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इस व्यस्त जीवन में इंसान कुछ पल अपने लिए जरूर निकालता है जिसमें वह अपने पसंद की चीजें कर सके या फिर अपनी पसंदीदा रुचि का अभ्यास करे। इससे उसे खुशी मिलती है और साथ ही तनाव भी कम होता है। बच्चे हों या बड़े हर कोई काम और पढ़ाई में व्यस्त रहता है लेकिन कुछ समय अपने लिए निकालना भी जरूरी है ताकि बाद में और मन लगाकर काम किया जा सके। इसे ही रूचि, शौक या हॉबी कहा जाता है। वैसे तो किसी भी शौक की आदत बचपन से लोगों को होती है, कुछ लोग उस शौक को पेशा बना लेते हैं और कुछ मनोरंजन का साधन। इस तनावपूर्ण जिंदगी में अगर कुछ पल खुशी के मिल रहे हैं तो उससे इंकार करना सही नहीं होता है। अलग-अलग व्यक्तियों के शौक भी विभिन्न होते हैं। किसी को क्रिकेट खेलना पसंद है, किसी को डांस, कोई नई किताबें पढ़ता है तो कोई कलाकारी में रुचि दिखाता है। बच्चों की दिलचस्पी अक्सर नई-नई रुचियों में देखी जाती है। स्कूल में यदि बच्चों से उनके पसंदीदा शौक के बारे में विस्तार से लिखने को कहा जाता है तो वे हमारे द्वारा लिखे इस लेख की मदद ले सकते हैं, जिससे उन्हें सही ढंग से लिखने का तरीका भी सीखने को मिलेगा। यहां अपने पसंदीदा शौक पर निबंध कैसे लिखना है इसके लिए विभिन्न शब्द सीमा में कुछ सैंपल दिए गए हैं।
रुचि एक ऐसी मनोरंजक आदत है जो आपके व्यस्त दिन में खुशी लेकर आती है। इससे आपका मानसिक तनाव तो दूर होता ही है बल्कि आप अगली बार और बेहतर ऊर्जा के साथ कार्य करते हैं। रुचियां कई प्रकार की होती हैं, यह आप पर निर्भर है कि आपको किस चीज में दिलचस्पी है। किसी को नृत्य करना पसंद होता है तो किसी को कला और शिल्प में रुचि होती है। चलिए इन दोनों से जुड़ी 10 लाइनों के बारे में आपको बताते हैं।
बचपन से लोगों को घूमने, टीवी देखने, किताबें पढ़ने, चित्रकारी करने आदि का शौक होता है। लेकिन मुझे कम उम्र से ही नृत्य में दिलचस्पी रही है। ऐसे अगर आपको भी नृत्य करना पसंद है और अपने इस पसंदीदा शौक के बारे में निबंध लिखना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख की मदद लें और इससे अच्छे शब्दों अथवा वाक्यों का चुनाव करें।
मैं जब छोटी थी, मुझे तब से ही नृत्य करने का शौक था। जब लोग मुझे डांस करते हुए देखते थे तो वे बहुत खुश होते और तालियां बजाते थे। इसी खुशी का अनुभव करते-करते मैं बड़ी हुई और मुझे पता चला नृत्य मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा और पसंदीदा शौक बन गया है। मैं चाहे जितना भी व्यस्त क्यों न हो जाऊं लेकिन अपने डांस के लिए दिन भर के 24 घंटों में से कुछ समय निकाल लेती हूं। मैं अब बड़ी कक्षा में पढ़ती हूं और मेरी पढ़ाई का तनाव भी काफी बढ़ गया है। लेकिन यह नृत्य मुझे इस तनाव को कम करने में मदद करता है। इसे रोजाना करने से यह मुझे शारीरिक रूप से स्वस्थ तो रखता ही है साथ ही मेरा मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। नृत्य करने के बाद मैं तरोताजा महसूस करती हूं, जिसके बाद पढ़ाई अच्छे से हो जाती है। डांस सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है बल्कि यह कई बार अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का जरिया भी बनता है। व्यक्ति जब अधिक तनाव में होता है, तो नृत्य कई बार उसके मन को शांत करने का काम करता है। नृत्य करने से शरीर में लचीलापन और संतुलन बनता है, जो कि हमें फिट रखता है। कभी-कभी डांस किसी एक चीज पर एकाग्रता बनाए रखने में मदद करता है। आप अकेले डांस करते हैं या फिर ग्रुप के साथ यह आपकी पसंद है। लेकिन जब व्यक्ति एक ग्रुप के साथ डांस करता है तो उसे टीम वर्क समझ में आता है और यह भी कि बिना टीम वर्क के जीत हासिल करना मुश्किल है। मैं बहुत कम उम्र से नृत्य की दुनिया में हूं और मैंने बचपन से ही कई प्रतियोगिताओं में भाग भी लिया और पुरस्कार भी जीते हैं। मेरे माता-पिता बचपन से मुझे इसमें समर्थन देते रहे हैं और आगे भी वो मेरा साथ ऐसे ही देंगे। नृत्य सिर्फ मेरा शौक ही नहीं बल्कि जूनून भी बन गया है और मैं बड़ी होकर एक बेहतरीन नृत्यांगना और कोरियोग्राफर का बनने का सपना देखती हूं।
