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मोर एक ऐसा खूबसूरत पक्षी है जिसकी सुंदरता के बारे में हमने बहुत बार सुना और उसे देखा होगा। मोर को उसके सुंदर नृत्य से भी जाना जाता है। लोग वसंत ऋतू में खास मोर का नृत्य देखने के लिए उत्सुक होते हैं। मोर अपने सौंदर्य के साथ समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए 26 जनवरी 1963 को इसे भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर दिया गया। कई लोगों का मानना है कि मोर पंख को घर में रखने से माँ सरस्वती का वास होता है जिन्हे विद्या की देवी कहा जाता है। इस लेख में आपको हिंदी भाषा में पीकॉक पर एस्से दिया गया है, यह जानकारी क्लास 1, 2 और 3 के बच्चों को एक आसान और अच्छा मोर पर निबंध लिखने में मददगार साबित होगी।
मोर ऐसा पक्षी है जिसकी सुंदरता हम सब को मोह लेती है, इस पक्षी के बारे में अगर आपको आसान शब्दों में समझना है तो यहाँ मोर बारे में 5 लाइन या पांच वाक्य पढ़ें।
स्कूल में अक्सर बच्चों को मोर के बारे में एक पैराग्राफ या मोर के बारे में 10 लाइन का निबंध लिखना है कहा जाता है। ऐसे में आप नीचे दिए गए राष्ट्रीय पक्षी मोर पर हिंदी में 10 पॉइंट्स या पंक्तियां पढ़ सकते हैं।
मोर पक्षी को मयूर नाम से भी जाना जाता है, यह न केवल मनमोहक है बल्कि यह लोगों की आस्था का भी हिस्सा है। मोर के इतना प्रिय पक्षी होने का एक कारण यह भी भगवान श्री कृष्ण अपने मुकुट में मोर पंख लगाते थे। यहां आपको हिंदी में मेरा प्रिय पक्षी मोर पर एस्से, अनुच्छेद या शार्ट पैराग्राफ दिया हुआ जिसे आप निबंध लिखने के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
मोर एक आकर्षक पक्षी है, जो ज्यादातर जंगलों में या बाग में रहता है। मोर के रंगीन पंख इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी भी है जो भारत के हर हिस्से में पाया जाता है। मोर की दो आँख, दो पैर, एक चोंच और पंखनुमा पूंछ और लंबी गर्दन होती है। मोर कीड़े, छोटे फल आदि खाते हैं। इनकी लंबाई औसतन 6 से 7 फीट तक की हो सकती है और वजन 5 से 6 किलो के बीच होता है। मोर के पंख में हरा, नीला और सुनहरा रंग होता है। इनका शरीर काफी लचीला होता है। ये किसी भी परिस्थिति में रह सकते है। मोर के पंख बहुत भारी होते हैं इसलिए यह बाकि पक्षियों की तरह लंबी उड़ान नहीं भर सकते हैं। इस पक्षी की तीन प्रजातियां होती हैं हरा, भातीय और कांगो। मोर के सर पर एक बड़ी कलंगी होती है। वर्षा ऋतू के आते ही मोर अपने पंखों को फैलाकर नृत्य करते और उनका यह नृत्य बहुत मनमोहक होता है। मोर से लोगों की धार्मिक आस्था भी जुड़ी है। मोर भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का वाहन भी है। मोर का जीवन काल लगभग 10 से 25 साल के बीच होता है।
यहां आपके लिए प्रस्तुत है राष्ट्रीय पक्षी मोर पर एस्से हिंदी में, जो बहुत सरल भाषा में लिखा गया है। खासकर स्कूल जाने वाले उन विद्यार्थियों के लिए है जो कक्षा 1,2,3,4 और 5 में पढ़ रहे हैं।
मोर दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाना वाला एक पक्षी है, जो जमीन पर चल सकता है और उड़ भी सकता है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी होता है और इसका शिकार करना भारत में गैर-कानूनी है। इसे सभी पक्षियों को राजा भी कहा जाता है। मोर की 3 प्रजाति होती है जिसमें से भारत में पाए जाना वाला मोर नीले रंग के होते हैं।
मोर तीन तरह की प्रजातियों में आते हैं – पहला भारतीय मोर, जो भारत और श्रीलंका में पाए जाते हैं। दूसरा हरा मोर, यह इंडोनेशिया में पाए जाते है और आखिरी कांगो मोर, ये अफ्रीका में मिलते हैं। भारतीय और हरे मोर के सिर पर एक आकर्षक शिखा और लंबे रंगीन पंख होते हैं, दूसरी ओर कांगो मोर की शिखा कम आकर्षक होती है और इसकी छोटी पूंछ होती है। भारतीय और हरे मोर दोनों ही कांगों मोर के मुकाबले ज्यादा सुंदर दिखते हैं।
मोर की दो आंखें, दो पैर, एक पूंछ, एक लंबी गर्दन और सर पर ताज जैसी कलगी होती है। मोर के पंख बहुत भारी होते हैं। मोर के पंखों पर हरे, नीले और सुनहरे रंग से आकृति बनी होती है। इनकी लंबाई लगभग 6 से 7 फीट तक की होती है और वजन 5 से 6 किलो के बीच होता है।
भारत की सभ्यता में मोर का एक अहम स्थान प्राचीन काल से ही रहा है। हिंदू धर्म में मोर के पंख को धन की देवी माँ लक्ष्मी और विद्या की देवी सरस्वती से जोड़ा जाता है। इसलिए अक्सर आपने लोगों के घर या किताबों में मोर पंख देखा होगा। इसके अलावा श्री कृष्ण के मुकुट पर भी मोर पंख लगा रहता है। जिससे मोर को एक पवित्र पक्षी माना जाता है। पहले के जमाने में लोग मोर का पंख उपयोग करके कविताएं और किताबें भी लिखते थे।
उम्मीद है मोर पर दिए गए इस निबंध आपको विस्तार इस विषय में जानकारी मिली होगी अगर आपका किसी कॉम्पिटशन या एस्से राइटिंग में हिस्सा ले रहा है तो यह लेख उसे बेहतर कम्पोजीशन लिखने में मदद करेगा।
नहीं, मोर की संख्या खतरे में नहीं है और दुनिया के कई हिस्सों में इनकी आबादी स्थिर है।
मोर को आमतौर पर वर्षा ऋतू का मौसम पसंद होता है और यह ऐसे ही मौसम को ज्यादा पाए जाते हैं।
मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित करने के बाद भारतीय वन अधिनियम के तहत 1973 में संरक्षित घोषित किया गया।
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