब बच्चों के निबंध लिखने के दौरान काम आ सकते हैं।
होली पर प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करने की सलाह इसलिए दी जाती है ताकि रंग आपको किसी भी तरह से नुकसान ना पंहुचा सके ।
भारत का हर क्षेत्र अपने तरीके से होली का आनंद लेता है लेकिन मथुरा, दिल्ली, जयपुर और आगरा में भव्य होली समारोह होता है।
पुराने समय में हल्दी, कुमकुम और नीम के पौधों से प्राप्त होने वाले के प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता था।
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