आप सभी को किसी न किसी चीज का शौक जरूर होगा, यदि है तो यह बहुत अच्छी बात है क्योंकि ऐसे में आप अपने खाली समय का सही उपयोग कर सकेंगे। फिर चाहे आप ज्ञानवर्धक किताबें पढ़ें या कोई खेल सीखें। ऐसे में अगर आपके बच्चे को डांस में दिलचस्पी और वह मेरे शौक पर निबंध लिखना चाहता है लेकिन समझ नहीं आ रहा कि कैसे शुरुआत करें तो नीचे 400-600 शब्द सीमा का निबंध का नमूना दिया गया है। इस निबंध को एक बार अपने बच्चे को जरूर पढ़ाएं।
दुनिया भर में जितने लोग हैं, सभी के अलग-अलग शौक होते हैं, जैसे चित्रकारी, क्रिकेट, बागवानी, खाना बनाना, किताबें पढ़ना, कला व शिल्प, संगीत सुनना आदि। वैसे ही मुझे भी हमेशा से डांस करने का शौक रहा है। जब मैं ऊबने लगती हूं या फिर मेरा मन पढ़ाई करने का नहीं होता है तो मैं टीवी या स्पीकर पर तेज आवाज में गाने लगाकर नृत्य करती हूं। डांस करने से मैं खुद हल्का, फुर्तीला और तनावमुक्त महसूस करती हूं। ऐसा करने से हम समय बर्बाद नहीं करते बल्कि कुछ नया सीखकर उसका बेहतर उपयोग करते हैं।
जिन लोगों को नृत्य पसंद है, उनके लिए संगीत और डांसर किसी प्रेरणा से कम नहीं होते हैं। आप चाहे जितना पढ़ाई करें या ज्ञान हासिल करें लेकिन जीवन में कुछ पल ऐसे होते हैं जिनमें आपको अपने मन को शांत और तनाव से दूर करना होता है। कहते हैं डांस और गाने सुनकर लोगों का काफी स्ट्रेस कम होता है। डांस एक मुरझाए हुए व्यक्ति के जीवन में खूबसूरत बरसात के समान होता है। यह न सिर्फ आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है बल्कि आप शारीरिक रूप से स्वस्थ बने रहते हैं। आप एक्सरसाइज भले न करें लेकिन अगर 24 घंटे में आप आधा घंटा भी डांस कर रहे हैं, तो आपका शरीर फिट रहेगा।
भारतीय नृत्य 2 प्रकार के होते हैं – शास्त्रीय और लोकसंगीत पर आधारित। शास्त्रीय नृत्य में कत्थक, भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम, ओडिसी आदि प्रकार आते हैं। वहीं लोकसंगीत आधारित नृत्य में गरबा, लावणी, छाऊ आदि की गिनती होती है। इसके अलावा पश्चिमी डांस के प्रकार जैसे हिप-हॉप, टैंगो और बॉलीवुड नृत्य भी बेहद लोकप्रिय डांस शैलियां हैं। इनमें से हर नृत्य प्रकार के अपने गुण और फायदे हैं। डांस सिर्फ एक शौक नहीं रह गया है बल्कि इस क्षेत्र में खूब नाम भी कमाया जा सकता है। इसलिए लोग नृत्य को अपनी आजीविका का साधन भी बना लेते हैं।
हर व्यक्ति अपने जीवन में कोई न कोई शौक अपनाता ही है। क्योंकि शौक हमारे मनोरंजन का साधन होता है और अपनी तनाव भरी जिंदगी में कुछ पल आनंद भरे होने चाहिए। रोज वही दिनचर्या अपनाने से व्यक्ति अपने जीवन से ऊबने लगता है, इसलिए जीवन शैली में बदलाव होना जरूरी है। दुनिया बहुत बड़ी है और हर किसी की अपनी-अपनी पसंद, शौक और कामनाएं होती है। किसी को किताबें पढ़ना पसंद होता है वहीं कुछ लोग किताब पढ़ने को एक उबाऊ कार्य मानते हैं। इसलिए इंसान की जैसी मनोदशा और सोच होती है उसे उसी प्रकार के शौक में दिलचस्पी होती है। लेकिन हर व्यक्ति को अपने इस व्यस्त जीवन से कुछ पल खुद के लिए निकालने जरूर चाहिए ताकि वह जिंदगी को मन से जी सके न कि सिर्फ एक औपचारिकता निभाए।
इस निबंध से यह सीख मिलती है कि अपने काम और पढाई के साथ-साथ लोगों को अन्य गतिविधियों का हिस्सा भी बनना चाहिए ताकि जब वे तनाव में हों या परेशान हों तो तनाव मुक्त करने के लिए एक आदत उनका मनोरंजन कर सके। इतना ही नहीं खाली समय में आप नई कला, बेहतर ज्ञान, और स्वस्थ शरीर भी हासिल कर सकते हैं। इसलिए शौक जरूर रखें लेकिन अपनी पसंद के अनुसार ताकि आप उसका मन से आनंद उठा सकें।
13वीं शताब्दी में हॉबी शब्द का तात्पर्य छोटे घोड़े से था और बाद में इसका वर्णन एक शौकीन घोड़े के रूप में किया गया। लेकिन बाद में इसको आधुनिक अर्थ दिया गया जो कि पसंदीदा मनोरंजन और शौक हो गया।
दुनिया का सबसे पुराना शौक सिक्कों को इकट्ठा करना है, जिसे मुद्राशास्त्र भी कहा जाता है।
उदय शंकर को भारत के मॉडर्न डांस का जनक माना जाता है, इन्हें ‘आधुनिक नृत्य का संस्थापक’ का सम्मान मिला है।
किसी शौक को अपनाने से व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति अधिक एकाग्र रहता है और खाली समय में आने वाले नकारात्मक विचारों से भी बचा रहता है।
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